RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"शीना, इतना अच्छा लंच, इतना अच्छा रिज़ॉर्ट.. इन सब में तुम्हारा दिमाग़ बहुत चलता है..." रिकी ने हँस के शीना से आगे बढ़ते हुए कहा, खाना ख़ाके दोनो अपने रूम्स की ओर बढ़ने लगे... दोनो के कमरे पास में ही थे, कमरे नहीं, लग्षुरी विला कह सकते हैं... विला के अंदर जाते ही एक बड़ा सा लिविंग रूम जिसमे एक बेड रखा हुआ था और हर चीज़ जिसकी ज़रूरत हो सकती है, उसको लगा के एक छोटी बाल्कनी जहाँ से प्राइवेट पूल देखा जा सकता था, उस कमरे से निकल के फिर एक बेडरूम और बेडरूम के पास एक बड़ा प्राइवेट पूल जहाँ सोफा रखे हुए थे.. रिकी को सर्प्राइज़ तब मिला जब वो अपने रूम के पूल के पास गया, रिकी और शीना के विलास के बीच कोई बाउंड्री नहीं थी, पीछे के रास्ते से दोनो एक दूसरे के कमरे में ईज़िली आ जा सकते थे..
"यह ऐसा ही बना हुआ है कि तुमने इसमे भी कोई प्लॅनिंग की है.." रिकी ने अपने पूल साइड से शीना को कहा जो अपने पूल साइड पे खड़ी नज़ारे का मज़ा ले रही थी
"आपको क्या लगता है.." शीना ने ज़ोर से हँस के जवाब दिया और अपनी आँखें गोल गोल घुमाने लगी
"मुझे लगता है तुम्हारी प्लॅनिंग ही होगी.." रिकी ने जवाब दिया और आगे बढ़ के शीना के पूल साइड पे आने लगा
"तो वोही सही, अब आप यह जान गये हो तो क्या कर सकती हूँ" शीना भी अपने कदम रिकी की तरफ बढ़ाने लगी
"कुछ नहीं, इतना अच्छा कर चुकी हो, उससे ज़्यादा क्या करोगी.." रिकी और शीना दोनो आमने सामने खड़े थे अभी..
"इससे ज़्यादा तो करने के लिए काफ़ी प्लॅनिंग की है मैने.." शीना ने अपने दोनो हाथ आगे बढ़ाए और रिकी की कमर में डाल के उसके सीने से लिपट गयी और उसे महसूस करने लगी, यह पहला मौका था जब शीना और रिकी अकेले थे और उनपे नज़र रखने वाला कोई नहीं था, धीरे धीरे रिकी ने भी अपने हाथ शीना के पीठ पे ले जाके उसे अपनी बाहों में कस लिया, शीना अभी भी अपना चेहरा रिकी के सीने से लगाए हुई थी और उसकी छुअन को महसूस करके गद गद हो रही थी.. रिकी की उंगलियाँ उसकी नेक से लेके उसकी पीठ से होते हुए जैसे एक सीधी लकीर खींच रही थी और जस्ट शीना की गान्ड के थोड़ा उपर पहुँचते ही वो वापस हाथ उपर ले जाता... धीरे धीरे कर रिकी ने यह काम जारी रखते हुए दूसरा हाथ थोड़ा सा कमर के नीचे ले गया और हल्का सा जांघों के उपर वाले भाग के पास जाके रख के उसे सहलाने लगा... शीना धीरे धीरे होश गँवा रही थी, शीना के चुचे रिकी की छाती से टकराए हुए थे, इतनी देर से महसूस करते करते रिकी के लंड में अकड़न होने लगी थी, इससे पहले जब ऐसा हुआ था तब रिकी ने उस पल को आधे में काट दिया था, लेकिन आज यहाँ अकेलेपन में, इन्हे रोकने वाला कोई नहीं था, और ना ही खुद रुकना चाहते थे यह दोनो... शीना ने जैसे ही महसूस किया के रिकी का एक हाथ तो उसकी पीठ को सहला रहा है, लेकिन दूसरा हाथ कुछ नही कर रहा , उसने हल्के से अपनी टाँग उठाई जिससे रिकी के हाथ में शीना की चिकनी जांघें महसूस हुई जो स्कर्ट छोटी होने की वजह से एक दम नंगी थी, शीना की नंगी टाँगों को अपने हाथ में महसूस करके रिकी ने धीरे धीरे शीना की नेक को किस करना स्टार्ट किया और शीना अपनी टाँगें उपर नीचे करने लगी जिससे कभी उसकी जाँघ का आगे का हिस्सा तो कभी पीछे का हिस्सा उसके हथेली में आता, शीना आपा खोने लगी थी और
सेम हाल रिकी का भी था, रिकी ने शीना की टाँगों को सहलाना बंद करके अपना हाथ पीछे ले जाके शीना के गान्ड पे रखता है और उसे मसल्ने लगता है, यह महसूस कर शीना की चूत भी गीली होने लगती है, अब तक जो शीना यह सब के मज़े ले रही थी, उसने भी अपने हाथ को शुरू किया और रिकी की छाती को सहलाने लगी और दूसरे हाथ को उसकी जीन्स में बने तंबू के पास ले जाती और उसे हल्का सा छू के फिर वापस छाती पे रख देती... जब रिकी से रहा नहीं गया, उसने भी शीना की गान्ड पे एक हाथ रख के दूसरा हाथ शीना के चुचों पे ले आया और दोनो को मसल्ने लगा, इस बार काफ़ी ज़ोरों से... शीना ने अपने हाथ जैसे ही उपर किए, रिकी समझ गया और झट से शीना की जॅकेट को उतार फेंका और उसकी आँखों में देखते देखते ही उसकी शर्ट के बटन खोलने लगा, 2-3-4-5... जैसे ही सब बटन खुले, शीना ने बिना देरी किए शर्ट उतार फेंकी और दोनो एक दूसरे की आँखों में देखते देखते स्मूच करने लगे
शीना और रिकी की ज़िंदगी का सबसे पॅशनेट किस, सबसे पहला किस... दोनो में से किसी ने नहीं सोचा था, कि अपनी ज़िंदगी का पहला किस उन दोनो के बीच ही होगा, दोनो बहुत गरम हो चुके थे , किस करते करते रिकी शीना की ब्रा को उतारता फिर उसके नंगे चुचे को दबाता और शीना फिर उस स्ट्रॅप को उपर करती जिससे रिकी फिर उसे नीचे करके उसके चुचे को दबाता, शीना को इस खेल में मज़ा आने लगा था, क्यूँ कि जैसे जैसे शीना स्ट्रॅप उपर करती वैसे वैसे रिकी और गरम होके उसके चुचों का ज़्यादा ज़ोर से मसलता... स्मूच करते करते दोनो एक एक कदम साइड में चलने लगे जिससे दोनो पूल के पास पहुँचे, और जैसे ही शीना ने एक और कदम उठाया, दोनो पूल में जा गिरे,
लेकिन दोनो में से स्मूच किसी ने नहीं तोड़ा, पानी में अंदर जाके शीना तो उपर आ गयी, लेकिन रिकी नीचे ही रह गया, अपनी आँखें खोल जब उसने आस पास रिकी को नहीं देखा तो फिर वो नीचे जाने लगी, लेकिन उसी वक़्त उसकी आँखें फिर मस्ती में बंद होने लगी और अपनी पीठ को पूल वॉल पे टिका के मज़े लेने लगी.. नीचे से रिकी उसकी नाभि पे अपनी ज़बान फेर रहा था, उसका एक हाथ शीना के चुचों पे था और एक हाथ शीना की स्कर्ट के अंदर से उसकी चूत को पैंटी के उपर से ही सहला रहा था.. जब शीना को लगा वो झड़ने वाली है, उसने तुरंत रिकी का हाथ अपने चुचों से हटाया और उसको उपर खींच लिया... उपर आके रिकी ने बस अपनी आँखें शीना को दिखाई जिससे वो समझ गयी कि वो क्या पूछ रहा था
"आइ वाज़ ऑन दा वर्ज ऑफ कमिंग.." शीना ने रिकी को देख के कहा.. लेकिन यह सुन जब रिकी ने कुछ नहीं कहा, शीना फिर बोली
"आइ वान्ट टू कम वित यू......" शीना ने फिर एक लंबे पॉज़ के बाद कहा... "ऑन दा बेड"
रिकी समझ गया कि शीना क्या कह रही थी, पूल में ही दोनो ने एक दूसरे को हग किया
"आइ लव यू आ लॉट... प्लीज़ डॉन'ट लीव मी.. एवर..." शीना ने रिकी को अपनी बाहों में कस लिया और उसके बालों में हाथ घुमाने लगी
"लव यू टू स्वीटहार्ट..." रिकी ने जवाब दिया और दोनो भाई बहेन एक दूसरे के गले लगे रहे काफ़ी देर तक...
"अब कुछ और भी है प्लान करने के लिए कि नहीं, यूही खड़े रहके पूल में कुछ करने जैसा नहीं लग रहा मुझे.." रिकी ने आँख मारते हुए कहा
"चलो, गेट ड्रेस्ड... ऊप्स.... आइ मीन गेट अनड्रेस्ड, बीच पे चलते हैं, थोड़ा वॉटर स्पोर्ट्स पे भी हाथ आज़माते हैं" कहके शीना बाहर निकली और पीछे पीछे रिकी भी अपने कमरे में जाने लगा..
उधर..............................,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
"भाभी, थॅंक्स फॉर दा सपोर्ट... " ज्योति ने स्नेहा से कहा और अपने लिए सिगरेट जलाने लगी
"अरे, रहने दे, क्यूँ स्मोक कर रही है, अभी से स्मोकिंग नहीं करना, या कम कर.. दिन में एक कर, या दो दिन में एक कर, इस प्लान में तेरा मेन रोल तो एंड में है, लेकिन तब तक दिमाग़ ठंडा रख, आइस कूल.. तेरे साथ मुझे भी थोड़ा दिमाग़ चलाना है अब, " स्नेहा ने ज्योति के हाथ से सिगरेट छीन के कहा और उसके हाथ में बर्बन का एक पेग पकड़ाते हुए कहा.. लॅंड्स एंड के बार में बैठे दोनो एक दूसरे से बातें कर रहे थे, स्नेहा ने जब ज्योति को इस प्लान में आगे ले जाने का सोचा, तब उसने तय कर लिया कि उसके साथ रहके उसे ठंडा तो करना ही है, लेकिन साथ साथ यह भी देखना पड़ेगा कि उसे कोई नुकसान ना हो, क्यूँ कि बॉस का दिल आ गया था उसपे... घर पे रहके दोनो कोई बात नहीं कर पाते इसलिए दोनो यहाँ आ गये
"थॅंक्स भाभी, नाइस टेस्ट.." ज्योति ने जाम को होंठों से लगाते हुए कहा
"विक्रम'स फ़ेवरेट.." स्नेहा ने भी अपने जाम को अपने होंठों से लगाते हुए कहा
"वैसे भाभी, डॉन'ट माइंड मे आस्किंग, भैया की मौत का आपको कोई दुख नहीं है.. आइ मीन ऐसा लग रहा है मुझे"
"तुम जानती हो ज्योति, ज़रूरी नहीं हम जो चीज़ अब्ज़र्व करें वो बयान करें.. कभी कभी चुप रहने में ही भलाई है, कभी कभी ऑब्ज़र्वेशन्स को अपने तक ही रखो, और उसे किसी बड़ी चीज़ के लिए यूज़ करो.. शीना ने इसी बात का फ़ायदा उठाते हुए यह सब किया तुम्हारे साथ, अगर तुम ज़रा तेज़ रहती तो रिज़ॉर्ट प्रॉजेक्ट में तुम जाती वो नहीं, वो रिकी को प्रपोज़ कर चुकी है, उसकी हिम्मत कैसे हुई बताने की, क्यूँ कि तुमने उसके सामने अपने सब पत्ते खोल दिए.. अगर तुम खामोश रहती और अपनी नज़रों का इस्तेमाल सही वक़्त पे लाती तो शायद यहाँ तुम ना होती, और रिकी के साथ बलि में मज़े तुम ले रही होती...शीना नहीं.." कहके स्नेहा ने अपना जाम ख़तम किया और दूसरा ऑर्डर दे दिया
"लेकिन भाभी, शीना तो ऑस्ट्रेलिया.." ज्योति ने इतना ही कहा कि स्नेहा ने उसे टोक दिया
"हाहाहाहा, तुम इतनी बेवकूफ़ दिखती नहीं हो ज्योति, तुम्हे यह लग रहा है, कि शीना ऑस्ट्रेलिया गयी है..." कहके स्नेहा ने उसे अपना मोबाइल दिखाया जिसमे उनके ट्रॅवेल एजेंट का कन्फर्मेशन था कि शीना इंडोनेषिया ही गयी है... ज्योति को कुछ समझ आता इससे पहले फिर स्नेहा बोली
"तुम पागल हो, तुमने अपना प्रोग्राम कॅन्सल किया यह सोच के शीना वहाँ अकेली रहेगी और उतने दिन तुम यहाँ रिकी के साथ रहोगी, लेकिन शीना और रिकी तुमसे एक कदम आगे निकले, अब पापा को दिखाने के लिए वहाँ से कोई भी आर्किटेक्ट हाइयर कर लेगा, पापा भी खुश, और दोनो भाई बहेन भी... तुम यहाँ दारू पीके मातम मनाओ अपने अरमानो का.. वन मोर लार्ज प्लीज़." स्नेहा ने धीरे से बारटेंडर से कहा और ज्योति सोच में पड़ गयी
"कोई फ़ायदा नहीं, अब नहीं सोचो कुछ भी, अब जो हो गया सो हो गया," एक लंबी रुकावट के बाद स्नेहा फिर ज्योति से बोली "तुम्हे रिज़ॉर्ट का प्रॉजेक्ट चाहिए ?" स्नेहा सवालिया नज़रों के साथ ज्योति को घूर्ने लगी
"ऑफ कोर्स.." ज्योति ने सिर्फ़ इतना ही कहा और स्नेहा को देखने लगी, जैसे पूछ रही हो पर कैसे
स्नेहा ने कुछ नहीं कहा, बस अपने क्लच में हाथ डाल के फोन निकाला और ज्योति की आँखों में देखते देखते नंबर डाइयल किया
"हेलो..." स्नेहा ने बस इतना ही कहा कि सामने से आवाज़ आई
"बहुत बड़ा वादा कर रही हो स्नेहा, ज्योति डार्लिंग को यह सही में दिलवाना, इतना आसान नहीं है..."
"जानती हूँ तुम सब जान जाते हो, पता लगा के रहूंगी कैसे, बट अब वादा कर दिया है तो इतना तो मानोगे मेरी बात प्लीज़.." स्नेहा ने कहा , लेकिन सामने से थोड़ी देर खामोशी रही, तब फिर स्नेहा ने कहा
"अब हां भी बोल दो, मेरे सामने ही बैठी है, क्या नये पार्ट्नर को इतना भी नहीं दिलवा सकते.." स्नेहा ने हँस के कहा और स्पीकर ऑन कर के ज्योति के पास ले गयी फोन, तब फिर सामने से जवाब आया
"ठीक है, एनितिंग फॉर ज्योति डार्लिंग.." कहके फोन कट हो गया, आखरी लाइन सुन के जहाँ स्नेहा खुश हो गयी कि उसकी ज़बान ज्योति के आगे रखी गयी, वहीं ज्योति टेन्षन में आ गयी, ज्योति डार्लिंग ?
उधर बलि में, रिकी तैयार होके.. आइ मीन, बीच वेअर पहेन के शीना के कमरे में पहुँचा , लेकिन मैं रूम में किसी को ना पाकर इधर उधर देखने लगा और उसे आवाज़ देने लगा लेकिन शीना कहीं नहीं थी.. रिकी बेडरूम की ओर जा ही रहा था के साइड टेबल पे रखे नोट पे उसकी नज़र गयी.. "प्राइवेट बीच" लिखा था उसमे... नोट रख के रिकी रिज़ॉर्ट के प्राइवेट बीच की तरफ चला गया... बीच पे पहुँच के गरम रेत और ठंडी हवा का कॉंबिनेशन उसे पागल कर रहा था, कपड़े उतार के वो बस बॉक्सर्स में आ गया और शीना को ढूँढने लगा.. कुछ कदम आगे बढ़ा ही था रिकी के सामने से शीना उसे आती हुई दिखी...
शीना को देख के रिकी के चेहरे से तो कुछ भी नहीं कह सकते थे, लेकिन उसके बॉक्सर्स में उसके लंड ने गवाही दे दी कि उसे अंदर से कैसा लग रहा था यह नज़ारा..
शीना धीरे धीरे चल के रिकी के पास आ गयी और उसके आकड़े हुए लंड को देख के उसके चेहरे पे एक शैतानी मुस्कान आ गयी
"ऐसे क्या देख रहे हो... और यह क्या है.." शीना ने रिकी के पास आके उसके कान में कहा और अपना हाथ उसके खड़े हुए लंड पे रख दिया, जिसके जवाब में रिकी ने शीना को अपने पास खींचा और उसे बाहों में लेके उसके होंठों से अपने होंठ मिला दिए..
"लोग देखेंगे तो.." शीना ने किस तोड़ के कहा
"कोई नहीं है इधर.. आज वॉटर स्पोर्ट्स भी बंद है, फिर भी मैं लोगों को देखने नही आया हूँ ना.." रिकी ने अपनी एक आँख बंद कर के कहा
"तो फिर " शीना ने बस इतना ही कहा और इस बार उसने अपने हाथ पीछे ले जाके रिकी के होंठों को करीब लाई और दोनो फिर से स्मूच में डूब गये.. करीब 2 घंटे तक दोनो बीच पे रहे, और एक दूसरे का हाथ पकड़ के बस रेत पे नन्गे पावं चलते रहते, फिर कभी शीना को रिकी गोद में उठा लेता जिसके जवाब में शीना अपना चेहरा रिकी के सीने में छुपा देती.. अगर यह कम लगता तो दोनो किसी पेड़ के नीचे लेट जाते और फिर से स्मूच करने लगते....
"चलिए, चलते हैं.." शीना इस वक़्त एक पेड़ के नीचे रिकी की बाहों में लेटी हुई थी
"क्यूँ, अभी तो सिर्फ़ शाम के 6 ही बजे हैं..थोड़ी देर रुकते हैं.." कहके रिकी ने शीना को कस के अपनी बाहों में भरा और उसके माथे को चूमा और शीना भी बिना कुछ कहे वहीं लेटी रही.. कुछ देर बाद रिकी ने उससे कहा
"शीना, मैं कुछ बताना चाहता हूँ तुम्हे, रेदर कन्फेस करना चाहता हूँ.. पता नहीं तुम्हे सुनके शायद अच्छा ना लगे, या तुम चीटेड फील करो.. लेकिन मेरे लिए यह बात कहना बहुत ज़रूरी है, अगर आज नहीं कहूँगा तो कभी नहीं कह पाउन्गा..."
रिकी की यह बात सुन शीना उसकी बाहों से उठी और उसके सामने बैठ गयी और आँखें बड़ी कर दी, जैसे बोलने के लिए इजाज़त दे रही हो
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