Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
07-03-2019, 04:50 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"यस शीना..." रिकी ने फोन उठा के कहा




"भाई.. व्हेयर आर यू.."




"मैं महाबालेश्वर, बताया तो था.."




"हां वो तो है, एनीवेस, मैने तो आपका रोल नंबर पूछा ही नहीं, तो रिज़ल्ट कैसे लूँ"




"हां, मैं भी बताना भूल गया.. नोट इट डाउन.." रिकी ने जवाब दिया और अपना एनरोलमेंट नंबर बताया




"भाई.. शाम को कितने बजे तक आओगे आप.. आइ विल बी बॅक बाइ 6, उससे लेट मत होना"




"ह्म्म्मत, मैं भी तब तक आ जाउन्गा.. अभी फिलहाल कुछ इंटीरियर्स का काम है"




"आंड कब तक फिनिश होगा यह सब, आइ मीन 8 मंत में व्हाट'स दा डेवेलपमेंट.."




"मेडम.. घर आके आपको रिपोर्ट सब्मिट करूँगा, इफ़ यू डॉन'ट माइंड प्लीज़.."




"हाहहहहा.. या या, ओके.. चलो सी यू.." कहके शीना ने फोन कट किया तब जाके रिकी की जान में जान आई




"फेववव.... अगर इसी बीच वो स्नेहा की बच्ची की आवाज़ आती तो शीना तो मार ही डालती.." रिकी ने खुद से कहा और घड़ी में देखा तो अभी दोपहर के 1 बज रहे थे लेकिन ना तो विलसन का ठिकाना था और ना ही स्नेहा का




"कर क्या रही है यह इतनी देर.. बेन्चोद ब्रा निकाल के सिड्यूस करने आई थी, कब तक रोकने का खुद को.. यह तो अच्छा हुआ जब उसका पल्लू सरका, तभी शीना का एसएमएस आ गया और मैने नज़रें फेर ली, नहीं तो गयी थी वो आज..." रिकी खुद से बातें करते करते फिर शीना के साथ एसएमएस पे बात करने लगा.. आधा घंटा और बीत गया लेकिन ना तो स्नेहा आई थी और ना ही विलसन... जब शीना से भी बातें हुई, उसके बाद फिर रिकी ने विलसन को वापस कॉल किया




"मिस्टर विलसन.. वी आर वेटिंग फॉर यू, यूआर ऑलरेडी लेट बाइ 30 मिन्स.." रिकी ने फोन पे झल्ला के कहा




"आइ आम सॉरी मिस्टर राइचंद.. बट वी हॅड आ कार ब्रेकडाउन.. वी आर ऑन और वे, विल बी देयर इन नेक्स्ट 30-45 मिनिट्स.. वी शैल सी यू डाइरेक्ट्ली अट दा साइट इफ़ दट'स ओके फॉर यू.." विलसन ने जवाब दिया




"या दट'स फाइन... सी यू देन.. बाइ.." रिकी की आवाज़ में फ्रस्ट्रेशन सॉफ दिख रहा था




"एक घंटा और बेन्चोद.. उपर से भूख भी लगी है, और यह साली आ ही नहीं रही.." रिकी ने फिर स्नेहा को गाली देना शुरू किया और उसको फोन करने लगा, लेकिन स्नेहा का फोन अभी भी स्विच्ड ऑफ..




"इसकी माँ का.. फोन स्विच्ड ऑफ, बेन्चोद रूम मे बुलाने जाओ अब सेठानी को.. कहाँ फस गया हूँ साला.." रिकी ने फिर खुद से कहा और सोफे पे बैठ के स्नेहा का इंतेज़ार करने लगा..




"भाभी.... भाभिईीईई.... हम लेट हो रहे हैं.." 20 मिनट और इंतेज़ार करने के बाद रिकी ने चिल्ला के स्नेहा को बुलाया, लेकिन इस बार भी कोई जवाब नहीं..





"दिस ईज़ फक्किंग पाठेटिक बेन्चोद.. मैं क्या किसी का नौकर हूँ.." रिकी ने सोफे से उठ कहा और स्नेहा को बुलाने चला गया.. फर्स्ट फ्लोर पे जाते ही उसे एक दरवाज़ा आधा खुला दिखा जिसमे स्नेहा फ्रेश हो रही थी..




"भाभी.. हमे लेट हो रहा......" रिकी ने बिना नॉक किए या इनफॉर्म किए दरवाज़ा खोला तो सामने स्नेहा को देख उसका मूह खुला का खुला रह गया.. सामने स्नेहा एक छोटा सा टवल पहेन के खड़ी थी जो उसके आधे चुचों को दिखा रहा था और घुटनो के हल्का सा उपर तक था.. स्नेहा अभी अभी नहा के निकली थी इसलिए उसके बालों के साथ उसके जिस्म पे भी पानी की बूँदें बिछी पड़ी थी, पूरे रूम में उसके पर्फ्यूम की खुश्बू फेली हुई थी, स्नेहा बेड पे एक पेर रख के अभी नाइल पोलिश ही लगा रही थी कि सामने से रिकी की आवाज़ सुन उसने अपना चेहरा उपर किया तो रिकी की आँखों से आँखें चार हुई.. रिकी के आने से भी उसके पेर अभी वैसे के वैसे ही थे, सामने से नज़ारा ऐसा था कि रिकी की सीधी नज़र उसकी मूसल चिकनी जांघों पे पड़ती और पैर हल्का खुला होने की वजह से थोड़ी कोशिश करने पर उसकी चूत के दर्शन भी हो लेते.. रिकी को देख स्नेहा के चेहरे पे मुस्कान आ गयी, उसकी मुस्कान से बयान हो रहा था कि वो क्या करने का सोच रही है..




"अरे, देवर जी.." स्नेहा ने पैर सीधे किए और रिकी की तरफ बढ़ गयी, जो अभी भी दरवाज़े पे एक दम बुत सा बन खड़ा था... रिकी को यूँ देख स्नेहा की मुस्कान और बढ़ती गयी




"कहिए देवर जी.. कैसी सेवा कर सकती हूँ मैं आपकी.." स्नेहा ने रिकी के पास जाके थोड़ा सा झुक के कहा.. रिकी की लंबाई स्नेहा से ज़्यादा थी तो स्नेहा के ऐसे झुकने से टवल के बीच में से उसके चुचों की घाटी के सॉफ दर्शन हो रहे थे रिकी को.. ना चाहते हुए भी रिकी की नज़र जब वहाँ पड़ी तो स्नेहा के गदराए हुए चुचे देख उसकी हलक भी सूखने लगा...




"ओफफ़फो.... कहने में इतनी देर कर रहे हैं तो जब करने पर आएगी तब तो कितना वक़्त लोगे आप.." स्नेहा ने फिर मुस्कुरा के कहा




स्नेहा की यह बात सुन रिकी ने अपने आप को संभाला




"भाभी.... वॉ.... वो मैं कह रहा था कि...." रिकी ऐसे हालत में कुछ बोल नहीं पा रहा था, शब्द जैसे मूह से फूटने को तैयार ही नहीं थे




"हां. देवर जी... मैं भी वोही देख रही हूँ, आगे भी तो दिखाइए...." स्नेहा ने अपनी नज़रें हल्की सी नीचे की और रिकी के जीन्स के उपर से ही उसके लंड को निहारने लगी जो हल्का सा उभरा हुआ था




"जीए...." रिकी ने फाइनली अपने आप को संभाला और होश में आके कहा




"जीए देवर जी, मैं भी तो बोल रही हूँ.. आप यहाँ कैसे आए वो बताइए ना.." स्नेहा ने एक मादक अंदाज़ में जवाब दिया




"भाभी.. वो मीटिंग है ना, तो 15 मिनट में स्टार्ट होगी.. उससे पहले खाना भी खाना है तो आप जल्दी कीजिए थोड़ा, भूख बहुत लगी है मुझे.." रिकी अटक अटक के स्नेहा से बोलने लगा




"आपकी भूख तो मिट जाएगी... लेकिन मेरी प्यास का क्या.. उसे भी तो भुझा दीजिए ना मेरे देवर जी..." स्नेहा ने फिर एक सुखी हुई आवाज़ में जवाब दिया




"खैर छोड़िए... आप चलिए, मैं अभी आती हूँ..." स्नेहा ने रिकी को यूँ खामोश देख फिर कहा और गान्ड मटकाती हुई तैयार होने चली गयी... रिकी ज़्यादा कुछ बोले बिना वहाँ से जल्दी नीचे आ गया और आके फिर सोफे पे बैठ गया..




"तेरी माँ की चुत बेन्चोद, शीना के प्यार की वजह से रुका हुआ हूँ, नही तो अब तक तो चुद चुकी होती.. प्यास बुझानी है, बेन्चोद.. और वैसे भी..." रिकी अभी खुद से बोल ही रहा था कि उसका फोन बजने लगा.. जैसे ही उसने स्क्रीन पे नज़र डाली तो उसके दिल को जैसे एक सुकून मिला




"थॅंक गॉड तुमने कॉल किया.." रिकी ने फोन उठाते ही कहा




"भाई, सुबह से बातें ही तो कर रहे हैं, अब अचानक क्या हुआ .." शीना ने सामने से जवाब में कहा




"बस ऐसे ही.. वाज़ मिस्सिंग यू बॅड्ली, इसलिए.. खैर रिज़ल्ट मिली मेरी.." रिकी ने बात संभालते हुए कहा




"हां, उसके लिए ही फोन किया है.. आइ डॉन'ट बिलीव के यह रिज़ल्ट आपका है.." शीना ने निराशा जनक टोन में कहा




"क्यूँ क्या हुआ, 100 % आए हैं क्या.." रिकी ने मज़ाक में कहा, लेकिन उसका मज़ाक सुन शीना ने कुछ रिएक्ट नहीं किया और बस खामोश ही रही..




"सॉरी, बताओ क्या है.." रिकी ने शीना की खामोशी महसूस कर सीरीयस होके कहा




"सिर्फ़ 45 % .... यह कोई रिज़ल्ट है आपका..." शीना ने गुस्से भरी आवाज़ में कहा




"अरे इससे ज़्यादा तो मैं पढ़े बिना ले आती, 1स्ट सें 80 % , 2न्ड सें 75 % , 3र्ड सें डाइरेक्ट 35 % ," शीना ने ट्रांसक्रिप पढ़ के कहा




"हां तो इंप्रूव्मेंट हुआ ना फ्रॉम 35 % तो 45 %.. " रिकी ने फिर मज़ाक में कहा




"भाई आइ आम सीरीयस... यह दिखाऊ पापा को, क्या है यह.." शीना बहुत गुस्से में थी




"तू फिलहाल किसी को नहीं दिखाना, घर जाके पापा से बोलना कि भाई के साइन चाहिए थे इसलिए उन्होने उसे ही बुलाया है.. आंड ध्यान से, अपने पास रिज़ल्ट रखना.. किसी के हाथ नहीं लगे समझी.." रिकी ने फिर घड़ी देख कहा, स्नेहा लंबा इंतेज़ार करवा रही थी..




"आइ आम डिसपायंटेड भाई..." शीना ने निराश होके कहा और फोन कट कर दिया
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RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा - by sexstories - 07-03-2019, 04:50 PM

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