RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"भाई.. कहाँ पहुँचे आप.." शीना ने रिकी से फोन पे पूछा
"मुंबई टच किया डियर.. जल्दी आता हूँ.." रिकी ने फोन पे जवाब दिया और फोन कट कर दिया बिना कुछ सुने या बोले
"ऐसे क्यूँ फोन कट कर दिया.. चलो आओ देखती हूँ.." शीना ने खुद से कहा और अपने काम में लग गयी
करीब एक घंटे बाद रिकी ने गाड़ी रोकी और बाहर आके सीधा शीना से मिलने चला गया.. पीछे मूड के उसने एक बार भी स्नेहा की तरफ नहीं देखा जो गाड़ी से बाहर खड़ी होके मंद मंद मुस्कुरा रही थी..
"शीना... शीनाआअ...." रिकी मैं हॉल से ही चिल्लाने लगा और शीना को ढूँढने लगा.. शीना ने जैसे ही उसकी आवाज़ सुनी वो दौड़ के उसके पास भागी.. रिकी काफ़ी बेचेन लग रहा था, उसके एमोशन्स पे आज बिल्कुल भी उसका कंट्रोल नहीं था..
"शीना......" रिकी एक बार फिर चिल्लाया तो सामने से शीना आती दिखी उसे
"भाई... धीरे, व्हाट हॅपंड.. आप ठीक हो.." शीना दौड़ के उसके पास आई और उसे संभालने लगी..
"क्या हुआ भाई.. इतना चिल्ला क्यूँ रहे हो, और आपकी साँसें इतनी तेज़ क्यूँ.. आंड यह पसीना.. आप ठीक हो.." रिकी की लंबी लंबी साँसें चलते देख शीना को चिंता होने लगी
"आइ वान्ट टू टॉक टू यू.. प्लीज़ आओ मेरे साथ.." रिकी ने शीना से कहा और हाथ पकड़ के उसे अपने साथ ले जाने लगा
"भाई.. रिलॅक्स, चलिए..." शीना ने उसके हाथ को थामा और फिर उसे उपर ले जाने लगी.. उपर जाते जाते शीना ने देखा रिकी का हाथ एक दम गरम, दिल की धड़कन तेज़ चल रही थी.. वो समझ नहीं पा रही थी कि अचानक ऐसा क्या हुआ.. हमेशा एक दम नॉर्मल और कूल रहने वाला रिकी आज इतना परेशान था के उसे ऐसे देख शीना भी काफ़ी घबरा चुकी थी...
"पहले पानी पीजिए भाई.. आराम से.." शीना ने रिकी को बेड पे बिठाया और उसे पानी का ग्लास दिया.. पानी का ग्लास लेते वक़्त भी रिकी के हाथ काँप रहे थे, ग्लास को अपने होंठों के करीब ले जाते वक़्त उसके हाथ थर थर काँप रहे थे, बड़ी मुश्किल से उसने एक घूँट पिया ही था कि हाथ इतनी तेज़ी से काँपे के ग्लास उसके हाथ से छूट गया और काँच के गिरते ही शीना का पसीना बहने लगा.. रिकी ने अपने चेहरे को अपने हाथों में छुपा लिया और लंबी लंबी साँसें लेने लगा
"भाई.. यू नीड आ डॉक्टर.. बहुत गरम है आपकी बॉडी.." शीना ने रिकी के सर पे हाथ रखा तो उसका बदन तप रहा था..
"नहीं... वेट...." रिकी लंबी लंबी साँसें लेने लगा और अपने सर पे आया हुआ पसीना पोछने लगा..
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"यू नो सादिया.. यू आर दा मोस्ट ब्यूटिफुल थिंग दट हॅज़ हॅपंड टू मी टिल डेट.." सन्नी सामने बैठी लड़की से कह रहा था.. सन्नी के मूह से यह शब्द सुन सादिया काफ़ी खुश हुई, चाँद पे भी एक दाग रहता है, लेकिन सादिया का मुखड़ा एक दम सॉफ.. हल्की ब्राउन आँखें उसकी हमेशा चमकती रहती, उसकी हसी किसी भी माहॉल को खुशनुमा बना दे.. सादिया अभी सन्नी के सामने एक कॉफी शॉप में बैठी थी..
"आइ नो... लेट'स स्पीक इन हिन्दी.. मुझे हिन्दी भी आती है जनाब.." सादिया ने हँस के जवाब दिया
"आपको देख के हमारे मूह से शब्द निकले वही काफ़ी है, आपकी मौजूदगी में जैसे मैं कहीं खो जाता हूँ.." सन्नी ने उसका हाथ पकड़ना चाहा लेकिन फिर पीछे खींच लिया
"जानती हूँ, तभी तो आपने हमें आधा घंटा इंतेज़ार करवाया.." सादिया ने हँस के जवाब दिया जिससे उसकी आँखों में चमक बढ़ गयी
"इंतेज़ार का भी अपना ही मज़ा है मोहतर्मा.. वैसे देरी से आने के लिए माफ़ कर दें.." सन्नी ने दिल फेंक अंदाज़ में कहा
"आप पहले ऐसे शक़्स हैं जिसने लड़की को इंतजार करवाया, दिलचस्प तो पता नही, लेकिन हां अलग ज़रूर हैं दूसरे लड़कों से.." सादिया ने कॉफी मग को अपने होंठों से लगा के कहा..
"अरे यह क्या कह दिया आपने.. वैसे अलग का तो पता नहीं, लेकिन आप दिलचस्प ज़रूर हैं.." सन्नी ने भी अपनी कॉफी हाथ में ली और हल्के से सादिया को आँख मार दी
"अभी तो सिर्फ़ दूसरी मुलाक़ात है हमारी.. अभी से आप ने हमें पहचान लिया.." सादिया ने फिर जवाब दिया
"पहचानने के लिए एक नज़र ही काफ़ी है मोहतर्मा.. और यह पहली मुलाक़ात है, अगर आप कंट्री साइड में हुई मुलाक़ात को मुलाक़ात कहती हैं तो फिर आज की मुलाक़ात को क्या नाम देंगी.." सन्नी बातों को अच्छे से घुमाना जानता था
"मुझे लगा आज हम डेट पे हैं.." सादिया के यह जवाब सुन पहले तो सन्नी को यकीन नहीं हुआ लेकिन फिर अपने मचलते दिल को काबू किया
"मैने कहा था, आप दिलचस्प हैं.. देखिए, हुआ ना मैं सही.." सन्नी और सादिया अपनी अपनी बातों में लग गये और तकरीबन आधे घंटे तक कॉफी शॉप में बैठे रहे
"आपसे मिलके अच्छा लगा.. अब मुझे चलना चाहिए..' सादिया ने अपनी घड़ी देखते हुए कहा
"छोटी ही सही, लेकिन चलिए, आप कम से कम नाचीज़ से मिलने तो आई.." सन्नी ने सादिया को एस्कॉर्ट किया और कॉफी शोप के बाहर चले गये दोनो
"अलविदा.. सादिया जी.." सन्नी ने हसके कहा जब सादिया अपने ड्राइवर को बुलाने लगी
"अलविदा कहने से दुबारा मिलने की उम्मीद टूट जाती है.." सादिया ने फिर हंस कर जवाब दिया और अपनी गाड़ी का इंतेज़ार करने लगी.. करीब 2 मिनिट हुए और उसकी गाड़ी उन दोनो के सामने आके खड़ी हुई..
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