RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"ओह शिट... अब्बू आ गये.." सादिया ने किस तोड़के सन्नी से अलग होते हुए कहा
"व्हाट... यह कैसे ,... बेन्चोद अपनी किस्मत ही खराब है... घंटा मैं कभी आगे बढ़ पाउन्गा किस से..." सन्नी जल्दी से मेन रूम में गया और अपनी शर्ट लेके पहनने लगा
"सन्नी, जल्दी जाओ... आंड दूसरी तरफ से जाओ... हरी अप..." सादिया बहुत डरने लगी
"तुम्हारे बाप को भी देख लूँगा एक दिन..." सन्नी ने शर्ट पहनी और जुते अपने हाथ में लेके दूसरे दरवाज़े से बाहर चला गया...
"हाहहहहहहहा...... ओह हाहहहहहहहा..... हिहीहीएहहेहेहेहीए...... अहहहहहहाआओह नूऊऊ अहहहहााअ.... याअरर अहहहो ...." समर की हँसी रुक ही नहीं रही थी सन्नी की किस्मत देख.. दोनो हॉस्टिल के बाहर वाली फील्ड पे बैठे थे और आस पास के स्टूडेंट्स सिर्फ़ उन दोनो ही देख रहे थे जहाँ समर पेट पकड़ के हँसे जा रहा था...
"बस कर ले भोसड़ी के..." सन्नी ने गुस्से में समर से कहा
"हाहहहा.... ओह तेरी अहहहुहह... हिहिहिहिहेहहेीए..." समर ने काफ़ी कोशिश की लेकिन उसकी हँसी रुकी ही नहीं और सन्नी का मूह लटकता चला गया यह देख
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"भाई... आर यू फाइन नाउ..." शीना ने रिकी से कहा जो अभी पहले से काफ़ी ठीक लग रहा था.
"भाई.. कुछ बोलिए ना, देखिए मुझे भी चिंता हो रही है.." शीना ने रिकी का हाथ पकड़ के कहा
"शीना.... आइ लव यू आ लॉट... प्लस्स.... प्लीज़ कभी नहीं छोड़ना तुम मेरा साथ..." रिकी ने शीना को कस के अपनी बाहों से लगाया और उसके मस्तक को चूमा
"भाई.. व्हाट हॅपंड, प्लीज़ बताइए ना..." शीना ने फिर अपने सर को उँचा किया और रिकी की आँखों में देखने लगी..
"तू ठीक है.. ?" सामने से फोन पे रिकी से पूछा
"मुझे क्या होगा..?" रिकी ने खुद को संभालते हुए जवाब दिया
"अभी थोड़ी देर पहले शीना के सामने टूट चुका था, बिखर जाता उससे पहले मुझे संभालना पड़ा, और पूछ रहा है क्या हुआ.." सामने वाले ने चिंता जताते हुए कहा
"तू मेरी बातें कब से सुनने लगा.. विश्वास नहीं है तुझे क्या.." रिकी ने ठंडा पानी अपने गले के नीचे उतारते हुए कहा
"मैं तेरी बातें सुनू कि नहीं, वो तो तू ही कंट्रोल करता है, पर बात यह है कि मुझे बता क्या हुआ जो ऐसे बात कर रहा था शीना के साथ" सामने वाले की आवाज़ में रिकी के लिए एक फ़िक्र, एक चिंता सॉफ झलक रही थी
"नहीं, कुछ भी नहीं.. बस यूँ ही.." रिकी को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या बोले
"यूँ ही.. चूतिए, यूँ ही कोई पसीना पसीना होता है, वो भी उस घर में जहाँ लोग कम और एसी ज़्यादा है.. गान्डू समझ रहा है क्या, मैं जान के ही रहूँगा, जल्दी बता क्या हुआ चल... ज़्यादा लड़की नखरे ना छोड़ मेरे आगे.."
"यार.. अब मैं कैसे कहूँ..." रिकी को शब्द नहीं मिल रहे थे कि वो क्या कहे
"मूह से बोल, खोल तेरे मूह को चूतिए और बकना शुरू कर अब.. इतने नखरे तो बेन्चोद शीना ने भी नहीं छोड़े थे जब तूने उसको प्रपोज़ किया था, साला लड़की बन रहा है अभी.. चल बता.."
"यार, हुआ यूँ कि..." रिकी ने कहना शुरू किया और एक एक डीटेल सामने वाले को देना शुरू किया
"ओह तेरी... कमाल है, पहले शीना और अब भाभी.. तुम तो बड़े हंटर निकले भाई.." सामने वाले ने मज़ाक में कहा
"यार, ग़लती से हो गया.. वो साली सिड्यूस किए जा रही थी, आख़िर कितना रुकता, दिस वाज़ अन आक्सिडेंट..." रिकी ने चिंतित स्वर में कहा
"आक्सिडेंट.. अच्छा, तो आप घर पे चलते चलते गिर गये सीधा जाके अपनी भाभी की चूत पे.. ऐसा क्या"
"यार तू मगज ना चोद अब, मुझे समझ नहीं आ रहा कि शीना से कैसे सामना करूँ, मैं उससे आँखें भी नहीं मिला पाउन्गा, यह सोच के डर रहा हूँ" रिकी अपने नाख़ून चबाते हुए बोला
"अरे तो नहीं बता, तू क्यूँ साला बड़ा सच्चाई की मूर्ति बन रहा है, शीना कभी नहीं मानेगी कि स्नेहा तुझे यह सब करने पे मजबूर कर रही थी, बेटर है वहाँ से निकल और कुछ दिन मेरे पास आजा.. शांति से दारू पिएँगे और घूमते रहेंगे.." सामने वाले ने सिगरेट जला के कहा
"घूमना ? मुंबई में क्या घुमाएगा तू मुझे, साला एक ही शहेर कितनी बार देखूं.." रिकी अभी थोड़ा ठीक महसूस कर रहा था
"ओह हो, तो आप जानते हैं हमारा ठिकाना.."
"मैं चाहूं तो अभी तेरे पास 5 मिनिट में आ सकता हूँ, बट नहीं.. दारू नहीं पीनी, सिगरेट भी बंद करनी है, डॉक्टर की रिपोर्ट शीना देख लेगी तो मुश्किल हो जाएगी और उसके पास मेरी रिज़ल्ट भी है.. अब यह मार्क्स का भी जस्टिफिकेशन देना पड़ेगा.." रिकी थोड़ा सा सुकून महसूस कर रहा था
"हां, आपके मार्क्स कितने हैं वैसे, " सामने से फिर सवाल मिला
"अबे बहुत सही हैं, लास्ट टाइम 35, इस बार 45.. यह तो पहले दो सेमिस्टर में अच्छे थे, तो अग्रिगेट सीजीपी 6.3 रहा, नहीं तो घर से निकाल देते"
"खैर, शीना को नहीं बताना फिलहाल.. आंड ऐसा ख़याल आया भी कैसे, समझ, आइ मीन सपोज़ अगर ऐसा तू ज्योति के साथ करता, वैसे तो वो मेरा माल है, लेकिन फिर भी.. फॉर एग्ज़ॅंपल ऐसा तुम दोनो के बीच भी होता, तो क्या वो भी बताता शीना को.. सर, आक्सिडेंट हर बार नहीं होता..." सामने वाले की बात सुन रिकी अपने मन में कुछ सोचने लगा
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