Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
07-03-2019, 04:53 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा

अमर की बात सुन राजवीर के दिमाग़ में जैसे किसी ने गोली डाल दी थी, खड़े खड़े मर गया था वो, स्नेहा के चेहरे का रंग फीका हो गया था, दोनो जिस प्रॉपर्टी के लिए अमर को मारना चाहते थे वो अब रिकी की थी.. राजवीर ने एक नज़र सुहसनी को देखा तो सुहसनी ने उसे आँखों से खामोश रहने को कहा और सेम इशारा राजवीर ने स्नेहा से किया..




"पापा.. दिस ईज़ नीडलेस.. आप प्लीज़ ऐसा ना करें.. हम सब साथ ही हैं, फिर यह सब क्यूँ" रिकी ने नम आँखों से कहा




"रिकी, आज जो हुआ, खुदा ना ख़स्ता अगर कुछ उन्च नीच होती तो यह सब कौन संभालता, इसलिए अब से तुम यह सब सम्भालो... और मुझे आज़ाद करो.." अमर ने मज़ाक में कहा

जिसे सुन रिकी को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे..




"आप सुनिए..एक काम करेंगे प्लीज़..." रिकी ने उस आदमी को देख कहा जो पेपर्स लाया था..




"यस सर, बताइए"




"यह पेपर्स मेरे पास रहने दीजिए.. कल सुबह तक यह पेपर्स शीना राइचंद के नाम पे ट्रान्स्फर करें प्लीज़..." रिकी के यह शब्द सुन राजवीर और स्नेहा तो जैसे बेहोश होने लगे, और साथ खड़ी सुहसनी भी अंदर ही अंदर गुस्से की आग में जलने लगी




"भाई, व्हाट.." शीना ने बस इतना ही कहा कि रिकी ने उसे खामोश रहने को कहा




"अब यह मेरी प्रॉपर्टी है, मैं चाहे जिसके नाम करूँ.. आप प्लीज़ चलिए, सुबह तक पेपर्स आप पर्सनली मुझे लाके देंगे, ओके.." रिकी ने उससे कहा और अलविदा कह दिया




"आइ डॉन'ट नीड दिस.. आइ डॉन'ट वॉंट दिस भाई..." शीना ने अपनी आँखे बड़ी कर कहा




"मेरी तरफ से तुम्हारे लिए गिफ्ट.. थोड़ी देर पहले कहा ना तुमने यू फील सेफ वित मी.. मैं चाहता हूँ यू शुड फील सेफ वित मी.. आंड आफ्टर मी...." रिकी ने बड़े भारी दिल से यह आख़िरी शब्द कहे




"यू नो.... यूआर....." शीना फिर सुबकने लगी और रिकी के गले लगी..





"नतिंग'स गॉना चेंज माइ लव फॉर यू...." रिकी का फोन बजा तो उसने शीना को अलग किया और सबसे दूर आके बात करने लगा




"हां बोल.."




"प्रॉपर्टी मिली.."




"प्रॉपर्टी, आज सुबह को जानता है क्या हुआ.." रिकी ने चिल्ला के पूछा




"जानता हूँ, राणा टुच्छा आदमी है, ऐसे लोगों से नहीं डरना कभी"




"बेन्चोद.. एक पल के लिए तो मैं भी डर गया था, खुद पे शक करने लगा था मैं.."




"सब निपट गया ना.."




"हां, तुम तो कुछ करोगे नहीं, सब मुझे ही करना पड़ा.. ज्योति ने बचाया"




"ज्योति बहुत स्मार्ट है, तभी तो वो मेरी जान है"




"और यह सब तुझे निपटाने का, मैं नहीं आता बीच में इन सब में.." फोन वाले ने फिर कहा और रिकी खामोश हो गया




"खैर.. प्रॉपर्टी मिली.."




"हां, मेरे नाम हो गयी.." रिकी ने फिर आधा सच बताया




"तो 7 बजे आने वाला था.. अभी 6 बजे हैं, कब आओगे आप.."




"अभी यहाँ से निकल रहा हूँ, 10 बजे मिलूँगा, शीना भी मेरे साथ होगी इसलिए"




"बहुत शीना शीना हो गया यार अब.."




"बस आख़िरी दिन.. आज के बाद से वो मेरी तरफ देखेगी भी नहीं.. जी भर के देख लेने दे एक बार, और कुछ नहीं माँगूंगा मैं तुझसे.." रिकी ने रुआंसी सी आवाज़ में कहा

जिसे सुन सामने वाले ने फोन कट किया और अपनी नम आँखें भी पोंछने लगा




"डॅड.. लेट'स गो..." रिकी ने अमर से कहा और सब महाबालेश्वर की तरफ निकल गये




"शीना, तुम ड्राइव करो प्लीज़.." रिकी ने गाड़ी की चाबी देते हुए कहा




"मालकिन को ड्राइवर बनाओगे.." शीना ने मज़ाक में चाबी लेते हुए कहा




"मालकिन को जी भर के देखना चाहता हूँ..." रिकी ने मुस्कुरा के कहा




महाबालेश्वर से मुंबई के रास्ते में, सारा वक़्त रिकी शीना को देखता रहा और बार बार पूछने पर बस यह बोलता..




"जी भर के देख लेने दो शीना... आज नहीं कहो कुछ भी प्लीज़.."






"शीना..." रिकी शीना के कमरे में पहुँचा तो देखा शीना कुछ पढ़ रही थी..




"भाई, यह देखिए, माइ न्यू नॉवेल, मस्त है बहुत.." शीना ने उछल के कहा




"शीना.. मेरी डाइयरी पढ़ना चाहोगी..." रिकी ने भारी आवाज़ से कहा




"भाई, व्हाट'स रॉंग.. जब से वहाँ से निकले हैं, तब से आप बहुत अजीब बिहेव कर रहे हो.. यू फाइन ना, रात का खाना भी नहीं खाया और अभी कहीं जा रहे हैं क्या.." शीना ने घड़ी देख कहा जिसमे 10 बजने में 5 मिनिट बाकी थे




"आइ आम.... उहह... आइ आमममम्म आब्सोल्यूट..... आब्सोल्यूट्ली फिन्नीई...." रिकी अपने आँसुओं से लड़के कहने लगा




"भाई... व्हाट हॅपंड.." शीना ने गंभीर होके पूछा, जवाब में रिकी ने अपनी डाइयरी आगे की और शीना से कहा




"रीड दिस.. बट प्रॉमिस मी, इसको पढ़ के हमारा प्यार नफ़रत में नहीं बदलेगा.." रिकी टूटी हुई आवाज़ में बोला




"भाई... व्हाट ईज़ इट..." शीना का दिल घबराने लगा था




"शीना... ज्योति को बुलाओ प्लीज़.. " रिकी ने कहा और शीना ने भी जल्दी से ज्योति को बुलाया




"ज्योति.. शीना ईज़ प्रेग्नेंट.." रिकी ने जैसे ही ज्योति से यह कहा ज्योति की हालत खराब हो गयी और उसे सुने हुए पे विश्वास नहीं हो रहा था..
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RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा - by sexstories - 07-03-2019, 04:53 PM

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