Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
07-18-2019, 12:51 PM,
#70
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
जैसे ही सुमन निढाल हो बिस्तर पे गिरी सुनील उसकी बगल में लेट उसके पेट पे हाथ फेरने लगा. आनंद की अधिकरेक के कारण सुमन की आँखें बंद हो चुकी थी...... सुनील बस उसके जिस्म को सहलाते हुए उसके चेहरे को निहार रहा था.

सुमन के पेट पे हाथ फेरते हुए - सुनील का दिमाग़ फिर खराब होने लगा - उसका हाथ काँपने लगा - वो खुद से सवाल करने लगा - जो किया क्या वो ठीक था.

सुमन आँखें बंद कर मज़े ले रही थी सुनील की हरकतों से - जब उसे महसूस हुआ कि सुनील का हाथ काँपने लगा है उसकी आँखें खुल गयी. कुछ भी हो मर्यादा की दीवार कितनी भी टूट जाए - वो फिर से अपना सर उठाने लगती है - यही हाल सुनील का हो रहा था.

सुमन ने सुनील को खुद पे खींच लिया . उसका कड़क लंड जो कुछ देर पहले सुमन को अपनी जाँघो में चुभता हुआ महसूस हो रहा था - जिसे कुछ देर पहले उसने पकड़ा था --- वो अब अपना आकर खो ढीला पड़ चुका था.

सुमन उसकी आँखों में देखते हुए बोली - जब एक सेक्सी औरत पहलू में हो - तो ज़यादा सोचा नही करते मेरी जान.

'अपनी सीमाओं का अतिक्रमण कर रहा हूँ - इसलिए डर लगने लगता है'

अब सुमन ने फ़ैसला कर लिया इस डर को हमेशा हमेशा के लिए ख़तम करने के लिए.

वो उसी हालत में बिस्तर से उठी अपनी ड्रेसिंग टेबल तक गयी एक ड्रॉयर खोला और उसमे से एक डिबिया निकाल ली जो महीनो से बंद पड़ी थी कभी खोली नही गयी थी.

'उस डिबिया को हाथ में जब उसने पकड़ा तो उसकी आँखे बंद हो गयी - उन आँखो में सागर का हँसता हुआ चेहरा आ गया जैसे कह रहा हो ' गो अहेड'

सुमन की सोच को बल मिला और वो सुनील की तरफ पलटी ' इधर आओ'

जब तक सुनील उसके करीब पहुँचता उसने डिबिया खोल ली अंदर सिंदूर था.

सुनील हैरत से सुमन को देखने लगा. 'ऐसे क्यूँ देख रहे हो - ग़लती मुझ से ही हुई - पहले ये काम ही करना चाहिए था - पर मैं तुम्हारे प्यार में सब भूल गयी थी - आज तुम्हें पूरी तरहा सागर की जगह लेनी है - जिसकी शुरुआत हो चुकी है उसे अब अंजाम तक लाना है- भर दो मेरी माँग - तरस रही है कब से '

'दुनिया को क्या जवाब दोगि ?' सुमन की इज़्ज़त पे कोई प्रश्न उठे ये तो सुनील कभी बर्दाश्त नही कर सकता था.

'वो सब मुझ पे छोड़ो - मैं सब संभाल लूँगी - अब वक़्त मत बर्बाद करो - पूरा करो अपने डॅड का हुकुम'

काँपते हाथों से सुनील ने सुमन की माँग भर दी ------ रात के इस पहर में दूर कहीं से शहनाई का वादन गूँज उठा जो इस वक़्त दोनो के दिलों में बज रहा था.

सुमन आगे बढ़ी और सुनील के सीने से लग गयी --- फिर से सुहागन बनने का एक सुंदर अहसास उसके चेहरे की शोभा बड़ा रहा था.

क्या अजीब समा था - आज इनकी सुहाग रात थी -- पर सुहाग बिस्तर पे स्वागत का कोई नामो निशान ना था.

'सुनील मैं हमारे मिलन को एक यादगार रूप देना चाहती हूँ --- आज तो कोई तायारी भी नही करी हमने - बस अपना प्यार उडेल दिया --- अपनी फर्स्ट नाइट कल मनाएँ'

बॅंड बजा ना बारात ना यार दोस्तो का साथ - बंद कमरे में हो गयी शादी - वाह री किस्मत - सुनील अपनी किस्मत पे अंदर ही अंदर हँसने लगा - उसने अभी तक सुमन को कोई जवाब नही दिया था जो सवालिया नज़रों से उसे देख रही थी - एक पल को तो सुमन भी सोचने लगी - ये कैसा बंधन है - जो एक जवान लड़का अपने पिता के हुकुम को मानते हुए अपनी सभी इच्छाओं का गला घोंट बैठा था --- क्या सुनील खुश रहेगा इस बंधन से ?? एक डर समा गया सुमन के अंदर और उसका खिला हुआ चेहरा मुरझाने लगा.

अपने सागर को वापस पाने के चक्कर में मैने अपने ही बेटे की खुशियों का बलिदान ले डाला - कैसी माँ हूँ मैं ? क्या ज़रूरत थी सागर के इस आखरी हुकुम को मानने की? एक माँ अपना सर उठाने लगी और पश्चाताप के आँसू बहाने लगी. चेहरे पे ग्लानि और दुखों के बादल छा गये - अपनी लाइनाये पहन बिस्तर पे गिर बिलखने लगी.

उसका रोना जब सुनील के कानो में पड़ा तो अपने ख़यालों से बाहर निकला. अरे एक सवाल के जवाब में देरी हो गयी तो ये हाल. वो कहाँ जानता था कि सुमन अब खुद मर्यादा की दीवार के नीचे पिस गयी है.

'क्या हुआ मेरी जान को ? यार तुम औरतें भी --- एक सवाल के जवाब की देरी से ये हाल --- आए स्वीटी --- अब ये रोना धोना बंद करो --- और एक मीठा सा किस दो' उसने सुमन को पलटा और उसके आँसू पोंछते हुए बोला ' जैसे तुम्हारा दिल करे वैसे करना ---- इन आँखों में मुझे कभी आँसू ना दिखाई दें'

लेकिन सुमन का रोना जारी था......... सुनील अब इस रास्ते पे आगे निकल पड़ा था - अब उसके लिए लोटना नामुमकिन था.

उसे अब गुस्सा चढ़ने लगा --- आख़िर सुमन को हो क्या गया है.

अपने गुस्से को रोकते हुए सुनील ने सुमन के चेहरे को अपने हाथों में थाम लिया.

‘क्या हुआ है ? अभी तुम इतना खुस थी – ये अचानक कॉन सा दौड़ा चढ़ गया तुम पे --- अब एक भी आँसू बहा तो मेरा मरा मुँह देखो गी –‘

स्टॉप – एक दम स्टॉप – जादू की तरहा सुमन के आँसू रुक गये.

‘अब बताओ क्या बात है’

सुमन बहुत सीरीयस हो गयी ‘ ये सिंदूर जो अभी तुमने मेरी माँग में भरा है इसे पोंछ दो – मैं बहक गयी थी – अपने ही बेटे की खुशियों का गला घोटने चली थी ---- आइ आम सॉरी --- प्लीज़ हो सके तो मुझे माफ़ कर देना’

अब सुनील की समझ में आया क़ी असली बात क्या थी. उसे और भी प्यार आ गया सुमन पे --- कितना सोचती है वो मेरे बारे में.

‘कुछ और बोलना है तो बोल लो अब भी वक़्त है – जब मैं बोलूँगा तो बीच में मत बोलना’ सुनील की आवाज़ में थोड़ा गुस्सा था.
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी - by sexstories - 07-18-2019, 12:51 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,476,376 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 541,709 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,222,235 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 924,040 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,639,945 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,069,041 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,931,276 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,991,933 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,007,262 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,576 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 11 Guest(s)