Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
07-19-2019, 12:54 PM,
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सोनल भी आ गयी थी – उसने एक सेक्सी लाइनाये पहनी थी और उपर एक गाउन डाल रखा था उसने जब सुनील को नीट पीते देखा तो चिल्ला पड़ी --- ‘ ये क्या कर रहे हैं आप …. नुकसान करेगी ‘

सुनील ने कुछ जवाब नही दिया और बाल्कनी में जा के खड़ा हो गया.

सूमी ने सोनल को इशारा किया कि वो सुनील के पास जाए.

‘आप जाओ पता नही क्यूँ नाराज़ हो गये हैं’

‘ जा ना – मना उसे जा के’

सूमी को घूरती हुई सोनल सुनील के पास चली गयी और पीछे से उसके साथ चिपक गयी.

‘क्या हुआ डार्लिंग मूड क्यूँ उखड़ा हुआ है’

सुनील ने उसे अपने आगे कर लिया और वहीं बाल्कनी में उसे चूमने लग गया. सोनल कसमसाने लगी पर उसने सुनील को रोका नही.

कुछ देर सुनील सोनल के होंठ चूमता रहा … सोनल की आँखें नशीली होने लगी … जिस्म में कंपन बढ़ने लगा.

फिर सुनील ने सोनल को छोड़ दिया… सोनल उसकी छाती में सर लगा अपनी साँस ठीक करने लगी.

‘जा सूमी को बोल वाइन की दो बॉटल्स मँगवाए और साथ में रोस्टेड चिकन और नट्स भी.

सोनल ड्रिंक्स के लिए मना करना चाहती थी, फिर खुद को रोक अंदर चली गयी.

सोनल अंदर आ के सूमी के पास बैठ गयी – दीदी ये ड्रिंक्स मंगवा रहे हैं --- क्या हो गया है इनको.

‘पगली वो बड़ा हो चुका है – और तू अब भी उसे छोटा समझ रही है ….. कुछ नही होता … वो लिमिट में ही रहता है और कोई रोज थोड़े ही लेता है. क्या मंगवा रहा है …..
‘वाइन और चिकन बोल रहे थे और नट्स’

‘चल मैं फोन कर के मँगवाती हूँ.

सूमी ने ऑर्डर प्लेस कर दिया ……. सुनील अब भी अंदर नही आया था. बाहर खड़ा दूर फैले समुन्द्र को देख रहा था…. अब उस पर दो बीवियों की ज़िम्मेदारी आ चुकी है – दोनो को खुश रखना --- दोनो की इच्छाओं को पूरा करना ....... क्या वो ये ज़िम्मेदारी अच्छी तरहा निभा पाएगा? इन ही बातों में खोया हुआ था सुनील.


कुछ देर मैं ऑर्डर का समान आ गया.

सूमी : जा बोल दे उन्हें.

सोनल : अब आप ही जाइए मुझे तो डर लग रहा है … इतने अच्छे मूड में थे पता नही क्या हो गया अचानक

सूमी : मेरी बात नही मानेगी

सोनल : डाँट पड़वाओगी आप

सूमी : कुछ नही कहेगा तुझे …. जा ना…. पता नही अकेले खड़ा क्या सोच रहा है.

सोनल दयनीय दृष्टि से सूमी को देखती है फिर धड़कते दिल से सुनील को बुलाने चली जाती है.

सुनील के पास पास पहुँच कर --- आ आ आ आप का ओ ओ ऑड एरा आ गया ------- बहुत अटक अटक के बोली.

सुनील की तंद्रा टूटी देखा सोनल पसीने से लथपथ डरी हुई है.


ये तुम्हें क्या हो गया है… हां … क्या बात है.

क क कुछ नही

सुनील उसे पास खींच अपने से चिपका लेता है …. किस बात से डर रही हो… बोलो. (बड़े प्यार से पूछता है)

‘आ आप क्को ककभी पहले ऐसे नही देखा’ बहुत मुश्किल से बोली.

‘ग्रो अप डार्लिंग’ और सुनील उसे बाँहों में उठा लेता है

ऊऊऊऊऊओउुुुुुुुऊउक्ककककककचह डर के एक दम सुनील से चिपक गयी सोनल.

सोनल ने जिंदगी में पहली बार सूमी को वोड्का पी के लुड़के हुए देखा था और आज सुनील को नीट पीते हुए देखा और अब दो वाइन की बॉटल्स …. वो अंदर ही अंदर बहुत डरी हुई थी.


सुनील उसे ले कर सूमी के साथ बैठ गया बिल्कुल चिपक कर ….. सोनल उसकी गोद में ही थी. सोनल ने उठने की कोशिश करी पर सुनील ने उठने ही नही दिया. उसे सुबह का सीन याद आ गया जब सुनील ने उसके सामने ही सूमी को चूमा था… घबराने लगी कि कहीं उसके साथ यहीं ना शुरू हो जाए और उसकी छाती में मुँह छुपाने लगी.

‘सूमी डार्लिंग यार ड्रिंक बनाओ – लेकिन एक ग्लास’

सूमी उसकी शरारत समझ गयी और उसके अधरों पे मुस्कान आ गयी. मुँह छुपाए सोनल देख रही थी – एक ग्लास सुन के राहत की सांस ली पर सूमी की मुस्कान देख घबराने लगी.

सुनील ने एक घूँट भरा और सूमी को पास खींच उसके होंठों से होंठ सटा आधा घूँट उसके मुँह में उडेल दिया और दोनो का स्मूच शुरू हो गया. सोनल यही समझी कि सिर्फ़ स्मूच कर रहे हैं … ना कि वाइन शेअर् कर रहे हैं.

फिर सुनील ने एक घूँट भरा और इस बार उसकी तवज्जो सोनल पे थी. सोनल घबरा रही थी पर सूमी ने उसे इशारा किया जो हो रहा है होने दे …. वो नही चाहती थी कि सुनील का मूड फिर खराब हो जाए.

सुनील ने जब अपने होंठ सोनल की तरफ बढ़ाए जो उसकी गोद में बैठी हुई थी तो सोनल ने चुप चाप अपने होंठ आगे कर दिए पर सुनील ने अब उसके चेहरे को दोनो हाथों में थाम लिया और जैसे ही सोनल ने अपने होंठ खोले सुनील उसके मुँह में वाइन डालने लगा …….. सोनल के लिए ये एक आफ़त से कम नही था. सुनील उसके होंठ छोड़ ही नही रहा था और मजबूरन सोनल को वाइन पीनी ही पड़ी. कड़वा …. खट्टा सा टेस्ट उसके मुँह में घुल गया और वो अजीब नज़रों से सूमी को देखने लगी . अब उसे समझ आया कि सूमी क्यूँ मुस्कुरा रही थी. वो गुस्से से सूमी को देखने लगी. पर सच में उसे कुछ तो मज़ा आया था.

दो तीन घूँट जब सोनल के अंदर चले गये तो उसे ज़्यादा अच्छा लगने लगा, उसके चेहरे से गुस्सा गायब हो गया और सूमी बार बार उसे पूछ रही थी इशारों से .. बोल कैसा लग रहा है.. सोनल बस शर्मा जाती है.

आधी बॉटल ख्तम हो गयी तो सूमी अंगड़ाई लेते हुए उठी… मैं तो सोने चली … अब तुम दोनो भी जाओ – रात भर यहीं लगे रहोगे क्या.

सुनील ने उसका हाथ पकड़ लिया …. ना तुम हमारे साथ ही रहोगी.

सोनल : हां दीदी अब तुम्हें अकेला तो कभी नही छोड़ेंगे.

सूमी : पागल मत बनो – मैं बहुत थकि हुई हूँ ….. कल सो नही पाई थी … प्लीज़ आज मुझे तंग मत करो… आज की रात सोनल की खास रात है… और मेरा बीच में होना ठीक नही है.

सोनल : अगर ऐसा है भी तो मुझे आपके सहारे की ज़रूरत पड़ेगी…… प्लीज़ आप नही जा सकती….. नही तो मैं भी आपके साथ ही सो जाती हूँ.

सूमी : प्लीज़ तुम दोनो छोटे बच्चों की तरहा ज़िद मत करो …. तुम दोनो के साथ मैं सो नही पाउन्गि और आज मैं आराम करना चाहती हूँ …… (फिर वो झुक के सुनील के कान में बोली …. मेरे पीरियड्स चल रहे हैं … तंग मत करो ..प्लीज़)

सुनील : तो क्या हुआ … अकेले तो नही छोड़ूँगा तुम्हें… सोनल तुम्हारे साथ रहेगी.
(और सुनील ने सोनल को गोद से उतारा …. फिर जा के बाल्कनी में खड़ा हो गया)

सूमी : उफ़फ्फ़ ये भी ज़िद पकड़ ही लेते हैं.

सोनल : ठीक ही तो कह रहे हैं.

सूमी : समझा कर डार्लिंग ….. दिस ईज़ युवर स्पेशल नाइट ….. यू शुड बी अलोन विद हिम.

सोनल : स्पेशल नाइट तो कल हो गयी ना……. अब जब हम दोनो ही इनकी हैं …. तो क्या इनकी खुशी हमे नही देखनी चाहिए.

सूमी : ओह कैसे समझाऊ तुम दोनो को.

सोनल : कुछ समझाने की ज़रूरत नही …. और जो आप सोच रही हो…. उसकी हमे कोई जल्दी नही है… कभी भी हो जाएगा …… ( वी जस्ट लव ईच अदर आंड दट’स ऑल …. वी ऑल नीड)

तभी सुनील अंदर आता है – दोनो को बोलता है ----तुम दोनो – सो जाओ – मेरा इंतेज़ार मत करना – मैं कुछ देर में आ जाउन्गा.

सुनील फट से निकल जाता है – और सूमी और सोनल मुँह खोले बस देखती रह जाती हैं.


सोनल – धम से बैठ गयी --- ‘आप दोनो ही जिद्दी हो’

सूमी … तू अभी छोटी है नही समझेगी

सोनल – क्या नही समझूंगी … पता है कितना प्यार किया कल मुझे …..उन्हें बस मेरी ही फिकर थी … अपने बारे में तो सोचा ही नही उन्होंने … ऐसे आदमी बड़ी मुश्किल से मिलते हैं … और हम इन्हें तकलीफ़ दे रहे हैं.

सूमी --- हां इनके जैसा करोड़ो में एक ही होगा … पर अभी तो तेरे हनिमून की ढंग से शुरुआत भी नही हुई.

सोनल : और आपका जो अधूरा रह गया मेरी वजह से – उसका क्या. और आप हमारे मिलन की इतनी चिंता क्यूँ कर रहे हो – जब दिल मिल गये हैं तो जिस्म भी एक दिन मिल जाएँगे. जानते हो ना कितना प्यार करते हैं ये आपसे …. इनकी शकल देखने वाली थी – जब आपको सुबह देखा…. क्यूँ इन्हे दुख दे रही हो… नही बर्दाश्त कर पाएँगे – जैसे मेरे लिए ये मेरा पहला प्यार हैं.. आप इनका पहला प्यार हो. हम दोनो को कोई भी तकलीफ़ हो ये नही सह पाएँगे……. क्यूँ ज़िद कर रही हो आप.

सूमी : पति के साथ पहला मिलन …. हर लड़की … के खास वो क्षण होते हैं जो वो किसी के साथ बाँट नही सकती.

सोनल : तो क्या ये ज़रूरी है कि वो पहला मिलन आज ही होना चाहिए – कभी भी हो सकता है. – अब आप जाइए और उनको मना के लाएँ – मेरी नही सुनने वाले वो आज.
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