Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
07-20-2019, 04:23 PM,
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
उसके बाद डाइनिंग टेबल पे शांति रही और कुछ देर बाद नाश्ता ख़तम कर सभी उठ गये….सुनील अपने कमरे में चला गया ….आज वो नहाया ही नही था …तो दरवाजा बंद कर बाथरूम में घुस्स गया…



नहा के सुनील पढ़ने बैठ गया …पर उसका दिल नही लगा पढ़ने में…उठ के वो रूबी और कविता के पास चला गया ….दोनो पढ़ने में लगी हुई थी ….सवी भी वहीं एक कोने में बैठी जाने क्या सोच रही थी…उसे समझ नही आ रहा था कि कल इतनी गहरी नींद क्यूँ आ गयी और सर इतना भारी क्यूँ है सुबह से जब से वो उठी है …ऐसा तो पीने के बाद होता है ..या फिर नीद की दवाई की ज़यादा डोज ले ली हो …दिमाग़ फटने लग गया उसका ….सुनील ने उसपे कोई ध्यान नही दिया और देखने लगा उसकी बहने क्या पढ़ रही हैं….दोनो नर्वस सिस्टम के बारे में पढ़ रही थी…कविता एक जगह उलझ गयी उसे ह्य्पोथलमुस की फ्यूंक्षनॅलिटी समझ नही आ रही थी…उसने नज़र उठाई और रूबी की तरफ देखा शायद उसे पूछना चाहती थी…फिर उसकी नज़र सुनील पे पड़ी और वो पूछ ही बैठी…भाई …ये टॉपिक बिल्कुल पल्ले नही पड़ रहा है …सुनील उसे समझाने बैठ गया और रूबी भी ध्यान से सुनने लगी …दो घंटे कैसे बीत गये पता ही नही चला …..कविता को समझाने के बाद सुनील घर से बाहर निकल गया और मार्केट में जा कर घर के समान की शॉपिंग करने लगा …..3 घंटे उसने ऐसे ही बिता दिए मार्केट में….घर पहुँचा तो सबसे बड़ा सर्प्राइज़ था उसके सामने …..सोनल हाल में बैठी हुई थी…

सुनील कुछ बोलता की सोनल उसे खींचती हुई रूम में ले गयी और दरवाजा बंद कर लिपट गयी उस से.

सोनल….आप कुछ नही बोलोगे …बस लेट जाइए अब ….

सोनल ने ज़बरदस्ती सुनील को लिटा दिया …….’आँखें बंद कीजिए ‘

सोनल सुनील के साथ एक दम चिपकी हुई थी और बड़े प्यार से उसके सर को सहला रही थी…..उसके नर्म हाथों से हो रही मालिश से सुनील को बहुत सकुन मिला और उसकी आँखें बंद होती चली गयी…एक घंटा वो सुनील का सर मल्ति रही …और जब

सुनील गहरी नींद में चला गया तो धीरे से उठी …कमरा बंद किया और बाहर निकल आई ….हाल में उसे सवी मिली ….

सोनल…मासी कुछ बात करनी है ….ज़रा मेरे साथ आओ ( उसका लहज़ा इतना सर्द था जैसे तूफान से पहले की शांति होती है और सवी को यूँ लगा जैसे बर्फ़ीली सूइयां उसके जिस्म में घुस गयी हों ..वो चुप चाप सोनल के पीछे छत तक चली गयी …..)

दोनो कुछ देर एक दूसरे को देखती रही फिर सोनल ने बोलना शुरू किया …..’देखो मासी …तुमने दीदी के साथ जो शर्त लगाई है …उसका मुझ से कोई लेना देना नही …जानती हो ना सुनील कैसा है फिर क्यूँ बार बार उसे कसौटी पे रखने लगती हो ….शरम नही आई तुम्हें दीदी के साथ ऐसी शर्त लगाते हुए ….क्या दुनिया भर की औरतों का और वो भी घर की सभी औरतों की प्यास भुजा ना ठेका ले रखा है सुनील ने ….कितनी बार समझाया …इतनी आग लगी हुई है तो शादी कर लो…लेकिन नही..घूम फिर के तुम सुनील पे आ जाती हो…उसके एग्ज़ॅम्स हैं एक महीने के अंदर और उसे कितनी तकलीफ़ होती है इन हरकतों से नही मालूम क्या तुम्हें …मैं अब कोई बदतमीज़ी बर्दाश्त नही करूँगी …सॉफ सॉफ सुन लो…मासी बन के रहना है तो रहो और एक मासी की ज़िम्मेदारी भी उठाओ …ये सुनील की साली बन उसके करीब जाने की कोशिश मत करना …वरना देर नही लगेगी मुझे …सीधा मुंबई पार्सल कर दूँगी …तुम्हें तुम्हारे बेटे और बहू के साथ…दुबारा सम्झाउन्गी नही …बस कर दूँगी जो करना है ……ये मेरी आखरी वॉर्निंग है ….’

पैर पटकती हुई सोनल सवी को वहीं छोड़ नीचे चली गयी …आज उसका रूप वाक़्य में घायल शेरनी का था….अपने सुनील को वो किसी भी तरहा तड़प्ता हुआ नही देख सकती थी…अब उसे मिनी को रास्ते पे लाना था.

सवी की हालत ही खराब हो गयी सोनल का ये रूप देख कर …रोना निकल गया उसका ….अब वक़्त आ गया था…उसे अपनी जिंदगी से समझोता करना ही था…अब जैसे भी चले ….कुछ लोग ऐसे होते हैं…जिन्हे कभी कुछ नही मिलता…शायद सवी उनमें से एक थी……या उसके सोचने का तरीका ग़लत था…बवंडर उठ रहे थे उसके दिमाग़ में …वहीं छत पे बैठ जाने कितनी देर रोती रही….

सोनल भुन्भुनाती हुई नीचे आई और नॉक कर रमण के कमरे में घुस गयी ……जब से रमण घर आया था….सोनल पहली बार उसके कमरे में घुसी थी …वो भी चन्डीमाई का रूप ले कर गुस्से से लाल पीली होती हुई…

सोनल का ये रूप देख मिनी कुछ बोखला सी गयी …पहली बार वो सोनल को इतना गुस्से में देख रही थी…
सोनल….देखो भाभी …तुम्हारी जो भी पर्सनल प्राब्लम हैं …….वो तुम अपने पति से या अपनी सास से या मेरी माँ से भी डिसकस कर सकती हो….प्लीज़ सुनील के एग्ज़ॅम सर पे हैं…एक महीने तक उसके करीब मत जाना …उसे पढ़ने दो……कल सारी रात तुमने उसे सोने नही दिया …इस तरहा क्या खाक पढ़ेगा वो….एमबीबीएस की पढ़ाई है कोई मज़ाक नही

मिनी ….मैं तो नही गयी थी उसके पास वो ही खुद आया था….(बहुत धीरे से बोली….)

सोनल….वो तो है ही ऐसा किसी के आँसू नही देख सकता …खैर अब जो भी बात करनी हो….एक महीने बाद जब उसके एग्ज़ॅम ख़तम हो जाएँ……वरना मैं कुछ कर बैठूँगी……..फिर वो

रमण की तरफ मूडी ….तुझे क्या हुआ है जो छक्कों की तरहा बिस्तर पे पड़ा रहता है …सारे जख्म ठीक हो चुके हैं तेरे..बस प्लास्टर ही तो रह गया है…हिलना डुलना शुरू कर …वरना दूसरी टाँग भी कमजोर हो जाएगी

और सोनल धड़ से दरवाजा बंद कर निकल गयी …..उसके जाते ही रमण हँसने लगा …..देख लिया …ये होता है घर …..तू सुनील के पीछे पड़ी और उसकी बहन आ गयी चन्डीमाई बन के…….वो फिर हँसने लगा…..

मिनी बस सर झुकाए आँसू टपका रही थी.

सोनल भी रात को ढंग से सो नही पाई थी...वो चुप चाप कमरे में घुसी ...दरवाजा बंद किया...अपना नाइट गाउन पहना और सुनील के पास सो गयी



रात करीब 8 बजे सुनील की नींद खुली तो उसने साथ में सोनल को सोते हुए देखा…उसके चेहरे पे मासूमियत की छटा देख सुनील को उसपे बहुत प्यार आया और उसके माथे पे पड़ी लट हो हटा उसने उसे चूम लिया ….वो हटने ही लगा था कि सोनल ने उसे अपनी बाँहों में लप्पेट लिया और चिपक गयी उसके साथ……सोनल के होंठ कुछ माँग रहे थे और सुनील उनकी भाषा समझ गया ….सुनील उसके चेहरे पे झुकता चला गया और दोनो के होंठ आपस में सट गये….दोनो को ही एक दूसरे के इतने करीब आ कर बहुत राहत मिली ….सुनील धीरे धीरे उसके होंठ चूसने लग गया…और सोनल अपने होंठों की मदिरा उसे पिलाती रही ……….तभी दरवाजे पे नॉक हुआ और दोनो अलग हो गये….सुनील ने दरवाजा खोला तो सामने रूबी खड़ी थी …अब ना तो सवी की हिम्मत थी और ना ही मिनी के अंदर हिम्मत थी …कि इस कमरे का दरवाजा खटखटा सकें….रूबी के चेहरे पे शरारती मुस्कान थी …बहुत धीरे से बोली…अब भाभी को तंग करना बंद करो और खाने के लिए आ जाओ ….सुनील उसे एक लगाने को लपका और वो हँसती हुई भाग गयी … सुनील को भी हँसी आ गयी उसकी चुहलबाजी पर ….

सुनील…सोनल उठो खाना लग गया है …चलो ..

सोनल उठते हुए ….आप यहीं बैठो मैं खाना यहीं ले कर आ रही हूँ….सारा दिन आपका बर्बाद हो गया….अब चुप चाप पढ़ने बैठ जाइए …….

सुनील बस सोनल को देखता ही रह गया…उसकी बात को नही टाल सकता था…और वो कह भी तो ठीक रही थी…

सुनील वहीं बिस्तर पे बैठ गया और सोनल का इंतेज़ार करने लगा….सोनल पूरी तरहा ठान चुकी थी…अब वो हर संभव तरीके से सुनील को मिनी और सवी से दूर रखेगी …ताकि वो अपने एग्ज़ॅम पे फोकस कर सके.

डिन्नर टेबल पर मिनी नही आई थी और सवी मुँह लटका के बैठी थी…

कविता ….दीदी भाई नही आएँगे

सोनल …नही अब वो अपने कमरे में ही खाएँगे …जब तक एग्ज़ॅम नही होते उन्हें डिस्टर्ब मत करना…कुछ पूछना हो तो मैं हू ना.

रूबी …हां ये ठीक है दीदी वरना कोई भी उन्हें तंग करने लग जाता है…रूबी का इशारा सवी की तरफ था.

सोनल प्लेट में दोनो का खाना डाल कर कमरे में चली गयी ……

खाना खाते वक़्त ….सोनल….अब आप सिर्फ़ पढ़ाई पे ध्यान देंगे …आपको सब कुछ यहीं कमरे में मिलेगा….बहुत कर लिया सब के लिए …बस अब जब तक एग्ज़ॅम नही होते आप अपना दिमाग़ किसी के लिए खराब नही करेंगे.

सुनील….यार ऐसा भी क्या हो गया …

सोनल…उस कलमूहि ने कल रात खराब कर दी ना आपकी और आज का सारा दिन भी चला गया…बस अब और नही …एग्ज़ॅम के बाद देखेंगे क्या करना है इन मुसीबतों का.

सुनील…ऐसे नही बोलते यार आख़िर वो…

सोनल…आप तो अब रहने ही दीजिए ….दुनिया भर का दर्द आपने ही तो उठाना है …क्यूँ ? पर अब ऐसा नही होगा….

सुनील…तो इसीलिए तुम कान्फरेन्स बीच में छोड़ आ गयी …

सोनल….तो क्या करती …वो कलमूहि आपका दिमाग़ खराब करती रहती …तो पढ़ लेते आप. बस अब ज़यादा बाते नही ….पढ़ने बैठ जाइए आप.

सोनल बर्तन उठा बाहर चली गयी और सुनील के लिए कॉफी बनाने लगी …….

सुनील भी चुप चाप पढ़ने बैठ गया.

सोनल भी कुछ देर पढ़ती रही और घंटे बाद अपनी किताबें एक साइड रख वो किचन में चली गयी …सुनील के लिए कॉफी बनाने ….उस वक़्त सविता मुँह लटकाए हाल में बैठी जाने क्या सोच रही थी…सोनल ने उसकी परवाह ना करी ….एर कफ्फी बना के अंदर कमरे में चली गयी …फिर वहीं सुनील के पास बैठ गयी जैसे उसकी चोकीदारी कर रही हो और हर आनेवाली बला को उसके पास फटकने से रोक रही हो..

कॉफी पीता पीता सुनील अपनी किताबों में खोया रहा ….ऐसे ही रात के 12 बज गये और सोनल फिर जा के सुनील के लिए कॉफी लिए आई …सुनील पढ़ता रहा और रात के 2 बज गये….तब

सोनल उठी और सुनील के हाथों से किताब ले ली….बस बहुत हो गया…अब सो जाइए ….

सुनील….यार नींद नही आ रही दिन भर तो सोया रहा…..

सोनल ….अभी आ जाएगी ….

इतना बोल वो बाथरूम घुस गयी अपने कपड़े बदले और एक शोला बन के बाहर आ गयी ….वैसे तो सोनल के पीरियड्स चल रहे थे लेकिन उसने आज सुबह ही एरपोर्ट पे हॉर्मोनल टॅब्लेट्स ले ली थी..ताकि पीरियड्स रुक जाएँ और रात तक उनका असर भी हो गया…इस वक़्त सोनल अपने सुनील के लिए तयार थी….लेकिन…आज वो चाहती थी कि सुनील आराम से सो जाए …ताकि जो मानसिक तनाव उसे कल हुआ था …उस से दूर हो जाए ……
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी - by sexstories - 07-20-2019, 04:23 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,474,315 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 541,477 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,221,404 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 923,456 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,638,634 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,068,104 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,929,737 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,987,032 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,005,126 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,374 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)