RE: Bahu ki Chudai बहुरानी की प्रेम कहानी
“तेरा सरप्राइज अच्छा लगा अदिति बिटिया, अभी देख कैसे घुसता है तेरी छुटकी में!” मैंने कहा और उठ कर बहूरानी की ड्रेसिंग टेबल से हेयर आयल की शीशी में से तेल लेकर लंड को अच्छे से चुपड़ लिया और दो तीन बार फोरस्किन को आगे पीछे कर के लंड को चूत के द्वार पर रखा और धीरे धीरे ताकत से आगे धकेलने लगा.
ऐसे तीन चार बार करने से मेरी कोशिश रंग लायी और मेरा सुपाड़ा बहू की चूत में घुसने में कामयाब हो गया. मैं इसी पोजीशन में गहरी गहरी सांसें भरता हुआ लंड को आगे पीछे डुलाता रहा. कुछ ही देर में लगा की चूत कुछ नर्म पड़ गयी है. बस अब क्या था; बहूरानी के दोनों मम्में कस कर दबोच कर लंड को पूरी ताकत से फॉरवर्ड कर दिया उसकी चूत में.
इस बार पूरा लंड जड़ तक समा गया बहू की चूत में. मुझे ऐसा लगा जैसे मेरा लंड किसी ने अपनी मुट्ठी में पकड़ कर ताकत से दबा रखा हो.
उधर बहू रानी के चेहरे पर तकलीफ के चिह्न दिखाई दिए.
“वेलडन, पापा… यू हेव डन इट. नाउ फ़क मी लाइक एनीथिंग.” बहू रानी मुझे चूमते हुए बोली.
“वो तो अब चोदूँगा ही तेरी चूत को. पहले ये बता कि आज तेरी चूत ऐसी टाइट कैसे हो गयी?” मैंने अधीरता से पूछा.
“पापा जी क्या करोगे आप ये जान के. ये तो हम लेडीज का सीक्रेट हैं.”
“अरे बता तो सही, कैसे चिपका ली अपनी चूत तूने?”
“पापा जी, आपको क्या लेना देना इससे… आपने मुझे जीत लिया अब जैसे चाहो चोदो मुझे… ऍम हॉर्नी नाउ… फाड़ दो इसको!”
“नहीं, पहले बता तू, तभी चोदूँगा तेरे को!” मैंने भी जिद की और अपना लंड उसकी चूत से निकाल लिया.
“लेकिन आप जान के क्या करोगे?”
“तेरी सासू माँ की चूत भी ऐसी ही टाइट करके सरप्राइज दूंगा उसे.” मैंने कहा.
“ओह पापा जी, आप भी ना. अच्छा सुनो वो होती है न… उसे… … …” बहूरानी ने मुझे घिसी पिटी ढीली ढाली चूत को फिर से कुंवारी चूत की तरह टाइट कर लेने का उपाय बताया.
“इस प्रयोग को क्या कोई भी कर सकती है?” मैंने पूछा.
“नहीं पापा जी, स्त्री की उम्र उसकी चूत की बनावट और ढीलेपन के अनुसार ही इसका प्रयोग कुछ फेर बदल के साथ किया जाता है.”
“ह्म्म्म… बढ़िया. तो बेटा ये बता कि ये ज्ञान तुझे किसने दिया?”
“पापा जी, वो मेरी बड़ी मामी हैं न वो बुरहानपुर में आयुर्वेदाचार्य हैं. उनसे मेरी सहेलियों की तरह बातें होती हैं; एक बार उन्ही ने ये सब प्रयोग मुझे बताये थे. मैंने इस्तेमाल आज पहली बार ही किया है. ऐसे प्रयोग कई तरह के हैं मैं वो सब आपको बता दूंगी.”
“बढ़िया लगा. अब घर जा के तेरी सासू माँ की चूत की खबर लेता हूँ.” मैंने कहा और बहूरानी की तंग चूत में अपना मूसल पेलने लगा.
थोड़ी देर की मेहनत के बाद चूत की पकड़ कुछ लूज हुई तो लंड आराम से मूव करने लगा. बस फिर क्या था, मैंने बहूरानी के दोनों पैर अपने कन्धों पर रखे और उसकी दोनों चूचियां दबोच के चुदाई शुरू कर दी, पहले आराम से धीरे धीरे, फिर तेज और तेज फिर पूरी बेरहमी से. ऐसा लग रहा था जैसे किसी नयी नवेली चूत की पहली पहली चुदाई हो रही हो.
बहू रानी भी मस्ता गयी अच्छे से और कमर उठा उठा के हिचकोले खाती हुई लंड का मज़ा लेने लगीं.
मैं थोड़ी देर रिलैक्स करने के लिए रुक गया. मेरे रुक जाने से बहूरानी ने मुझे प्रश्नवाचक दृष्टि से देखा जैसे आंखों ही आंखों में पूछ रही हो कि रुक क्यों गए.
“बस बेटा एक मिनट” मैंने कहा और लंड को उसकी चूत से बाहर खींच लिया. चूत से ‘पक्क’ जैसी आवाज निकली जैसे कोल्ड ड्रिंक का ढक्कन ओपनर से खोलते टाइम निकलती है.
बहूरानी की चूत रस से सराबोर होकर बहने लगी थी, मैंने नेपकिन से उसकी चूत और अपने लंड को अच्छे से पोंछा और चूत में उंगली घुसा कर भीतर की चिकनाई निकाल कर अपने टोपे पर चुपड़ी और बहू को घोड़ी बना कर लंड को फिर से चूत के ठीये पर रख कर धकेल दिया.
इस बार भी लंड को ठेलना पड़ा तब जा के रगड़ता हुआ घुस पाया.
“आह…धीरे पापा जी. चूत की चमड़ी खिंच रही है.” बहू रानी बोली.
“अदिति बेटा तुम्ही ने तो अपनी चूत कस ली है, अब लंड को थोड़ा सहन करो.” मैंने कहा और धीरे धीरे चोदने लगा बहू को.
एकाध मिनट की चुदाई के बाद बहूरानी की चूत रसीली हो उठी और लंड चूत में सटासट चलने लगा.
“आह… वंडरफुल चुदाई… लव यु माय ग्रेट पापा.” वो बोली और अपनी चूत ऊपर उठा दी.
मैं भी थोड़ा सा ऊपर को खिसका और जम के धकापेल उसकी चूत बजाने लगा. बहूरानी की चूत बिल्कुल वैसा मज़ा दे रही थी जैसे किसी कुंवारी गर्लफ्रेंड की चूत देती है.
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