RE: Bahu ki Chudai बहुरानी की प्रेम कहानी
अभी तक इस फ्री सेक्सी कहानी में आपने पढ़ा कि मैंने रात को अपनी पुत्रवधू को फर्स्ट क्लास ए सी के प्राईवेट केबिन में पूरा मजा लेकर और देकर चोदा. पूरे डेढ़ साल बाद मैंने अपनी कामुकता से भरपूर बहू की चूत की चुदाई की थी.
अब आगे क्या हुआ, कहानी का मजा लें:तभी पेंट्री कार का स्टाफ चाय नाश्ता लेकर आ गया, साथ में ताजा न्यूज़पेपर भी था.
इन सबसे निपट कर हम दोनों यूं ही बातें करते रहे कि शादी में क्या क्या होना है.ये… वो…मैं बीच बीच में बहू का हाथ अपने हाथ में लेकर सहलाता रहा, बहू के बदन को भी बिना किसी हिचक के यहाँ वहां छूकर बातें कर रहा था. बहू भी मुझसे पूर्ण रूपेण स्वछंद उन्मुक्त मित्रवत व्यवहार कर रही थी.ऐसे ही बातें करते करते दोपहर के एक बजे से ऊपर ही टाइम हो गया. लंच भी सर्व हो गया. हम लोग लंच करके दो बजे तक फ्री हो गये.ट्रेन की लम्बी जर्नी में कुछ करने को तो होता नहीं, बस खाओ, पियो और सोओ. लेकिन मेरे साथ तो बहूरानी थी और हम लोगों का ट्रेन से दिल्ली जाने का एक ही उद्देश्य था – चुदाई चुदाई और चुदाई!
“अदिति बेटा, अब आजा फिर से!”“क्यों आऊँ पापा जी… मैं तो यहीं ठीक हूं!”“अरे आ ना टाइम पास करते हैं दोनों मिल के!”“टाइम तो अच्छे से पास हो रहा है मेरा यहीं बैठे बैठे!”“बेटा जी, इस कूपे का हजारों रुपये किराया दिया है हमने. अभी दिल्ली पहुँचने में 18 घंटे बाकी हैं. चल आ जा अपने पैसे वसूल करें!”
“वो कैसे करोगे पापा जी?”“जैसे कल रात किये थे.”“रहने दो पापा… मेरी नीचे वाली अभी तक दुःख रही है. आपने तो कल बिल्कुल बेरहम, निर्दयी बन के कुचल दिया मुझे. जरा भी रहम नहीं आया आपको अपनी बहूरानी पर?”“अच्छा, अब तू मुझे ही दोष दे रही है? रात को तू ही तो ‘लव यू… लव यू…’ बोल कर कह रही थी- कुचल डालो इसे… फाड़ के रख दो मेरी चूत आज… बहुत सताती है ये!“इसका मतलब यह थोड़ी न के आप सच में ही रौंद डालो मेरी कोमल जगह को बेरहमी से; चाहे कोई जिये या मरे; आपकी बला से!”बहूरानी थोड़ा तुनक कर बोलीं लेकिन उनकी आँखें से शरारत झलक रही थी.
“और जो अभी सुबह सुबह तू मुझे थैंक्स बोल रही थी वो किसी ख़ुशी में था?”“वो तो ऐसे ही आपका दिल रखने के लिये; रात में आपने इतनी कठोर मेहनत जो की थी न मेरे ऊपर चढ़ के!”“और अब क्या इरादा है मेरी प्यारी प्यारी बहूरानी का?”“पापा जी, जो आप चाहो… आखिर हमने हजारों रुपये रेलवे को पे किये हैं, उसमें से जितने वसूल हो जायें उतना अच्छा!”“यह हुई न बात!” मैं बोला और बहूरानी को अपनी गोद में घसीट लिया.
“अदिति बेटा, तेरी ये नीचे वाली सच में दुख रही है?” मैंने उनकी चूत सलवार के ऊपर से ही सहलाते हुए पूछा.“हा हा हा, अरे नहीं पापा जी. मैं तो बस ऐसे ही हंसी ठट्ठा कर रही थी. ये ससुरी ना दुखती… इसे तो लंड से जितना मारो पीटो… उतनी ही ज्यादा खुश होती है बेशरम!” बहूरानी जी खनकती हुई हंसी हंसी.बहू रानी आगे बोली- यह आपकी चहेती हो गई है, बिगड़ गई है, पूरी की पूरी ढीठ हो गई है, हद कर दी इसने तो बेशर्मी की!
“तो फिर आ जा मेरी रानी… कुछ नया करते हैं अब इसके साथ!” मैंने कहा- बोलो बहूरानी… क्या ख्याल है?“अब और क्या नया होना बाकी रह गया पापा जी… सब कुछ हर तरीके से तो कर चुके आप मेरे साथ. वो घुसेगा तो मेरी ही में है न?”“अरे वो नहीं घुसेगा तेरी में; अभी तो सिर्फ एन्जॉय करेंगे अलग तरीके से!”“अच्छा ठीक है, बताओ क्या करना है?” बहूरानी बोली.
“पहले तू पूरी न्यूड हो के बैठ जा मेरे सामने मुंह करके!”“धत्त, दिन में ही?” बहू रानी बोली.“अरे बेटा दिन रात से क्या फर्क पड़ता है, चल आ जा!”
बहू रानी ने पहले कूपे को चेक किया कि वो अन्दर से ठीक से बंद है या नहीं… फिर पहले अपनी बाहें ऊपर उठा कर अपना कुर्ता और सलवार का नाड़ा खोला और सलवार भी उतार डाली.आह… क्या गजब का हुस्न दिया है ऊपर वाले ने मेरी बेटी सी बहू अदिति को. सिर्फ ब्रा और पैंटी में मेरी बहूरानी की जवानी क़यामत ढा रहीं थी. डिजाइनर ब्रा में बहू के मम्में और भी दिलकश लग रहे थे और उसकी पैंटी में वो उभरी हुई चूत… चूत का त्रिभुज और लम्बी सी दरार बिल्कुल साफ़ साफ़ दिख रही थी पैंटी के ऊपर से! पैंटी के ऊपर चूत की दरार इस तरह से दिखे तो पोर्न की दुनिया में इसे कैमल टो Camel toe कहते हैं.
ससुर और बहू की कामवासना और चुदाईमुझे अपनी बहू की कैमल टो बहुत सेक्सी लगी तो मैंने अपना स्मार्ट फोन निकाल कर उसकी पैंटी की एक फोटो खींच ली.
मैंने बहूरानी का हाथ पकड़ के अपने पास खींचा और पहले तो पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत की जो दरार दिख रही थी, उसमें उंगली फिराई, फिर बहू की पैंटी थोड़ी सी साइड में सरका कर उसकी नंगी चूत की दरार में उंगली फिराई और फिर चूत को चूम लिया.
|