RE: Bahu ki Chudai बहुरानी की प्रेम कहानी
देसी गर्ल कम्मो मजे से वो सब नंगे फोटो और चुदाई के वीडियो देखती रही. फिर उसने मेरे मोबाइल में देखते हुए अपनी टांगों के बीच हाथ ले जाकर जल्दी जल्दी कहीं खुजाया और कुछ देर अपना हाथ वहीं रखे रही; मैं समझ गया कि वो अपनी चूत का दाना मसल रही थी.
कोई पंद्रह मिनट तक हो यूं ही मेरा फोन खंगालती रही. फिर उसने फोन वहीं सीट पर रख दिया और सामने वाली सीट से सिर टिका कर आँखें मूंद कर गहरी गहरी सांसें लेने लगी. सांस के उतार चढ़ाव के साथ उसके बूब्स भी जैसे उठ बैठ रहे थे. उसकी चूत भी जरूर पक्का गीली हो चुकी होगी.
फिर थोड़ी देर बाद …
“क्या हुआ कम्मो नींद आ रही है तुझे?” मैंने उसे कहा.
“नहीं तो. मैं बस ऐसे ही ऊंघ रही थी.” वो बोली और सीधी बैठ गयी.
मैंने देखा उसका गुलाबी चेहरा और भी गहरा गुलाबी हो उठा था. उसकी आँखों में लाली तैर रही थी जैसे नशे में हो और चेहरे पर जैसे हवाइयां सीं उड़ रहीं थीं. ये सब लक्षण इस बात के परिचायक थे कि उसकी गीली चूत बुरी तरह फड़क रही थी, वो वासना की आग में झुलस रही थी. चुदवाने की लालसा उसके चेहरे पर स्पष्ट झलक रही थी. मैं जैसा चाहता था ठीक वैसा ही असर हुआ था उस पर. मैं जिस मुकाम पर उसे लाना चाहता था वो आ चुकी थी. आग लग चुकी थी उसकी टांगों के बीच में. अब आगे के हालात मुझे बड़े चातुर्य से सम्भालने थे. अनजान शहर में किसी भी परिचित जवान लड़की या महिला की पैंटी उतरवा कर उसकी टाँगें उठवा देना इतना आसान भी नहीं होता चाहे वो कितनी भी चुदासी लंड की प्यासी और चुदने को पूरी तरह तैयार ही क्यों न हो.
हर लड़की या औरत पहले सुरक्षित माहौल चाहती है. अतः मैंने सोच लिया कि मुझे बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ना है. एक तो दिल्ली जैसा अनजाना शहर, राजधानी है देश की; जहां कदम कदम पर सी सी टीवी कैमरे लगे हैं. कोई लफड़ा हो गया तो कौन संभालेगा. और मान लो अगर कम्मो चुदने को राजी है भी तो मैं उसे चोदूंगा कहां?
किसी होटल में जाना भी खतरे से खाली नहीं है. एक तो देसी गर्ल कम्मो की वेश भूषा उसका बोल चाल, उसकी बॉडी लैंग्वेज … बात करने का तरीका एकदम देहाती स्टाइल वाला है तो ऐसी लड़की का मेरे साथ होटल में जाना लोगों को अटपटा लगेगा और खटकेगा ही, फिर सबसे बड़ी बात हमारे पास कोई सूटकेस या अन्य कोई सामान भी नहीं है. यूं खाली हाथ मुंह उठाये किसी होटल में चेक इन करना अपनी मुसीबत बुलाने जैसा ही है, अगर बात बिगड़ गयी तो मैं तो कुछ कर नहीं पाऊंगा और कई लोग मिल कर कम्मो को जरूर नोंच डालेंगे. हो सकता है पुलिस केस भी बन जाए और शाम की ब्रेकिंग न्यूज़ में मैं सुर्ख़ियों में आ जाऊं; दिल्ली तो वैसे ही देह शोषणकर्ताओं से भरी पड़ी है.
नहीं नहीं … मैं कम्मो पर कोई आंच आने नहीं दे सकता. लड़की जात है, सफ़ेद बेदाग़ कोरी चादर जैसी होती है जरा सा दाग लग जाए तो फिर जिंदगी भर पीछा नहीं छोड़ता.
ऐसे सोचते सोचते मुझे उस निर्भया का केस याद हो आया और मुझे पसीना आ गया. फिर सोचा कि दिल्ली में ऐसे होटल भी जरूर होंगे जहां लोग लड़की लेके जाते होंगे घंटे दो घंटे के लिए पर मुझे वो सब नहीं पता था. मतलब होटल में जाने का ऑप्शन किसी काम का नहीं.
तो फिर ऐसे में और क्या ऑप्शन हो सकता है? सबसे बड़ी बात कि मेरे पास और रुकने का टाइम भी नहीं है, आज रात में शादी है और कल शाम को मेरा वापिस घर अकेले जाने का तय था, ट्रेन की कन्फर्म टिकट जो थी. मेरी बहूरानी अदिति को तो अभी कुछ दिन रुक कर अपनी नयी भाभी के साथ कुछ दिन बिता कर बाद में फ्लाइट से वापिस बंगलौर जाना था.
तो क्या मैं अपना जाना कैंसिल करके अदिति बहूरानी की हेल्प लूं कम्मो को चोदने में? वही कोई जुगाड़ फिट कर सकती थी धर्मशाला में … पर क्या बहूरानी तैयार होगी इसके लिए?
नहीं, वो कभी नहीं राजी होगी ऐसा काम करवाने के लिए. मैं खूब समझता हूं अपनी बहू के नेचर को. हमारे बीच जो अनैतिक सम्बन्ध परिस्थितिवश बने वो अलग बात है पर मैं अच्छे से जानता हूं मेरी बहू कोई बिगड़ी या बदचलन नहीं है जो मुझे कोई लड़की पटा के सौंप दे और चुदाई की व्यवस्था भी बना दे.
और मैं किस मुंह से बहू से कहूंगा कि मुझे उसकी भतीजी कम्मो की चूत मारनी है तू जगह का इंतजाम कर दे? नहीं … मैं ऐसी ओछी और घटिया बात अपने मुंह से कभी नहीं निकाल सकता; अगर कह भी दिया तो एक तो बहू कभी मानने वाली नहीं है दूसरे मैं उसकी नज़रों से और हमेशा के लिए गिर जाऊंगा और जो उसकी चूत का सहारा अभी है वो भी छिन जाएगा मुझसे.
अब या तो जो कुछ करना है अपने बलबूते पर करना है या नहीं … और फिर अभी कम्मो ही कौन से तैयार हो गयी है चुदने के लिए!
ऐसी ऐसी बातें सोचते सोचते मेरा दिमाग भन्ना गया. अन्त में तय किया कि कम्मो की चुदाई कैंसिल. मैं कोई रिस्क नहीं ले सकता. हां इतना जरूर करूंगा कि कहीं कोई मौका देख कर चूमा चाटी हो जाय और कम्मोके मम्में दबाने सहलाने को मिल जायें बस. वो कहते हैं न कि भागते भूत की लंगोटी भी बहुत होती है.
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