non veg kahani आखिर वो दिन आ ही गया
07-29-2019, 11:55 AM,
#6
RE: non veg kahani आखिर वो दिन आ ही गया
मैं इन लफ़्ज़ों का मतलब नहीं समझा लेकिन वहाँ से चला आया और कामिनी को ढूँढने लगा। कामिनी मुझको सामने घास पर उल्टी लेटी मिली। मैं जाकर उसके ऊपर चढ़ गया और बोला-“कामिनी चल आज हम दोनों दीदी वाला खेल खेलें। मैं तेरी मालिश करता हूँ तू मेरे लंड से खेल…”

कामिनी बोली-“भाई… दीदी के मम्मे तो बहुत बड़े हैं मेरे तो छोटे हैं अभी। मैं इनके दरमियाँ कैसे फसाउन्गी तुम्हारा लंड…”

मैं बोला-“अरे तो तू हाथों से सहला तो देगी ना… सच बहुत मजा आता है…”

वो बोली-“हाँ… भाई मजा तो आता है। अरे… क्या मेरी चूत से भी पानी निकलेगा…”

मैं बोला-“पता नहीं…”

फिर हम दोनों खेल में मशरूफ हो गये। मैं उसकी मालिश करते करते थक गया और वह मेरा लंड रगड़ती रगड़ती लेकिन ना उसका पानी निकला और ना मुझको वह मजा आ रहा था जो बाजी देती थीं।

आख़िरकार, मैं रुक गया और कहा-“खेल ख़तम। अब भूख लग रही है…”

मैं और कामिनी उठकर चलने लगे तो देखा की बाजी करीब ही बैठी थीं और दिलचस्पी से हम दोनों को देख रहीं थीं। उन्होंने पूछा-“क्या हुआ कामिनी तेरी चूत से कुछ निकला…”

कामिनी बोली-“नहीं दीदी बस मुझको तो पेशाब आने लगा है…”

फिर मुझसे पूछा-“तेरे लंड से कुछ निकला प्रेम?”

मैंने मुँह बनाकर कहा-“नहीं दीदी कुछ भी नहीं और मजा भी नहीं आया…”

वो बोलीं-“अरे मजा नहीं आया तुम दोनों को…”

हमने नहीं में सिर हिला दिए-“नहीं दीदी आपके साथ खेलकर मजा आता है…”

दीदी कुछ सोचते हुये बोलीं-“चलो आज मैं एक नया खेल सिखाती हूँ। इस खेल का नाम है प्रेम का लंड…”

मैं हैरान रह गया। मैंने कहा-“दीदी यह कैसा खेल है…”

वो बोली-“भाई इसमें तुम्हारे लंड से पानी निकालेंगे…” इसी तरह का खेल हम सब खेलेंगे और हर एक का खेल उसके नाम का होगा यानी, “राधा की चूत” या “कामिनी की चूत”

मैं जल्दी से बोला-“लेकिन दीदी कामिनी की चूत तो खुश्क है उससे पानी नहीं छूटता बस पेशाब निकलता है…” और यह कहकर मैं अपनी बात पर खुद ही हँस पड़ा।

कामिनी कुछ दूर बैठी पेशाब कर रही थी, सिर घुमाकर उसने मुझे देखा और गुस्से से उठकर मेरे पीछे भागने लगी। पेशाब के चंद कतरे उसकी चूत से फिसलकर अब भी रानों पर बह रहे थे। दीदी ने उसको रोक लिया और बोली-“अरे रुक कामिनी इधर आ…”

फिर वह झुक कर कामिनी की चूत से बहते पेशाब के कतरे जो उसकी रानों और चूत के आस पास लगे थे उनको उंगली से छूने लगी, वह चिपक रहे थे-“अरे मेरी बहन तेरी चूत से तो तू कह रही थी पानी नहीं छुड़वाया प्रेम ने… यह देख यह क्या है?”

मैं भी करीब आ गया और उसकी चूत में थोड़ी सी उंगली डाल दी। वह गीली थी पेशाब की वजह से, फिर उसको अपनी उंगली और अंगूठे से देखा तो वह पेशाब ना था। वह तो कुछ और था, बिल्कुल दीदी की चूत से निकले पानी की तरह। लेसदार और महक मारता हुआ-“अरे हाँ कामिनी… तेरी चूत खुश्क नहीं है, यह पेशाब के इलावा भी कुछ छोड़ती है…” और यह कहकर भाग खड़ा हुआ। और कामिनी मेरे पीछे। 9

इसी तरह शब-ओ-रोज गुज़रते रहे।

कुछ दिन बाद दीदी बोली-“चल प्रेम आज तेरे खेल का दिन है। आज मैं और कामिनी तेरे लंड से पानी छुड़वायेंगे…”

मैंने कहा-“हाँ दीदी… चलो खेलें…”

हम अपने झोपड़े में थे वहाँ हमने सूखी हुई घास से अपने बिस्तर तैयार किए थे। दीदी ने मेरे बिस्तर पर मुझको मलटा दिया और कहा-“प्रेम अपना जिस्म ढीला छोड़ दो और दोनों टांगें खोल लो…”

मैंने ऐसा ही किया। कामिनी नाररयल का तेल ले आई (कोकोनट ओयल), लेकिन दीदी बोली-“नहीं कामिनी हम प्रेम को आज बगैर तेल के छुड़वायेंगे…”

कामिनी बोली-“दीदी बगैर तेल के भाई के लंड से पानी कैसे निकलेगा…”

वह बोली-“बस तू देखती रह… आज मैं तुझको दिखाती हूँ। तुम और प्रेम बाद में चाहो तो खेल लेना लेकिन दिन में बस एक बार वरना बीमार हो जाओगे। जिस्म का सारा पानी निकल जाए तो इंसान मर जाता है। मैं और कामिनी यह सुनकर डर गये, और सिर हिलाने लगे।

दीदी कुछ देर मेरी रानें सहलाती रही और धीरे धीरे मेरा लंड बड़ा होता गया।

रीडर्स ये यह जेहन में रखें की यह वाकिया जब के जब हमें इस जजीरे पर आए 6 साल हो चुके हैं। मैं ***** साल का हूँ, दीदी 21 साल की मुकम्मल हसीन लड़की भरे भरे जिस्म वाली जिसका जिस्म मुकम्मल है अपनी तमाम गहराइयां, गोलाइयां लिए हुये जबकी मेरी छोटी बहन अब **** बरस की है। उसका जिस्म मुकम्मल गोल नहीं उसकी छातियां छोटी और थोड़ी नोकीली हैं।

खैर, तो मंजर पर वापिस लौटते हैं।

दीदी मेरी रानें और जिस्म अपने कोमल हाथों से सहलाती रहीं फिरट अचानक दीदी ने मेरे सीने पर सिर रखा और उसको चूमने लगीं। मैं हैरान रह गया, दीदी मुझको प्यार क्यों कर रहीं हैं। फिर उन्होंने मेरे होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और चूसने लगीं। मैं उनका जिस्म बेहद गरम होते महसूस कर रहा था। वह तकरीबन मेरे ऊपर सवार थीं, लेकिन मेरी तो लज़्जत के मारे बुरा हाल था। वह मेरे सीने की चुचको चूसने लगीं। मैं पागल हो रहा था, मेरा जिस्म बहुत गरम हो रहा था। मैं समझ रहा था शायद मुझको बुखार हो रहा है। दीदी कुछ देर मेरा जिस्म चाट्ती रहीं। मेरी नजर मेरे लंड पर पड़ी, वह बेहद तना हुआ गरम होकर आहिस्ता आहिस्ता झटके ले रहा था और उसमें से पानी की दो तीन बूँदें सी टपक रहीं थीं।


मैं एक लम्हे को मजे को भूल गया और दीदी से बोला-“दीदी देखो मेरा लंड पानी छोड़ रहा है…”

दीदी हैरान हुई-“हैं… इतनी जल्दी…” लेकिन फिर लंड को देखकर बोली-“अरे पगले यह नहीं है, तेरा तो फौवारा छूटेगा फौवारा, बस तू देखता जा…” और यह कहकर बाजी ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया।
Reply


Messages In This Thread
RE: non veg kahani आखिर वो दिन आ ही गया - by sexstories - 07-29-2019, 11:55 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,408,738 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 534,095 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,194,907 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 903,219 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,602,869 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,036,907 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,878,592 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,812,118 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,939,968 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 276,436 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)