RE: Kamukta Kahani अहसान
अपडेट-42
उसके बाद मैं ऑर लाला दोनो कार मे बैठ कर निकल पड़े. कुछ ही देर मे लाला मुझे आबादी से निकाल कर ऐसी जगह ले गया जहाँ ना तो कोई ऊँची बिल्डिंग थी ना हो कोई चका-चोंध थी. रास्ता एक दम सुनसान था अंधेरी रात अपने पूरे शबाब पर थी. सिर्फ़ हेड लाइट ही थी जिसकी रोशनी से हमे सामने का नज़र आ रहा था वरना आस-पास कही कोई आबादी नही थी इसलिए मुझसे रहा नही गया ऑर मैने पूछ लिया...
मैं : लाला हम कहाँ जा रहे हैं?
लाला : भाई तुमको बताया तो था कि जापानी ऑर सूमा भी तुझसे मिलना चाहते हैं.
मैं : ऑर कितना दूर है....
लाला : बस 15 मिंट आँख बंद करके बैठ ऑर समझ पहुँच ही गये (गाड़ी की स्पीड बढ़ाते हुए)
कुछ ही देर मे गाड़ी अपनी फुल स्पीड पर थी ऐसा लग रहा था जैसे गाड़ी दौड़ नही रही बल्कि उड़ रही है लाला एक दम मेरे जैसे गाड़ी चला रहा था. शायद इसलिए मुझे भी ऐसी तेज़ गाड़ी चलाने की आदत थी. लाला ने 15 मिंट से भी कम वक़्त मे एक बस्ती मे गाड़ी को घुसा दिया जहाँ गलियाँ बेहद तंग थी लोग सड़को पर ही बैठ कर अपना समान बेच रहे थे लाला को ऑर मुझे देख कर सब लोग हैरान हो रहे थे ऑर हाथ उठा कर मुझे सलाम कर रहे थे मुझे बार-बार सबके सलाम का जवाब देना पड़ रहा था इसलिए जब तक गाड़ी उस गली से गुज़रती रही मैने अपना हाथ हवा मे उठा कर ही रखा. कुछ ही देर मे एक ऐसी जगह लाला ने गाड़ी रोक दी जो बाहर से देखने मे किसी गॉडाउन जैसा लग रहा था लेकिन अंदर से बहुत शोर आ रहा था. मैं बड़े गौर से उस जगह को देखने लगा मुझे जाने क्यो वो जगह मुझे जानी-पहचानी सी लग रही थी.
मैं : लाला ये कौनसी जगह है...
लाला : चल भाई तुझे मर्दो वाला खेल दिखाता हूँ (कार रोकते हुए)
मैं : (कार का गेट खोलते हुए) चल....
उसके बाद मैं ऑर लाला उस जगह के अंदर चले गये वहाँ बहुत ज़्यादा भीढ़ थी यहाँ तक कि सही से खड़े होने की भी जगह नही थी लोग एक दूसरे पर चढ़ रहे थे इतना बूरा हाल था तभी लाला ने अपनी जेब से फोन निकाला ऑर किसी को फोन किया....
लाला : हल्लो....भेन्चोद बुलाने से पहले ये तो बता देता कि यहाँ दबा के मारना है हम को....
लाला : हाँ साथ ही आया है...यार कहाँ से आएँ यहाँ पैर रखने की जगह नही है....
लाला : साला इसी लिए मैं यहाँ आता नही हूँ....
लाला : अच्छा ठीक है....
लाला : ओके भाई 5 मिंट मे मिलते हैं बस
उसके बाद उसने फोन काट दिया.....
लाला : चल भाई शेरा इसके बीच मे से ही निकलना पड़ेगा.... जानता है तेरी ऑर जापानी की ये मनपसंद जगह है तुम दोनो सारा दिन यही पड़े रहते थे.... (हँसते हुए) यार तू यहाँ सारा दिन रहता कैसे था मुझे तो ये समझ नही आ रहा ये भीढ़ मे निकलते हुए मेरी तो जान निकल जाएगी तू पता नही कैसे जाता था.
लाला की ये बात सुनकर जाने मुझे ऐसा क्यो लगा कि मैं पहले भी हवा मे फाइयर निकाल कर रास्ता सॉफ कर चुका हूँ इसलिए मैने फॉरन लाला से कह दिया...
मैं : तू बोले तो रास्ता मैं सॉफ करूँ....
लाला : (हैरान होते हुए) कैसे....
मैं : (अपनी गन निकालते हुए) तू बस देखता जा...
मैं उस गेट के सामने जाके खड़ा हो गया ऑर सब लोग शोर मचा रहे थे कोई जाने का रास्ता नही दे रहा था मैने 2-3 बार आवाज़ लगाई लेकिन कोई नही सुना इसलिए मैने गन को हवा मे उपर उठाया ऑर एक फाइयर निकाल दिया. सबकी नज़र पिछे मेरी तरफ देखने लगी ऑर मुझे देखते ही सब ने हाथ उठा कर शेरा.... शेरा.... शेरा.... करने लगे ऑर मेरे लिए रास्ता छोड़ दिया मैने पलटकर लाला की तरफ देखा ऑर बस मुस्कुरा दिया. जवाब मे वो भी मुझे देख कर मुस्कुराया ऑर मेरे कंधे पर थपकी मारते हुए मुझे शाबाशी देने लगा. उसके बाद मैने जैसे ही चलना शुरू किया वहाँ पर कुछ लोगो ने हवा मे अपनी बंदूके तान ली ऑर गोलियाँ चलानी शुरू कर दी साथ सारी भीढ़ मेरे नाम का नारा बुलंद करने लगी. मैं ऑर लाला जब आगे गये तो सामने मुझे एक बड़ा सा पिंजरा नज़र आया जिसमे 2 लोग आपस मे लड़ रहे थे. आगे जाते ही मेरे ऑर लाला के लिए वहाँ बैठे लोगो ने कुर्सियाँ खाली करदी ऑर सब लोग वहाँ मेरा हाल-चाल पुछ्ने लगे हम दोनो वहाँ कुर्सी पर बैठ कर उन दोनो लड़ने वाले आदमियो का मॅच देखने लगे. जाने क्यो मुझे यहाँ आके एक अजीब सी खुशी हो रही थी जैसे मुझे गाँव जाते खुशी होती थी मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं अपने घर ही आ गया हूँ.
मैं कुर्सी पर आराम से बैठा था कि इतने मे एक घंटी की टॅनन्न्न की आवाज़ से फाइट शुरू हो गई. सब लोगो ने दोनो फाइटर्स पर अपना दाव लगाना शुरू कर दिया. मैं बड़े गौर से दोनो फाइटर्स को देख रहा था जो घंटी की आवाज़ से ही एक दूसरे पर टूट पड़े थे ऑर लड़ना शुरू हो गये थे. कुछ देर फाइट ऐसे ही चलती रही तभी फाइट के बीच मे पिछे से मेरे कंधे पर किसी ने हाथ रखा. मैने पलट कर देखा तो ये जापानी था जैसा की मुझे ख़ान ने बताया था की इश्स पुर गांग मे यही मेरा सबसे जिगरी दोस्त था. मैं उसको देखते ही फॉरन अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया ऑर उसको मुस्कुरा कर देखने लगा. वो बिना कुछ बोले मुझे गौर से देख रहा था वो मुझे देखकर रो भी रहा था ऑर मुस्कुरा रहा था ऑर फिर उसने मुझे अपनी तरफ खींच कर गले से लगा लिया.
जापानी : (रोते हुए ओर मुस्कुरकर) भाई तू कहाँ चला गया था यार तुझे कितना ढूँढा मैने.
मैं : बस यार क्या बताऊ जाने दे बहुत लंबी कहानी है फिर कभी बताउन्गा.
जापानी : शेरा तू यहाँ क्यो बैठा है चल उपर आजा अपने ऑफीस मे वहाँ से फाइट देखेंगे.
मैं : (लाला को देखते हुए) चल लाला चलते हैं.
उसके बाद हम तीनो वहाँ से उठे ऑर सीढ़िया चढ़ते हुए एक आलीशान से कमरे मे आ गये जिसकी सामने की पूरी दीवार किसी काँच के ग्लास की बनी थी जिससे हम आर-पार देख सकते थे मैं कॅबिन मे घुसते ही ग्लास के पास जाके खड़ा हो गया ऑर नीचे हो रही फाइट देखने लगा. उपर से नीचे का नज़ारा ऑर भी शानदार दिखाई दे रहा था. तभी मुझे जापानी की आवाज़ आई.
जापानी : शेरा भाई यहाँ क्यो खड़ा है ये ले ये टी.वी मे लाइव फाइट देख ले. (बड़ा सा टीवी ऑन करते हुए)
मैं : (पलटकर टीवी मे देखते हुए) ये तो ऑर भी सॉफ नज़र आ रहा है.
जापानी : भाई अब तू बैठ कर फाइट देख मैं थोड़ा काम कर लूँ (परेशान होते हुए)
उसके बाद वो लोग बैठकर बाते करने लगे ऑर मैं बैठा आराम से टीवी मे फाइट देखने लगा. फाइट ख़तम होते ही कुछ लोग जापानी के कॅबिन मे आ गये ऑर आते ही 1 आदमी ने ज़ोर-ज़ोर से हँसना शुरू कर दिया. मैने नोट किया कि उन लोगो के आने से जापानी कुछ ऑर ज़्यादा परेशान हो गया था.
उनमे से एक आदमी जापानी से : जापानी भाई तेरा फाइटर आज फिर से हार रहा है.
जापानी : छोड़ ना यार साली तक़दीर ही खराब है (कुछ काग़ज़ के टुकड़ो को फाड़ते हुए)
मैं : क्या हुआ जापानी परेशान लग रहा है भाई
जापानी : कुछ नही यार ये तो चलता रहता है तू आराम से फाइट देख मैं थोड़ी देर मे आता हूँ लाला इसका ख्याल रखना.
लाला : (हाथ हिलाते हुए ) ओके....
मैं : क्या हुआ लाला ये परेशान क्यो लग रहा था सब ठीक तो है.
लाला : कुछ नही यार इसने अपना बेड़ा-गर्क खुद किया है कितनी बार बोला है कि ये फाइट क्लब इसके बस का नही है. इस धंधे को छोड़कर मेरे साथ क्लब मे आ जाए लेकिन ये मानता ही नही.
मैं : ये बता समस्या क्या है.
लाला : होना क्या है यार अभी जो लोग आए थे ना उनके साथ इसकी बेट्टिंग चलती है करोड़ो रूपिया दाव पर लगता है ऑर हर बार इसका फाइटर हार जाता है जापानी इस वक़्त काफ़ी लॉस मे चल रहा है अब अगले हफ्ते बाबा को हिसाब देना है बस इसलिए ये परेशान है.
मैं : क्या हम जापानी की मदद नही कर सकते.
लाला : (अपनी कुर्सी मेरे पास करते हुए) मेरी जान अभी तो तू आया है इतनी जल्दी ये सब पंगे मे मत पड़ तू बस ऐश कर यार.
मैं : लेकिन यार जब मैं था तब भी क्या ये फाइट क्लब ऐसे ही लॉस मे चलता था?
लाला : नही यार जब तू था.... तब तो यही बाबा का टॉप बिज़्नेस होता था उस वक़्त यहाँ सब अच्छा था लेकिन आज तेरे ही बनाए हुए सब फाइटर शम्मी के लिए काम करते हैं ऑर उसकी तरफ से फाइट करते हैं. इसलिए तो जापानी के पास लड़ने के लिए स्ट्रॉंग फाइटर नही है.
मैं : ये शम्मी कौन है.
लाला : वही बंदा जो अभी हँस रहा था पागलो की तरह.
मैं : (हाँ मे सिर हिलाते हुए) ठीक है... अच्छा मुझे फाइट के रूल्स बता मेरे पास एक फाइटर है.
लाला : (ज़ोर से हँसते हुए) रूल्स कौन्से यार.... कोई रूल नही है जब तक सामने वाला फाइटर अपने पैरो पर खड़ा होने लायक है तब तक फाइट चलती रहती है.
मैं : (हाँ मे सिर हिलाते हुए) समझ गया... एक काम कर शम्मी को बोल एक ऑर फाइट रख ले ऑर यहाँ के फेव फाइटर को बुला ले जो भी उसके पास है.
लाला : (हैरानी से मुझे देखते हुए) भाई तू क्या करने वाला है.
मैं : हिसाब बराबर करने का वक़्त आ गया है.
लाला : (परेशान होते हुए ऑर साथ ही फोन उठा कर किसी को फोन लगाते हुए ) जल्दी उपर आ यार शेरा का कुछ समस्या है...
उसके बाद कुछ देर कॅबिन मे खामोशी छाई रही ऑर थोड़ी देर मे जापानी उपर आ गया.
जापानी : हाँ क्या हुआ
लाला : शेरा भाई जान कुछ फर्मा रहे हैं.
जापानी : (सवालिया नज़रों से मुझे देखते हुए ) क्या बात है शेरा....
मैं : शम्मी को बोल अपने बेस्ट फाइटर को लेके आए आज यहाँ फिर से फाइट होगी.
जापानी : नही यार आगे ही बहुत पैसा हार चुका हूँ बाबा मेरी जान ले लेंगे अगर उनको पता चल गया तो....
मैं : मुझे पर ऐतबार है तो फाइट रख ले तुझे हारने नही दूँगा
जापानी : तुझ पर तो जान से ज़्यादा ऐतबार है यार लेकिन ये तो बता फाइटर कौन है.
मैं : रिंग मे देख लेना... अभी जितना बोला है उतना कर.
उसके बाद जापानी कुछ देर मेरे सामने खामोश खड़ा कुछ सोचता रहा ऑर फिर बिना कुछ बोले वापिस नीचे चला गया ऑर कुछ देर बाद उसके साथ शमी ऑर उसके आदमियो के साथ दुबारा उपर आ गया.
शमी : (मुझसे हाथ मिलाते हुए) क्या हाल है शेरा भाई आपका नाम बहुत सुना था दर्शन पहली बार हुए हैं.
मैं : जनाब आज की एक फाइट ऑर रख लेते हैं
शमी : आपका हुकुम सिर आँखो पर लेकिन बाबा का हुकुम है कि यहाँ हफ्ते मे एक ही फाइट होगी दूसरी फाइट की इजाज़त नही है मुझे बाबा से पुछ्ना पड़ेगा.
मैं : बाबा से पुच्छने की ज़रूरत नही है जब मैं कह रहा हूँ तो गारंटी भी मेरी है.
शमी : वो तो ठीक है लेकिन दाव पर क्या लगाओगे आप लोगो का आज का कलेक्षन तो जापानी हार चुका है (मुस्कुराते हुए)
मैं : अगर मैं हार गया तो मैं सामने बैठा हूँ तुम्हारे जो चाहे कर सकते हो लेकिन अगर जीत गया तो मेरे जीतने के बाद तुमने जो भी जापानी से जीता है सब वापिस करना पड़ेगा.
शम्मी : (हँसते हुए) मैं इतना चूतिया लगता हूँ क्या जो एक जान का सौदा करोड़ो मे करूँगा.
जापानी : (बीच मे बोलते हुए) अगर हम ये फाइट हार गये तो हमारा फाइट क्लब आपका.
शम्मी : ये हुई ना मर्दो वाली बात मुझे मंज़ूर है
लाला : घंटा मंज़ूर है.... तुम दोनो पागल तो नही हो गये हो इतना बड़ा दाँव खेल रहे हो वो भी बाबा से इजाज़त लिए बगैर.
जापानी : जो होगा मैं देख लूँगा मुझे मेरे यार पर आज भी पूरा ऐतबार है (मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए)
लाला : तुम दोनो पागल हो गये हो जापानी यार एक बार फिर सोच ले बहुत लफडा हो जाएगा.
मैं : कुछ नही होगा यार भरोसा कर मुझ पर
लाला : (सिर झटकते हुए) तुम जो मर्ज़ी करो लेकिन याद रखना कुछ पंगा हुआ तो बाबा को जवाब तुम दोनो दोगे मैने बोल देना है कि मैने मना किया था तुम दोनो को.
जापानी : ठीक है.... जो होगा देखा जाएगा (मुस्कुराते हुए)
शमी : ठीक है फिर स्पेशल फाइट है तो स्पेशल रिंग भी होना चाहिए क्या कहते हो...
जापानी : स्पेशल रिंग ही होगा शम्मी भाई (मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखते हुए)
उसके बाद शम्मी वहाँ से चला गया ऑर मैं ऑर जापानी नीचे रिंग मे चले गये जहाँ हमने एक स्पेशल फाइट अनाउन्स कर दी. जिसके जवाब मे वहाँ के लोगो ने शोर मचा कर अपनी खुशी का इज़हार किया. उसके बाद जापानी अपने लोगो को कुछ समझाने चला गया ऑर मैं वापिस उपर कॅबिन मे आके बैठ गया. आते ही लाला फिर से मेरे पास आ गया ऑर मुझे समझाने मे लग गया.
लाला : यार एक बार फिर सोच लो तुम बहुत जल्दबाज़ी कर रहे हो कुछ समस्या ना हो जाए.
मैं : कुछ नही होगा यार फिकर मत कर.
लाला : लेकिन तुम जिस फाइटर पर इतना बड़ा दाँव खेल रहे हो वो फाइटर हैं कौन मिलवा तो दे यार.
मैं : (मुस्कुरकर ) ले मिल ले फिर... फाइटर तेरे सामने बैठा है.
लाला : (हड-बडाकर खड़ा होते हुए) शेरा तेरा दिमाग़ तो ठीक है यार तू अभी इतनी बड़ी बीमारी से वापिस आया है.... नही...नही.... यार तू रहने दे तू इन फाइटर्स का मुक़ाबला नही कर पाएगा ऑर वैसे भी जापानी भी तुझे लड़ने की इजाज़त नही देगा.
मैं : तू फिकर मत कर कुछ नही होगा यार मैं हूँ ना सब संभाल लूँगा ऑर अपने यार को इतना कमज़ोर मत समझ....
अपन ही जीतेंगे.... आज साला चंगेज़ ख़ान भी क्यो ना आ जाए साला अपने पैरो पर चलकर नही जाएगा.
लाला : देख यार तू हमारा यार है इसलिए रोक रहे हैं हमारा काम पैसा लगाना है यार खुद रिंग मे उतरकर लड़ना नही है.
मैं : क्या मैने पहले कभी फाइट नही की इस रिंग मे?
लाला : की है यार बहुत फाइट की है ऑर आज तक तू कभी हारा भी नही लेकिन पहले ऑर अब मे बहुत फरक है यार अब तो तुझे कुछ याद भी नही है तू कैसे लड़ेगा उसके फाइटर के साथ.
मैं : (कुछ सोचते हुए) अभी फाइट मे बहुत वक़्त है.... एक काम कर अगर मेरी पुरानी फाइट की कोई वीडियो पड़ी है तो लेके आ मैं देखना चाहता हूँ.
लाला : अच्छा अभी लाता हूँ
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