RE: Kamukta Kahani अहसान
अपडेट-54
अब मैं हीना के कमरे मे भी नही जा सकता था इसलिए पाइप के सहारे ही लटकता हुआ आगे की तरफ बढ़ने लगा जहाँ नीचे मुझे हॉल ऑर स्टेज नज़र आया जहाँ पर ख़ान बैठा था. उँचाई काफ़ी ज़्यादा थी इसलिए मैं सीधा नीचे छलाँग नही लगा सकता था इसलिए मैं इधर उधर कोई रस्सी देखने लगा जिससे लटक कर मैं नीचे तक जा सकूँ क्योंकि अब मुझे सिर्फ़ ख़ान को ही मारना था. तभी मुझे सामने एक झुम्मर लटका हुआ नज़र आया मुझे बस वहाँ तक किसी भी तरह से पहुँचना था क्योंकि वहाँ से स्टेज की उँचाई काफ़ी कम थी ऑर मैं आसानी से छलाँग भी लगा सकता था. मैने इधर उधर देखा ऑर पाइप के सहारे हवेली की छत की तरफ बढ़ने लगा जिससे लटक कर मैं उपर की एक बाल्कनी मे पहुँच गया बाल्कनी से झूमर पर छलाँग लगाना आसान था इसलिए मैं बाल्कनी की रेलिंग पर पैर रख के खड़ा हो गया ऑर नीचे झूमर के उपर छलाँग लगा दी. झूमर ज़ंजीरो से बँधा हुआ था इसलिए उसने मेरा वजन तो उठा लिया लेकिन मेरे गिरने से बहुत ज़ोर की आवाज़ हुई ऑर काफ़ी बल्ब भी टूट गये जिससे सबका ध्यान उपर की तरफ चला गया.
चौधरी : ओये कौन है उपर....
झूमर से नीचे की दूरी काफ़ी कम थी इसलिए मैने बिना कोई जवाब दिए नीचे स्टेज पर छलाँग लगा दी ऑर मैं सीधा ख़ान के उपर आके गिर गया जिससे उसकी कुर्सी टूट गई ऑर ख़ान को काफ़ी चोट आई मैने जल्दी से अपने दाए पैर को उपर उठाया ऑर उसमे फँसी एक पिस्टल निकाल कर ख़ान के सिर पर रख दी.
मैं : मादरचोद मैने कहा था ना आज तू निकाह नही जहन्न्नुम क़बूल करेगा.
ख़ान : गन नीचे कर ले शेरा नही तो मेरे लोग यहाँ खड़े तमाम लोगो को मार डालेंगे.
मैं : अगर तेरे एक आदमी की भी गोली चली तो तेरा भेजा यही बाहर निकाल दूँगा इसलिए अपने कुत्तो से बोल बंदूक नीचे रख दें नही तो तेरा पोस्टमॉर्टम मैं यही खड़े-खड़े कर दूँगा.
ख़ान : (अपने लोगो को गन नीचे करने का इशारा करते हुए) नीचे करो...
मैं : ये हुई ना बात चल अब शराफ़त से मुझे बाहर लेके चल तुझे तो मैं अपने गाँव लेके जाउन्गा जहाँ सब तेरा सीक कबाब बनाएँगे साले...
तभी फ़ारूख़ हीना के सिर पर बंदूक लगाए सीढ़ियो से उतरता हुआ नज़र आया.
फ़ारूख़ : इतनी जल्दी भी क्या है शेरा... गन नीचे कर नही तो तेरी डार्लिंग तो गई.
चौधरी : ये क्या बदतमीज़ी है ख़ान साहब अपने आदमी से कहो छोड़ दे मेरी बेटी को नही तो अच्छा नही होगा.
ख़ान : वाह फ़ारूख़ वाह... चुप कर बूढ़े... साले तेरी बेटी के चक्कर मे हम अपनी क़ुर्बानी तो नही दे सकते ना....
हीना : (चलते हुए स्टेज के पास आते हुए) सुन लिया अब्बू.... यही वो लड़का था ना जो आपने मेरे लिए चुना था.
चौधरी : मुझे माफ़ कर दे बेटी...
फ़ारूख़ : ओये तुम बाप-बेटी अपना ड्रामा बंद करो... शेरा तुमने सुना नही मैने क्या बोला घोड़ा नीचे कर नही तो मैं इस लड़की को गोली मार दूँगा.
चौधरी ये सब देख नही सका ऑर जल्दी से फ़ारूख़ से पिस्टल छीन ने लगा. तभी ख़ान ने अपनी जेब से पिस्टल निकाल कर चौधरी को 3 गोली मार दी जिससे चौधरी वही ज़मीन पर गिर गया ढेर हो गया.
ख़ान : शेरा अपनी पिस्टल नीचे कर नही तो अगली गोली हीना पर चलेगी.
मैं अब मजबूर था इसलिए चाह कर भी ख़ान पर गोली नही चला सकता था इसलिए अपनी पिस्टल ख़ान को दे दी.
हीना : (रोते हुए) नही नीर ऐसा मत करो मार दो इस कुत्ते को इसने मेरे अब्बू को मारा है.
ख़ान ने मुझसे पिस्टल ले ली ऑर एक ज़ोरदार तमाचा मेरे मुँह पर मारा तभी ख़ान के कुछ आदमियो ने मुझे पिछे से आके पकड़ लिया ऑर एक रस्सी से दुबारा मेरे हाथ बाँध दिए. ख़ान ने अपनी पिस्टल वापिस अपनी जेब मे डाली ऑर क़ाज़ी को आवाज़ लगाई.
ख़ान : क़ाज़ी साहब कहाँ हो यार जल्दी करो निकाह नही करवाना क्या हमारा.
क़ाज़ी : मैं लड़की की मर्ज़ी के खिलाफ उसकी शादी नही करवा सकता ये गुनाह है.
ख़ान : गुनाह किस बात का क़ाज़ी साहब आप देखना ये लड़की आपके सामने मुझे क़बूल करेगी नही तो मैं इसके आशिक़ को गोली मार दूँगा.
हीना : (रोते हुए) नही... नीर को कुछ मत करना तुम जो बोलोगे मैं वो करूँगी.
ख़ान : देखा क़ाज़ी साहब मैं ना कहता था... चलिए निकाह की तेयारी कीजिए अभी ऑर भी बहुत से काम ख़तम करने हैं.
तभी पिछे से अँधा-धुन्ध गोलियाँ चलने की आवाज़ आने लगी ऑर एक-एक करके ख़ान के सब आदमियो पर गोलियाँ चलने लगी. मुझे ये समझते एक पल भी नही लगा कि मेरा यार लाला आ गया है ऑर मेरे आदमियो ने पूरी हवेली को चारो तरफ से घेर लिया है अब हवेली के चप्पे-चप्पे पर मेरे आदमी बंदूक लिए खड़े थे ऑर सारी बाज़ी ही पलट गई थी.
लाला : (ताली बजाते हुए) क्या बात है भाई यहाँ तो पूरी महफ़िल लगी है लगता है मैं वक़्त पर ही आ गया... मैने कहा ख़ान साहब सलाम क़बूल कीजिए लाला का... अगर आप नही चाहते कि मैं आपकी गान्ड पर लात मारूं तो अपने आदमियो को प्यार से बोलो कि मेरे भाई ऑर भाभी को शराफ़त से खोल दे नही तो ये आपकी सेहत के लिए अच्छा नही होगा.... (मुस्कुराते हुए)
मैं : (मुस्कुराते हुए) कहाँ मार गया था साले 5 मिनिट ऑर नही आता तो हमारी लाशे मिलनी थी तुझे साला कोई काम का नही है तू.....
लाला : (स्टेज पर चढ़ते हुए) ओये क्या आदमी है साला अहसान तो मानता ही नही किसी का... अब फँस गया तो सारा बिल मेरे नाम पर फाड़ रहा है... मैने नही बोला था कि कुछ देर रुक जा मैं आ जाउ फिर साथ मे मिलकर इस कुत्ते की गान्ड मारेंगे तब तो बड़ा चौड़ा होके अकेला ही भिड़ गया था सबके साथ.
मैं : अच्छा ठीक है अब नाटक मत चोद ऑर आके मेरे हाथ खोल.
लाला : (अदब से मेरे सामने झुकते हुए) जो हुकुम मेरे आका...
उसके बाद लाला ने पहले ख़ान को एक ज़ोरदार तमाचा मारा ऑर फिर मेरी रस्सी भी खोल दी. हीना जल्दी से भाग कर मेरे पास आई ऑर मेरे गले से लग कर रोने लगी.
लाला : (मुस्कुराते हुए हीना को देख कर) मैने कहा सलाम क़बूल करो अपने देवर का होने वाली भाभी जी.
हीना : (मुझे गले से लगाए हुए लाला को देखने लगी) नीर ये कौन है.
मैं : (मुस्कुरा कर) मेरा बचपन का दोस्त है
लाला : चलो ख़ान साहब मरने के लिए रेडी हो जाओ ऑर हमने तो अपने ग़रीब खाने मे काफ़ी इंतज़ाम किया था लेकिन शेरा भाई का हुकुम है कि आपको ठोकना है... ये लैला मजनू को लगे रहने दो आप फिलहाल मेरे साथ ही काम चलाओ अभी तो सिर्फ़ मैं ही आपकी मारूँगा. (ख़ान की गान्ड पर लात मारते हुए) चल भोसड़ी के देखता क्या है... शेरा को भाभी से फ्री होने दे तेरी तो यही मारेगा... बोल भाई शेरा इसका क्या करना है.... ठोक दूं क्या...
मैं : नही... इसको गाड़ी मे डाल ऑर लेके चल अपने ठिकाने पर मेरा मूड बदल गया है अब इसको मारेंगे नही बल्कि इसकी मारेंगे (आँख मारते हुए) ऑर फिर अभी तो इससे छोटे के भी बहुत से राज़ उगलवाने हैं.
लाला : (पलट ते हुए) मुझे आज तू कुछ बदला-बदला सा लग रहा है यार...
मैं : (मुस्कुराते हुए) साले मुझे सब कुछ याद आ गया है...
लाला : (हवा मे फाइयर करते हुए) ओये यारा खुश कर दिया.... ब्बबुऊउर्र्रााहह... चल तू भाभी को लेके बाहर आजा फिर देखते हैं क्या करना है.
मैं : तुम लोग चलो मैं अपनी गाड़ी मे ही आउन्गा.
लाला : ओये मैं बाहर से ही आया हूँ वहाँ तेरी गाड़ी नही खड़ी.
मैं : यार मेरी गाड़ी हवेली के पिछे खड़ी है ऑर साथ मे मेरे कुछ ऑर लोग भी हैं जिनको साथ ही लेके जाना है.
लाला : अच्छा तो तू चल मैं ज़रा अपने हाथ की खुजली ख़तम कर लून.... (अपना हाथ खुजाते हुए)
मैं : ठीक है लेकिन साले ज़्यादा मत मारना ये अपने जैसा नही है... ज़रा करारे 4 हाथ पड़ गये तो मर ही ना जाए....
लाला : (ख़ान के मुँह पर मुक्का मारते हुए) तू जा यार मुझे डिस्टर्ब मत कर अभी मैं बिजी हूँ देखता नही इतने दिन बाद तो किसी को तसल्ली से धोने का मोक़ा मिला है...
मैं : अच्छा ठीक है लेकिन 5 मिनिट मे बाहर आ जाना इसको लेकर ज़्यादा देर नही करना.
लाला : (ख़ान के पेट मे लात मारते हुए) तू जा ना यार मैं आ जाउन्गा इसके लिए तो 5 मिनिट भी बहुत है उसमे ही इसकी फॅट के हाथ मे आ जाएगी... (ज़ोर से हँसते हुए)
हीना अपने अब्बू को गले लगा कर काफ़ी देर रोती रही फिर जब मैने उसके पास जाके उसके आगे हाथ बढ़ाया तो वो बिन कुछ बोले मेरा हाथ पकड़कर खड़ी हो गई. मैने सबसे पहले हीना के आँसू सॉफ किए उसके बाद मैं ऑर हीना जल्दी से हवेली से बाहर निकले ऑर हवेली के पिछे की तरफ चले गये जहाँ पर मैने अपनी गाड़ी खड़ी की थी गाड़ी के पास ही मुझे नाज़ी बैठी हुई नज़र आई जो बार-बार इधर उधर देख रही थी उसके चेहरे से मेरे लिए फिकर दूर से ही दिखाई दे रही थी. मुझे ऑर हीना को दूर से आता हुआ देखकर जैसे उसका चेहरा खुशी से खिल गया वो तेज़ कदमों के साथ नीर को गोद मे उठाए हमारी तरफ बढ़ने लगी ऑर आते ही मुझे गले से लगा लिया ऑर खुशी से मुस्कुराने लगी.
नाज़ी : कितनी देर कर दी आने मे मैं तो बहुत डर गई थी... तुम ठीक तो हो ना....
मैं : कैसा लगता हूँ...
नाज़ी : ये सिर मे चोट कैसे लगी...
मैं : वो सब जाने दो ये थोड़ा बहुत तो चलता रहता है अब तुम जल्दी से गाड़ी मे बैठो हम को हमारे नये घर जाना है.
नाज़ी : (खुश होके हाँ मे सिर हिलाते हुए) हमम्म चलो...
हीना : लाओ छोटा नीर मुझे दे दो ऑर तुम आगे बड़े वाले नीर के साथ बैठ जाओ.
उसके बाद मैं ऑर नाज़ी आगे बैठ गये ऑर नीर को हीना ने पकड़ लिया ऑर वो खुद ही पिछे बैठ गई. मैने जल्दी से गाड़ी स्टार्ट की ऑर उसको हवेली के अगली तरफ ले आया ऑर हवेली के बड़े गेट के सामने रोक दिया जहाँ मेरे साथियो की गाडियो का क़ाफ़िला पहले से मोजूद था. उसके बाद मैने अपने आदमियो से चलने का इशारा किया ऑर वो लोग मेरा इशारा पाते ही अंदर गये ऑर लाला ऑर ख़ान को ले आए. लाला ने कुछ ही देर मे ख़ान की बहुत बुरी हालत कर दी थी. ख़ान के चेहरे से ऑर सिर से पानी की तरफ खून टपक रहा था ऑर कुछ आदमी उसको ज़मीन पर घसीटकर ला रहे थे.
मैं : ओये साले मार तो नही दिया उसको.
लाला : (अपना हाथ रुमाल से सॉफ करते हुए) नही भाई ज़िंदा है कुत्ता... इसको तो अड्डे पर ले-जाकर तसल्ली से सब भाई मिल कर मारेंगे.
मैं : चल गाड़ी मे बैठ चलने का वक़्त हो गया है.
लाला : (मुझे सल्यूट करते हुए) ओके बॉस...
उसके बाद हम सब गाड़ी मे बैठे ऑर अपने गाँव, अपने घर की तरफ गाडियो के क़ाफ़िले को बढ़ा दिया. हीना मुझे कुछ उदास लग रही थी लेकिन नाज़ी बहुत खुश थी ऑर अपने नये घर का सुनकर बहुत ज़्यादा एग्ज़ाइटेड थी.
मेरी गाड़ी सबसे आगे थी ऑर बाकी गाड़ियाँ मेरी गाड़ी के पिछे चल रही थी ऑर कुछ फ़ासले पर थी कुछ ही देर मे हम अपनी गाँव की सरहद से काफ़ी दूर निकल आए थे. हम को गाँव से निकले अब काफ़ी वक़्त हो गया था लेकिन हीना मुझे अब भी उदास लग रही थी इसलिए मैने इशारे से अपने साथ बैठी नाज़ी को अपने पास किया ऑर उसको पिछे जाने का इशारा किया ताकि दोनो बातें कर सके ऑर हीना का भी मन बहल जाए. नाज़ी चलती हुई गाड़ी मे ही सीट को नीचे करके पिछे चली गई ऑर हीना के साथ बैठ गई ऑर कुछ ही देर मे दोनो की बाते शुरू हो गई ऑर अब हीना भी पहले से काफ़ी बेहतर नज़र आ रही थी. मेरी तरक़ीब ने अपना कम दिखा दिया था क्योंकि 2 औरते एक साथ चुप तो कभी बैठ ही नही सकती इसलिए बात होना लाज़मी था इसी तरह हीना का मूड भी अब अच्छा हो गया था. ऐसे ही गुज़रते वक़्त के साथ हम अपनी रफ़्तार से मंज़िल को बढ़ रहे थे कि अचानक मुझे सामने एक चेक पोस्ट नज़र आई हम वो क्रॉस करके नही जा सकते थे क्योंकि हम सब के पास काफ़ी असला था ऑर ख़ान के साथ होने की वजह से हमारे पकड़े जाने का भी डर था
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