RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
दादाजान हँसे और बोले- “साली छिनाल तू किसी रंडी से कम थोड़ी है, जितना तू ने इतनी सी उमर में चुदवा लिया है इतना तो कोई प्रोफेशनल रंडी भी नहीं चुदवा पाती..” ये कहकर दादाजान ने फिर एक बहुत जोरदार झटका मारा तो मेरी एकदम से तेज चीख निकल गई।
मैं सिसक कर बोली- “तो दादाजान, आपको तो मुझ पर फरव्र करना चाहिए की मैंने अभी से इतना चुदवा लिया
दादाजान ने फिर से एक झटका मारा और बोले- “अरे रांड़.. मैं फरव्र किस बात पर करूं, तू तो मेरे झटकों पर किसी कुतिया की तरह चीख रही है। रंडियां तो इस तरह नहीं चीखती, साली मादरचोद सिर्फ़ किसी का लण्ड चूत में लेना ही चुदवाना नहीं होता, मर्द के झटके बर्दाश्त करना ही असली चुदवाना होता है। तू मेरे झटके बर्दाश्त करे तो मैं तुझपर फख्र करूं...” ये कहकर दादाजान ने एक और जोरदार झटका मारा तो मैं ना चाहते हुये भी दादाजान का झटका बर्दाश्त ना कर पाकर बुरी तरह चीख पड़ी।
मैं दर्द के मारे बमुश्किल बोली- “उफफ्फ़... दादाजान किसी रंडी को आप जैसा मर्द नहीं मिला होगा, वरना वो भी मुझसे ज्यादा चीखती आपसे चुदवाते समय। अब आप दुबारा से झटके मारें अब मैं नहीं चीखूँगी
मेरी बात पर दादाजान ने अपना लण्ड मेरी चूत से टोपी तक बाहर निकाला और एक शदीद झटका मारा।। दादाजान का लण्ड मेरी चूत की दीवारों को बुरी तरह से चीरता हुवा मेरी चूत के आखिरी सिरे से टकराया। मेरी चूत बुरी तरह से झनझना गई और मेरी चूत में शदीद दर्द उठा जो मैंने बड़ी मुश्किल से बर्दाश्त किया। मेरे मुँह से चीख ना निकलने पर दादाजान मुश्कुराये और उन्होंने एक और झटका पहले से ज्यादा जोरदार मारा,
मैंने वो झटका भी बड़ी मुश्किल से बर्दाश्त किया। फिर दादाजान झटके मारने की मशीन बन गये। दादाजान तूफानी झटके मार रहे थे। दादाजान पहले जो झटका मारते, दूसरा झटका उससे ज्यादा जोरदार मारते। मेरी नन्ही सी चूत में शदीद दर्द हो रहा था और दर्द को बर्दाश्त करते हुये मेरा चेहरा बुरी तरह से लाल हो गया था।
दादाजान ने मेरा चेहरा देखा तो बोले- “निदा क्या बहुत दर्द हो रहा है...”
मैंने हाँ में सर हिलाया।
दादाजान बोले- “तुम कहो तो मैं अपने झटके धीरे कर देता हूँ..”
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