RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
मैं कहने लगी- “नहीं दादाजान आप अपने झटकों को धीरे या कम ना करें। आपका जिस तरह दिल चाहें मुझे चोदें, औरत का तो काम ही चुदवाना है और जो औरत किसी मर्द को खुश ना कर सके तो उस औरत के लिए ये डूब मरने का मकाम है। मैं भी अपना काम पूरा करना चाहती हूँ, मैं आपको पूरा मजा देना चाहती हूँ, मैं नहीं चाहती की मेरी वजह से आप चुदाई का पूरा मजा ना ले सकें। आप मेरे दर्द की परवाह ना करें और जिस तरह आपका दिल चाह रहा है मुझे चोदें। अगर मैं आज आपको खुश ना कर पाई तो मैं सारी ज़िंदगी अपने आपसे शर्मिंदा राहूंगी की मैं अपने दादाजान को चुदाई का पूरा मजा ना दे सकी...”
मेरी बात सुनकर दादाजान बहुत मुतासीर हुये और कहने लगे- “जीती रहो बेटी, जीती रहो तुम्हारे खयालात बहुत अच्छे हैं और अब मुझे तुम पर बहुत फख्र है की मेरी पोती इतने अच्छे खयालात रखती है...”
दादाजान की शाबाशी पाकर मैं खुश हो गई और बोली- “दादाजान, ये ही वजह है की मैंने आज तक किसी को चोदने से मना नहीं किया, बलकी मैं तो खुद मर्दो को मोका देती हूँ की वो मुझे चोदकर थोड़ी तासकीन हासिल कर सके। और आजकल के जमाने में लोगों के साथ इतनी परेशानियां हैं, मैं लोगों की परेशानियां खतम तो नहीं कर सकती मगर उनसे खुद को चुदवाकर उनको परेशानियों से कुछ समय के लिए दूर ले जाती हूँ..” दादाजान मेरी बातें सुनकर मुझे से बहुत मुटासीर हो गये थे।
वो बोले- “निदा आज मुझे तुम पर बहुत फख्र है की तुम मेरी पोती हो। मैं कभी समझ ही नहीं सकता था की इस तरह भी कोई किसी के काम आ सकता है। तुम लोगों से चुदवाकर बहुत अच्छा काम रही हो। मैं तो ये ही चाहूंगा की तुम इसी तरह लोगों के काम आओ और लोगों से खूब-खूब चुदवाओ...”
मैं हँसी और बोली- “दादाजान आपने बातों में मुझे चोदना बंद कर दिया है। प्लीज मुझे खूब कस-कसकर चोदें ताकी मैं अपना फर्ज़ अच्छी तरह से पूरा करूं...”
दादाजान मेरी बात पर हँसे और बोले- “और वो जो तुम्हें दर्द होगा.”
मैं हँसी और बोली- “दादाजान अब आपसे चुदवाने में मेरी जान भी चली गई तो मुझे कोई दुख ना होगा। प्लीज आप मुझे और जोर से चोदें...”
दादाजान मुश्कुराये और खूब जोर-ओ-शोर से मेरी चुदाई करने लगे। दादाजान खूब कस कसकर झटके मार रहे। थे। पहले तो मैं खूब चीखने लगी।
दादाजान हँसे और बोले- “रंडी की बच्ची... जितना तू चीखेगी उतनी ही जोर से झटके मारकर तुझे चोदूंगा...”
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