RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
शादी में भी लण्ड मिल गये
अब सब कुछ नार्मल चल रहा था। लाइनमैन मुझे चोदकर चले गए। काफी दिन तक फिर मुझे कोई आदमी चुदवाने के लिये नहीं मिला। कोई दो दिन गुजरें होंगे की मुझे पापा के साथ अपने कजिन की शादी में शिरकत के लिये लाहोर गई थी। शादी वाला दिन था। हम सब लड़कियां खूब तैयार शैयार हुई लड़कों के दिल पर छयरियां चलाने के लिये। फिर शादी का फंक्सन शुरू हो गया। जो भी लड़के थे वो बार-बार हम लड़कियों के तरफ देख रहे थे और उनकी नजर शायद हमारे मम्मों पर ही पड़ती थी और हमारी नजर शायद उनकी पैंट की जिप पर।
फिर जब गली में बारात चली तो काफी भीड़ हो गई और धक्के लगने लगे।
इतने में एक लड़का मेरे से थोड़ा टकराकर गुजर गया, मुझे थोड़ा आशा लगी। फिर हम गाड़ियों में बैठ गये और एक घंटे बाद दूल्हे के घर पहुंच गये। गली में फिर एक दो लड़कों से ऐसे ही मजा लिया, लेकिन कोई खास मजा नहीं आया। असल में मैं यह चाह रही थी की कोई लड़का मुझे छेड़े, कोई बात आगे बड़े, लेकिन वो भी बिचारे हम लड़कियों से डरते हैं। मैंने दूल्हन को देखा काफी खूबसूरत थी।
मैंने सोचा लो इस बेचारी की तो आज सील फटी ही फटी लेकिन इसको मजा भी तो कितना आयेगा। फिर दूल्हे को साथ बिठाया गया। मैंने दूल्हा को देखकर सोचा की यह आज इसकी फुद्दी मारेगा। यह सोचकर मेरी अपनी फुद्दी में खारिश होने लगी। मैंने सोचा की काश इस दूल्हन की जगह पर मैं होती तो इतने खूबसूरत दूल्हे से मैं भी फुद्दी मरवा लेती। लेकिन शादी मेरी तो ना थी। फिर वापसी का सफर शुरू हुवा, रास्ते में मैं इन्हें खयाल्लों में खोई रही की आज रात मजे तो ये लोग करेंगे और हमलोग यूं ही मुफ्त में ख्वार हो रहे हैं। खैर हम रात को घर पहुँचे फिर उनको मसेहरी में बैठे गई। अब तो मेरे दिमाग में सुहागरात की फिल्म चलने लगी की यह दोनों नंगे होंगे। उफफ्फ़. क्या सीन होगा।
मेरी फुद्दी मचलने लगी। फिर क्या मैं छुप करके वहाँ से ऊपर वाली मंजिल पर चली आई। वहाँ मेरी कजिन नयला पहले ही मोजूद थी वो मेरी दूर की कजिन थी, शादीशुदा थी लेकिन उनका पति दूसरे मुल्क में होता है। मेरे साथ उसकी काफी फ्री गपशप थी।
वो बोली- “क्यों निदा मजा आया शादी में?”
मैंने नाक चढ़ाते हुये कहा- “हूं मजा तो वो लोगे करेंगे आज की रात...”
वो हँस पड़ी और बोली- “मैं तो समझी के मेरा ही दिल जला हुवा है, मुझसे तो खुद लड़के लड़की को अख्ते नहीं। देखा जाता। मेरे अपने पति... बहुत मिस करती हूँ उनको। तुम चेंज कर लो फिर सोते हैं...” हमने कुण्डी लगाई और कपड़े बदलने लगी।
मैंने कमीज उतारी तो नयला बोली- “निदा तुम्हारे मम्मे बड़े टाइट हैं लगता है बहुत लोगों के हाथ लगे हैं."
मैंने कहा- “अरे यार... हाँ यार... पर आज भी बहुत दिल कर रहा है की कुछ हो जाए पर...”
वो बोली- “तो तुम इंतेजर क्यों कर रही हो... किसी को दावत दोगी तो ही कोई आएगा...”
मैंने कहा- “नयला जी क्या करूं... दिल तो बहुत मचलता है। मेरा तो दिल था की आज दूल्हन की जगह मैं होती...”
नयला सलवार पहन रही थी, अपनी फुद्दी पर हाथ फेरते हुये बोली- “आए हाए क्यों फुद्दी में आग लगा रही हो। ऐसी बातें करके...”
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