Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
08-05-2019, 01:28 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
कविता की चूत से जाने कितनी देर तक पानी बहता रहा, वो झड़ते हुए स्वर्ग की सैर कर रही थी। उसे इतना मजा पहले कभी नहीं आया था जितना उसे ठाकुर से मजबूरी में चुदवाते हुए आ रहा था।

ठाकुर- “आओ अब तुम खुद मेरे लण्ड को अपनी चूत में लो...” ठाकुर ने कविता को झड़ने के बाद आँखें खोलते हुए देखकर उसकी चूत से अपना लण्ड निकालकर सीधा लेटते हुए कहा।

कविता- “नहीं, मैं नहीं कर सकती...” कविता ने होश में आते ही फिर से रोते हुए कहा।

ठाकुर- “छोरी अब मुझे गुस्सा मत दिला... मुझे पता है तुम बहुत बड़ी छिनाल हो, सती सावत्री बनने का नाटक करती हो और चुदवाते हुए मजे भी लेती हो...” ठाकुर ने गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए कहा।

कविता- “नहीं ठाकुर, मुझे खुद पता नहीं की मेरा जिश्म क्यों मेरा साथ नहीं दे रहा है? भगवान के लिए अब मुझे छोड़ दो...” कविता ने ठाकुर की बात सुनकर जोर से रोते हुए कहा।

ठाकुर- “तुम मानती हो या......” ठाकुर इतना कहकर चुप हो गया।

कविता ठाकुर के गुस्से को देखकर डर गई और उठकर अपनी टाँगों को फैलाते हुए अपनी चूत को ठाकुर के । लण्ड पर टिका दिया और अपने वजन के साथ नीचे बैठने लगी। कविता की चूत में ठाकुर का पूरा लण्ड घुसते ही ऐसा महसूस होने लगा की ठाकुर का लण्ड अब और ज्यादा लंबा और मोटा हो गया है क्योंकी वो उसकी चूत को बुरी तरह फैलाए हुए उसके पेट तक महसूस हो रहा था।
कविता ठाकुर के लण्ड पर उछलने लगी और ठाकुर उसकी हिलती हुई चूचियों से खेलने लगा, 5 मिनट में ही कविता का जिश्म फिर से अकड़ते हुए झटके खाने लगा और कविता हाँफते हुए झड़ने लगी। कविता झड़ते हुए अपने चूतड़ों को बहुत जोर-जोर से ठाकुर के लण्ड पर उछाल रही थी और कविता पूरी तरह झड़ने के बाद बिल्कुल निढाल होकर ठाकुर के ऊपर ढेर हो गई।

ठाकुर ने कविता को अपने ऊपर से उठाते हुए सीधा लेटा दिया और अपना लण्ड उसकी चूत में डालकर उसकी
चुदाई करने लगा, 5 मिनट बाद ही ठाकुर का जिश्म काँपने लगा और वो हाँफते हुए अपना वीर्य कविता की चूत में छोड़ने लगा। ठाकुर ने झड़ते हुए अपना लण्ड पूरी ताकत के साथ कविता की चूत में जड़ तक घुसा दिया। जिस वजह से उससे निकलता हुआ वीर्य सीधा कविता की बच्चेदानी में गिरने लगा।

कविता ठाकुर का गरम वीर्य अपनी बच्चेदानी में गिरता हुआ महसूस करके, सिसकते हुए चौथी बार झड़ने लगी। वो खुद हैरान थी की उसे क्या हो गया है? वो अपने पति से चुदवाते हुए भी मुश्किल से एक दफा ही झड़ती थी। ठाकुर पूरी तरह झड़ने के बाद कविता के ऊपर ही ढेर हो गया। ठाकुर ने सारी रात कविता को कई तरह से नोचने के बाद अपने आदमियों के हाथों घर भिजवा दिया।
कविता अपने घर आते ही सीधी बाथरूम में घुस गई और अपने आपको घिस-घिसकर साफ करने लगे, नहाते। हुए कविता की आँखों से आँसू बह रहे थे। उसने अपने मन में एक फैसला कर लिया था। कविता नहाने के बाद आकर खटिया पर लेट गई, नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी। उस वक़्त सुबह के 5:00 बज रहे थे और इस वक़्त वो अपनी बेटी को नहीं लेने जा सकती थी। इसलिए वो खटिया पर लेटे हुए ही अपनी जिंदगी के बारे में । सोचने लगी। ऐसे ही टाइम गुजरता गया और कविता सुबह होते ही अपनी बच्ची को जाकर उस औरत के घर से उठा लाई।

कविता अपनी बच्ची को जैसे ही अपने घर ले आई वो उठ गई। कविता अपनी बच्ची से खेलने लगी वो आज जी भरकर अपनी बच्ची को प्यार देना चाहती थी। कुछ देर बाद ही घर में दाखिल हुआ जिसे देखते ही कविता रोते हुए जाकर उसके गले से लग गई।

हरी- “कविता मैं जानता हूँ की मुझे उस ठाकुर ने ही गिरफ्तार कराया था। हम अब यहाँ नहीं रहेंगे तुम तो ठीक हो ना?” हरी ने कविता को गले लगाते हुए कहा।

कविता- “हाँ मैं सही हूँ आप बैठ जाओ मैं नाश्ते का बंदोबस्त करती हूँ..” कविता ने अपनी आँखों से आँसू को पोछते हुए कहा।।

हरी वहीं पर अपनी बच्ची को अपने गोद में लेते हुए बैठ गया, और कविता नाश्ता बनाने लगी। कविता ने नाश्ता बनाने के बाद दो बरतनों में डाल दिया। कविता ने एक बरतन में जहर मिला दिया जो उसके पति ने खेतों में डालने के लिए रखा था। कविता दोनों बरतन लेकर अपने पति के पास आ गई और एक बरतन उसे देते हए दूसरा दूसरी खटिया पर रख दिया। कविता ने अपने पानी का एक ग्लास भरकर अपने पति की खटिया पर रख दिया।

हरी- “अरे एक साथ ही ले आती ना...” हरी ने कविता को देखते हुए कहा।

कविता- “नहीं। बस आप आराम से खाएं। एक बात कहूँ?" कविता ने वहीं खड़े अपने पति से कहा।।

हरी- “हाँ बताओ क्या बात है, मुझे तुम कुछ परेशान लग रही हो?” हरी ने अपनी पत्नी की तरफ देखते हुए
कहा।

कविता- “आपको इस बच्ची की कसम, मैं जो कहूँगी आपको मानना होगा। वरना आप इस बच्ची का मरा मुँह देखोगे...” कविता ने अपने पति का हाथ अपनी बेटी के सिर पर रखते हुए कहा।

हरी- “पगली तुम इसकी कसम क्यों दे रही हो? वैसे भी मैं तुम्हारी हर बात मानता हूँ...” हरी ने हैरानी से अपनी पत्नी को देखते हुए कहा।

कविता- “नहीं पहले आप इसकी कसम खाएं..” कविता ने जिद करते हुए कहा।

हरी- “ठीक है बाबा, मुझे अपनी बच्ची की कसम मैं तुम्हारी बात मानूंगा...” हरी ने हार मानते हुए कहा।
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल - by sexstories - 08-05-2019, 01:28 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,484,123 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,540 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,225,083 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 926,528 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,644,302 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,072,428 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,937,092 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,011,146 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,014,648 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,237 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)