RE: Kamvasna कलियुग की सीता
बबलू:सीता दीदी,बहुत लंबी कहानी है…
मैने कहा:क्या हुआ भाई,एक एक घटना बताओ.
बबलू:तो सुनो दीदी…उसने जो सुनाया तो मेरा दिल दहलते चला गया…आप भी सुन ले,मेरे भाई की कहानी भाई की ही ज़ुबानी…
बबलू:सीता दीदी,तुम्हारे अब्दुल ख़ान की रखैल बन ने के बाद मैं यहाँ आ गया था…सुरू मे तो मुझे कुछ नही पता था,लेकिन हफ्ते भर बाद ही सब पता चलने लगा.एक बार मुझे याद है मैं दुकान पर समान खरीदने गया हुआ था वहाँ बगल मे कुछ लड़के थे जो सिगरेट पी रहे थे उनमे से एक का नाम नसरुद्दीन था उसने मेरी तरफ अपने दोस्तो को दिखा कर कहा पता है इसकी मम्मी बहुत गरम है इतनी टाइट सलवार पहेन्ति है कि मन करता है उसकी सलवार यही फाड़ दूं और उसको चोद डालु.साली की क्या मस्त गद्देदार गंद है कितनी उभरी हुई है. मुझे डर लग रहा था कहीं वो लोग मुझे मारे ना,सो मैने कुछ नही कहा.
दो तीन दिन तक ऐसा ही चलता रहा. एक दिन मैने मम्मी से ये बात बताई मम्मी ने मुझसे कहा कि तुम उनकी बाते मत सुना करो वो लोग गंदे है मैने कहा ठीक है मम्मी लेकिन वो लड़के हमेशा मुझे देख कर मुझसे कहते थे घर मे तेरी मम्मी अकेली है क्या या बशीर ख़ान साहेब चढ़े हुए है?? अगर मैं कहता था हाँ अकेले है तो वो लोग मुझसे कहते थे अपनी मम्मी को बोलो,हमे भी बुलाए चुदवाने के लिए हम भी कुछ कम नही बशीर ख़ान से देखना तेरी मम्मी को हम भी पूरी तरह रगड़ रगड़ कर चोदेगे.
.मुझे बहुत बुरा लगता था. एक दिन एक लड़का मुझे मेरी मम्मी के बारे मे चिड़ा रहा था और मैने उसे पलट के गाली दे दी वो मुझे मारने लगा कहने लगा साले तेरी मम्मी है ही रंडी इसी लिए तेरी मम्मी के बारे मे गंदी बाते बोलता हू और मुझे मारने लगा फिर अचानक से वो आदमी जिसका नाम ज़हीर ख़ान था वो आया उसने उस लड़के को रोक कर मुझे बचाया…पता चला वो बशीर ख़ान की ही औलाद है.उसने कहा तू मेरे भाई जैसा ही हुआ ना जब अब्बू तेरी मम्मी को चोदते है
तो!मैने सोचा कोई तो मिला जो मुझे इस बस्ती मे बचा सके …हमारी अच्छी दोस्ती हो गयी फिर हम रोज़ मिलते थे और बाते करते थे एक दिन मैं और वो छत पर खड़े हो कर बाते कर रहे थे कि सामने मेरे घर की छत पर मम्मी नज़र आई. ज़हीर मम्मी के तरफ ही देख रहा था.उसने मुझसे कहा,पता है तुझे मैं इस वक़्त यहाँ क्यों बैठता हूँ रोज?यही नज़ारा देखने के लिए..अब्बू ऐसे ही नही फिदा हो गये तेरी मम्मी पर,तेरी मम्मी साड़ी ऐसी पहनती है कि पीछे से उनकी कमर सॉफ दिखती है .. नाभि तो देखो कितनी गहरी है. हमेशा नाभि के नीचे साड़ी बाँधती है तेरी मम्मी .वो जब कपड़े पसारती है तो अपनी साड़ी को छोटा कर के अपने पेट पर अटका देती है जिससे उनकी चूची ब्लाउस के अंदर बड़ी बड़ी सॉफ दिखती हैं. वो जब भी नहा कर आती है तो बाल्कनी में अपने बाल सुखाती है उनके गीले बदन में से उनकी चूची बहुत ही मस्त लगती है. मैं जब यहाँ रहता हूँ तो मेरी नज़र उनके बदन पर ही होती है.सच मे ,तेरी मम्मी पटाखा माल है,अब्बू जब तेरी मम्मी को चोदते होंगे तो ज़न्नत मे सैर करते होंगे..मैं झेप गया.
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