RE: Kamvasna कलियुग की सीता
बस उस दिन के बाद मेरी चुदाई का सिलसिला निकल पड़ा..हबीब चाचा अब मुझे गोद मे बैठा कर ही सारी फाइल देखते….और जब मन करता मुझे चोद लेते…बस यही डर रहता कि कोई देख ना ले….इसलिए एक दिन हबीब चाचा ने कहा,”सीता….जितनी चुदासी माल हो तुम उस हिसाब से तो तुम्हे फ़ुर्सत मे चोदना चाहिए….हर स्टाइल मे चोदना चाहिए..लेकिन यहाँ ये पासिबल नही है…इसलिए मैने सोचा है,तुम मेरे साथ वाकेशन पर चलोगि.”
उनकी बात सुनकर रोमॅन्स ने मेरे मन मे अंगड़ाई ली…मैने कहा,”लेकिन मेरे पति अकेले नही रह सकते…मैं उन्हे छोड़ के जाती हूँ तो वो पागल हो जाते हैं.”
हबीब चाचा:”तो क्या प्लान ड्रॉप कर दूं??”
मैं:”नही…आप बस मेरे पति को भी साथ ले चलिए….ऑफीस वर्क के काम के बहाने….मैं उन्हे बहका दूँगी कि ऑफीस का काम भी हो जाएगा और हनिमून भी.”
हबीब चाचा:”लेकिन तुम्हारा पति जाएगा तब तो तुम उसके साथ हनिमून मनाओगी…मेरा क्या होगा??”
मैं:”वो सब आप मुझ पर छोड़ दीजिए.”
गर्मी के दिन थे इसलिए हमने हिल स्टेशन जाने का प्लान किया था…..मैने,पतिदेव और हबीब चाचा ने वहाँ पहुच कर एक होटेल लिया और फिर ऑफीस वर्क के बहाने हबीब चाचा के साथ निकल पड़ी. हबीब चाचा की तमन्ना थी कि वो मेरे साथ स्विम्मिंग पूल मे नहाए…इसके लिए उन्होने एक कीमती स्वीम्सूट भी दे दिया था मुझे.स्विमस्यूट ऐसा था कि मुझे पहनने मे भी शर्म आ रही थी….लेकिन फिर सोचा ‘जिसने कि शर्म,उसके फूटे कर्म’….इसलिए स्विमस्यूट पहन कर हबीब चाचा के लंड पर बिजली गिराने का इरादा कर लिया…उन्ही की तो तमन्ना थी कि वो खुले आम मेरे साथ ऐसी ड्रेस मे मज़ा ले…और सच मे मुझे देखते ही हबीब चाचा का लंड खूटे की तरह तन गया.
जब रात हो गयी तो लोग भी कम हो गये लेकिन हबीब चाचा जैसे मुझे छोड़ने के मूड मे ही नही थे…जब सन्नाटा हो गया तो बोले, ”अब स्विम सूट उतार के ज़रा मुझे ज्वालामुखी का दहाना तो दिखाओ…कब से तड़प रहा हूँ.”
इतराते हुए मैने कहा,”धत्त्त…शर्म नही आती…यहाँ खुले मे कोई आ गया तो मैं तो मर जाउन्गि…
जवाब मे हबीब चाचा ने कहा,”सीता…अगर तुम नही दिखाओगि तो भी मैं मर जाउन्गा.”
मैने शरमाते हुए स्विमस्यूट उतार दिया…मेरी चूचियाँ खुली थी लेकिन चूत मैने शर्म के कारण ढँक ली थी…
हबीब चाचा का लंड फन्फाने लगा था…वो बोले ,”जल्दी से कपड़े पहन कर रूम मे चलो…वरना मैं तुम्हे यही चोद दूँगा मुझसे बर्दास्त नही हो रहा”…और सच मूच हबीब चाचा उस रात मुझे रात भर चोदते रहे….सुबह तक मेरी चूत सूज गयी थी….उफफफफफ्फ़ ये मुल्ला लोग भी कैसे हबसी की तरह चोदते हैं…सुबह उठकर मैं पतिदेव के रूम जाने लगी तो हबीब चाचा ने मुझे रोक लिया…फिर एक गोल्डन पैंटी ब्रा निकाल कर मुझे थमा दिया और कहा,”सीता…आज बीच पर चलेंगे…यह पर्स मे रख लेना.”
मैं:”लेकिन आज मेरी पतिदेव बहुत नाराज़ होंगे…शायद जाने ना दे.”
हबीब चाचा:”तो ठीक है उसे भी साथ ले चलते हैं…..और सुनो आज रेड साड़ी पहन कर आना…सिर्फ़ साड़ी अंदर कुछ नही.”
उनकी बात सुनकर मेरी चूत बिदक गयी…साले ने रात भर चोदा है…फिर भी कमिने का दिल नही भरा.”….बहरहाल हामी मे सर हिला कर मैं बाहर निकल आई…मुझे क्या पता था कि मेरा स्विम्मिंग पूल जाना मुझे फिर से किस जाल मे लपेटने जा रहा है.
मैं हबीब चाचा के कहे अनुसार ही रेड साड़ी पहन कर पतिदेव और उनके साथ निकली…पतिदेव को मनाना मेरे लिए कोई बड़ी बात नही थी…वो तो मेरे हुक्म के गुलाम थे.
बीच पर जाकर हबीब चाचा ने पतिदेव को काम के बहाने ऐसी जगह भेज दिया जहाँ से लौटने मे उनको कम से कम 3 घंटे लगते….और फिर जाकर मुझे पता चला कि हबीब चाचा ने मुझे बिना पैंटी- ब्रा पहने क्यों बुलाया था…
पतिदेव के जाते ही हबीब चाचा मुझे लेकर बीच पर टहलने लगे….पहली हरकत जो उन्होने की वो यह थी कि तुरंत अपने हाथ मेरी चूतड़ पर जमा दिए और साड़ी के उपर से ही सहलाने लगे…फिर मेरे गाल पर पप्पी लेते हुए कहा,”सीता….तुम्हारे चूतड़ जब भी मैं देखता हूँ मेरे हाथ मचलने लगते हैं…तुम जब मटक कर चलती हो तो ये ऐसे डोलती हैं कि मेरा ईमान भी डोल जाता है…”
उनकी बात सुनकर मेरी चूत शर्म से पानी पानी हो गयी…मुझे अहसास हुआ कुदरत ने मुझ पर बेपनाह हुस्न लुटा कर मेरे लिए मुसीबत खड़ी कर दी थी…एक ओर मैं इतनी हॉट थी कि पतिदेव छूते ही झाड़ जाते थे,दूसरी ओर ये मुल्ला लोग मेरे चूतडो को अपने बाप का माल समझ लिए थे..मेरे चूतड़ और चुचि दबा दबाकर इन लोगो ने और मदमस्त बना दिया था…तारीफ इनकी होती थी और भुगतना मुझे पड़ता था..एक घंटे चलते चलते हबीब चाचा ने मेरी चूतड़ की मालिश की…मैने पैंटी नही पहनी थी…इसलिए मुझे लग रहा था जैसे वो मेरे नंगे चूतड़ की मालिश कर रहे हैं…खुले आम लोगों के सामने अपने चूतडो की मालिश करवाने मे मुझे शर्म तो आ रही थी लेकिन मैं जब भी शरमाती हबीब चाचा मुझे किस कर लेते….मेरी बात समझ कर आख़िरकार हबीब चाचा ने मुझसे कहा,”जाओ सीता…उधर केबिन है,पैंटी-ब्रा पहन कर आओ…हम अब सी बाथ करेंगे….
मैने सोचा चलो जान बची और ड्रेस पहनने केबिन की ओर चल दी. गोल्डन टू पीस पहन कर मैं आई तो हबीब चाचा ने अपना कॅमरा निकाल लिया और फिर फोटो सूट करने लगे…इतने लोगो के बीच मुझे ब्रा-पैंटी मे शर्म आ रही थी लेकिन हबीब चाचा की खुशी के लिए मैने यह भी मंज़ूर कर लिया…लेकिन मुझे क्या पता था कि मेरा ये डिसीजन मुझे कहाँ खड़ा कर देगा…
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