Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
08-07-2019, 12:57 PM,
#15
RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--13

गतान्क से आगे......................

सुधिया ने जब रामू के मुँह से ऐसी बाते सुनी तो उसका हाथ खुद ही उसकी चूत तक पहुच गया और वह अपनी चूत को

सहलाते हुए सामने देखने लगी,

रमिया- पर भैया तुम तो मा को पूरी नंगी करके उससे चिपकना चाहते होगे ना

रामू- अरे वो तो ठीक है पर मेने अभी तक मा की मस्त चूत भी नही देखी है, मेरा बड़ा मन करता है मा को नंगी

देखने का,

रमिया- भैया तुम मा को नंगी देख सकते हो लेकिन तुम यहाँ खेतो मे आ जाते हो और मा तुम्हारे आने के बाद आँगन

मे बैठ कर कई बार पूरी नंगी ही नहाती है,

रामू- रमिया को अपनी गोद मे अपने लंड पर बैठाता है और रमिया अपनी चूत मे अपने भैया का मोटा लंड एक झटके

मे फसा कर बैठ जाती है, रमिया क्या तूने मा को पूरी नंगी देखा है,

रमिया- हाँ मेने तो कई बार मा को नंगी नहाते हुए देखा है, मा बहुत मोटी और गोरी लगती है,

रमिया- भैया तुम एक काम करो कल खेत पर ना आना और बहाना बना देना कि तुम्हारी तबीयत ठीक नही है, फिर आँगन

के पास वाले कमरे जहाँ अंधेरा रहता है वहाँ से आँगन मे जहाँ मा बैठ कर नहाती है वह बिल्कुल सामने और बहुत

पास मे है, तुम जब वहाँ से मा को नहाते देखोगे तो तुम्हे सब कुछ बहुत साफ दिखाई देगा ऐसा लगेगा जैसे मा

तुम्हारे सामने ही पूरी नंगी होकर नहा रही है, और तुम मा को नंगी देख कर मस्त हो जाओगे,

रामू ने रमिया की बात सुनते ही उसकी चूत मे कस कर लंड पेलते हुए, हे मेरी प्यारी बहना कितना अच्छा रास्ता बताया है

तूने, अब तो मा के नंगे बदन की एक झलक तो मुझे मिल ही जाएगी,

रमिया- आह भैया आज कुछ ज़्यादा ही मोटा और बड़ा लग रहा है तुम्हारा लंड लगता है यह मा को नंगी सोच कर और

बढ़ने लगा है,

मा जब नंगी होती है तो बहुत मस्त नज़र आती है तुम कल जी भर कर अपनी मा को पूरी नंगी देखना, तुम नही जानते मा को नहाने मे बहुत देर लगती है, वह खूब रगड़-रगड़ कर नहाती है, तुम्हारा पानी तो वह नहाते-नहाते ही निकाल देगी

सुधिया- अपने मन मे बेशरम कही की मुझे क्या पता था यह रमिया इतनी बड़ी चुदासी रांड़ निकलेगी, कैसे अपनी छोटी

सी गुलाबी चूत मे अपने भैया का इतना मोटा लंड फसा कर उसकी गोद मे चढ़ि हुई है,

रमिया- अपने भैया के मोटे डंडे पर कूदते हुए, भैया तुम्हे मा को सबसे ज़्यादा कहाँ चूमने का मन होता है,

रामू- मेरा दिल करता है कि मा का खूब शृंगार करके सबसे पहले उसके रसीले होंठो को चूमता हुआ उसकी फूली चूत

अपने हाथो मे भर कर खूब दबाऊ और फिर उसे घोड़ी बना कर खूब कस कर उसकी चूत और गान्ड चातू,

रमिया- भैया अब मेरे उपर चढ़ कर चोदो ना, उसकी बात सुनते ही रामू ने उसे खाट पर लेटा दिया और उसकी चूत मे अपना लंड डाल कर उसे चोदने लगा,

रामू- रमिया क्या मा भी मुझसे चुद्वाने के लिए ऐसे ही तड़पति होगी

रमिया- पता नही पर अगर मा तुमसे कुछ ज़्यादा ही चिपकने की कोशिश करे तो समझ लेना कि उसे तुम्हारा लंड चाहिए

वैसे एक दिन रात को मेने उसे अपनी चूत मे उंगली डालते हुए देखा था फिर मे नींद मे थी तो जल्दी ही सो गई,

रामू- मे तो मा को छुने के लिए भी तरसता रहता हू और उसके डर के मारे रात को भी उससे दूर ही सोता हू

रमिया- अरे भैया तुम तो बेकार ही डरते हो मा तो बहुत पक्की नींद मे सोती है रात को तुम उसकी मोटी गान्ड को खूब कस- कस कर भी सहलाओगे तो भी वह उठने वाली नही है, तुम तो उसके पास ही सोते हो जब मन करे मा की चूत और गान्ड अपने हाथो मे भर कर सहला दिया करो , मा के तो दूध भी कितने मोटे-मोटे है तुम्हारा जब दिल करे मा की छातीयो को मसल दिया करो, उसकी फिकर ना करो वह बड़ी मुश्किल मे उठती है,

रामू- तू सच कह रही है

रमिया- हाँ तुम्हे यकीन ना हो तो आज ही पहले पीछे से मा की भारी गान्ड को सहलाना मा एक घाघरा भर तो पहन कर सोती है तुम्हे तो ऐसा लगेगा जैसे तुम मा के भारी चुतड़ों को पूरा नंगा करके ही सहला रहे हो,

अपने दोनो बच्चो के मुँह से अपने बारे मे इस तरह की बाते सुन कर सुधिया अपनी चूत को खूब ज़ोर-ज़ोर से मसल रही थी और उसे रामू का मोटा तगड़ा लंड रमिया की चूत मे आता हुआ साफ दिखाई दे रहा था, जब रामू रमिया को चोद चुका तब उसने रमिया की चूत को पानी से अच्छी तरह धो कर अपने गम्छे से साफ किया और फिर उसकी चूत को जीभ से चाटते हुए

रामू- रमिया तुझे पता है चूत चाटने मे कितना मज़ा आता है,

रमिया- मुझे मालूम है और तुम्हे भी पता है मुझे तुम्हारा लंड चूसने मे कितना मज़ा आता है, तुम्हारा मोटा

लंड जो औरत एक बार अपनी चूत मे ले ले वह मस्त हो जाएगी,

रामू चल अब जल्दी से हाथ मुँह धो ले कुछ देर मे मा आती ही होगी, उसके बाद रामू अपने काम मे जुट जाता है और फिर सुधिया थोड़ा रुक कर अपने चेहरे पर बनावटी हसी लाकर खाट पर बैठते हुए,

सुधिया- बेटे चल आजा और खाना खा ले,

रमिया- मा आज क्या खाना लाई हो

सुधिया- अपने मन मे खुद से बाते करती हुई, कुतिया अभी इतना मोटा लंड खा रही थी तो तेरा पेट नही भरा

रामू और रमिया जब तक खाना खाते रहे सुधिया वही खाट पर आराम से लेटी रही, उसके बाद वह कुच्छ देर रुकी और फिर

घर आ गई, उसका मन बिल्कुल नही लग रहा था और उसकी आँखो के सामने रामू का मोटा लंड रमिया की चूत मे आता जाता नज़र आ रहा था, बड़ी मुश्किल से दिन गुजरा, रात को सब खा पीकर सो रहे थे तब रामू ने धीरे से अपने हाथ को अपनी मा की घाघरे के अंदर कसी हुई मोटी जाँघो पर रख दिया, अपनी मा की मोटी गुदाज जाँघो को छुते ही रामू का लंड तन कर खड़ा हो गया, रामू कुछ देर अपना हाथ रखे रहा और फिर कुछ देर बाद रामू ने अपनी मा की मोटी जाँघो के गोश्त को अपनी हथेली मे भर कर दबोचा तो सुधिया ने अपनी आँखे खोल कर दुबारा बंद कर ली उसकी उठी हुई गान्ड रामू की तरफ थी और वह रमिया की और मुँह करके लेटी हुई थी,

जब रामू ने अपनी मा की मोटी जाँघो को दबोचा तो उसकी हिम्मत और बढ़ गई और उसने धीरे से अपने हाथो को उपर की ओर बढ़ा कर अपनी मा की मोटी और गदराई गान्ड पर रखा तो वह मस्त हो गया, उसकी मा की गान्ड बहुत भरी हुई और मस्त थी,

रामू से रहा नही गया और वह अपनी मा के और करीब सरक गया और अब अपने हाथो से अपनी मा की पूरी गान्ड को सहलाने लगा, अभी वह गान्ड के उभार पर ही अपना हाथ फेर रहा था फिर उसने हिम्मत करके अपने हाथ की उंगलियो को थोड़ा सा अपनी मा की गान्ड के छेद पर दबाया तो उसकी उंगली थोड़ा अंदर की ओर दब गई और अब वह बड़े आराम से अपनी मा की गान्ड का छेद और चूत को भी च्छुने लगा,

सुधिया की चूत से पानी आने लगा और उसकी साँसे तेज होने लगी थी, रामू ने धीरे से अपनी मा के कान मे आवाज़ देकर उसे पुकारा लेकिन सुधिया चुपचाप लेटी रही, रामू अब सुधिया की गान्ड और पीठ से पूरी तरह चिपक गया था और उसने अपना हाथ बढ़ा कर अपनी मा के मोटे-मोटे चोली मे कसे हुए चुचो को थाम लिया और उसके गुदाज चुचियो का मज़ा लेने लगा,

रामू काफ़ी देर तक अपनी मा के दूध को दबाता रहा और कभी उसकी गान्ड और कभी उसके गोरे नंगे पेट पर अपना हाथ

चलाता रहा उसका लंड अपनी मा की मोटी गान्ड मे पूरी तरह धसा हुआ था और अपने बेटे के लंड की चुभन अपनी गान्ड

मे महसूस करके सुधिया मस्त हो रही थी और उसका दिल अपनी चूत को मसल्ने का कर रहा था, रामू सुधिया से चिपका हुआ ना जाने कब सो गया और इसी तारह सुधिया को भी नींद आ गई,

सुबह सुधिया ने रामू को जागते हुए उठाया,

सुधिया- चल बेटा उठ जा सूरज सर पर चढ़ गया है, रामू उठ कर बैठ गया और सुधिया चाइ बनाने लगी, उसने अपने

बाल खोल रखे थे और उसकी चोली के उपर के दो बटन खुले हुए थे उसकी छलकती जवानी ने सुबह से ही रामू का लंड

खड़ा कर दिया, उसे अपनी मा को देख कर लगा कि वह नहाने की तैयारी मे है,

सुधिया चाइ लेकर रामू के पास आई ले चाइ पी और इतना आलस क्यो कर रहा है खेत पर नही जाना क्या

रामू- मा आज कुछ तबीयत ठीक नही लग रही है,

सुधिया- उसके चेहरे को अपने हाथो से छु कर देखते हुए क्या हुआ बुखार तो नही है,

रामू- बस मा थोड़ी कमज़ोरी सी लग रही है, बस आराम करने का दिल कर रहा है

सुधिया- उसे अपने सीने से लगाते हुए अच्छा ठीक है तू जा कर उस कमरे मे सो जा मे यहाँ झाड़ू लगा डू,

रामू अंदर वाले कमरे मे आ जाता है और वहाँ से आँगन की और खुलने वाली खिड़की जो बिल्कुल नीचे की तरफ थी और

आँगन मे जहाँ उसकी मा नहाती थी वह जगह बस खिड़की के दूसरी ओर थी, वहाँ से झाँकने पर दूसरी ओर अगर बैठ भी

जाया जाय तो आसानी से नज़र आ जाए,

रामू ने दरवाजे के पास आकर देखा तो सुधिया झाड़ू मार रही थी और उसकी मोटी गान्ड रामू की ओर थी रामू ने अपने लंड

को सहलाते हुए अपनी मा की मटकती गान्ड का मज़ा लेना शुरू कर दिया,

सुधिया- रमिया ले यह कचड़ा बाहर फेंक कर आ मे नहाने जा रही हू

रमिया- मा तुम नहा लो मे तब तक पड़ोस की चाची के यहाँ से आती हू,

सुधिया रामू के कमरे की ओर आती है और रामू जल्दी से बिस्तेर पर लेट जाता है,

सुधिया- उसके पास आकर बैठते हुए उसके सर पर हाथ फेर कर नींद आ रही है क्या

रामू- हाँ मा पूरा बदन टूट रहा है

सुधिया- अच्छा तू आराम कर मे ज़रा नहा लेती हू और फिर सुधिया ने बाहर का दरवाजा लगा दिया और नहाने चली गई,

सुधिया जानती थी कि रामू आज उसको पूरी नंगी देखना चाहता है इसलिए उसकी चूत पहले से ही खूब फूल चुकी थी और इसलिए उसको भी खूब मस्ती सूझ रही थी, रामू ने अपनी आँखे खिड़की के नीचे के छेद से लगा दी और दूसरी और का साफ नज़ारा देखने लगा दूसरी तरफ उसकी मा उसके इतने करीब लग रही थी कि उसका पूरा भरा हुआ शरीर उसे पागल बना रहा था,

सुधिया ने धीरे से अपनी चोली खोल कर अलग कर दी, रामू ने अपनी मा के बड़े-बड़े गतीले दूध देखे तो वह मस्त हो

गया, सुधिया का भरा हुआ जिस्म देख कर रामू ने अपने लंड को अपने हाथ मे लेकर सहलाना शुरू कर दिया सुधिया ने

अब अपने घाघरे का नाडा खोला और मन ही मन खुस होते हुए एक दम से अपना घाघरा छ्चोड़ दिया, रामू के सामने उसकी गदराई मा पूरी नंगी खड़ी थी, रामू ने जब अपनी मा की फूली हुई गुदाज चूत और उसका उठा हुआ पेडू देखा तो उसे ऐसा लगा जैसे उसका पानी अभी निकल जाएगा,

सुधिया अब अपने कपड़े उठाने के लिए झुकी तो उसने एक दम से अपनी भारी गान्ड रामू के मुँह की ओर कर दी और रामू अपनी मा की मस्त मोटी गान्ड और उसके नीचे से उसकी खूब उभरी हुई बड़ी-बड़ी फांको वाली चिकनी चूत देख कर मस्त हो गया, सुधिया अपनी नंगी मोटी गान्ड हिलाती हुई झुक कर बाल्टी मे कपड़े गला रही थी और रामू का दिल कर रहा था कि अपनी मा सुधिया के पीछे बैठ कर उसकी मस्त गान्ड और चूत मे अपना मुँह भर कर खूब दबोचे, सुधिया वही पर उकड़ू बैठ कर कपड़े पर साबुन लगा-लगा कर घिसने लगी और उसका मस्त फूला हुआ भोसड़ा और मोटे-मोटे दूध पूरे उसके बेटे के सामने खुले हुए थे,

सुधिया ने कपड़े धोने के बाद उन्हे निचोड़ने के लिए फिर से अपने भारी चुतड़ों को रामू की ओर करके झुक कर कपड़े

निचोड़ने लगी उसके बाद वह आँगन मे नंगी घूम-घूम कर कपड़े रस्सी मे डालने लगी, जब वह पलट कर जाती तो उसके

भारी भरकम चूतड़ देख कर रामू का दिल करता कि अभी जाकर अपनी मा की गान्ड मे पूरा खड़ा लंड पेल दे, और जब

सुधिया वापस उस और आती तो अपनी मा का उभरा हुआ पेट और पेडू देख कर रामू उसके बदन को चूमने के लिए तड़प

उठता था,

सुधिया कपड़े धोने के बाद आराम से एक उँचे से पत्थर पर बैठ गई और अपनी आइडिया रगड़ने लगी, जब वह अपनी जाँघो

को बार-बार फैला कर अपनी आइडिया रगड़ती तब उसकी चूत की फांके बार-बार कभी खुलती और कभी बंद हो जाती, रामू

बराबर अपने लंड को हिला रहा था, सुधिया ने अब साबुन अपनी जाँघो पर लगाना शुरू किया उसकी चूत खूब पानी छ्चोड़

रही थी और वह अपनी जाँघो को अपनी गान्ड और चूत तक खूब घिस-घिस कर नहा रही थी उसने अपने बदन पर पानी डाला और फिर अपने मोटे दूध पर साबुन लगा कर घिसने लगी, वह हर तरह से रामू को अपना नंगा बदन दिखा रही थी, वह जितना अपने बदन को साबुन से मल रही थी उसकी चूत से उतना ही पानी बह-बह कर बाहर आ रहा था, रामू अपने लंड को मसल्ते हुए अपनी मा की नंगी जवानी का रस पी रहा था,

तभी सुधिया ने अपनी जाँघो को पूरा फैला लिया और अपनी रसीली फूली हुई चूत पर पानी डाल कर उस पर साबुन लगाने लगी, उसकी चूत पूरी चिकनी थी रामू सोच रहा था कि मा की चूत पर एक भी बाल नही है और कितनी फूली और गोरी नज़र आ रही है,

तभी सुधिया ने अपनी चूत की फांको को कुछ इस तरह फैलाया कि रामू को अपनी मा की चूत का लाल चिरा हुआ हिस्सा और उसकी चूत का रस से भीगा लाल-लाल छेद नज़र आने लगा, रामू के मुँह मे पानी भर आया, अपनी मा की रसीली चूत देख कर उससे बर्दास्त नही हुआ और उसने वही अपनी मा की नंगी चूत को देखते हुए मूठ मारना शुरू कर दी,

सुधिया ने जब अपनी चूत पर साबुन लगा कर उसे धोया तो वह एक दम से चमक उठी सुधिया ने दो उंगलिया चूत मे डाल

कर थोड़ा रगड़ा और फिर अपनी चूत पर ठंडा पानी डाल कर उसकी गर्मी को कुछ शांत किया, उसके बाद सुधिया ने अपने भारी चुतड़ों पर साबुन लगा-लगा कर मसलना शुरू कर दिया रामू लगातार अपने लंड को आगे पिछे कर रहा था, तभी

सुधिया ने साबुन मे भीगी अपनी एक उंगली को धीरे से अपनी गुदा मे डाल कर रगड़ा और फिर अपन गान्ड मे पानी डाल कर उसे रगड़-रगड़ कर धोने लगी अपनी मा की मस्त गान्ड का गहरा छेद देख कर रामू को लगा कि अभी वह अपना लंड अपनी मा की मोटी गान्ड मे भर कर उसे खूब कस कर चोद दे और उसका एक दम से पानी निकल गया,

रामू ने अपने लंड को दबा-दबा कर अपना माल निकाल दिया और सुधिया ने भी उधर अपने बदन को सूखे कपड़े से पोछ

कर पेटिकोट और ब्लाउज पहन लिया, तभी किसी ने दरवाजा बजाया और रामू जल्दी से अपने बिस्तेर पर आ कर लेट गया,

बाहर रमिया खड़ी थी और मा ने जब दरवाजा खोला तो वह अंदर आते हुए,

रमिया- मा नहा ली क्या

सुधिया- हाँ मे तो नहा चुकी हू तू रामू से जाकर पुच्छ ले कि वह अभी नहाएगा या देर से और फिर सुधिया अपने काम

मे लग जाती है,

रमिया- धीरे से अंदर जाकर सीधे रामू का लंड पकड़ कर, तुमने सुना मा क्या पूछ रही है, कि रामू से पूछ ले कि वह

अपना लंड अभी दिखाएगा या बाद मे,

रामू- रमिया की छोटी पकड़ कर खिचते हुए, बहुत बोलने लगी है कल चल तू मेरे साथ खेत मे कल तुझे बताता हू,

रमिया- हस्ते हुए आह भैया छ्चोड़ो दर्द हो रहा है,

रामू- बिस्तेर से उठ कर नहाने चला जाता है और रमिया जाकर सब्जिया काटने लगती है सुधिया दूर से रामू के कसरती

बदन को देख रही थी फिर सुधिया चुपके से कमरे की अंदर चली गई तब रमिया ने रामू की ओर धीरे से इशारा कर दिया

और रामू ने अपने लंड को धोती से बाहर निकाल कर जब उस पर साबुन लगा कर मसलना शुरू किया तो सुधिया की साँसे तेज होने लगी जब उसके बेटे का लंड अपनी पूरी औकात पर आ गया तो सुधिया की आँखे खुली की खुली रह गई आज भरपूर रोशनी मे वह अपने बेटे का तना हुआ लंड देख रही थी, उसका लाल सूपड़ा बहुत फूला हुआ था और उसके बड़े-बड़े गोटे लंड से पूरी तरह चिपके हुए थे, उसके लंड की मोटी-मोटी नशे पूरी तरह उभर कर दिखाई दे रही थी, सुधिया अपने बेटे के लंड को देख कर मस्त हो गई तभी रमिया ने रामू की ओर मुस्कुराते हुए देख कर आवाज़ लगाई मा ओ मा

सुधिया जल्दी से कमरे से बाहर आकर क्या है रे क्यो चिल्ला रही है,

रमिया- मा पूरी सब्जी काट लू या बचाउ

सुधिया- पूरी काट ले, सुधिया ने इस बार रामू को इस तरफ़ से देखा तब रामू अपने बदन पर पानी डाल कर नहा चुका था,

उस दिन रामू दिन भर बैचेन रहा और आख़िर मे शाम को वह फिर से हरिया काका के पास पहुच गया,

हरिया- आओ रामू आज खेत नही आए थे का बात है

रामू- पहले अपनी चिलम पिलाओ फिर आगे का हाल बताता हू

हरिया ने चिलम बना कर रामू को दी और रामू ने कश लगाना शुरू कर दिया, रामू की आँखे धीरे-धीरे लाल सुर्ख हो

गई और हरिया उसकी नशीली आँखो को देख कर,

हरिया- वाह बेटा अब तुम हमारे बगल मे बैठने लायक हो गये हो बस एक ही कमी है

रामू- वह क्या

हरिया- यही कि तुम अपनी मा को चोदने का सपना देख रहे हो और मे कई सालो पहले अपनी मा को चोद चुका हू,

रामू- क्या बात कर रहे हो हरिया काका,

हरिया- हाँ बेटा यह सच है, फिर हरिया चिलम का एक गहरा कश खीच कर रामू को देते हुए, बेटा हमारी कहानी तो

बहुत लंबी है हम तुम्हे फिर कभी सुनाएगे,

हरिया- तुम अपनी कहो रामू तुम्हारे क्या हाल है, कोई लोंड़िया चोदने को मिलती है या बस हाथ से ही काम चला रहे हो,

रामू- अरे कहा काका कोई चोदने को मिल जाती तो फिर क्या था, उपर से यह चिलम पीकर तो और भी चोदने का मन करने लगता है,

क्रमशः.............
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RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास - by sexstories - 08-07-2019, 12:57 PM

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