RE: Muslim Sex Stories खाला के संग चुदाई
मैं मुस्कुरा कर उसको देखने लगा तो शरम की वजह से उस ने अपना फेस दूसरी तरफ कर लिया ऑर मुझे कहा कि अयान तुम फ्रेश हो कर बाहर आ जाओ.... वो बाहर जाने लगी तो मैने उसका हाथ पकड़ लिया... उस ने मेरी तरफ देखा ऑर मुझसे हाथ छुड़ाने की कोशिश की..... मैने उसका हाथ नही छोड़ा तो वो मासूम सूरत बना कर बोली....अयान प्लीज़ मेरा हाथ छोड़ दो... कोई आ जाएगा ... मैने कहा.... सबीन मैं तुम्हे एक बार हग करना चाहता हूँ तो उस ने एक अदा से मेरी तरफ देखा लेकिन कुछ नही कहा.. मुझे उसकी इन अदाओं पर बहुत प्यार आ रहा था. वो मुसलसल मुझसे हाथ छुड़ा रही थी....उसने रॉनी सूरत बना कर कहा कि अयान प्लीज़ मुझे छोड़ दो ना प्लीज़.. कोई आ जाएगा .. उसके चेहरे से परेशानी झलक रही थी ऑर वो बार बार दरवाज़े की तरफ देख रही थी....मेरा बहुत दिल कर रहा था उसको हग करने को मगर जब वो नही मान रही थी तो मैने नाराज़गी से उसका हाथ छोड़ दिया ऑर अपने फेस से नाराज़गी ज़ाहिर करने लगा...
उस ने मेरे फेस पर नाराज़गी देखी तो मुझसे बोली. अयान तुम नाराज़ हो गये हो...???? मैने कोई जवाब नही दिया.. उस ने मेरी तरफ बहुत मीठी नज़रो से देखा, उसके इसी अंदाज़ पर तो मैं पागल हो जाता था, मेरे दिल मे तो बहुत प्यार था मगर मैं जान बूझ कर शोखा हो रहा था या शायद चेक कर रहा था कि वो भी सच मे मुझसे प्यार करती है या नही.... मेरी नाराज़ सूरत देख कर वो डोर की तरफ गई, डोर ओपन किया,,,,, बाहर देखा ऑर फिर डोर बंद कर के मुस्कुराते हुए मेरे सामने आ कर खड़ी हो गई... उस ने डोर लॉक नही किया... वो मुस्कुराते हुए मेरे क़रीब आई ऑर मेरी गर्दन के गिर्द अपने बाज़ू डाल कर मुझे हग कर लिया...... मैने भी खुश होते हुए उसकी कमर के गिर्द अपने बाज़ुओं से हिसार बनाया ऑर उसको अपनी बाँहो मे ले लिया.....
वो मेरी लाइफ का फर्स्ट लव हग था... उस टाइम मेरे अंदर अजीब सी फीलिंग थी. मेरा दिल चाह रहा था कि हम दोनो इसी तरह एक दूसरे की बाँहो मे रहें ऑर वक़्त रुक्क जाए.... मैने सबीन के गाल पर हल्की सी किस की तो उस का जिस्म हल्का सा हिला, उस ने मुझे ऑर टाइट हग कर लिया...
हम इसी हग मे खोए हुए थे कि अचानक कमरे का दरवाज़ा एक झटके से खुला ऑर मामी अंदर आई... मामी तेज़ी से कमरे मे दाखिल हुई मगर हम दोनो को देखते ही उनके क़दम रुक गये ऑर वो आँखें फाड़ फाड़ कर हैरान नज़रो से हमे देखने लगी.... हम दोनो एक दूसरे से अलग हुए.... सबीन का तो रंग उड़ गया. उसका लाल चेहरा डर की वजह से पीला जर्द हो गया मगर मामी को देख कर मैं बिल्कुल नॉर्मल रहा... मुझे तो इस बात की खुशी थी कि चलो कोई बात नही. अगर हमे देखा है तो मामी ने ही देखा है ना... अगर मामी के अलावा कोई ऑर देख लेता तो अभी मेरी भी वेसी ही हालत होनी थी. जेसी कि सबीन की थी...
मामी जब हैरानी के झटके से बाहर निकली तो रुक रुक कर बोली.... ये, ये क्या हो रहा था... सबीन के मुँह से वू उूओ के अल्फ़ाज़ निकले मगर उस से कोई बात ना बनी ऑर वो खामोश हो गई.....
मामी कभी मेरी तरफ देख रही थी ऑर कभी सबीन की तरफ जैसे पूछ रही हों इस बारे मे... जब हम दोनो खामोश रहे तो मामी गुस्से से चिल्ला कर बोली.... मैं तुम दोनो से पूछ रही हूँ.. अभी तक तो मैं मामी को देख कर नॉर्मल था मगर मामी को गुस्से मे देख कर मेरी भी पॅंट गीली होने लगी. मुझे अपना डर नही था डर था तो सिर्फ़ इस बात का कि मामी सबीन को कुछ कहते ना दें........
मामी मुझसे कुछ नही पूछ रही थी वो सिर्फ़ सबीन को देख रही थी ऑर सबीन मासूम सी लड़की मामी के गुस्से की वजह से बिना आवाज़ के रोने लगी... उस वक़्त पता नही क्यू,,, उसके आँसू देख कर मुझे मामी पर बहुत गुस्सा आ रहा था.... मैं दिल मे सोच रहा था कि खुद तो मामी जो मर्ज़ी चाहे करे मगर सबीन की इतनी छोटी सी हरकत पर उसको इतना गुस्सा कर रही है.... हाँ जी उस वक़्त मुझे ये बहुत छोटा सा काम लग रहा था सिर्फ़ एक हग ही तो किया था...... मगर मामी के लिए शायद ये बड़ी बात थी ऑर मामी के इतने गुस्से की वजह मुझे बात मे पता लगी.... जो बाद मे आप लोगो के सामने आ जाए गी.....
जब सबीन का रोना देख कर मुझसे बर्दाश्त नही हुआ तो मैने मामी का हाथ पकड़ कर कहा कि मामी मैं बताता हूँ आपको.... मामी ने मेरी तरफ गुस्से से देखा तो मेरी बात मेरे हलक मे ही अटक गई... मैने बहुत मुश्किल से थूक निगला.... मामी ने मेरी तरफ देख कर कहा..... हाँ तुम बताओ... तुम यहाँ इस लिए आए थे कि सबीन के साथ भी..... उन्होने अपनी बात कंप्लीट नही की मगर मैं उनकी पूरी बात समझ गया था...
अब मुझे पता लग गया कि मामी मेरे ऑर सबीन के बारे मे क्या सोच रही थी... मेरे दिमाग़ मे सबीन के लिए कोई गंदा ख़याल नही आया था.. मुझे तो उस मासूम लड़की से मुहब्बत हो गई थी... मैने मामी की आँखों मे देखा ऑर थोड़ी हिम्मत पैदा कर के बोला.... मामी मैं ऑर सबीन एक दूसरे को पसंद करते हैं... मामी ने कहा... अभी तुम दोनो को शलवार ठीक से पहन'नी नही आती ऑर चले हो मुहब्बत करने....
सबीन के आँसू देख कर मुझे मामी पर बहुत गुस्सा आ रहा था... मैने भी उसी तरह मामी को जवाब दिया कि मुझे सब कुछ करना आता है... मामी ने मेरी तरफ एक झटके से देखा ऑर सख्ती से अपने होन्ट बंद कर लिए जैसे वो मुझसे कुछ कहते ना चाहती हो मगर कह ना सकती हो....सबीन मिन्नत भरी नज़रो से मामी को देख रही थी... उस ने मामी को कहा.... प्लीज़ खाला आइ आम सॉरी.. मुझे माफ़ कर दो प्लीज़... मैं आइन्दा ऐसा नही करूँ गी. प्लीज़ आप अमि को नही बताना प्लीज़.... मामी कुछ देर तो इसी तरह खड़ी रही ऑर फिर बेड पर बैठ कर कुछ सोचने लगी... मामी ने सबीन को आराम से बाहर जाने का बोला... उनके बोलने से गुस्सा ख़तम हो चुका था....
जब सबीन रूम से निकल गई तो मामी ने मेरी तरफ देखा ऑर मुझे कहा.... अयान तुम सबीन को भी खराब करना चाहते हो...
मैं भी मामी के पास जा कर बैठ गया ऑर मैने मामी से कहा कि... मामी मैं सबीन के बारे मे कुछ ग़लत नही सोचता... मैं उस से मुहब्बत करता हूँ और उस से शादी करूँगा ....
मामी ने एक गहरी नज़र मुझ पर डाली ऑर एक लंबी साँस लेते हुए... अयान अभी तुम दोनो की इतनी उमर नही है कि तुम लोग इस बारे मे सोचो... मैने अपना सिर नीचे झुका कर कहा... जब मैं इस उमर मे सेक्स कर सकता हूँ तो मुहब्बत क्यू नही कर सकता......
मामी ने कुछ कह ना चाहा मगर कुछ नही बोला.... मामी ने मुझे सबीन की फमिली के बारे मे बताया कि वो कितनी स्ट्रिक्ट फमिली से बिलॉंग करती है.... उन्होने बहुत समझाया... मगर मैं ना माना.... मैने मामी से प्रॉमिस लिया कि वो किसी को नही बताए गी ऑर मुझे यक़ीन भी था कि मामी किसी को नही बताए गी....
मैने अपनी तसल्ली करने के बाद मामी से घर जाने की इजाज़त ली.... मामी मेरे साथ मैन डोर तक आई ऑर मैं बाइक पर घर के लिए रवाना हो गया.....
घर पहुँचा तो खाला मेरी मुंतज़ीर थी... सोबिया अभी तक घर मे ही थी. शाम का अंधेरा छाने लगा था शायद आज सोबिया ने अपने घर नही जाना था.... खाला ने मुझसे लेट आने के बारे मे भी पूछा तो मैने कहा कि मामी ने गर्मी की वजह से आने नही दिया... हम लोग टी.वी लाउंज मे बैठ कर टी.वी देखने लगे... खाला ऑर सोबिया टी.वी के सामने वाले सोफे पर बैठे हुए थे जब कि मुझे टी.वी देखने के लिए अपना सिर घुमाना पड़ रहा था...... कुछ देर तक टी.वी देखने के बाद खाला बोली कि मैं किचन जा रही हूँ ऑर खाला किचन मे चली गई... अब रूम मे मैं ऑर सोबिया थे... सोबिया ने मुझे आवाज़ दी.... अयान ऐसे ही टी.वी देखते रहो गे तो तुम्हारी गर्दन मे दर्द हो जाएगा ... यहाँ आ कर बैठ जाओ... मैं भी उठा ऑर उस सोफे पर जा कर बैठ गया...... मेरे बैठ ने के बाद सोबिया मेरे क़रीब हो गई ऑर टी.वी देखते देखते मुझसे बातें भी करने लगी.... सोबिया ने बातो बातो मे मुझसे पूछा कि अयान तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है...????
मैने एक नज़र सोबिया को देखा ऑर मुस्कुरा कर टी.वी देखने लगा.... सोबिया मेरी तरफ से जवाब की मुंतज़ीर थी जब मेरी तरफ से कोई जवाब ना मिला तो वो मेरे ऑर क़रीब हो गई... अब उसकी जाँघ मेरी जाँघ से टच होने लगी.... वो मुझसे बोली... अयान तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है तो तुम मुझे बताओ.. मैं किसी को नही बताउन्गी.. मैने अब की बार भी उसको कोई जवाब नही दिया..... उसने मेरी गर्दन के पीछे से हाथ घुमा कर मेरे कंधे पर रख लिया... जिसकी वजह से उसके बूब की साइड मेरे बाज़ू से टच होने लगी.. वो गैर महसूस अंदाज़ मे अपना बूब मेरे शोल्डर से रगड़ने लगी.... उसके नरम नरम बूब्स का लांस पा कर मेरी शलवार मे हल्की हल्की हलचल सी होने लगी.
मुझसे ज़्यादा ज़हीन तो मेरा लंड था जो किसी का हल्का सा इशारा पा कर भी जाग जाता था... सोबिया ने मेरे कंधे पर हाथ रखा ऑर मेरे शोल्डर पर हल्का हल्का हाथ मूव करने लगी....... मैं भी जान बूझ कर सोबिया के ऑर क़रीब हो गया जिसकी वजह से उसके बूब्स मेरे बाज़ू से प्रेस हो गये... सोबिया मुझसे इधर उधर की बे मतलब बातें कर रही थी.. उन बातो का कोई सिर पैर नही था बस वो मुझ पर ये साबित करना चाहती थी कि वो तो मुझसे बातें कर रही है उसे तो किसी चीज़ का पता नही मगर मैं 2 फीमेल्स को चोद कर इतना अंदाज़ा तो लगा ही चुका था कि एक लड़की जब ऐसी हरकतें करती है तो वो क्या चाहती है.... सोबिया अपने बूब को आहिस्ता आहिस्ता मेरे बाज़ू पर रगड़ रही थी... मैने एक हल्की सी नज़र उस पर डाली तो उस ने शरमा कर अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया... इस से आगे बढ़ने की मुझ मे हिम्मत नही थी ऑर वो आगे बढ़ नही रही थी...
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