Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
08-12-2019, 01:02 PM,
#75
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
रज़िया बीबी अपने दिल ही दिल में ये दुआ माँग रही थी. कि काश ये सब एक भयानक मज़ाक हो. और काश ज़ाहिद उसे ये कह दे कि उस ने नीलोफर से इस किस्म की कोई बात नही कही.

तो फिर वो अपने बेटे ज़ाहिद से कह कर नीलोफर और उस के पूरे खानदान की वो हालत बनवाएँगी. कि उन कमीनो की अगली सात नस्लो भी क्या याद करेंगी. कि किसी के साथ ऐसा गंदा मज़ाक कैसे किया जाता है.

ज़ाहिद ने अम्मी की फैंकी हुई अपनी और अपनी बहन शाज़िया की फोटो को फर्श से उठाया और उन को हाथ में ले कर बहुत गौर से देखने लगा. मगर उस ने अपनी अम्मी की बात का कोई जवाब ना दिया.

अपनी जवान बहन के मोटे और भरे मम्मो को तस्वीर में देख कर ज़ाहिद की आँखों और मुँह पर एक मक्कारी भरी शैतानी मुस्कुराहट फैलती चली गई.

अपने बेटे ज़ाहिद की खामोशी और उस के चेहरे पर ज़ू महनी मुस्कराहट को देख कर रज़िया बीबी का दिल पहले से ज़्यादा डोलने लगा. और ज़ाहिद से कोई जवाब ना पा कर वो दुबारा चीखी “ज़ाहिद खामोश क्यों हो,कुछ तो बको और मुझे बताओ कि ये सब माजरा किया है”

“क्यों अम्मी आप को अपनी बेटी के लिए भेजा हुआ मेरा रिश्ता पसंद नही आया क्या” ज़ाहिद अपनी शैतानी आँखों को अपनी अम्मी की आँखों में डालते हुए, इतनी बड़ी बात बड़े आराम और होसले से अपनी अम्मी से कह गया.

“ क्या बकवास कर रहे, तुम होश में तो ज़ाहिद, क्या तुम ने वाकई ही नीलोफर के हाथ अपनी ही सग़ी बहन के लिए अपना रिश्ता भिजवाया है??” अपने बेटे की बात सुन कर रज़िया बीबी का सर चकराने लगा. और उसे यूँ महसूस हुआ कि जैसे किसी ने उस के पावं तले से ज़मीन खैंच ली हो.

“हां अम्मी जी ये बात सच है,आप ही तो मुझे बार बार शादी करने पर मजबूर कर रही थी ना” ज़ाहिद ने बड़े सकून से अपनी अम्मी को जवाब दिया.

“ज़ाहिद लगता है तुम पागल हो चुके हो,मेने तुम को किसी दूसरी लड़की से शादी करने का कहा था. और तुम अपनी ही सग़ी बहन के साथ ये गलीज़ हरकत करने का सोचने लगे,तुम जानते हो कि ये बात ना सिर्फ़ ना मुमकिन ही नही बल्कि गुनाह-य- कभीरा भी है बेटा”रज़िया बीबी ने जब ज़ाहिद को इस तरह पुरसकून हालत में अपनी ही सग़ी बहन से शादी करने की बात करते सुना. तो उसे यकीन हो गया कि उस का बेटा ज़ेहनी तौर पर पागल हो चुका है. इसी लिए वो इस तरह की बहकी बहकी बातें करने लगा है.

“क्यों ना मुमकिन है ये बात,आप ही बताएँ क्या कमी है मुझ में,जवान और पड़ा लिखा हूँ और सब से बड़ी बात कि अच्छी नोकरी है मेरी,तो आप को तो खुश होना चाहिए अपनी बेटी के लिए आने वाले मेरे इस रिश्ते पर अम्मी” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के नज़दीक जाते हुए कहा.

अपने बेटे के मुँह से इस तरह की वाहियात बातें सुन कर रज़िया बीबी का मुँह गुस्से से लाल पीला हो गया. और उस ने अपने नज़दीक पहुँचे हुए ज़ाहिद के मुँह पर ज़ोर दार किस्म के थप्पड़ो की बरसात कर दी.

ज़ाहिद ने अपने मुँह पर पड़ते अपनी अम्मी के थप्पड़ो को नही रोका और चुप चाप खड़ा अपनी अम्मी से मार ख़ाता रहा.

वो खुद चाहता था कि जब उस की अम्मी दिल भर कर अपने अंदर का गुस्सा उस पर निकाल लेंगी. तो फिर ही वो उन से सकून से मज़ीद बात चीत करे गा.

जब रज़िया बीबी अपने बेटे के मुँह पर तमाचे मारते मारते थक गई. तो वो पास पड़े सोफे पर बैठ कर ज़रो कातर रोने लगी.

ज़ाहिद भी अपनी अम्मी से मार खाने के बाद खुद भी उन के सामने पड़े सोफे पर जा बैठा. और अपनी अम्मी के चुप होने का इंतिज़ार करने लगा.

कुछ देर बाद जब रज़िया बीबी रो रो कर थक गई. तो ज़ाहिद अपने सोफे से उठ कर अपनी अम्मी के पास जा बैठा. और उन के कंधे पर हाथ रख कर प्यार से अपने गले से लगा लिया.

रज़िया बीबी आज अपने बेटे की बातें सुन कर उस से नफ़रत करने लगी थी.

इसीलिए वो ज़ाहिद के हाथ को झटक कर तेज़ी से उठी और दूसरे सोफे पर जा बैठी.

टीवी लाउन्ज के दूसरे सोफे पर बैठते ही रज़िया बीबी ने अपनी आँखों में आते हुए आँसुओं को पोन्छते हुए ज़ाहिद से कहा “ज़ाहिद ये सब क्या है और कब से ये सब गंदा खेल तुम दोनो बहन भाई इस घर में खेल रहे हो”

"अम्मी अगर आप अपने आप में थोड़ा होसला पेदा करें तो में आप को सब कुछ सच सच और पूरा तफ़सील से बता सकता हूँ". ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की तरफ देखते हुए कहा.

रज़िया बीबी अब पहले की मुक़ाबले अब थोड़ा अपने आप को संभाल चुकी थी. और उस का दिल भी अब ये चाह रहा था. कि वो अपने बेटे के मुँह से सारी बात सुन कर ये बात जान सके कि उस की तर्बियत में ऐसी क्या कमी रह गई थी. कि उस की नाक के नीचे ही उस के बच्चे आपस में ही प्यार की पींगे बढ़ाते हुए गुनाह के रास्ते पर चल निकले थे.

“अच्छा बताओ ये सब काम कब और कैसे स्टार्ट हुआ ज़ाहिद” रज़िया बीबी ने अपने रुखसार पर बैठे आँसू को अपने दुपट्टे से पोन्छते हुए ज़ाहिद से कहा.

इस के बाद ज़ाहिद ने नीलोफर और जमशेद से मुलाकात से ले कर पिंडी एर पोर्ट तक और उस के बाद नीलोफर और जमशेद के साथ शाज़िया और अपनी शादी वाले प्लान की सारी बात अपनी अम्मी के गॉश-ओ-गुज़र कर दी.

मगर इस सारी बात में उस ने पूरी कोशिश की कि लंड,फुद्दि जैसा कोई नंगा या गंदा लफ़्ज अपनी अम्मी के सामने उस के मुँह से अता ना हो.

जब रज़िया बीबी को एक बहन भाई होते हुए नीलोफर और जमशेद के आपस जिन्सी ताल्लुक़ात कायम करने वाली बात का ईलम हुआ.तो ज़ाहिद और शाज़िया की तरह उन की अम्मी का मुँह भी हैरत से खुला का खुला रह गया.

ज़ाहिद और शाज़िया की तरह रज़िया बीबी के लिए भी ये ना काबले यकीन बात थी. कि सगा भाई होते हुए भी जमशेद अपनी ही सग़ी बहन का यार भी बन गया था.

“अच्छा अब में सारी बात जान चुकी हूँ,लेकिन अगर नीलोफर और जमशेद ने एक ग़लत काम किया है. तो तुम लोग भी क्यों उसी ग़लत काम को करने पर तूल गये हो बेटा” रज़िया बीबी ने ज़ाहिद की बात ख़तम होने पर उसे समझाते हुए कहा.

“अम्मी मेने इस वाकये से पहले तक कभी अपनी बहन के बारे में इस तरह की कोई बात सोची तक नही थी,लेकिन नीलोफर और जमशेद से एक मुलाकात ने मेरी ज़हिनियत ही बदल कर रख दी, अब हक़ीकत ये है कि जमशेद की तरह में भी अपनी ही बहन शाज़िया से मोहब्बत करने लगा हूँ और उस से शादी का ख्वाहिश मंद हूँ और उस के लिए आप की इजाज़त चाहता हूँ” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की बात के जवाब में कहा.

“तुम को ऐसी घटिया बात सोचते हुए भी शरम आनी चाहिए ज़ाहिद,मुझे तो शरम आ रही है तुम को अपना बेटा कहते हुए” रज़िया बीबी ने अपने बेटे को कोसते हुए कहा.

“अम्मी चाहे आप कुछ भी कहो में अब शादी करूँगा तो सिर्फ़ शाज़िया से वरना नही” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी को अपना फ़ैसला सुनाते हुए कहा.

अपने बेटे की बात सुन कर रज़िया बीबी का दिल फिर काँपा और वो अपने बेटे ज़ाहिद को समझाने वाले अंदाज़ में बोली “ बेटा तुम क्यों ये बात नही समझते कि ये सब जो तुम सोच और कह रहे हो ये एक बहुत बड़ा गुनाह है”

“अम्मी मुझे कुछ नही पता बस मेने अपना फ़ैसला आप को सुना दिया है” ज़ाहिद अम्मी की बात की अन सुनी करता हुआ बोला.

“मगर ज़ाहिद ये बात ठीक नही,तुम दोनो बहन भाई हो कर कैसे ये सब कर सकते हो भला, वैसे भी ये बहुत गुनाह वाला काम है और सोचो कि दुनिया और हमारे रिश्ते दार क्या कहेंगे बेटा” रज़िया बीबी ने अपने बेटे से कहा.

“कौन सी दुनिया और कौन से रिश्ते दार, आप जानती हैं कि अब्बू की मौत के बाद हमारे घर के क्या हालात हो गये थे, उस वक्त कौन सी दुनिया और कौन से रिश्ते दार हम लोगों की मदद को आगे आए थे,अब जब हमारा अच्छा वक्त चल रहा है तो इस वक्त मुझे किसी और की कोई परवाह नही अम्मी” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की बात का जवाब दिया.

“तुम को दुनिया या खुदा का ख़ौफ़ नही मगर मुझे है,इसीलिए में तुम्हे अपनी ही सग़ी बहन को अपनी बीवी बना कर इस घर में रखने की हरगिज़ हरगिज़ इजाज़त नही दूंगी ज़ाहिद” रज़िया बीबी गुस्से से अपने बेटे से कहा.

ज़ाहिद अब अपनी बहन की मोटी फुद्दि को हासिल करने के लिए पूरी तरह तुला हुआ था.और अपनी बहन की जवान गरम और प्यासी चूत में अपना मोटा लंड डालने के लिए उसे चाहे कोई भी हद क्रॉस क्यूँ ना करनी पड़े वो उस पर अब आमादा हो चुका था.
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