RE: Maa Bete ki Vasna मेरा बेटा मेरा यार
शाम को राज जानबूझकर काफी देर बाद घर आया । उसने देखा मेँ डाइनिंग रूम या किचन में नहीं थी जैसा की मै अक्सर इस समय होती थी । शायद वो दिन भर सोच रहा था कि घर जाकर मेरा सामना कैसे करेगा लेकिन जब उसने पाया कि मै आज , अन्य दिनों की तरह , डिनर के लिए उसका इंतज़ार नहीं कर रही है तो उसने राहत की सांस ली ।उस ने किचन में झांककर देखा तो पाया कि में ने उसके लिए खाना पकाकर रख दिया था । उसने चुपचाप खाना गरम किया और खाने लगा ।
डिनर के बाद उसने थोड़ी देर वहीँ सोफे पर बैठकर TV देखा फिर वो बाथरूम की तरफ चल दिया । चुपचाप उसकी ये हरकते अँधेरे में से देख रही थी ,सुबह मेरे बुलाने पर भी वो नहीं आया तो मेरे दिल में उसके लिए हमदर्दी का ज्वार उमड़ पड़ा था मुझे बार बार मेरे पति की वो बात याद आ रही थी की उसने किसी लड़की की चूत भी मार ली होगी तो क्या हुआ वो क्या किसी से नहीं चुदवाती होगी। में सुबकने लगी , राज मेरे बेडरूम के दरवाज़े से गुजरते वक़्त उसे हलकी हलकी मेरे सुबकने की आवाज़ें सुनाई दीं ।
अपने कानों में मेरे सुबकने की आवाज़ पड़ने से उसका दिल बैठ गया । जो कुछ भी हुआ उसके लिए उसका मन अपने को ही दोषी ठहराने लगा । वो सोचने लगा अगर वो उस रात मॉम के बाद में चुदाई वाले प्रस्ताव को ठुकरा देता तो वो घटना होती ही नहीं । उसका दिल अपनी सुबकती हुई मॉम के पास दिलासा देने के लिए जाने को मचलने लगा ।दूसरी तरफ ये बात भी थी कि राज को भी उस रात जब तक उसे ये पता नहीं चला था की वो अपनी मॉम को चोद रहा हे वो अजनबी औरत अच्छी लगी थी । उस औरत ने बिना नखरे दिखाये राज के साथ खुलकर सेक्स किया था और ये बात राज को बहुत पसंद आयी थी । लेकिन जब रोशनी में असलियत से उसका सामना हुआ और उस औरत से मुलाकात हुई तो वो उसकी अपनी ही मॉम निकली जिससे सेक्स सम्बन्ध बनाने की वो कल्पना भी नहीं कर सकता था ।
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