RE: Maa Bete ki Vasna मेरा बेटा मेरा यार
मुझे अपने ऊपर ही क्रोध आने लगा । लेकिन लाख कोशिश करने के बाद भी में अपने दिल पर काबू न पा सकी ।मेरे मन में राज को पाने की इच्छा बढ़ती ही गयी । जब भी में अपनी आँखे बंद करती मुझको राज ही दिखाई देता । मेने अपनी पूरी कोशिश की , कि में अपने बेटे के बारे में इस तरह से न सोचू । मेने अपना ध्यान राज से हटाकर , अपने पति के साथ बिताये पलों को याद करने का प्रयास किया । लेकिन इन सब कोशिशों से कोई फायदा नहीं हुआ ।
मुझे बार बार उस अँधेरे कमरे में अपने ऊपर राज के बदन की परछाई दिखाई दे रही थी ।शाम को में डाइनिंग रूम में सोफे पर आँखें बंद किये लेटी थी । मेरे मन में राज के ही ख्याल आ रहे थे । मुझे लगा राज उसके ऊपर लेटा हुआ है और उससे धीमे धीमे प्यार कर रहा है । अपने आप ही मेरा एक हाथ clitoris पर चला गया और दूसरे हाथ से में अपनी एक चूची को हलके से सहलाने लगी । फिर कुछ पलों बाद मेने राज के मुंह से
निकलती सिसकारी सुनी और अपनी चूत में सफ़ेद गाड़े वीर्य की धार महसूस की ।
पिछले कुछ दिनों से मेरे मन में राज से मिलने की बहुत तड़प थी । उस रात की उत्तेजना मेरे मन से कभी निकल ही नहीं पायी । मुझे लगता था मेरे बदन में कुछ आग सी लग गयी है ।अपनी चूत के फूले होंठ मुझे कुछ ज्यादा ही sensitive महसूस हो रहे थे और चूत में हर समय एक गीलापन महसूस होता था ।
अपने अंदर उठती इन भावनाओं की वजह से दिन भर में बहुत रोयी थी । ये ऐसी इच्छाएं थी जो पूरी नहीं की जा सकती थीं और अपने बेटे के लिए तड़प , तो समाज स्वीकार ही नहीं करता था । मेने कभी नहीं सोचा था कि सिर्फ एक रात के सम्बन्ध से हालत यहाँ तक पहुँच जायेंगे और मेरे मन में अपने बेटे को पाने की चाहतइस कदर बढ़ जायेगी कि वो समाज के बनाये नियमों को तोड़ने पर आमादा हो जाएगी ।
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