Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
08-14-2019, 03:41 PM,
#70
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
हम दोनो को अपने अपने कपड़े उतार कर नंगी होने मे ज़्यादा वक़्त नही लगा. मैने अपने कपड़े संभाल कर सोफा पर रख दिए क्यों कि मुझे वही कपड़े पहन कर चुदाई के बाद अपने घर जाना था. मैं नही चाहती थी कि मेरे कपड़े देख कर किसी को पता चले कि मैं चुद कर या चोद कर आ रही हूँ.

वो भी चुदाई के लिए मेरी तरह प्यासी थी और उसने मुझे पकड़ कर मेरे नंगे बदन को बिस्तर पर खींच लिया. मैने अपने होंठ उसके रसीले, गरम होठों पर रख दिए और हम एक बहुत गहरे, गरम और लंबे चुंबन मे खो गयी. चुंबन के दौरान मैं उसकी, मेरे से ज़रा छ्होटी चुचियों से खेल रही थी और वो मेरी चुचयों और निपल्स को दबाने और मसल्ने लगी. मैने महसूस किया कि चुदाई हमारे दिमाग़ पर च्छा गई और उत्तर मे हम दोनो की चूत अपने ही रस से गीली होने लगी. हमारे प्यार की जगह, प्यार का रास्ता चुदाई की चाहत मे भीग कर गीला हो गया.

मेरी पहले से कड़क हो गई निपल को अंजू ने अपने मूह मे लिया और उसे किसी बच्चे की तरह चूसने लगी. मेरी दूसरी चुचि और निपल उस के हाथ मे खिलोना बन चुकी थी. मेरी चुचियाँ और मेरी निपल्स रोज ही मेरे पति द्वारा चूसी जाती है और मैं हमेशा ही अपनी चुचि चुसाइ का मज़ा लेती हूँ.

लेकिन, अब जब अंजू मेरी चुचि चूस रही थी और उनको दबा रही थी, मसल रही थी तो एक अलग प्रकार का आनंद आ रहा था. अंजू तो इतनी गरम हो चुकी थी और चुदाई की इतनी प्यासी थी कि उसने मेरी निपल पर अपने दाँतों से काट ही लिया. ऐसा लग रहा था कि वो मेरे बदन मे समा जाना चाहती है. कुछ देर तक वो मेरी चुचियाँ चुस्ती रही और फिर मैने भी उसकी चुचियाँ चूस कर उस को चुदाई के लिए एकदम गरम कार्डिया. अंजू ने अपनी प्यारी सी, कम चुदि, गीली, रसीली चूत मेरी चूत से रगड़नी शुरू कर दी.

हम दोनो की ही फुद्दियो से रस छलक रहा था और हमारी टाँगों के जोड़ पर दोनो चूत से निकला रस आपस मे मिल गया था.

मैने अपना हाथ उसकी प्यारी सी चूत की तरफ बढ़ाया और हल्के से उसकी मुलायम रसीली चूत को छुआ. मेरे हाथ से उसकी चूत छुते ही वो तो जैसे हवा मे उच्छल पड़ी. ऐसा शायद इसलिए हुआ था कि उसकी चूत को किसी और ने बहुत दिनों बाद हाथ लगाया था. उसका पति तो वैसे ही ना मर्द था, और वो खुद ही अपनी चूत मे उंगली करके शांत होती थी.

मुझे उस की चूत बिना देखे ही, सिर्फ़ छुने से ही पता चल चुका था कि उस की फूली हुई चूत सफाचट है, बिल्कुल मेरी जैसी.

हम दोनो ही अपने आप को ज़्यादा देर तक रोक नहीं सकी और हम बेताब थी अपना लेज़्बीयन खेल खेलने के लिए. हम अब लेज़्बीयन चुदाई की 69 पोज़िशन मे आ चुकी थी. 69 पोज़िशन एक उत्तम पोज़िशन है सब के लिए. अब अंजू की चूत मेरी आँखों के सामने और मेरी चूत अंजू की आँखों के सामने थी. यहाँ मैं ये ज़रूर लिखना चाहूँगी कि अंजू की चूत बहुत ही प्यारी, छ्होटी सी, बहुत मासूम और उसकी चूत के होंठ आपस मे पूरी तरह जुड़े हुए है. एक छ्होटी सी, बहुत ही कम चुदि चूत, जैसे अंजू की चूत है, से खेलने का अपना अलग ही मज़ा है. सबसे पहले मैने उसकी चूत पर एक प्यारा सा चुंबन दिया और उसकी चूत से निकलने वाले रस को चखा. अंजू भी लगातार मेरी रसीली गीली चूत को चूसे जा रही थी. मैने अपने होंठ उसकी चूत पर रखते हुए अपनी जीभ अंदर डाल कर उपर नीचे घुमाई और उसे जैसे बिजली का झटका लगा जब मैने उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से छुआ. मैने तुरंत ही इसका असर देखा. वो काँपने लगी, पैरों को पटकने लगी और अपनी चूत को मेरे मूह पर और दबाने लगी. मैं उसकी सुडौल गंद पर, गंद की दरार पर, गंद की गोलाईयों पर हाथ घूमते हुए देखा कि उस की गंद का छेद बहुत ही छ्होटा सा, प्यारा सा और भूरे रंग का था. मैने अपनी बीच की उंगली अपने मूह मे ले कर गीली की और थोड़ा थूक उसकी गंद के छेद पर भी लगाया. मेरी उंगली की मौजूदगी अपनी गंद पर महसूस करते ही उसकी गंद का छेद अपने आप ही भींच गया. मैने अपनी उंगली उसकी चूत पर ले जा कर उसकी चूत से निकलते हुए रस को भी उसकी गंद के छेद पर लगाया ताकि उसकी गंद का छेद और चिकना हो जाए.

इसी बीच, वो तो जैसे मेरी फुददी को खा रही थी और उसने अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल दी थी. अंजू ने मेरी चूत को अपनी जीभ से चोद्ना भी शुरू कर्दिया. उस के हाथ मेरी गोल गोल गंद पर घूम रहे थे. मैने अपनी बीच की उंगली उसके भींचे हुए गंद के छेद पर रखकर दबाई तो मेरी उंगली थोड़ी सी उसकी गंद मे घुस गई और वो हवा मे उच्छल पड़ी. और इसके जवाब मे वो मेरी चूत को अपनी जीभ से और ज़ोर से, और तेज़ी से चोद्ने लगी. उस की गंद मे मेरी केवल थोड़ी सी ही उंगली गई थी क्यों कि उसकी गंद का छेद बहुत छ्होटा था. जब उसने अपनी गंद का छेद थोड़ा ढीला छ्चोड़ा तो मेरे लिए उसकी गंद मे उंगली डालना आसान हो गया. धीरे धीरे मैने करीब अपनी आधी उंगली उसकी गंद मे डाल दी. साथ ही साथ मैने भी अब उसकी चूत मे अपनी जीभ डाल दी थी. अब मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से और उसकी गंद को अपनी उंगली डाल कर चोद्ने लगी.हम दोनो को अपने अपने कपड़े उतार कर नंगी होने मे ज़्यादा वक़्त नही लगा. मैने अपने कपड़े संभाल कर सोफा पर रख दिए क्यों कि मुझे वही कपड़े पहन कर चुदाई के बाद अपने घर जाना था. मैं नही चाहती थी कि मेरे कपड़े देख कर किसी को पता चले कि मैं चुद कर या चोद कर आ रही हूँ.

वो भी चुदाई के लिए मेरी तरह प्यासी थी और उसने मुझे पकड़ कर मेरे नंगे बदन को बिस्तर पर खींच लिया. मैने अपने होंठ उसके रसीले, गरम होठों पर रख दिए और हम एक बहुत गहरे, गरम और लंबे चुंबन मे खो गयी. चुंबन के दौरान मैं उसकी, मेरे से ज़रा छ्होटी चुचियों से खेल रही थी और वो मेरी चुचयों और निपल्स को दबाने और मसल्ने लगी. मैने महसूस किया कि चुदाई हमारे दिमाग़ पर च्छा गई और उत्तर मे हम दोनो की चूत अपने ही रस से गीली होने लगी. हमारे प्यार की जगह, प्यार का रास्ता चुदाई की चाहत मे भीग कर गीला हो गया.

मेरी पहले से कड़क हो गई निपल को अंजू ने अपने मूह मे लिया और उसे किसी बच्चे की तरह चूसने लगी. मेरी दूसरी चुचि और निपल उस के हाथ मे खिलोना बन चुकी थी. मेरी चुचियाँ और मेरी निपल्स रोज ही मेरे पति द्वारा चूसी जाती है और मैं हमेशा ही अपनी चुचि चुसाइ का मज़ा लेती हूँ.

लेकिन, अब जब अंजू मेरी चुचि चूस रही थी और उनको दबा रही थी, मसल रही थी तो एक अलग प्रकार का आनंद आ रहा था. अंजू तो इतनी गरम हो चुकी थी और चुदाई की इतनी प्यासी थी कि उसने मेरी निपल पर अपने दाँतों से काट ही लिया. ऐसा लग रहा था कि वो मेरे बदन मे समा जाना चाहती है. कुछ देर तक वो मेरी चुचियाँ चुस्ती रही और फिर मैने भी उसकी चुचियाँ चूस कर उस को चुदाई के लिए एकदम गरम कार्डिया. अंजू ने अपनी प्यारी सी, कम चुदि, गीली, रसीली चूत मेरी चूत से रगड़नी शुरू कर दी.

हम दोनो की ही फुद्दियो से रस छलक रहा था और हमारी टाँगों के जोड़ पर दोनो चूत से निकला रस आपस मे मिल गया था.

मैने अपना हाथ उसकी प्यारी सी चूत की तरफ बढ़ाया और हल्के से उसकी मुलायम रसीली चूत को छुआ. मेरे हाथ से उसकी चूत छुते ही वो तो जैसे हवा मे उच्छल पड़ी. ऐसा शायद इसलिए हुआ था कि उसकी चूत को किसी और ने बहुत दिनों बाद हाथ लगाया था. उसका पति तो वैसे ही ना मर्द था, और वो खुद ही अपनी चूत मे उंगली करके शांत होती थी.

मुझे उस की चूत बिना देखे ही, सिर्फ़ छुने से ही पता चल चुका था कि उस की फूली हुई चूत सफाचट है, बिल्कुल मेरी जैसी.

हम दोनो ही अपने आप को ज़्यादा देर तक रोक नहीं सकी और हम बेताब थी अपना लेज़्बीयन खेल खेलने के लिए. हम अब लेज़्बीयन चुदाई की 69 पोज़िशन मे आ चुकी थी. 69 पोज़िशन एक उत्तम पोज़िशन है सब के लिए. अब अंजू की चूत मेरी आँखों के सामने और मेरी चूत अंजू की आँखों के सामने थी. यहाँ मैं ये ज़रूर लिखना चाहूँगी कि अंजू की चूत बहुत ही प्यारी, छ्होटी सी, बहुत मासूम और उसकी चूत के होंठ आपस मे पूरी तरह जुड़े हुए है. एक छ्होटी सी, बहुत ही कम चुदि चूत, जैसे अंजू की चूत है, से खेलने का अपना अलग ही मज़ा है. सबसे पहले मैने उसकी चूत पर एक प्यारा सा चुंबन दिया और उसकी चूत से निकलने वाले रस को चखा. अंजू भी लगातार मेरी रसीली गीली चूत को चूसे जा रही थी. मैने अपने होंठ उसकी चूत पर रखते हुए अपनी जीभ अंदर डाल कर उपर नीचे घुमाई और उसे जैसे बिजली का झटका लगा जब मैने उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से छुआ. मैने तुरंत ही इसका असर देखा. वो काँपने लगी, पैरों को पटकने लगी और अपनी चूत को मेरे मूह पर और दबाने लगी. मैं उसकी सुडौल गंद पर, गंद की दरार पर, गंद की गोलाईयों पर हाथ घूमते हुए देखा कि उस की गंद का छेद बहुत ही छ्होटा सा, प्यारा सा और भूरे रंग का था. मैने अपनी बीच की उंगली अपने मूह मे ले कर गीली की और थोड़ा थूक उसकी गंद के छेद पर भी लगाया. मेरी उंगली की मौजूदगी अपनी गंद पर महसूस करते ही उसकी गंद का छेद अपने आप ही भींच गया. मैने अपनी उंगली उसकी चूत पर ले जा कर उसकी चूत से निकलते हुए रस को भी उसकी गंद के छेद पर लगाया ताकि उसकी गंद का छेद और चिकना हो जाए.

इसी बीच, वो तो जैसे मेरी फुददी को खा रही थी और उसने अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल दी थी. अंजू ने मेरी चूत को अपनी जीभ से चोद्ना भी शुरू कर्दिया. उस के हाथ मेरी गोल गोल गंद पर घूम रहे थे. मैने अपनी बीच की उंगली उसके भींचे हुए गंद के छेद पर रखकर दबाई तो मेरी उंगली थोड़ी सी उसकी गंद मे घुस गई और वो हवा मे उच्छल पड़ी. और इसके जवाब मे वो मेरी चूत को अपनी जीभ से और ज़ोर से, और तेज़ी से चोद्ने लगी. उस की गंद मे मेरी केवल थोड़ी सी ही उंगली गई थी क्यों कि उसकी गंद का छेद बहुत छ्होटा था. जब उसने अपनी गंद का छेद थोड़ा ढीला छ्चोड़ा तो मेरे लिए उसकी गंद मे उंगली डालना आसान हो गया. धीरे धीरे मैने करीब अपनी आधी उंगली उसकी गंद मे डाल दी. साथ ही साथ मैने भी अब उसकी चूत मे अपनी जीभ डाल दी थी. अब मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से और उसकी गंद को अपनी उंगली डाल कर चोद्ने लगी.
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