RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
अपने पति को ये बताते हुए मैने अपनी उंगलियों की मदद से अपनी चूत के होंठ खोले और अपनी चूत के बीच मे अपनी उंगली घुमाई. मेरी चूत गरम हो चुकी थी और काफ़ी गीली भी हो चुकी थी. मैने उनको भी वही दिखाया जो मैने अंजू को दिखाया था. मेरी चूत और उंगलिया अपनी चूत से निकले रस की वजह से काफ़ी गीली थी और जब मैं अपनी गीली चूत अपनी उंगलियों से रगड़ रही थी तो रगड़ने से निकलने वाली आवाज़ मैने सॉफ सॉफ सुनी.
सुनते हुए और मुझे देखते हुए उन्होने अपने हाथ से अपने खड़े हुए लंबे लौडे को पकड़ लिया. मैने ध्यान से देखा, उनका लॉडा इतना लंबा है की मेरी हथेली तो बहुत ही कम पड़ती है, पर उनकी बड़ी हथेली भी कम पड़ रही थी और उनके लंड का काफ़ी भाग उनके हाथ की पकड़ से बाहर था. मैने सोचा था कि अब वो अपने लौडे को हिलाना शुरू करेंगे, मूठ मारना शुरू करेंगे. पर उन्होने जैसे मेरी आँखों मे पढ़ लिया. उन्होने कहा कि वो पहले मुझे हस्त मैथून करते हुए, अपनी चूत मे उंगली करते हुए देखना चाहते हैं. मैने ध्यान से देखा कि उनके लंड के सुपाडे पर पानी की एक बूँद चमक रही थी जो अब उनके हाथ पर गिर गई थी.
मैने उनको आगे की बात बताई. मैं उनको बताती जा रही थी की मैने अंजू को क्या बताया, क्या दिखाया, उसके साथ क्या किया और अपनी चूत के साथ क्या किया. और ये सब बताते हुए मैं से सब अपनी चूत पर कर के उनको दिखा रही थी.
” फिर मैने अंजू को दिखाया कि जब उंगली गीली हो जाती है तो कैसे उसको अपनी चूत मे घुमाना आसान हो जाता है. मैने उसको ये भी अपनी चूत पर कर के दिखाया कि कैसे अपनी उंगली अपनी चूत मे डाली जाती है जैसे कोई छ्होटा लंड चूत मे जाता है.” मैं अपने पति को बता रही थी और साथ ही वैसा ही कर रही थी.
मैने अपनी उंगली से अपनी चूत के दाने को सहलाया और उसके बाद अपनी उंगली अपनी चूत के अंदर घुसा दी. जैसे ही मेरी उंगली मेरी चूत के अंदर गई, मेरी गंद अपने आप ही गोल गोल, आगे पीछे हिलने लगी जैसे सचमुच मुझे कोई मेरी चूत मे लॉडा डाल कर चोद रहा है. उनके तने हुए लौडे की तरह, मेरी दोनो निप्पल भी तन कर खड़ी थी. मैने महसूस किया की इतना देखने के बाद मेरे पति तुरंत ही अपना लॉडा मेरी चूत मे घुसा कर मुझे जल्दी से जल्दी चोद्ना चाहते हैं. लेकिन मेरा खेल तो कुछ और ही था. मैं उनको सताना चाहती थी, उनको मूठ मारते हुए देखना चाहती थी. मुझे ऐसा करने मे बहुत मज़ा आ रहा था.
मुझे यकीन था कि मेरे पति को भी बहुत मज़ा आ रहा होगा. उनके लिए भी ये ये पहला अनुभव था. मैं खुश थी की बंद दरवाजे के पीछे हम आज एक नया खेल खेल रहे थे. मैने देखा कि उनके खड़े हुए लौडे के मूह से चुदाई के पहले का पानी निकलता जा रहा था और उनके लंड का सूपड़ा पूरा गीला हो चुका था. मेरी खुद की साँसे अपनी चूत मे उंगली करने की वजह से तेज हो रही थी. उनका खड़ा हुआ लॉडा तो जैसे नाच रहा था और मैं जानती थी कि उन्होने बड़ी मुश्किल से अपने आप को मुझे चोद्ने से रोक रखा होगा.
मैने आगे बताया “फिर अंजू मेरी बगल मे बिस्तर पर लेट गई और वही करने लगी जो मैने उसको दिखाया था और जो मैं कर रही थी. और अंजू के मूह से सेक्सी आवाज़ें निकालने लगी जो इस बात का सबूत था कि उसको अब हस्त मैथून का पूरा पूरा मज़ा आने लगा था.”
उनको बताते हुए मैं अपनी चूत के अंदर अपनी उंगली डाल रही थी और फिर से बाहर निकाल रही थी. वो मुझे बहुत ध्यान से देख रहे थे. मुझे मज़ा आरहा था तो मेरा सिर पीछे की ओर हो रहा था और मेरी आँखें बार बार बंद हो रही थी. अब मैने अपनी दो उंगलियाँ अपनी चूत मे डाल कर अपनी चूत को चोद्ना शुरू कर दिया था. मेरा दूसरा हाथ भी मेरी चूत तक आया और मैं अपने दूसरे हाथ की उंगली से अपनी चूत के दाने को मसल्ने लगी. एक हाथ की दो उंगलियों से मैं अपनी चूत चोद रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चूत का दाना मसल रही थी. मेरी चूत तो गीली थी ही, मेरे दोनो हाथों की उंगलियाँ भी मेरे चूत रस से गीलो हो गई. मैने अब बोलना बंद किया और अपना पूरा ध्यान अपनी चूत को चोद्ने मे, हस्त मैथून करने मे, अपनी चूत मे उंगली अंदर बाहर करने और अपनी चूत का दाना रगड़ने मे लगा दिया.
मैने अपना पैर जो उनके पैर के नीचे दबा था, निकाला और अपना घुटना मोड़ कर, उपर कर के, अपने पैर को और भी चौड़ा किया ताकि मेरी फुददी उनको और भी सॉफ सॉफ नज़र आए. मेरी साँसें तो पहले से ही तेज तेज चल रही थी और अब तो मेरे मूह से चुदाई की सेक्सी आवाज़ें भी निकलने लगी थी.
मैं अपनी पूरी ताक़त से, अपनी दो उंगलियाँ अपनी चूत मे जितना हो सकता था, उतनी अंदर डाल रही थी और वापस बाहर निकाल रही थी, बिल्कुल उसी तरह, जैसे लॉडा चूत मे आता जाता है. मेरे दूसरे हाथ की उंगलियाँ भी अपना काम बराबर करती जा रही थी. मैं खुद ही अपनी उंगलियों से अपनी खुद की चूत चोद रही थी और मैं झड़ने के करीब पहुँच चुकी थी. मेरी उंगलियों की रफ़्तार बढ़ चुकी थी और वो मेरी चूत मे तेज़ी से, जल्दी जल्दी अंदर बाहर होने लगी थी.
अचानक, मैने अपना हाथ अपनी चूत के दाने से हटाया और अपनी गीली उंगलियों से अपनी चुचि की निप्पल को मसल्ने लगी. मेरी निप्पल मेरी चूत के रस से गीली हो गई थी और………… और…………. मैं एक झटके के साथ झाड़ गई. मैने तुरंत ही अपनी दोनो उंगलियाँ अपनी चूत से निकाली और अपनी चूत पूरी तरह अपनी पति की आँखों के सामने कर दी. मुझे पूरा यकीन है कि उन्होने मेरी झड़ती चूत को फड़फदते हुए ज़रूर देखा होगा.
मैं अपने दोनो हाथों से अपनी दोनो चुचियाँ रगड़ रही थी जिसकी वजह से मेरी दोनो चुचियाँ लाल लाल हो गई थी. जब मेरा झड़ना ख़तम हुआ और मेरी साँसें काबू मे आई तो मैने उनकी तरफ देखा. उनका लॉडा तो जैसे तन्तना रहा था, चोद्ने के लिए बेताब हो रहा था और जैसे नाच रहा था. मैने अपने नीचे की तरफ देखा तो पाया कि मेरी चूत से इतना रस निकला था कि मेरी गंद के पास गीला धब्बा सा बन गया था. ये घटना इतनी शानदार, इतनी सेक्सी और इतनी मज़ेदार थी की मुझे हमेशा याद रहेगी.
फिर मैं उन से बोली ” अब आप की बारी है. मैने अंजू को जो बताया और जो कर के दिखाया, वो सब आप को भी दिखा दिया. मेरे ख़याल से अब अंजू सही तरीके से हस्त मैथून करना, अपनी चूत मे उंगली करना सीख गई है और वो अब हर रात अपनी चूत मे सही तरीके से उंगली कर के पूरा पूरा मज़ा लेगी जो उसको पहले नही मिलता था. अब आप मुझे अपना लॉडा पकड़ कर, हिला हिला कर, मूठ मार कर दिखाओ.”
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