RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
रश्मि उस फोटो को देख कर सिहर जाती है और उसकी फूली हुई चूत उस मोटे लंड को देख कर कुलबुलाने लगती है.)
कोमल- (मुस्कुरा कर रश्मि के दूध को अपने हाथो से पकड़ कर दबा देती है और..) क्यों डार्लिंग!! कैसा है ये मोटा लंड, तेरी फूली हुई चूत तो इसको देख कर पकड़ने लगी होगी, क्यों है ना?
रश्मि- (उसको देख कर मुस्कुराते हुए..) तू शांति नही रख सकती मुझे अच्छे से देखने तो दे..
(और फिर रश्मि उस आल्बम के हर पेज को पलट-पलट कर देखने लगती है, कोमल रश्मि को मुस्कुराती हुई देखती रहती है और फिर एक फोटो को देख कर..)
कोमल- हे देख रश्मि! कैसा पूरी चूत को फाड़ कर अंदर तक घुसा हुआ है हे कितना मज़ा आ रहा होगा इस लड़की को.
(रश्मि का चेहरा पूरा लाल हो गया था और उसकी साँसे काफ़ी तेज हो गई थी.)
कोमल- अरे इतना घबरा कर क्यो देख रही है आराम से बैठ कर देख.
रश्मि- (कोमल को देख कर मुस्कुराते हुए..) कहाँ से लेकर आई है तू यह आल्बम?
कोमल- अरे बस मत पूछ बड़ी मुश्किल से जुगाड़ लगाया है.
रश्मि- (मुस्कुराते हुए उस आल्बम को अपने बॅग में डाल कर..) अब ये तुझे कल मिलेगी.
कोमल- (मुस्कुराकर) अरे यही देख कर अपनी चूत में उंगली कर ले.
रश्मि- (मुस्कुराकर) नही! मुझे यहाँ देखने में मज़ा नही आ रहा है. में अपने घर पर आराम से देखूँगी.
कोमल- (रश्मि की स्कर्ट में हाथ डाल कर उसकी पेंटी के उपर से उसकी फूली हुई चूत को अपने हाथों में भर कर मसल्ति हुई..) अरे मेरी रानी! इन फोटो को देख-देख कर शांति नही मिलेगी तेरी इस फूली हुई चूत को, किसी मोटे लंड का इंतज़ाम कर ले और जब किसी मोटे लंड से चुदेगि तभी असली मज़ा आएगा.
रश्मि- (कोमल को देख कर..) क्या तूने किसी मोटे लंड को अपनी चूत मे लिया है?
कोमल- अरे मुझे तो किसी के साथ मोका ही नही मिला में तो अपने घर के आस पास के कई लड़को को खूब हंस-हंस कर देखती हूँ, पर कोई लड़का इतनी हिम्मत ही नही दिखाता की वह मुझसे बात भी कर सके.
(तभी रश्मि का मोबाइल बजता है और वह अरे भैया का फोन है दो मिनट चुप हो जा…)
रश्मि- हेलो!
राज- हां! रश्मि एग्ज़ॅम हो गई?
रश्मि- हन भैया!
राज- कैसा रहा पेपर?
रश्मि- बहुत अच्छा गया है भैया..
राज- अच्छा ठीक है! में 10 मिनट में आता हूँ.
रश्मि- ओके भैया!
कोमल- (मुस्कुराते हुए..) क्या हुआ क्या कह रहे थे तेरे भैया?
रश्मि- कुछ नही! वो लेने आ रहे है मुझे
कोमल- बेचारे राज भैया सोचते होंगे कि उनकी प्यारी बहना एग्ज़ॅम दे कर बाहर उनका वेट कर रही होगी. उन्हे क्या मालूम कि उनकी गुड़िया रानी तो मोटे-मोटे लंड के दर्शन करके मस्त हो रही है.
रश्मि- (मुस्कुराते हुए..) चुप कर कमिनि! जब देखो उल्टी बात करती है.
कोमल- रश्मि एक बात कहूँ.
रश्मि- क्या?
कोमल- तेरे भैया भी तो काफ़ी गबरू जवान है उनका लंड भी काफ़ी मोटा होगा.
रश्मि- (अपनी आँखे निकाल कर कोमल को देखती हुई..) तो…
कोमल- अरे मेरी जान मेरे घर में तो में अपने माँ-बाप की एक्लोति बेटी हूँ. पर सच कहूँ अगर तेरे भैया जैसा मेरा भी कोई गबरू जवान भाई होता तो में उसका ही लंड ले लेती, तू अपने भैया को ही क्यो नही फसा लेती? आराम से घर मे ही रोज तुझे चुदने को मिल जाएगा और तेरी फूली चूत जो हमेशा किसी मोटे लंड के लिए तड़पती रहती है उसे बैठे बिठाए एक तगड़े लंड से चुदने का मोका मिल जाएगा.
रश्मि- (कोमल को मारती हुई..) कमिनि! कभी तो सोच समझ कर बोला कर, वह मेरे भैया है. में उनके बारे में ऐसा सोच भी कैसे सकती हूँ?
कोमल- अरे आज कल तो लड़किया सबसे पहले अपने भाई से ही चुदती है, और सारे भाई भी अपनी गंदी नज़रे सबसे पहले अपनी माँ बहनो पर ही मारते हैं.
रश्मि- बेशरम! चुप कर जो देखो वो बोले चली जा रही है.
कोमल- अच्छा तुझे यकीन नही आता ना तो में तुझे कल की ही मेरे बिल्डिंग की एक घटना बताती हूँ.
रश्मि- (उसको देखती हुई..) कौन सी घटना?
कोमल- अरे हम जिस मकान में रहते है उसमे और भी किरायेदार रहते है, और उन्ही मे एक भैया है जो जॉब करते है और एक सिंगल रूम लेकर रहते हैं, उन भैया की उमर 30 साल के लगभग है और अभी दो दिन पहले उनकी ही उमर की एक लड़की उनके घर आई तो मकान मालकिन ने पूछा कि वह कौन है? तो उन भैया ने कहा कि वह उनकी दीदी है.
रश्मि- फिर क्या हुआ?
कोमल- आजकल गर्मी पड़ने लगी है और रात को लाइट भी चली जाती है तो काफ़ी लोग रात को छत पर सोते हैं, परसो रात को उन भैया ने छत पर दूसरे लोगो से थोड़ा दूर दो बिस्तेर लगा दिए और फिर रात को 11 बजे तक वो और उनकी दीदी छत पर आए और अपने-अपने बिस्तेर पर पास-पास सो गये, उसी छत पर मकान मालकिन भी सोई हुई थी और रात को करीब 1 बजे मकान मालकिन को प्यास लगी होगी तो उसकी नींद खुल गई और उसने जब दूसरी ओर लेटे-लेटे देखा तो उसके होश उड़ गये वो भैया अपनी दीदी की मॅक्सी को उपर तक चढ़ा कर उसके उपर लेट कर मस्ती से उसे कस-कस कर चोद रहे थे. पता नही मकान मालकिन ने कब तक उनकी चुदाई देखी और फिर जब सुबह-सुबह वो भैया ऑफीस जा रहे थे तो मकान मालकिन ने उनको बुला कर अपना रूम खाली करने को कह दिया. जब उन भैया ने कारण पूछा तो मकान मालकिन ने कहा कि मेरे घर में और भी लोग रहते हैं और उन्हे ऐसे लोग नही चाहिए अपने मकान मे जो तुम्हारे जैसी घटिया हरकत करते है. वो भैया मकान मालकिन से कुछ बोल नही पाए और आज फिर मकान खाली करके चले गये.
रश्मि- पर तुझे यह सब कैसे पता चला?
कोमल- अरे मुझे क्या सारे मोहल्ले को पता है हमारी मकान मालकिन ने दूसरी औरतो को बता दिया और फिर तू तो जानती है औरतो के पेट में बात पचती कहाँ है, इस तरह सभी को पता चल गया.
(तभी रश्मि का फोन फिर बजता है और वह फोन देख कर चल कोमल भैया आ गये और वह फोन उठा कर बस भैया दो मिनट में आ गई और फिर गार्डन से बाहर आ जाते है. सामने राज अपनी बाइक लेकर खड़ा रहता है और..)
कोमल- (रश्मि के साथ चलते-चलते उसका हाथ दबा कर) अरे रश्मि कितने हॅंडसम है तेरे भैया, ज़रा सोच इनका लंड कितना मोटा और मस्त होगा.
रश्मि- (उसको घूर कर देखती हुई..) चुप कर कमिनि!
कोमल- (मुस्कुराकर) देख रश्मि! या तो तू अपने भैया को फसा कर अपनी चूत मरवा ले या फिर अगर तुझे इंटेरेस्ट नही है तो बोल में ट्राइ करती हूँ. तू नही तो में ही तेरे भैया से चुदने को तैयार हूँ.
रश्मि- (कोमल को घूर कर आँखे दिखाती हुई..) खबरदार जो मेरे भैया पर अपनी कमिनि नज़रे मारी तो…
कोमल- तू बड़ी पागल है ना खुद चुदती है और ना मुझे ही चुदने का मोका देती है.
रश्मि- चुप कर कमिनि! भैया सुन लेंगे.. (और फिर…)
कोमल- कैसे हो भैया?
राज- ठीक हूँ कोमल! तुम बताओ तुम कैसी हो और पेपर कैसा रहा आज का?
कोमल- एक दम फर्स्ट क्लास.
राज- (रश्मि को देख कर..) और तेरा..
रश्मि- (मुस्कुराकर) मेरा भी फर्स्ट क्लास.
राज- (रश्मि के गाल पकड़ कर खिचता हुआ मुस्कुराकर..) तेरा फर्स्ट क्लास तो रिज़ल्ट आने पर ही पता चलेगा चल बैठ.
(रश्मि उचक कर अपने मोटे चूतड़ बाइक की सीट पर रखती हुई बाइ कोमल! और कोमल अपना हाथ हिलाकर रश्मि को उसके भाई की ओर मुस्कुराकर इशारा करती हुई बाइ! रश्मि उसको मुस्कुराकर घूर कर देखती हुई मारने का इशारा करती है और राज अपनी बाइक आगे बढ़ा देता है, रश्मि उस आल्बम को पाकर अंदर ही अंदर काफ़ी खुस थी और उसकी चूत बार-बार फूल रही थी और फिर वह कोमल की बातों को याद करते हुए खो गई और उसने अपने हाथ से अपने भैया की कमर को जैसे ही पकड़ा उसकी चूत एक दम से फड़कने लगी और उसे ना जाने क्यों अपने भैया पर प्यार आ गया और उसने अपने सर को अपने भैया की पीठ से टिका कर मुस्कुराते हुए कोमल की बातों को सोचने लगी…)
राज- क्या बात है पेपर अच्छा नही गया क्या?
रश्मि- हूँ!
(राज एक आइस क्रीम के ठेले पर बाइक रोक कर दो आइस क्रीम लेकर एक रश्मि को देता हुआ उसके गोरे गालो पर हाथ फेर कर..)
राज- चल टेन्षन मत कर फैल भी हो गई तो में तुझे कुछ नही कहूँगा.
रश्मि- (मुस्कुराकर) सच!!!!
राज- (उसके गोरे गालो को सहला कर उसे प्यार से देखता हुआ..) मच!!!!
(और फिर दोनो भाई बहन एक दूसरे को देखते हुए आइस क्रीम खाने लगते हैं. रश्मि अपने भाई का चेहरा मंद-मंद मुस्कुराकर देखती है अपने मन में सच मुच भैया लगते तो बहुत स्मार्ट है और इनकी बॉडी भी बहुत कसी हुई है वाकई इनका लंड भी बहुत मोटा होगा!)
राज- क्या देख रही है?
रश्मि- (मुस्कुराकर अपनी नज़रे इधर उधर नचाते हुए..) कुछ नही!
(फिर रश्मि कुछ सोच कर..) भैया आपको मेरी सहेली कोमल कैसी लड़की लगती है?
राज- (रश्मि के इस तरह के सवाल पर उसे गौर से देखता हुआ.. कुछ सोच कर..) अच्छी लड़की है, खूबसूरत है लेकिन तुझसे ज़्यादा खूबसूरत नही है.
रश्मि- (मुस्कुराकर राज को ऐसी नज़रो से देखती है जैसे अभी उसको पकड़ कर चूम लेगी और आगे बढ़ कर अपने भाई के गालो को अपने दाँतों से काट लेगी, लेकिन वह अपनी मस्ती अपनी आइस क्रीम को अपने दाँतों से ज़ोर से काट कर दबा लेती है और राज उसके आइस क्रीम से भीगे हुए होंठो को देख कर मुस्कुराता हुआ..)
राज- तुझे आइस क्रीम बहुत पसंद है ना!
रश्मि- (आइस क्रीम के बाइट को अपने मूह में भर कर) हूँ.
राज- (अपनी आइस क्रीम ख़तम करता हुआ..) और लेगी..?
रश्मि- (मुस्कुराकर) ले लो.
(राज एक और आइस क्रीम लेकर रश्मि को देता है और फिर उसे बाइक पर बैठा कर अपने घर की ओर चल देता है, घर पहुच कर वह रश्मि को उतारता है और फिर ऑफीस के लिए चला जाता है.)
रजनी- आ गई लाडो रानी, कुछ करके भी आई है या कॉपी में कोई फिल्मी स्टोरी लिख कर आ गई.
रश्मि- हां! तू मेरा दुश्मन फिल्म की स्टोरी लिख कर आई हूँ.
रजनी- (मुस्कुराते हुवे..) फिर तो हो गई तू पास!!!
रश्मि- वो तो में हो ही जाउन्गी…!
रजनी- जा जाकर यूनिफॉर्म उतार दे रोज स्कूल से आकर दिन भर पहने रहती है और फिर रोज धोना मुझे पड़ता है.
(रश्मि वही खड़ी-खड़ी अपनी शर्ट उतार कर अपनी मम्मी के मूह पर फेक देती है और अपनी स्कर्ट को भी उतार कर अपनी मम्मी पर फैंकती है और रजनी उसकी स्कर्ट को अपने हाथ से पकड़ते हुए, उसे ब्रा और पेंटी में उसके गदराए बदन को देख कर..)
रजनी- अरे दुष्ट कही की कुछ तो शरम किया कर इतनी बड़ी घोड़ी हो गई है पर हरकत अभी भी बच्चो की तरह है यही खड़ी-खड़ी नंगी हो गई, कहीं अचानक तेरा भाई आ गया तो, घर में जवान भाई है और इस बेशर्म को बिल्कुल भी हया नही है.
रश्मि- (अपनी मम्मी को मुस्कुराकर आँख मारती हुई अपनी गदराई मोटी गान्ड को मटकाते हुए अपने रूम की ओर जाने लगती है और अपने मन मे अपनी मम्मी के बारे में सोचती हुई..) खुद बड़ी सती सावित्री बनती है और खुद को नही देखती कि खुद आधा नंगा पेट दिखाते हुए साड़ी पहनती है और ब्लॉज के उपर के बटन तो लगता है जानबूझ कर तोड़ लेती है आधे से ज़्यादा दूध तो बाहर ही झाँकते रहते है, और उपर से अपनी गदराई मोटी गान्ड मटका-मटका कर घर के बाहर तक जा-जा कर झाड़ू मारते हुए पूरे मोहल्ले के मर्दो को अपनी अध नंगी जवानी दिखाती रहती है. किसी दिन किसी ने पकड़ कर चोद दिया तो फिर सारी गर्मी निकल जाएगी. खुद तो बड़ी-बड़ी घोड़ियो से भी ज़्यादा मस्ता रही है और मुझे जब देखो उपदेश देती रहती है.
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