Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
08-16-2019, 12:10 PM,
#9
RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
अगले दिन राज अपनी बहन को लेकर कश्मीर घूमने के लिए निकल पड़ता है और वो लोग अपनी ट्रेन पकड़ कर चल देते है दोनो का रिज़र्वेशन रहता है और दिन में दोनो आमने सामने की बर्थ पर बैठे हुए खिड़की से बाहर का नज़ारा देखते रहते है, राज खिड़की में देखते हुए रश्मि की ओर अपनी तिरछी नज़रे करके उसको उपर से नीचे तक देखता है, रश्मि ब्लू कलर के जीन्स और येल्लो कलर को टाइट टीशर्ट पहने रहती है, राज रश्मि के मोटे-मोटे बड़े-बड़े कठोर दूध को देख कर मस्त हो जाता है और उसका लंड खड़ा होने लगता है, वह रश्मि के चेहरे की ओर देखता है रश्मि उस समय बहुत ही खूबसूरत नज़रआ रही थी, रश्मि की हाफ बाँह की टीशर्ट उसकी कलाई पर एक घड़ी उसके कंधे तक लेज़र किए हुए बाल, उसके माथे पर एक छोटी सी बिंदी और उसके रसीले होंठो पर हल्की लिपस्टिक उसे बहुत खूबसूरत बना रही थी, राज हसरत भरी निगाहो से उसके रूप सोन्दर्य को देख रहा था, उसका दिल कर रहा था क़ि रश्मि को अपनी गोद में बैठा कर उसके रसीले होंठो को खूब कस के चूमे और उसकी कसी हुई मस्तानी छातियों को अपने सीने से लगा कर उसे अपनी बाँहो में भर ले, उसका लंड अपनी बहन की गदराई जवानी को देख कर पूरी तरह तन चुका था, वह अपने मन में अपने आप से बाते कर रहा था, रश्मि तू कितनी खूबसूरत है, काश एक बार तू मेरी बाँहो में आ जाती तो में तुझे इतना प्यार करता कि तू सारी जिंदगी मेरी बाँहो से दूर होने का नाम नही लेती, तेरी इस कातिल अदाओं ने और मदमस्त कसी हुई जवानी ने मुझे पागल कर दिया है, राज रश्मि के दूध को खा जाने वाली नज़रो से देख रहा था और रश्मि अपना मूह खिड़की की ओर करे हुए बाहर का नज़ारा ले रही थी, फिर एकाएक रश्मि ने अपनी नज़रो को एक पल के लिए राज की ओर किया और राज को बड़े गौर से अपने कसे हुए दूध को देखते हुए पकड़ लिया,

रश्मि ने जैसे ही की आँखो को देखा राज ने भी उसके दूध से नज़रे हटा कर रश्मि की आँखो में देखा और राज थोड़ा घबरा गया लेकिन फिर नॉर्मल होने की कोशिश करता हुआ रश्मि को देख कर थोड़ा सा मुस्कुरा दिया, रश्मि ने भी राज को देख कर एक स्माइल दे दी,राज फिर से खिड़की के बाहर देखने लगा और रश्मि राज को तिरछी नज़रो से देखती हुई अपने मन में खुस होती हुई सोचने लगी, क्या बात है आज तो भैया मेरे तने हुए दूध को कैसी खा जाने वाली नज़रो से देख रहे थे, कहीं ऐसा तो नही कि भैया भी मन ही मन में मुझे चोदना चाहते हो, लगता है भैया को मेरे दूध बहुत अच्छे लगते है और मेरे दूध की मोटाई और कसावट देख कर उनका मन मेरे दूध को अपने हाथ में भर कर दबाने और मसल्ने का कर रहा होगा, पर भैया ने आज से पहले कभी मेरे दूध को इस तरह नही देखा, लगता है आज में बहुत ज़्यादा सेक्सी और खूबसूरत लग रही हू, तभी तो मेरे हुस्न ने मेरे भैया को भी मेरी ओर देखने पर मजबूर कर दिया, अगर भैया मुझे चोदना चाहते होंगे तो एक बार फिर उनकी नज़रे मेरे कसे हुए दूध पर ज़रूर जाएगी तभी राज रश्मि की ओर मूह करता है और उसकी नज़रे सीधे रश्मि के कसे हुए दूध पर जाती है और फिर वह जल्दी से अपनी नज़रे रश्मि के चेहरे की ओर कर लेता है, इतनी देर में रश्मि उसकी नज़रो को समझ जाती है और मुस्कुराकर

रश्मि- भैया में आपके पास उधर खिड़की की तरफ बैठ जाउ

राज - मुस्कुरा कर आ जाओ

रश्मि - सीट से खड़ी होकर राज की ओर अपनी मोटी गान्ड करके झुक कर सीट से अपना बॅग और चादर उठाने लगती है और

राज रश्मि की जींस में कसी हुई मोटी गान्ड को देख कर मस्त हो जाता है और उसका मन होता है कि रश्मि की मोटी गान्ड को उसकी कमर में हाथ डाल कर अपनी गोद में रख ले, तभी रश्मि पलट कर राज की जाँघो में हाथ रखती हुई उसके करीब खिड़की के पास बैठ जाती है, रश्मि के उसके करीब आते ही रश्मि के जिस्म से उड़ती हुई महक राज को मस्त कर देती है और वह बिल्कुल करीब से रश्मि के गुलाबी गालो उसके रसीले होंठो और उसकी बड़ी-बड़ी तनी हुई कठोर चुचियो को देखने लगता है, उसके इतने करीब एक गदराई और खूबसूरत लड़की का अहसास उसे पागल किए रहता है और वह अब बड़ी आसानी से रश्मि के कसे हुए रसीले दूध को देखता रहता है और उसका लंड उसकी पेंट में खड़ा हो जाता है, रश्मि कुछ देर तक खिड़की के बाहर देखती रहती है फिर राज के कंधे पर अपने सर को रख कर उसके हाथ की बाँहो को पकड़ कर बैठ जाती है,

राज अपने हाथ को रश्मि की पीठ के पीछे से लेजा कर उसकी दूसरी साइड की बाँहो को पकड़ कर
राज - क्या हुआ बोरियत हो रही है क्या
रश्मि- मुस्कुराकर नही ऐसी कोई बात नही है
राज - बहुत चुप-चुप है कुछ बोल ना
रश्मि- अपने मन में क्या बोलूं भैया मेरी चूत तो तुम्हारे मोटे लंड को लेने के लिए तड़प रही है, पता नही तुम कब अपनी बहन की फूली हुई चूत को अपने मोटे लंड से फाड़ोगे,
राज - उसकी बाँहे दबाता हुआ, क्या हुआ कुछ बात करो ना
रश्मि- अपना सर उसके कंधे से उठा कर, भैया में इन कपड़ो में कैसी लग रही हूँ
राज - मुस्कुराकर एक दम मस्त
रश्मि- क्या
राज - उसके गोरे गालो को खिचता हुआ, मेरा मतलब है तू बहुत खूबसूरत लग रही है
रश्मि- मुस्कुराकर सच
राज - रश्मि की बाँहो को पकड़ कर अपनी ओर दबाते हुए तू दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की है
रश्मि- अपने उसके कंधे पर फिर से अपना सर रखती हुई, अपने मन में जब में आपको इतनी अच्छी लगती हूँ तो मुझे एक बार अपने मोटे लंड से चोद क्यो नही देते,

दोनो भाई बहन बैठे-बैठे एक दूसरे के बारे में बस कल्पना करते रहते है और ट्रेन अपनी रफ़्तार से दौड़ती रहती है, जब रात हो जाती है तो उनके आस पास की बर्थ खाली ही रहती है और राज रश्मि को उसकी बर्थ पर जाकर सोने के लिए कहता है तो रश्मि उसे कहती है, नही भैया में तो आपके पास ही बैठूँगी
राज - क्यो तुझे नींद नही आ रही है क्या
रश्मि- नही अभी तो नही आ रही है और आएगी तो में आपके कंधे पर सर रख कर सो जाउन्गी, पर अगर आपको लेटना हो तो में अपनी सीट पर चली जाती हूँ
राज - नही-नही बैठी रहो में भी अभी नही सोना चाहता हूँ
खिड़की से ठंडी हवा उनके बदन पर पड़ती रहती है और रश्मि अपने भैया से चिपकी हुई उसके कंधे पर अपना सर रखे बैठी रहती है, राज रश्मि के पीछे से हाथ डाले उसकी दूसरी साइड की बाँहो पर अपने हाथ को हल्के -हल्के फेरता रहता है, वह कभी उसके बालो में उंगलिया चलता है कभी उसकी बाँहो को सहलाता रहता है, रात को लगभग 11 बज चुके होते है और दोनो चिपके हुए बैठे रहते है रश्मि अपनी आँखे बंद किए राज के कंधे पर सर रख कर बैठी रहती है,
राज - रश्मि के सर पर अपना मूह फेरता हुआ, रश्मि सो गई क्या
रश्मि- जागती रहती है पर कोई जवाब नही देती है
राज - रश्मि, ओ रश्मि, सो गई क्या
रश्मि- जब दुबारा कोई जवाब नही देती है तो राज अपने होंठो को उसके गुलाबी गालो से चिपका लेता है और धीरे-धीरे अपनी बहन के गोरे-गोरे गालो को चूमने लगता है, रश्मि राज की इस हरकत से सिहर जाती है और उसकी चूत फूलने लगती है, राज उसके गालो को चूमता हुआ धीरे से कहता है रश्मि तू बहुत खूबसूरत है,

रश्मि- अपनी आँखे बंद किए हुए अपने मन में खूबसूरत हूँ तो अपने मोटे लंड से मुझे चोद क्यो नही देते भैया
राज - धीरे से रश्मि के गालो को अपने होंठो से सहलाता हुआ, मेरी गुड़िया कितनी बड़ी हो गई है मुझे तो अहसास भी नही था
रश्मि- अपने मन में, एक बार अपनी गुड़िया को पूरी नंगी करके उसकी चूत देख लो तब पता चलेगा आपको कि आपकी गुड़िया कितनी बड़ी हो गई है, आपके मोटे लंड को अपनी चूत में पूरा एक बार में ही भर लेगी

राज - रश्मि, ओ रश्मि, ऑफ हो मम्मी सच कहती है यह लड़की तो सचमुच घोड़े बेच कर सोती है चाहे कोई कहीं भी हाथ लगा दे,

रश्मि- अपने मन में भैया में तो सोने का नाटक ही इसलिए कर रही हूँ ताकि तुम कहीं तो मुझे हाथ लगाओ, इतना क्यो डरते हो भैया एक बार मेरे कसे हुए दूध ही दबा दो

राज सोचता है कि बेचारी बैठी-बैठी सो गई में एक काम करता हूँ में खिड़की की तरफ बैठ जाता हूँ और इसका सर अपनी गोद में रख कर इसे सुला देता हूँ यह कब तक ऐसे ही बैठी-बैठी सोएगी और फिर राज धीरे से उठ कर रश्मि को थोड़ा खीच कर बर्थ पर लिटा देता है और उसके सर के पास आकर खुद खिड़की के पास बैठ कर रश्मि के सर को अपनी जाँघो पर रख लेता है और धीरे-धीरे अपने हाथो से रश्मि के सर पर अपना हाथ फेरते हुए उसे देखने लगता है, रश्मि अपने मन में भैया सर क्या सहला रहे हो अपनी बहन के कसे हुए दूध सहलाओ ना,

राज धीरे से रश्मि के गोरे-गोरे गालो पर हाथ फेरता है और उसके मुलायम गालो के स्पर्श से उसका लंड टनटना जाता है, वह धीरे से रश्मि के रसीले होंठो पर अपने हाथ की उंगलिया फेर कर देखता है और अपने मन में हाई रश्मि कितने कोमल होंठ है तेरे, काश में इन रसीले होंठो का रस पी पाता, तभी राज की नज़र रश्मि की तनी हुई कसी चुचियो पर जाती है और वह अपनी आँखो के सामने इतनी बड़ी-बड़ी कठोर चुचियो को देख कर सिहर जाता है और उसका दिल उन तनी हुई कसी चुचियो को छूने का करने लगता है, वह इधर उधर देखता है उस कॉमपार्टमेंट में एक्का दुक्का लोग होते है और वह भी घोड़े बेच कर सो रहे होते है, रश्मि अपनी आँखे बंद किए पड़ी रहती है और उसकी चूत पूरी तरह गीली रहती है और वह अपने भैया के कुछ करने की राह देखती रहती है,

राज जब रश्मि की छातियो को अपने हाथ में भरने का सोचता है तो उसका दिल जोरो से धड़कने लगता है और वह उस कॉमपार्टमेंट की लाइट बंद कर देता है और फिर हिम्मत करके रश्मि के एक दूध पर अपने हाथ को धीरे से रख देता है, रश्मि को इतना यकीन नही था कि राज वाकई उसके दूध पर अपने हाथ रख देगा और रश्मि राज की इस हरकत से एक दम से सिहर जाती है और उसका दिल बहुत जोरो से धड़कने लगता है और उसकी साँसे तेज हो जाती है, उधर राज जब रश्मि की गदराए दूध के गुदाज और भरे-भरे माँस का स्पर्स अपने हाथो से महसूस करता है तो उसका दिल धड़क जाता है और उसका लंड पूरी तरह तन कर खड़ा हो जाता है, दोनों भाई बहन की दिलो की धड़कन बहुत तेज हो जाती है और राज का हाथ अपनी बहन के गुदाज कसे हुए दूध पर रखा-रखा काँपने लगता है, पर राज उस अहसास को पाकर मस्त हो जाता है उसने आज तक किसी भी लड़की के दूध को अपने हाथो से नही छुआ था इसलिए उसके मोटे दूध का गुदाज अहसास उसे पागल कर देता है,

रश्मि अपने मन में, ओह भैया बहुत अच्छा लग रहा है पर इतना क्या दर रहे हो थोड़ा कस-कस कर मेरे दूध दबा दो में कुछ नही कहुगी ऐसे कब तक हाथ रखे रहोगे,

राज जैसे रश्मि के मन की बात जान गया हो और वह धीरे से रश्मि के दूध को हल्के-हल्के दबा-दबा कर देखने लगता है, वह जैसे-जैसे रश्मि के दूध दबाता जाता है उसका मन करता है कि और कस कर दबाए और वह थोड़ा ज़ोर लगा कर रश्मि के दूध को मसल देता है और उसकी इस हरकत से रश्मि की जान निकल जाती है, रश्मि की साँसे पूरी रफ़्तार से चलने लगती है और उसकी चूत फूल-फूल कर बुरी तरह फड़कने लगती है

राज की हिम्मत थोड़ी बढ़ती है और वह रश्मि के दूध को कभी धीरे-धीरे और कभी थोड़ा ज़ोर से अपने हाथों में भरने लगता है, रश्मि अपने भैया पर मर मिटती है और अपने मन में हे भैया आज तुमने अपनी बहन का दिल जीत लिया है अब तो में चाहे जैसे भी हो तुम्हारे ही मोटे लंड से अपनी चूत फडवाउंगी, अब तो में तुमसे ज़रूर अपनी चूत मरवाउन्गी भैया, तुम बहुत अच्छे हो भैया, आज तो लगता है मेरी जान ले लोगे, ऐसे ही दबाते रहो भैया, ऐसे ही थोड़ा
कस कर दबाओ भैया बिना किसी डर के मस्लो अपनी बहन के मोटे-मोटे दूध को,

राज रश्मि के मोटे-मोटे दूध दबा-दबा कर मस्त हो गया था और फिर उसने थोड़ी और हिम्मत दिखाते हुए रश्मि के दूसरे दूध को भी अपने हाथों में भर कर हल्के-हल्के दबाने लगा और बीच-बीच में कभी-कभी थोड़ा ज़्यादा ज़ोर से भी रश्मि के कसे हुए गुदाज दूध को मसल्ने लगा था, रश्मि अपनी मोटी जाँघो के बीच अपनी चूत दबाए करवट लेकर राज की जाँघो में अपना सर रखे हुए लेटी थी, राज अब कभी रश्मि के एक दूध कभी एक साथ दोनो दूध को हल्के- हल्के दबाते हुए उनके गदराए पन को महसूस कर रहा था और उसका मन रश्मि के रसीले होंठो को चूसने का बहुत करने लगा और वह चाह रहा था कि रश्मि के मूह को वह अपने मूह से खूब चूमे और अपनी प्यारी बहन को अपने होंठो से खूब चूम-चूम कर प्यार करे लेकिन सिचुयेशन कुछ ऐसी थी कि वह खुल कर रश्मि के साथ कुछ कर भी नही सकता था और फिर उसे रश्मि के जागने का भी डर लग रहा था, फिर भी राज ने रश्मि को थोड़ा ताक़त लगाकर सीधा लिटा दिया जिससे रश्मि के होंठ पूरी तरह उसके सामने आ गये और फिर वह धीरे से रश्मि के उपर झुक कर उसके रसीले होंठो पर अपने होंठ रख कर एक गहरा चुंबन ले लेता है, राज रश्मि के चेहरे से आती मादक सुगंध से पागल हो जाता है और रश्मि अपने भैया द्वारा अपने रसीले होठ चूमने से एक दम मस्त हो जाती है और उसकी चूत उसकी पेंटी को पूरी गीली कर देती है,
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