RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
राज – रश्मि
रश्मि- हाँ भैया
राज - रश्मि को हसरत भरी निगाहो से देखता हुआ, क्या में सचमुच तुझे अच्छा नही लगता हूँ
रश्मि- मुस्कुराकर नही भैया में तो उसी तरह मज़ाक कर रही थी जिस तरह आप कर रहे थे
राज - मुस्कुराकर रश्मि की नशीली आँखो में देख कर, मतलब तू यह कहना चाहती है कि में तुझे बहुत अच्छा लगता हूँ.
रश्मि- मुस्कुराकर राज की आँखो में देख कर, मेने ऐसा तो नही कहा
राज - की मुस्कुराहट उसके चेहरे से गायब हो जाती है और तो फिर तू कहना क्या चाहती है
रश्मि- मुस्कुराकर अपने मन में यही भैया कि मेरी चूत को अपने मोटे लंड से फाड़ दो,
राज - बोल ना
रश्मि- शरमाने का नाटक करती हुई, में नही जानती
राज - मुस्कुराकर अच्छा मत बता, में बाद में तुझसे सब पूछ लूँगा और तू बताएगी
रश्मि- राज को हैरत भरी नज़रो से देखती हुई कैसे पूछ लोगे
राज - रश्मि को मुस्कुराकर देखता हुआ, वैसे ही जैसे आज तुझसे होटेल में पूछा था, तेरे गालो को काट कर
रश्मि- मूह फुलाते हुए अपनी आँखे दिखा कर भैया आप बहुत खराब हो और अपने गुलाबी गालो को अपने हाथो से सहलाती हुई, अभी तक मेरे गालो में दर्द है
राज - मुस्कुराते हुए, तो तू बिना अपना गाल कटाए मुझे कुछ बताती भी तो नही है
रश्मि- मूह फुलाकर राज को आँखे दिखाती हुई अगर आप मुझ से बड़े नही होते तो में भी उस बात का बदला ले लेती
राज - वो कैसे
रश्मि- आपके गाल को काट कर
राज - ठीक है तू ले लेना अपना बदला में तुझे कुछ नही कहूँगा
राज - बोल अभी लेगी या बाद में
रश्मि- गुस्सा दिखाती हुई मुझे नही लेना
राज - क्यो मेरे गाल अच्छे नही है क्या, मुझे तो तेरे गाल बहुत अच्छे लगते है, अब में रोज तेरे गाल को अपने मूह में भर कर काटुन्गा
रश्मि- राज की बात सुन कर मुस्कुराते हुए अपने हाथ का अगुठा राज को दिखा कर ठेंगा, में काटने दूँगी तब ना
राज - मुस्कुरा कर ठीक है वह तो होटेल चल कर पता चलेगा
रश्मि- राज को गुस्सा दिखाती हुई, भैया में बताए देती हूँ अबकी बार इतना ज़ोर से काटा तो हाँ
राज - उसको मुस्कुराकर देखता हुआ अच्छा बाबा अब की बार में धीरे से काटुन्गा
रश्मि- मुस्क्राकर राज की पीठ में मारती हुई भैया आप भी ना बहुत शैतान है
काफ़ी देर से उनकी कार सड़क पर दौड़ रही थी और रश्मि को बहुत ज़ोर की पेशाब लगी थी लेकिन राज अपनी बातों में मस्त गाड़ी दौड़ाए जा रह था और रश्मि शर्म के मारे कुछ कह नही पा रही थी लेकिन जब उससे बर्दास्त करना मुश्किल हो गया तो उसके चेहरे पर बैचैनि साफ झलकने लगी और
राज - क्या बात है रश्मि कुछ परेशानी है क्या
रश्मि- राज की आँखो में देख कर फिर अपनी नज़रे नीची कर लेती है
राज - अरे भाई कुछ तो बोल क्या हुआ
रश्मि- राज को देख कर भैया थोड़ा गाड़ी रोको ना
राज - उसकी बात को समझ गया और बाथरूम जाना है क्या
रश्मि- अपनी नज़रे नीचे किए हुए अपनी गर्दन को हाँ में हिला देती है और राज उसके शर्म से लाल चेहरे को देख कर मुस्कुराता हुआ गाड़ी साइड में लगा देता है और खुद कार में बैठा हुआ जाओ जल्दी से करके आओ
रश्मि- का चेहरा पूरा लाल हो चुका था और वह जल्दी से उतरती है और चारो तरफ देखती है दूर-दूर तक सन्नाटा था लेकिन कोई पेड़ भी पास में नही था, फिर रश्मि कुछ सोच कर कार के पीछे थोड़ा सा दूर जाकर अपनी मोटी गदराई गान्ड को कार की ओर करके अपने जीन्स को उतारने लगती है, राज अपने जेब से कंघा निकाल कर सीटी बजाता हुआ अपने बाल सवारने लगता है तभी उसकी नज़र बॅक मिरर पर पड़ती है और रश्मि अपनी जींस को पेंटी सहित नीचे सरका देती है और राज की आँखे फटी की फटी रह जाती है और उसके मूह से निकलता है बाप रे कितनी मोटी और गदराई गान्ड है रश्मि की, उसके देखते ही देखते रश्मि मूतने के लिए बैठ जाती है और राज उसके पूरे नंगे भारी-भरकम चुतड़ों को गौर से देखने लगता है, करीब 1 मिनट तक रश्मि मुतती रहती है उसके बाद वह खड़ी होकर जल्दी से अपनी पेंटी और फिर जीन्स को चढ़ा लेती है और फिर पलट कर वापस आकर गाड़ी में बैठ जाती है,
राज रश्मि के चेहरे को एक टक निहारने लगता है और रश्मि उसको इस तरह घूरते देख अपनी नज़रे नीचे कर लेती है उस समय उन दोनो के चेहरे से हसी गायब हो जाती है और राज अपनी नज़रे उस पर से हटा कर गाड़ी आगे बढ़ा देता है, काफ़ी देर तक दोनो के होंठ बंद रहते है और सिर्फ़ उनके दिमाग़ एक दूसरे के बारे में सोचते हुए गति करते रहते है, कुछ देर बाद उनकी गाड़ी एक छोटे से कस्बे में पहुचती है और वहाँ गाड़ी रोक कर राज रश्मि की ओर देख कर
राज - कुछ खाना है
रश्मि- उसकी ओर देख कर सिर्फ़ मुस्कुरा देती है
राज - गाड़ी से उतर कर दूसरी ओर जाकर रश्मि के साइड वाला गेट खोल देता है और रश्मि बाहर आ जाती है, सामने एक छोटा सा रेस्टौरेंट था दोनो उसके बाहर लगी चेयर पर बैठ जाते है और फिर राज खाने के लिए ऑर्डर कर देता है,
राज - रश्मि का मुरझाया चेहरा देख कर, क्या बात है नाराज़ है मुझसे
रश्मि- मुस्कुराकर नही तो
राज - तो फिर कुछ बोल क्यो नही रही है
रश्मि- मुस्कुराकर क्या बोलूं
राज - उसकी आँखो में देख कर अपने मन में आइ लव यू बोलो और क्या
रश्मि- उसकी नज़रो को देखती हुई जैसे उसकी बात को समझ गई हो और अपने मन में भैया जो तुम चाह रहे हो वह तो तुम्हे ही बोलना पड़ेगा, मेरी इतनी हिम्मत नही और अगर होती तो में तो कब से तुमसे चुद गई होती
राज - क्या मेरी कोई बात तुझे बुरी लगी है
रश्मि- मुस्कुराकर आपकी भला कोई बात मुझे बुरी लग सकती है क्या
राज - मुस्कुराते हुए, चाहे में तुझसे कुछ भी कह दूं
रश्मि- मुस्कुराकर अपनी नज़रे नीचे करके, हाँ
रश्मि राज को देख कर मंद-मंद मुस्कुराती है और अपने मन में, भैया अपनी बहन को पटाने की पूरी कोशिश कर रहे हो पर पटा नही पा रहे हो, मुझे तो तुम पर तरस आने लगा है
राज - क्यो मुस्कुरा रही है
रश्मि- कुछ नही बस ऐसे ही
राज - ज़रूर मेरे बारे में कुछ उल्टा सोच रही है
रश्मि- मुस्कुरा कर, भैया आप बहुत सीधे हो
राज - अच्छा, में तुझे किस आंगल से सीधा नज़र आता हूँ
रश्मि- इसलिए की आप अपनी उस दोस्त से आज तक इज़हार नही कर पाए
राज - कुछ सीरीयस होकर, क्या है ना रश्मि मुझे डर लगता है कि कहीं वह मेरी बात सुन कर नाराज़ ना हो जाए
रश्मि- भैया हिम्मत करके तो देखिए, क्या पता वह भी आपको बहुत चाहती हो
राज - कुछ सोच कर अच्छा रश्मि में ऐसा क्या करूँ कि मुझे पता चल जाए कि वह भी मुझे चाहती है
रश्मि- मुस्कुराकर मुझे क्या पता
राज - नही में तुमसे इसलिए पूछ रहा हूँ कि तुम भी एक लड़की हो और लड़किया ऐसे मॅटर पर क्या सोचती है
रश्मि- भैया एक काम कीजिए आप उसके करीब जाने की कोशिश कीजिए हो सकता है वह भी आपको रेस्पॉन्स दे
राज - मुस्कुराकर करीब जाने से तेरा क्या मतलब है
रश्मि- मुस्कुराकर अपनी नज़रे नीची करती हुई मुझे नही पता
राज - अरे यह क्या बात हुई अभी तो तू ही कह रही थी कि करीब जाओ और अब तू ही कह रही है कि करीब जाने का क्या मतलब है तुझे नही पता, बता ना तेरा क्या मतलब था
रश्मि- शरमाने का नाटक करती हुई, मेने कहा ना मुझे नही पता
राज - कहीं तू यह तो नही कहना चाहती है कि में उसे अपनी बाँहो में भर लूँ
रश्मि- अपनी नज़रे उठा कर उसकी आँखो में देख कर मुस्कुराती हुई, क्या भैया आप भी ना
राज - मुस्कुराता हुआ, भाई करीब जाने का तो यही मतलब होता है, वैसे में उसके करीब जाना चाहता हूँ
रश्मि- क्यों
राज - क्यो क्या वह मुझे अच्छी लगती है इसलिए
राज और रश्मि इसी तरह बाते करते हुए वहाँ से खा पीकर वापस गाड़ी में आकर बैठ जाते है और
राज - रश्मि अब वापस चलते है शाम होने वाली है
रश्मि- ठीक है भैया
और फिर दोनो वापस अपने होटेल में आ जाते है, रात को खाना खाने के बाद राज फोन पर किसी से बाते करता हुआ बालकनी में टहलता रहता है और रश्मि बेड पर लेटी-लेटी राज को देखती हुई मंद-मंद मुस्कुराती रहती है, तभी राज फोन डिसकनेक्ट करके रश्मि के पास आकर बेड पर बैठ जाता है
राज - क्या सोच रही है मेरी गुड़िया रानी
रश्मि- कुछ नही भैया
राज - में भी तेरे पास लेट जाउ क्या
रश्मि- मुस्कुराकर अपने मन में, मेरे पास क्यो भैया मेरे उपर लेट जाओ
राज - रश्मि के पास उसकी ओर करवट ले कर लेट जाता है और फिर दोनो एक दूसरे को मंद-मंद मुस्कुराते हुए देखने लगते है,
राज - रश्मि एक बात कहूँ
रश्मि- क्या
राज - उसके मस्ताने चेहरे को देख कर तू बहुत खूबसूरत है
रश्मि- उसकी बात सुन कर अपनी नज़रे इधर उधर करती हुई, क्या बात है आज मेरी बड़ी तारीफ कर रहे हो
राज - रश्मि मेरा मन कर रहा है कि
रश्मि- उसकी बात सुन कर अपनी नज़रो से उसे कामुक अंदाज में देखती हुई क्या मन कर रहा है
राज - मुस्कुराता हुआ, यही कि में तेरे गालो को काट लूँ
रश्मि- अपनी उंगली उसको दिखाते हुए मुस्कुराकर देखो भैया मुझसे दूर रहना मेरे गालो में अभी तक दर्द है
राज - मुस्कुराते हुए रश्मि एक बार काट लेने दे ना
रश्मि- नही भैया देखो में आपको मार दूँगी
राज - अच्छा में बहुत धीरे से काटुन्गा
रश्मि- अपने हाथो से अपने गाल को छुपाते हुई नही में नही काटने दूँगी
राज - रश्मि के सर के पीछे अपने हाथ को ले जाकर रश्मि बस एक बार में बहुत धीरे से काटुन्गा, अगर में ज़ोर से काटू तो मुझसे कभी बात मत करना
रश्मि- मुस्कुराती हुई अपने हाथ को हटा कर, देखो भैया ज़ोर से काटा तो में बताए देती हूँ हाँ,
राज - अपने होंठो को रश्मि के गुलाबी गाल पर ले जाता है और उसके गाल को अपने दाँतों से हल्के से दबाता है और रश्मि की फूली हुई चूत में पानी आ जाता है और राज का लंड अपनी बहन के खूबसूरत चेहरे को अपने मूह से लगाने पर खड़ा हो जाता है, राज जब अपना मूह हटाता है तो रश्मि का चेहरा लाल हो जाता है और वह मुस्कुराती हुई राज को देखने लगती है, राज अपने हाथो से उसके गाल को पोछता हुआ उसके सर में अपना हाथ लेजा कर उसके बालो के बीच अपनी उंगलिया घूमाते हुए उसे देखने लगता है और रश्मि मुस्कुराते हुए उसकी आँखो में देखने लगती है
रश्मि- राज को घूर कर देखती हुई अपने मन में भैया कुछ करो बार-बार मेरी चूत भर गीली कर देते हो और कुछ करते नही, इतना क्या डरते हो मुझसे, पकड़ कर कस कर मसल क्यो नही देते, मुझे तो लगता है अब मुझे ही कुछ करना पड़ेगा तुम तो ज़रा भी आगे नही बढ़ रहे हो और में तुम्हारे मोटे लंड को अपनी फूली हुई चूत में लेने के लिए तड़प रही हूँ,
उधर राज अपने आप से बाते करते हुए, रश्मि तू कितनी खूबसूरत है में तुझे अपनी बाँहो में भर कर चूमना चाहता हूँ, पर समझ में नही आता में कैसे आगे बढू,
रश्मि- भैया मुझे तो नींद आ रही है, में सो जाउ
राज - उसके बालो में हाथ फेरते हुए ठीक है
रश्मि- सीधे लेट कर अपनी आँखे बंद कर लेती है और राज उसकी उठी हुई मोटी-मोटी चुचियो को देखने लगता है और उसका लंड खड़ा हो जाता है, काफ़ी देर तक रश्मि अपनी सांसो को थामे हुए चुपचाप अपनी आँखे बंद किए पड़ी रहती है और राज उसकी कसी हुई गदराई चुचियो को देखता रहता है, जब लगभग एक घंटा हो जाता है तो राज धीरे से सरक कर रश्मि के गदराए बदन से चिपक जाता है और अपने हाथ को रश्मि के गुदाज पेट पर रख कर अपने मूह को उसके गोरे गालो से सटा कर उसके हुस्न की खुसबू लेते हुए धीरे-धीरे उसके पेट पर अपना हाथ फेरने लगता है और रश्मि की दिल की धड़कन तेज हो जाती है, राज धीरे-धीरे रश्मि के गालो को अपने होंठो से सहलाता हुआ उसके गुलाबी गालो को चूमते हुए धीरे-धीरे उसके पेट को दबा-दबा कर महसूस करते हुए धीरे से रश्मि के कान में
राज - रश्मि, ओ रश्मि
रश्मि उसकी बात का कोई रिप्लाइ नही देती है और चुपचाप आँखे बंद किए हुए मस्ती में पड़ी रहती है और उसकी सांसो को कंट्रोल करने की कोशिश करती है, राज जब महसूस करता है कि रश्मि सो चुकी है तो वह हिम्मत करके अपने हाथ को उसके पेट से उठा कर उसकी गदराए हुए मोटे-मोटे कसे हुए दूध पर रख देता है और उसके दूध का नरम-नरम गुदाज अहसास उसे पागल कर देता है, रश्मि उसकी हरकत से मस्ती में भर जाती है, राज अपने हाथ को रश्मि के गदराए दूध पर धीरे-धीरे दबाते हुए अपनी उंगलियो को समेट कर उसके पूरे दूध को अपने पंजो में भर कर उसके दूध को धीरे- धीरे दबाने लगता है और रश्मि की चूत फूलने लगती है और पानी उसकी चूत से धीरे-धीरे रिसने लगता है, राज से बर्दास्त करना मुस्किल हो जाता है और वह रश्मि के मोटे-मोटे दूध को दबाता हुआ उसके पूरे चेहरे को अपने होंठो से पागलो की तरह चूमने लगता है, रश्मि का दिल करता है कि वह राज के सीने से कस कर चिपक जाए लेकिन वह हिम्मत बाँधे पड़ी रहती है,
राज उसके कभी एक कभी दूसरे दूध को हल्के -हल्के मसल्ते हुए रश्मि के गले को चूमने लगता है और फिर वह अपने हाथ को रश्मि की कमर और कमर के बाद उसकी गदराई मोटी जाँघो पर फेरते हुए उसकी मोटी-मोटी गदराई जाँघो को धीरे -धीरे अपने हाथों से दबोचता हुआ उसकी जाँघो की मोटाई को महसूस करने लगता है उसका लंड उसका पेंट फाड़ने को तैयार हो जाता है, वह रश्मि की बाँहो में हाथ डाल कर उसे अपनी और पलटा लेता है और फिर अपने हाथ को रश्मि की गुदाज गदराई हुई मोटी गान्ड पर लेजा कर उसके भारी-भारी उठे हुए चुतड़ों को अपने हाथो में भर-भर कर दबोचने लगता है, रश्मि के कसे हुए चुतड़ों को वह खूब ज़ोर-ज़ोर से दबाता है
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