RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
दुकानदार- अरे भाभी जी में अपने पहले वाले सॉरी के लिए सॉरी बोलता हूँ मुझे क्या पता था जिसे आप भैया कह रही है वह आपके पति देव है और आप तो उन्हे प्यार से भैया ही कहती है
रश्मि- उसको घुरती हुई, उसके हाथ से पॅकेट छुड़ाते हुए, पागल कहीं का, दिमाग़ में भूसा भरा है क्या, अपने भैया को भैया नही कहुगी तो और क्या कहुगी,
दुकानदार- मुस्कुराते हुए, पर भाभी जी कितना गजब का इतफ़ाक़ है कि आपको अपने पति को ही भैया बोलना पड़ता है
रश्मि- उसको खा जाने वाली नज़रो से देखती हुई, तुमसे यह सब किसने कहा कि वह मेरे पति है,
दुकानदार- मुस्कुराते हुए, अरे भाभी जी यह भी कोई बताने वाली बात है क्या में तो आप दोनो को देखते ही पहचान गया था कि आप दोनो पति पत्नी है, आप दोनो की जोड़ी ही ऐसी है कि कोई भी आप दोनो को एक नज़र में ही पहचान जाएगा कि यह दोनो मियाँ बीबी है,
रश्मि- आश्चर्य से उसको देखती हुई राज की ओर देखती है और राज दूर से मुस्कुराता हुआ अपने अंगूठे और उंगली को मिला कर उसकी तारीफ करता है
दुकानदार- देखो भाभी जी आपके पति आपकी दूर से ही तारीफ कर रहे है
रश्मि- उसको घूर कर देखती है और फिर मुस्कुराते हुए गुस्से से उसको देखती हुई, पागल कहीं का और फिर राज की ओर चलने लगती है,
दोनो बाहर आकर एक रेस्टोरेंट में जाकर कॉफी का ऑर्डर करते हुए आमने सामने बैठ जाते है और राज रश्मि को देख कर मुस्कुराते हुए
राज - रश्मि तू तो एक दम अप्सरा लग रही है, मुझे नही पता था तू साड़ी में इतनी खूबसूरत लगती है,
रश्मि- मुस्कुराकर थॅंक्स भैया, फिर एक दम मुँह बनाते हुए, आपने उस दुकानदार को कुछ कहा था क्या
राज - नही तो क्यो कुछ कह रहा था क्या
रश्मि- मुस्कुराकर नही कुछ नही
राज - नही-नही कुछ तो ज़रूर वह तुझसे कह रहा था, बता ना क्या कह रहा था वह, कोई बदतमीज़ी तो नही की उसने तुझसे,
रश्मि- मुस्कुराते हुए नही भैया ऐसी कोई बात नही है
राज - तो फिर तू इतना मुस्कुरा क्यो रही है क्या मेरे बारे में कुछ उल्टा सीधा कह रहा था बोल में अभी साले के पास जाकर उसके बारह बजाता हूँ
रश्मि- नही भैया वह ऐसा कुछ नही कह रहा था जैसा आप सोच रहे हो उसे तो बस थोड़ी ग़लत फ़हमी हो गई थी
राज - कैसी ग़लत फ़हमी
रश्मि- अपनी नज़रे राज से मिला कर फिर नज़रो को झुकाते हुए आक्च्युयली भैया वह मुझे आपकी बीबी समझ रहा था,
राज - मुस्कुराते हुए, पर मुझे तो तू शादी शुदा नज़र नही आती है मुझे तो तू कुवारि ही लगती है
रश्मि- अपनी नज़रे उठा कर राज को देखती है और
राज - उसकी ओर मुस्कुराकर रश्मि एक बात कहूँ
रश्मि- क्या
राज - तू वाकई बहुत खूबसूरत लग रही है अगर मेरी बहन नही होती तो में सचमुच तुझसे शादी कर लेता
रश्मि- उसकी बात सुन कर अपनी नज़रे नीचे कर लेती है और अपने हाथो के नखुनो को आपस में रगड़ने लगती है
कुछ देर तक दोनो के बीच खामोशी छाई रहती है और फिर उनकी कॉफी आ जाती है दोनो अपने-अपने कप उठा कर एक दूसरे को देखते हुए कॉफी पीने लगते है,
राज – रश्मि
रश्मि- अपना मुँह उसकी ओर उचकाती है
राज - तुझे मेरी बात का बुरा तो नही लगा
रश्मि- कौन सी बात
राज - यही कि तू मुझे इतनी अच्छी लगती है कि तू मेरी बहन नही होती तो में तुझे अपनी बीबी बना लेता
रश्मि- मुस्कुराते हुए, अरे भैया मुझे बुरा क्यो लगेगा में जानती हूँ कि आप मज़ाक कर रहे है
राज - नही रश्मि में मज़ाक नही कर रहा हूँ
रश्मि- उसकी ओर देखती है
राज - क्या में तेरा भाई नही होता तो तू मुझसे शादी कर सकती थी
रश्मि- इधर उधर देखते हुए, मुझे नही पता
राज - क्या में तुझे अच्छा नही लगता
रश्मि- उसको देख कर मुस्कुराते हुए, क्या भैया आप भी कौन सी बात लेकर बैठ गये
राज - क्यो तुझे मेरी बाते अच्छी नही लग रही है
रश्मि- नही वो बात नही है पर
राज - पर क्या
रश्मि-मुस्कुराकर कुछ नही भैया
राज - रश्मि- एक बात कहूँ
रश्मि- क्या
राज - तू जानती है में किस लड़की से प्यार करता हूँ
रश्मि- आपका मतलब है आप दो दिन से जिस लड़की के बारे में बोल रहे है वह ना
राज – हाँ
रश्मि- मुझे क्या पता भैया वह कौन है
राज - तू जानना चाहती है
रश्मि- कुछ सोच कर, कौन है
राज - तू जानती है उसे
रश्मि- कुछ सोच कर, में जानती हूँ, पर मेरी जानकारी में तो कोई लड़की ऐसी नही है, कहीं आप मेरी सहेली कोमल की बात तो
राज - अरे नही रे
रश्मि- मुस्कुराकर तो फिर और कौन हो सकती है
राज - में सोचता हूँ आज तुझे बता ही दूं वह लड़की कौन है
रश्मि- तो फिर बताओ ना
राज - कुछ सोच कर, अभी नही बाद में बताउन्गा
रश्मि- बाद में कब
राज - मुस्कुराकर बस एक सही मोके की तलाश है
रश्मि- अब मुझे बताने में कौन सा मोका चाहिए आपको
राज - चल अब रूम पर चलते है, वही बैठ कर बात करेगे
रश्मि राज के साथ चल देती है और अपने मन में ओफ्फ हो भैया ना जाने कब आप अपने दिल की बात मुझसे कहोगे, रोज रात को मेरी चूत गीली कर देते हो अब तो सहा नही जा रहा है अब और कितना समय लगाओगे जल्दी से कह क्यो नही देते कि रश्मि में तेरी फूली छुई चूत को अपने मोटे लंड से फाड़ना चाहता हूँ,
राज अपने मन में सोचता है, रश्मि कल रात को तूने अपनी रसीली चूत मुझे दिखा कर पागल कर दिया है अब में तेरी मस्तानी चूत को फाडे बिना नही रह सकता हूँ, और आज रात को ही में तेरी चूत को फाड़ देना चाहता हूँ मुझसे अब और बर्दास्त नही होता है
दोनो रूम पर पहुच कर
रश्मि- मुस्कुराते हुए क्यो भैया जी अब तो में यह साड़ी उतार दूं
राज - नही पहले इधर आओ
रश्मि- मुस्कुराते हुए क्यो
राज - उसको मुस्कुराकर देखते हुए, क्योकि मुझे तेरे गाल काटना है
रश्मि- मुस्कुराकर, अपनी उंगली दिखाते हुए, देखो भैया ये सब नही चलेगा,
राज - क्यो तुझे अच्छा नही लगता क्या
रश्मि- क्यो आप को मेरे गालो को काटना बहुत अच्छा लगता है क्या
राज - मुस्कुराकर हाँ तू आज बहुत खूबसूरत लग रही है इसलिए मेरा मन तेरे गालो को काटने का कर रहा है
रश्मि- मुस्कुराते हुए प्लीज़ भैया ऐसा मत करो मुझे बहुत दर्द होता है
|