Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
08-16-2019, 12:15 PM,
#24
RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
जब वह रश्मि की फूली हुई चूत की फांको को इधर उधर करके उसकी चूत के छेद को अपनी उंगलियो से सहलाता है तो रश्मि राज के लंड को कस कर अपने हाथो में दबोच लेती है राज रश्मि की मोटी गान्ड को अपने लंड की ओर खींच कर धीरे से उसकी चूत की फांको को फैला कर अपने लंड को रश्मि की चूत के छेद में रख कर धीरे से आगे की ओर अपने लंड को धकेलता है और उसका लंड रश्मि की चूत में घुस जाता है और रश्मि के मुँह से एक हल्की सी सिसकारी निकल जाती है, राज रश्मि के दूध को अपने हाथो में भर कर दबोचते हुए अपने लंड को उसकी चूत में धक्का देता है और उसका लंड रश्मि की चूत में पूरा समा जाता है और रश्मि मस्ती में तड़पने लगती है और राज अब धीरे-धीरे रश्मि के दूध को दबाता हुआ अपनी कमर को हिलाते हुए ट्रेन के हल्के धक्को के साथ अपने लंड को उसकी चूत में डालने लगता है और रश्मि बड़े आराम से अपने भैया के मोटे लंड से आहिस्ता-आहिस्ता चुदने लगती है,

राज - धीरे-धीरे अपनी बहन की चूत मारता हुआ, रश्मि कैसा लग रहा है

रश्मि- अपना मुँह उसकी ओर घुमा कर भैया बहुत अच्छा लग रहा है, प्लीज़ आज सारी रात ऐसे ही मुझे धीरे-धीरे चोद्ते रहना, बहुत मज़ा आ रहा है आपका लंड बहुत मस्त है भैया

राज - रश्मि की बात सुन कर उसके होंठो को चूम लेता है और उसके दूध को दबोचते हुए एक कस कर धक्का उसकी चूत में मारता है और रश्मि आह करके रह जाती है राज रश्मि की मोटी गान्ड को पूरी ताक़त से अपने लंड से दबाए हुए धक्का मार रहा था और रश्मि पूरी तरह से बर्त की साइड के पोर्षन से चिपकी हुई अपनी चूत अपने भैया से मरवा रही थी, लगभग दो घंटे से राज धीरे-धीरे रश्मि की चूत को चोद रहा था और जब उसका पानी निकलने की कगार पर आता तो वह थोड़ा रुक जाता और फिर जब कुछ रिलॅक्स महसूस करता तो फिर से अपनी बहन की चूत को धीरे-धीरे चोदने लगता, यही हाल रश्मि का भी था वह भी बड़े आराम से हल्का-हल्का पानी छोड़ती हुई अपने भैया का मस्त लंड अपनी चूत में धीरे-धीरे लेती हुई आराम से पड़ी थी, राज जब थक जाता तो वह रुक जाता और रश्मि की मोटी गान्ड और गदराई जाँघो को सहलाने लगता और फिर जब अपनी बहन की मोटी -मोटी जाँघो और गदराई गान्ड के स्पर्श से उसे फिर जोश आता तो वह फिर से रश्मि को चोदना शुरू कर देता,

रश्मि- भैया अब मुझसे नही सहा जा रहा है

राज - पर तू तो कह रही थी कि सारी रात में तुझे ऐसे ही चोदता रहूं

रश्मि- नही भैया अब में ज़रा भी हिल जाउन्गी तो मेरा पानी निकल जाएगा, प्लीज़ अब मुझे थोड़ा कस-कस कर चोद दो और अपना रस मेरी चूत में भर दो

राज - अच्छा ठीक है और फिर राज बर्त के साइड के पोर्षन के उपर की जाली को पकड़ कर रश्मि की चूत में पूरी ताक़त से लंड पेलने लगता है और रश्मि के मोटे-मोटे दूध को कस कर मसल्ते हुए रश्मि की चूत में अपने लंड के गहरे-गहरे धक्के मार-मार कर अपने लंड को अपनी बहन की चूत में जड़ तक पेलने लगता है, रश्मि धीरे-धीरे सीसियाती हुई मज़ा लेने लगती है और उसकी चूत पानी-पानी हो जाती है और राज का लंड बिल्कुल गीला हुआ उसकी चूत में सतसट जाने लगता है,

राज रश्मि की चिकनी चूत में जड़ तक अपने मोटे लंड को खूब कस-कस कर मारता है और फिर एक दम से राज रश्मि की मोटी गदराई गान्ड से पूरी तरह चिपक जाता है और उसका पानी उसकी बहन की चूत की गहराई में धीरे-धीरे छूटने लगता है और रश्मि की चूत भी पानी छोड़ देती है, .


करीब 5 मिनट तक राज रश्मि की मोटी गान्ड से चिपका हुआ लेटा रहता है उसके बाद वह अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाल लेता है और फिर रुमाल से अपने लंड को साफ करके अपने पेंट के अंदर डाल लेता है और अपनी जीप बंद कर लेता है और सीधा लेट जाता है और रश्मि को अच्छे से चादर से ढक देता है, करीब 5 मिनट बाद रश्मि उसकी ओर मुँह कर लेती है और फिर मुस्कुराकर राज को देखती है और राज उसका मुँह चूम लेता है

राज - क्यो मज़ा आया ना

रश्मि- उसके जवाब में अपनी गर्दन हाँ में हिला देती है और राज उसके गालो पर अपना हाथ फेरता हुआ, चल अब आराम से सो जा, में भी थोड़ा सो लेता हूँ, और फिर दोनो चिपक कर सो जाते है और ट्रेन अपनी रफ़्तार से पटरी पर दौड़ती हुई उन्हे उनकी मंज़िल की ओर ले जाने लगती है.


अगले दिन उनकी ट्रेन उनकी मंज़िल पर पहुच जाती है और फिर दोनो अपने घर पहुचते है, जैसे ही रजनी उन दोनो को देखती है खुस हो जाती है, रश्मि अपनी मम्मी के पास जाकर

रश्मि- हेलो मोम बोर हो गई क्या

रजनी- आ गई वाचाल जब तक नही थी घर सुना हो गया था,

रश्मि- मुस्कुरा कर मेरे बिना या भैया के बिना

रजनी- तुम दोनो के बिना


रश्मि- राज की ओर इशारा करके आँख मारती है और राज अपनी मम्मी के पास जाकर उसके गले लग जाता है और रजनी को अपनी बाँहो में भर कर ओह मम्मी कितने दिनो से आप को नही देखा और फिर वह रजनी के गले पर अपने होंठ फेरता हुआ अपने उसको अपने सीने से कस लेता है


रजनी भी अपने बेटे को अपने सीने से लगा कर खुस हो जाती है,

रजनी- राज से चिपकी हुई बेटे तुम लोगो के बिना घर काटने को दौड़ता है

राज - रश्मि को मुस्कुराकर देखता हुआ अपनी मम्मी के मोटे-मोटे चुतड़ों पर हाथ फेरता है और उसका लंड अपनी मम्मी के गदराए चुतड़ों के गुदाज स्पर्श से खड़ा हो जाता है, वह रजनी के मोटे-मोटे चुतड़ों को सहलाता हुआ, मम्मी में भी अब आप से दूर कभी नही जाउन्गा

रजनी- की दोनो मोटी छातिया अपने बेटे के सीने से दबी हुई थी और वह आज पहली बार राज से इस तरह से चिपकी थी और उसे राज का मर्दाना स्पर्श पागल कर रहा था, अगर वह थोड़ी देर और राज से चिपकी रहती तो उसकी फूली हुई चूत पानी छोड़ने लग जाती लेकिन तभी राज अपनी मम्मी से अलग होते हुए सामने जा कर बैठ जाता है और रजनी भी उसके पास जाकर बैठ जाती है,


राज अपनी मम्मी से बाते करने लगता है लेकिन उसकी नज़रे अपनी मम्मी के गदराए बदन का जायज़ा लेती रहती है और वह पहली बार महसूस करता है कि उसकी मम्मी एक बहुत ही तगड़ा और खूब कस कर चोदने लायक माल है, वह अपने मन में सोचता है कि मम्मी का बदन कितना गदराया और गठिला है इसकी जंघे कितनी मोटी है और दूध कितने गुदाज और बड़े-बड़े है ब्लौज में समा नही रहे है, और अभी मेने मम्मी की मोटी गदराई गान्ड को सहलाया था तो कितना मज़ा आया क्या गदराई हुई गुदाज मोटी गान्ड है, वह अपनी मम्मी की गदराई मस्त जवानी का रस अपनी आँखो से पीता हुआ अपने मन में सोचने लगता है, वाकई मम्मी बहुत मस्त माल है इसको पूरी नंगी देख कर ही मज़ा आ जाए, पूरी नंगी कैसी लगती होगी एक बार चोदने को मिल जाए तो मज़ा आ जाए इतनी गदराई औरत को चोदने का मज़ा ही अलग होगा,

रजनी- क्या सोचने लगा बेटा

राज - अपने मन में तुम्हारी चूत मारने के बारे में सोच रहा हूँ मम्मी, कुछ नही मम्मी और बताओ कैसी है आप इतने दिन तो मेरी बहुत याद आई होगी

रजनी- अपने मन में हाँ बेटे मेने जब से तेरे मोटे लंड को अपने हाथो से पकड़ा है तब से तेरे मोटे लंड की बहुत याद आ रही है,

रजनी- हाँ बेटे याद तो बहुत आ रही थी अच्छा हुआ तू जल्दी आ गया, तू बैठ में तेरे लिए चाइ बना कर लाती हूँ

रजनी उठ कर किचन की ओर जाने लगती है और रश्मि राज की ओर इशारा करके उसे अपनी मम्मी के भारी चुतड़ों को देखने का कहती है और राज अपनी मम्मी के गदराए मोटे-मोटे चुतड़ों को जब देखता है तो उसका लंड खड़े हुए बिना नही रह पता है,

रश्मि- मुस्कुराकर क्यो भैया है ना मस्त माल, बोलो चोदोगे मम्मी को

राज - मुस्कुराकर रश्मि को अपनी गोद में खींच कर उसके मोटे-मोटे दूध दबाता हुआ, हे रश्मि तूने सच कहा था मम्मी तो एक दम गदराई हुई है मम्मी को पूरी नंगी देख कर तो में पागल हो जाउन्गा,

रश्मि- मुस्कुराते हुए राज के लंड को उसकी पेंट के उपर से पकड़ते हुए, देखो आपका लंड मम्मी की मोटी गान्ड को देख कर कैसे तना हुआ है

राज - चल अब गोद से उठ जा कहीं मम्मी ना देख ले

रश्मि- राज का हाथ पकड़ कर अपने दूध पर रख कर मसल्ति हुई, देख ले तो देख ले, में क्या डरती हूँ मम्मी से, अगर मम्मी ने मुझे कुछ भी कहा भैया तो में भी सीधे-सीधे उसके मुँह पर कह दूँगी कि जल क्यो रही है तुझे अपनी चूत अपने बेटे से मर्वानी है तो मरवा ले, मुझे टोका टॅकी क्यो कर रही है

राज - रश्मि के दूध को कस कर दबोचता हुआ, उसके गाल को अपने दाँतों से काट कर बड़ी शैतान है तू, में तो तुझे इतनी सीधी समझता था पर तू तो बहुत शैतान निकली


रश्मि- मुस्कुराते हुए, भैया आपने मेरी चूत को अपने मोटे लंड से फाड़ कर मुझे पागल कर दिया है अब तो में कभी भी आपके इस मोटे लंड को पकड़ लूँगी,

राज - अच्छा पकड़ लेना पर अभी नही जा जाकर एक ग्लास पानी ले आ

रश्मि- मुस्कुराकर उठ जाती है और अपनी मोटी गान्ड को खूब मटका कर जानबूझ कर हिलाते हुए राज को देख कर मुस्कुराते हुए आँख मार देती है और राज उसको देख कर मुस्कुराता रहता है

राज अपने मन में रश्मि तो दो दिन में ही पूरी चेंज हो गई है यह तो एक दम आग है, में तो इसे बच्ची समझता था और यह तो मेरी भी अम्मा निकली, खैर जैसी भी है बहुत मस्त और प्यारी है, दो दिन में इसने मुझे जितना मज़ा दिया है वह मेरी जिंदगी का यादगार पल है और आयेज भी ना जाने रश्मि और कितना मज़ा देगी, बहुत ही सेक्सी है मेरी बहना,

रश्मि- मुस्कुराते हुए पानी लाकर राज को देते हुए, लो पी लो यह पानी फिर आज रात को में आपको दूसरा वाला पानी खूब अच्छे से पिलाउन्गी

राज - मुस्कुराता हुआ, क्यो नही में भी तो तेरा रसीला पानी पीने के लिए तड़प रहा हूँ, अच्छा यह बता ट्रेन में कल कैसा रहा हमारा गेम

रश्मि- मुस्कुराकर राज के होंठ को चूमती हुई, धीरे से उसके कान में बहुत ही मस्त था भैया, बड़ी मस्त चूत मारी आपने कल रात मेरी, और फिर रश्मि बच्चो की तरह मिमियाते हुए, भैया मुझे आज भी कल रात की तरह उतनी ही देर तक चोदना जितना कल रात को आपने चोदा था

राज - क्यो कल रात को ज़्यादा मज़ा आया था क्या

रश्मि- भैया कल जैसे आपने मेरी चूत को खूब देर तक धीरे-धीरे चोदा था ना बस उसी तरह आज रात भर मेरी चूत मारना, आप बहुत मस्त चोदते हो में तो कल रात को पागल हो गई थी, मुझे कितना मज़ा आया में बता नही सकती

तभी रजनी उधर से चाइ लेकर आती है और दोनो को एक-एक कप पकड़ते हुए उनके सामने बैठ जाती है, दोनो चाइ पीने लगते है और राज अपनी नज़रे अपनी मम्मी के गदराए बदन पर लगा देता है और उधर रश्मि और रजनी बाते करने लगती है. रश्मि रजनी से बाते करती हुई राज के उपर लदी जा रही थी और

रजनी- अपने मन में इतनी बड़ी घोड़ी हो गई है और अपने जवान भाई से कैसे चिपकी जा रही है, टीशर्ट भर पहन कर घूमती है अंदर ब्रा तक नही पहनती कैसे दूध बाहर निकले आ रहे है, राज इसके इन मोटे-मोटे दूध को देखता होगा तो क्या सोचता होगा,

रश्मि- राज से चिपक कर उसके गाल चूमती हुई, भैया कितना मज़ा आया ना कश्मीर में

रजनी- रश्मि की हरकत देख कर रश्मि से, सीधी नही बैठ सकती क्या बेचारा अभी थका हारा आया है और तू उसे चैन से बैठने भी मत दे चढ़ि जा रही है उसके उपर

रश्मि- अपनी मम्मी को घूर कर अपनी जीभ निकाल कर दिखाती हुए, मेरे भैया है में कुछ भी करूँ तुझे उससे क्या

रजनी- बड़ी आई भैया वाली एक तेरा ही तो भाई है इस संसार में

रश्मि- जब देखो भाषण देती रहती है आभी मुझे आए 10 मिनट नही हुए कि शुरू हो गई

राज - मुस्कुराकर ये रश्मि मार खाएगी क्या चल जा अपने रूम में जाकर आराम कर ले और में भी थोड़ा फ्रेश हो लेता हूँ

रश्मि उठ कर राज के रूम में जाते हुए

रश्मि- भैया आज से मेरा रूम आप वाला है मुझे नही सोना मम्मी के साथ और तुनक कर अपने गदराए चूतड़ हिलाते हुए चल देती है,

राज - रजनी को देख कर मुस्कुराता हुआ, इसका बच्पना कभी नही जाएगा मम्मी

रजनी- अरे राज इतनी बड़ी घोड़ी हो गई है पर पता नही इसको कब अकल आएगी


राज - मुस्कुराता हुआ आ जाएगी मम्मी, अभी वह वाकई में बच्ची ही है

रजनी- अपने मन में, अरे बेटा क्या खाक बच्ची है उसको तू जिस दिन नंगी देख लेगा तब तुझे पता चलेगा कि इस बच्ची को भी तेरे जैसे तगड़े लंड की ज़रूरत पड़ने लगी है, अब यह बच्ची नही रही अभी इसे कोई छोड़ दे तो माँ बन जाएगी

रजनी- बेटे तू नहाएगा क्या

राज - हाँ मम्मी सफ़र की थकान है इसलिए नहा लेता हूँ

रजनी- ठीक है में तेरा टॉवेल लेकर आती हूँ

राज - ओके मम्मी और फिर रजनी राज के रूम में टॉवेल लेने चली जाती है और जब वह अंदर पहुचती है तो रश्मि राज के बेड पर उल्टी तकिये पर सर रख कर लेटी थी

रजनी- रश्मि तू भी नहा ले, इतनी गंदी लग रही है, ऐसा लगता है जैसे कहीं लोट लगा कर आ रही है
रश्मि- मुझे तो नींद आ रही है मम्मी में तो शाम को नहाउन्गी

रजनी- कुछ खाना पीना नही है क्या

रश्मि- नही मुझे भूख नही है

रजनी उसके सर पर हाथ फेरते हुए, मुझसे नाराज़ हो गई क्या

रश्मि- उसको घूर कर देखती हुई, मुझे जब देखो घोड़ी बोलती रहती हो तुम भी तो अच्छी ख़ासी घोड़ी लगती हो खुद को जाकर शीशे में देखो कि ज़्यादा मस्तानी घोड़ी में हूँ या तुम

रजनी- मुस्कुराते हुए अच्छा बाबा में तुझसे भी बड़ी घोड़ी हूँ, अब तो खुस

रश्मि- मुस्कुराकर अपनी मम्मी की मोटी गान्ड में हाथ से थप्पड़ मारती हुई, मेरी प्यारी घोड़ी मम्मी

रजनी- उसके गाल को खिचती हुई तो कभी नही सुधरने वाली है.


रश्मि- अच्छा में भी नहा लेती हूँ और वही अपनी मम्मी के सामने एक झटके में अपनी टीशर्ट उतार देती है

रजनी- मुँह फाड़ कर उसे देखती हुई वापस से टीशर्ट जल्दी से उठा कर उसे देती हुई, अरे बेशरम जवान भाई घर में है और तुझे इस तरह नंगी होते शरम नही आती है, कहीं उसने देख लिया तो

रश्मि- मुस्कुराकर देख लिया तो क्या हुआ आख़िर है तो मेरे भैया, कोई और तो नही देखने आ रहा है ना

रजनी- अरे कामिनी तेरा भैया है तो क्या उसके सामने नंगी हो जाएगी क्या

रश्मि- और तुम जब मेरे सामने पूरी नंगी होकर कपड़े पहनती हो तब


रजनी- अरे तू तो लड़की है तेरे सामने में नंगी हो भी जाउ तो क्या बुराई है, पर वह तो लड़का है उपर से जवान, कही तुझे इस हाल में देख लेगा तो ना जाने क्या सोचेगा

रश्मि- मुस्कुराते हुए अपनी टीशर्ट पहनते हुए, मम्मी अगर तुम लड़का होती और इस हाल में मुझे देखती तो क्या करती,

रजनी- उसकी पीठ पर मारते हुए कामिनी क्या करती में तेरी चूत मार देती और क्या, ऐसी नंगी किसी मर्द के सामने जाएगी तो वह क्या करेगा इतना भी नही जानती क्या

रश्मि- मुस्कुराते हुए तो क्या में भैया के सामने ऐसे चली जाउ तो क्या भैया मेरी चूत मार देंगे

रजनी- रश्मि का मुँह दबाती हुई, चुप कर दुष्ट कही की कितनी बेशरम है तू, कही तेरे भाई ने सुन लिया तो क्या सोचेगा वह तेरे और मेरे बारे में, तू उस छीनाल कोमल के साथ रह-रह कर इतनी बिगड़ गई है, पता नही क्या-क्या गुण सीखा चुकी है तुझे वह, कही अपना मुँह काला तो नही कर लिया तूने

रश्मि- मुस्कुराकर, मम्मी मुझे अपना मुँह काला करने का कोई शौक नही है, वैसे भी मुझे होली और रंगो से काफ़ी चिढ़ होती है

रजनी- अरे मूरख में रंग लगाने की बात नही कर रही हूँ, बल्कि में यह पूछ रही हूँ कि किसी लड़के से फसि तो नही है ना तू,

रश्मि- मुस्कुराकर क्या बात करती हो मम्मी में भला किसी लड़के से क्यो फन्सने लगी

रजनी- सूकर है, चल में जाती हूँ वहाँ राज टॉवेल लाने का वेट कर रहा है और यहाँ में तुझसे अपना सर टकराने चली हूँ,

रजनी टॉवेल ले कर बाहर आती है और राज टॉवेल ले लेता है और फिर रजनी वही बैठ जाती है और राज पहले अपनी शर्ट और बनियान उतार देता है और फिर जब राज अपनी पेंट उतारता है तो रजनी की नज़रे उसके लंड वाले फूले हुए भाग पर जाती है और वह ललचाई नज़रो से राज के लंड के हल्के उठाव को देखती है तब तक राज टॉवेल लपेट कर बाथरूम की और चल देता है और रजनी वही बैठ कर टीवी ऑन कर देती है

थोड़ी देर बाद रश्मि बाहर आकर रजनी के पास बैठ कर उसके साथ सट जाती है और उसे थोड़ा धक्का देती है और रजनी उसे देख कर गुस्सा करती हुई उसे थोड़ी जगह दे देती है

रश्मि- मुस्कुराते हुए, मम्मी एक बात कहूँ

रजनी- क्या

रश्मि- मम्मी इस महीने ना मुझे ब्लीडिंग नही हुई

रजनी- एक दम से चौंकते हुए, क्या, सच-सच बता कहाँ अपना मुँह काला करवा कर आई है

रश्मि- ज़ोर से ठहाका लगा कर हँसते हुए, हुई है बाबा हुई है में तो मज़ाक कर रही थी

रजनी- उसको देख कर मुस्कुराते हुए, बेशरम कही की, और उसकी ओर उंगली दिखा कर देख रश्मि, तेरी चाल अब मुझे ठीक नही लगती है, में समझाए देती हूँ अगर कुछ उल्टा काम करके आई तो समझ लेना तेरे भैया तेरी जान ले लेंगे

रश्मि- मुस्कुराते हुए अपने मन में, और अगर मेने कोई उल्टा काम अपने भैया के साथ ही कर लिया तब, क्या तब भी भैया मेरी जान लेंगे,

रश्मि- अरे मम्मी क्या में इतनी गँवार हूँ कि अपना अच्छा बुरा नही समझ सकती, तुम तो बेकार मेरे लिए पारेशन होती हो

रजनी- देख बेटी आजकल जमाना खराब है इसलिए में तुझे समझाती रहती हूँ

राज - बाथरूम से बाहर आता हुआ, क्या समझा रही हो मम्मी इस गुड़िया रानी को

रश्मि- भैया मम्मी कह रही है कि जमाना खराब है इसलिए अपने भैया के साथ ही जहाँ भी जाना हो जाया करो

राज - हाँ रश्मि मम्मी ठीक कहती है,

रजनी- बेटे में तो इसे इतना समझती हूँ पर जब इसके भेजे में बात आए तब ना
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