RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
रजनी- अरे बड़ी औरतो के चूचे ज़्यादा बड़े होते है उनकी गान्ड बहुत मोटी होती है और उनकी चूत भी काफ़ी फूली और बड़ी दिखती है, इसलिए शायद तेरे भैया को बड़ी उमर की औरते अच्छी लगती है
रश्मि- फिर तो मम्मी भैया को आप भी बहुत अच्छी लगती होगी ना
रजनी-मुस्कुराते हुए मुझे क्या पता
रश्मि- में जानती हूँ मम्मी, भैया को आपकी यह मोटी गान्ड बहुत पसंद है
रजनी- उसे देखती हुई तुझे कैसे पता
रश्मि- मेने देखा है मम्मी जब तुम भैया के सामने से आती जाती हो तो भैया तुम्हारे इन मोटे-मोटे चुतड़ों को खूब घूर-घूर कर देखते है,
रजनी- उसे देखती हुई झूठ मत बोल रश्मि
रश्मि- तुम्हारी कसम मम्मी बहिया को तुम्हारे गदराए चूतड़ बहुत पसंद है वह तुम्हारे चुतड़ों को बहुत प्यार से देखते हुए अपने लंड को मसल्ते रहते है, मेने अपनी आँखो से देखा है
रश्मि- मम्मी भैया आपके चुतड़ों को देख कर अपना लंड क्यो मसल्ते है
रजनी की चूत तो पहले से ही बहुत गीली थी लेकिन रश्मि की बातों ने उसकी हालत खराब कर दी थी और चाह रही थी की रश्मि बस ऐसे ही उससे बाते करती रहे, रश्मि अपनी मम्मी की कमजोर नब्ज़ को पकड़ चुकी थी और वह अपनी मम्मी को पानी-पानी करने का ठान चुकी थी,
रश्मि- बताओ ना मम्मी
रजनी- क्या
रश्मि- यही कि भैया आपके मोटे-मोटे चुतड़ों को देख कर अपना लंड क्यो मसल्ते है
रजनी- मुस्कुराकर क्यो तू नही जानती कि एक लड़का एक औरत की मोटी गान्ड देख कर अपना लंड क्यो मसलता है
रश्मि- मुस्कुराकर में जानती हूँ पर में आपके मुँह से सुनना चाहती हूँ
रजनी- इसलिए कि वह उस औरत को चोदना चाहता है
रश्मि- किस औरत को
रजनी- मुझे और किसको
रश्मि- कौन आपको चोदना चाहता है
रजनी- तेरा भैया और कौन
रश्मि- क्या आपको पता है कि भैया आपको चोदना चाहता है
रजनी- जब तू कह रही है की वह मेरी गान्ड देख कर अपना लंड मसलता है तो फिर इसका मतलब यही हुआ ना कि उसका लंड अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को देख कर खड़ा हो जाता है
रश्मि- मम्मी एक बात पुच्छू
रजनी- पूछ
रश्मि- मम्मी अगर रात को भैया आपके चूचे पकड़ कर दबाएगे तो फिर आप क्या करोगी
रजनी- चुप कर रश्मि क्या अनाप सनाप बोले जा रही है
रश्मि- अपना मुँह बना कर अच्छा मत बताओ में जा रही हूँ
रजनी- मुस्कुराकर अरे सुन तो
रश्मि- क्या है
रजनी- अरे कहाँ जा रही है
रश्मि- तुमने मुझसे तो सब पूछ लिया और अब में कुछ पूछती हूँ तो नखरा दिखाती हो, मत बताओ, अब मुझे कुछ भी मालूम चलेगा तो में भी तुम्हे नही बताउन्गी, और फिर से रश्मि जाने लगती है
रजनी- अरी कहाँ जा रही है इधर आ में बताती हूँ
रश्मि- मंद-मंद मुस्कुराते हुए अपने मन में, शिकार फस रही है जल में, बहुत तड़प रही है साली अपने बेटे का लंड लिए बिना मानेगी नही, अगर इसकी चूत में हाथ डाल कर देखु तो पानी-पानी होगा
रश्मि- हाँ तो अब सीधे-सीधे बताओ
रजनी- क्या बताऊ
रश्मि- यही कि अगर रात को भैया तुम्हारे चूचे को दबाएगे तो तुम क्या करोगी
रजनी- मुस्कुरा कर अच्छा तू ही बता दे मुझे क्या करना चाहिए
रश्मि- में बताउन्गी तो मेरी बात मनोगी
रजनी- मुस्कुराकर तू बता तो सही
रश्मि- नही पहले बोलो मनोगी या नही
रजनी- अच्छा बाबा मानूँगी अब बता
रश्मि- मम्मी जब भैया तुम्हारे चूचे दबाए तो चुपचाप पड़ी रहना, भैया बहुत मस्त तरीके से खूब कस-कस कर चूचे दबाते है तुम्हे मज़ा आ जाएगा
रजनी- मुस्कुराते हुए क्यो तुझे बहुत मज़ा आया था क्या
रश्मि- हाँ मम्मी भैया जब मेरे चूचे को कस-कस कर दबा रहे थे तो मेरा मन कर रहा था कि में भैया के मोटे लंड को अपने हाथो में कस कर पकड़ लूँ, बहुत ही मोटा लंड है भैया का
रजनी- पर बेटी क्या यह ठीक रहेगा
रश्मि- अरे तुम्हे क्या करना है तुम चुप चाप पड़ी रहना वह तुम्हे पड़े-पड़े ही मस्त कर देंगे
रजनी- पर अगर राज ने कहीं और भी हाथ लगाया तो
रश्मि- अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को उसकी साड़ी के उपर से अपने हाथ से दबोचती हुई, तुम्हारा मतलब है कि भैया ने अगर यहा हाथ लगाया तो
रजनी- आह, क्या करती है, छोड़ मेरी चूत
रश्मि- अपनी मम्मी की चूत को छोड़ कर तुम इसी को हाथ लगाने की बात कर रही थी ना
रजनी-मुस्कुराकर हाँ
रश्मि- तो क्या हुआ मम्मी भैया तुम्हारी फूली हुई चूत को अपने हाथो में भर कर जब दबाएगे तो तुम्हे बहुत मज़ा आएगा,
रजनी- क्या राज ने तेरी भी चूत को छुआ था
रश्मि-जान बुझ कर नखरा करके मुस्कुराती है, नही मम्मी मेरी चूत को तो भैया ने नही छुआ
रजनी- झूठ मत बोल में सब जानती हूँ तू मुझसे छुपा रही है
रश्मि- नही में कुछ नही छुपा रही हूँ
रजनी- रश्मि देख हम दोनो एक दूसरे से कुछ भी ना छुपाने का वादा कर चुके है तो फिर तू मुझसे क्यो छुपा रही है, क्या में किसी से कहने जा रही
रश्मि- अगर ऐसी बात है तो में बता दूँगी लेकिन तुम कौन सा अपना वादा निभा रही हो, तुम भी तो मुझसे
सच-सच कुछ नही बताती हो
रजनी- मेने सब तो बताया तुझे,
रश्मि- नही जो तुम्हारे मन में है वह तुम मुझे नही बता रही हो जब की में तुम्हारी हेल्प ही करती रहती हूँ
रजनी- क्या है मेरे मन में जो तुझे नही बताया
रश्मि- सच-सच बताओ
रजनी- हाँ पूछ क्या पूछना है
रश्मि- मम्मी तुम भैया के मोटे लंड से चुदना चाहती हो ना
रश्मि की बात सुन कर रजनी की साँसे फूलने लगती है और उसके मुँह से कोई जवाब नही निकलता है
रश्मि- बोलती क्यो नही,
रजनी- अपना थूक अपने गले में निगलते हुए, क्या बोलू
रश्मि- यही कि तुम भैया के मोटे लंड से चुदना चाहती हो ना
रजनी- अपनी नज़रे इधर उधर करती हुई, मुझे नही मालूम
रश्मि- ठीक है तो अब मुझसे भी मत पूछना कि भैया ने मेरे साथ क्या-क्या किया है, अब में जा रही हूँ अपने भैया के पास
और रश्मि मंद-मंद मुस्कुराती हुई किचन के बाहर निकल जाती है, और जाकर राज के रूम में राज से चिपकते हुए उसके होंठो को चूम कर भैया, तुम्हारा काम तो समझो हो गया
राज - कौन सा काम
रश्मि- भैया अब तुम तैयार हो जाओ मम्मी को चोदने के लिए
राज - क्या बात कर रही है, साफ-साफ बोल क्या हुआ है
रश्मि- वो सब में बाद में बताउन्गी पर बस अभी के लिए एक बात सुन लो जब रात को मम्मी सो जाए तब तुम बिना डरे खूब कस-कस कर मम्मी के चूचे दबाना पर चूत को आज मत छूना, आज सिर्फ़ चूचे दबाना पर ज़रा अच्छे से मसल-मसल कर,
राज - लेकिन रश्मि पूरी बात तो बता क्या हुआ है
रश्मि- अच्छा में दोपहर को खाना खाने के बाद तुम्हारे पास आउन्गि तब हम बात करेगे अभी मम्मी फिर मुझे बुलाने आ सकती है
राज - अच्छा ठीक है
रश्मि- में बाहर बैठ जाती हूँ आप आराम कर लो और फिर रश्मि बाहर हॉल में जाकर बैठ जाती है
रश्मि को अकेले बैठे देख रजनी अपनी गदराई गान्ड मटकाते हुए थोड़ा मुस्कुराकर रश्मि के पास आकर बैठ जाती है और
रजनी- रश्मि का मुँह चूमते हुए नाराज़ हो गई क्या मुझसे
रश्मि- मुँह फूला कर में क्यो नाराज़ होने लगी तुमसे
रजनी- तो फिर मुँह फुलाए क्यो बैठी है
रश्मि- मेरी मर्ज़ी
रजनी- अच्छा तू किचन में क्या कह रही थी
रश्मि- कुछ नही कह रही थी
रजनी- अरे नखरा क्यो दिखती है, सच-सच बता कहीं अपने भैया के साथ तूने कुछ किया तो नही है
रश्मि- किया भी होगा तो तुम्हे क्यो बताऊ
रजनी- रश्मि को अपनी बाँहो में भरती हुई, मेरी लाडो रानी प्लीज़ बता दे, क्या तू अपनी मम्मी को नही बताएगी
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