RE: Desi Sex Kahani दिल दोस्ती और दारू
"दिलवालो के घर तो कब के उजड़ चुके....
दिल के आशियाने तो कब के जल चुके....."निशा से मैने सिर्फ़ इतना ही कहा ,जब उसने मुझसे शादी करने के लिए कहा...निशा ,मुझसे शादी करना चाहती है, ये सुनकर मैं कुछ देर के लिए जैसे कोमा मे चला गया था, मैं अब भी ज़मीन पर निशा के उपर लेटा हुआ था और मेरा लंड अब भी उसकी चूत मे अंदर तक धंसा था....मेरे द्वारा कही गयी इन दो पंक्तियो को सुनकर वो पल भर के लिए मुस्कुराइ और फिर मेरे सर पर हाथ फिराती हुई बोली
"तुमने अभी जो कहा, इसका मतलब क्या हुआ..."
"मैं तुमसे शादी नही कर सकता..."
जब मैने उसे ऐसा कहा तो मैने सोच लिया था कि उसके चेहरे पर नाराज़गी के भाव आएँगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नही हुआ, वो मेरा सर सहलाती रही.....
"मैं मज़ाक कर रही थी..."वो बोली"आक्च्युयली, डॅड ने मेरी शादी कहीं और फिक्स कर दी है और नेक्स्ट वीक शायद लड़के वाले मुझे देखने भी आ रहे है...."
"गुड , लेकिन फिर मुझसे क्यूँ पुछा कि मैं तुमसे शादी करूँगा या नही..."मेरे हाथ धीरे धीरे उसके पूरे शरीर को सहला रहे थे....
"मैं जानना चाहती थी कि, तुम मुझसे प्यार करने लगे हो या नही..."मेरे हाथ की हरकतों से तंग आकर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया, और हँसती हुई बोली...
"और मैं तुमसे प्यार करता हूँ या नही, ये तुम क्यूँ जानना चाहती थी.."मैने उसके हाथ को दूर किया और फिर से अपना काम शुरू कर दिया, उसकी आँखो मे जिस्म की प्यास फिर से उतरने लगी...
"मैने ये इसलिए पुछा क्यूंकी, मेरे जितने भी बाय्फ्रेंड है, जब मैने उन्हे कहा कि अब मैं उनके साथ रीलेशन नही रख सकती, तो वो बहुत उदास हुए, कुछ तो बच्चो की तरह रोने लगे और बोलने लगे कि,....निशा प्लीज़ मत जाओ, मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ, तो बस मैं यही जानना चाहती थी कि, कहीं औरो की तरह तुम्हे भी मुझसे प्यार नही हुआ है, वरना आज की रात के बाद तुम भी उन लड़को की तरह रोना धोना शुरू करते...."
"डॉन'ट वरी, मैं ऐसा कुछ भी नही करूँगा...."मैने निशा के दोनो हाथो को कसकर पकड़ा और मेरा लंड जो उसकी चूत मे पहले से ही घुसा हुआ था, मैं उसे फिर से अंदर बाहर करने लगा....मेरी इस हरकत पे वो एक बार फिर मुस्कुरा उठी.....
"तुम्हे, एक बात बताऊ...आअहह..."
"हां बोलो..."
"उन लड़को ने कॉल कर कर के मुझे इतना परेशान कर दिया कि मुझे अपना नंबर तक चेंज करना पड़ा....ज़रा धीरे डालो, अभी अभी झड़ी हूँ तो थोड़ा दर्द हो रहा है..."
"यदि इस काम मे दर्द ना हो तो फिर मज़ा कैसे आएगा,..."मैने और भी तेज़ी से अपना लंड उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगी, निशा सिसकारी लेते हुए हांप भी रही थी, और अपने होंठो को दांतो से काटने लगी....
"प्लीज़ स्टॉप...."
"इस गाड़ी का ब्रेक फैल हो गया है..."
"इस गाड़ी को अभी रोको, रात बहुत लंबी है और सफ़र भी बहुत लंबा है...."उसने मेरी कमर को कसकर जकड लिया और बोली"तुम्हे क्या, तुम तो मेरे उपर लेटे हुए हो, यहाँ ज़मीन पर नीचे तो मैं लेटी हुई हूँ...उठो अभी..."
दिल तो नही चाहता था कि मैं उसे छोड़ू, लेकिन इसका अहसास मुझे हो गया था कि वो ज़मीन पर नीचे लेटकर बहुत देर तक मुझसे सेक्स नही कर सकती ,इसलिए मैने अपना लंड निकाला और खड़ा हुआ, उके बाद मैने मैने सहारा देकर उसे भी उठाया....
"अब बाकी काम बिस्तर पर करते है..."वो एक बार फिर मुस्कुराइ, और अपने कपड़े उठाकर अपने बेडरूम के तरफ बढ़ी....दिल किया कि निशा को पीछे से पकड़ कर वही लिटा कर चोद दूं, लेकिन फिर सोचा कि जब रात लंबी है तो पूरी रात सोकर इसे छोटी क्यूँ बनाई जाए.......
जैसे कि अक्सर रहिसों के घर मे किसी कोने मे शराब की कुछ बोटले रखी होती है, वैसा ही एक छोटा सा शराबखाना निशा के घर मे भी था...जहाँ एक से एक ब्रॅंडेड दारू रखी हुई थी,...
मैं उस छोटे से शराबखाने की तरफ बढ़ा और वहाँ की चेयर पर बैठकर अपना पेग बनाने लगा, दो -तीन पेग मारकर मैने अपने कपड़े पहने और निशा के पूरे घर को देखा, निशा का घर बाहर से जितना बड़ा दिखता था, वो अंदर से और भी बड़ा और आलीशान था , हर एक छोटी से छोटी चीज़ से लेकर बड़ी से बड़ी चीज़ ब्रॅंडेड थी,...
दारू पीने के बाद मैं क्या सोचने लगता हूँ ये मैं खुद आज तक नही समझ पाया, दारू पीने के बाद मेरे पूरे दिमाग़ मे दुनियाभर की बाते आती है, कभी कभी किसी नेता का भाषण तो कभी कभी किसी बाय्फ्रेंड की पोज़िशन, कभी कोई फिल्मस्टार आक्ट्रेस तो कभी कोई सोशियल वर्कर.....लेकिन इस वक़्त अभी जो मेरे ख़याल मे आ रहा था, वो निशा के बारे मे था,...दारू और निशा दोनो ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया था.....
लेकिन इस वक़्त अभी जो मेरे ख़याल मे आ रहा था, वो निशा के बारे मे था,...दारू और निशा दोनो ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया था.....
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निशा मे एक अजब सी कशिश थी , जो किसी भी मर्द को अपनी तरफ खींच सकती है, फिर चाहे वो निशा के फ्रॅंक बिहेवियर से अट्रॅक्ट हो या उसकी अजब सी शेप मे ढली हुई छाती से या उसकी कट्तश फिगर से....मैं निशा से उसकी छातियों की वजह से अट्रॅक्ट हुआ था, और यही कारण था कि मैं अक्सर उसके साथ सेक्स करते वक़्त उसके सीने के उभारों को पकड़ कर मसल्ने लगता था,...
"अरमान, ज़रा उपर तो आना...."
"कौन है बे..."आवाज़ सुनकर मैं बौखलाया, लेकिन फिर ऐसे लगा जैसे कि मुझे निशा ने आवाज़ दी हो,...
"उसी ने बुलाया होगा..."मैने खुद से कहा और से उठकर सीढ़ियो से उपर जाने लगा, मुझे निशा का बेडरूम मालूम था, इसलिए मैं सीधे वही पहुचा....
"निशा...."
"मैं अंदर हूँ बाथरूम मे..."
निशा की आवाज़ ने मेरा ध्यान बाथरूम की तरफ खींचा,
"इस वक़्त बाथरूम मे , क्या कर रही हो..."
"चूत सॉफ कर रही हूँ, यदि इंट्रेस्टेड हो तो आकर सॉफ कर दो..."
"हां ,जैसे दुनिया की सारी इंट्रेस्टिंग काम ख़तम हो गये है , जो मैं अंदर आकर तुम्हारी चूत सॉफ करूँ..."
"फिर मेरा टवल बिस्तर पर पड़ा है , वो दो...."
मैने बिस्तर पर नज़र डाली, वहाँ टवल के साथ साथ ब्लॅक कलर की ब्रा और पैंटी भी रखी हुई थी, मैने टवल उठाया और निशा को आवाज़ दी...
"दो..."बाथरूम का दरवाज़ा पूरा खोलकर निशा ने मेरी तरफ अपना हाथ बढ़ाया, वो पूरी की पूरी पानी मे भीगी हुई नंगी खड़ी थी ,जिसे देखकर मेरे लंड ने एक बार फिर सलामी ठोक दी पैंट के अंदर....
"अरे दो ना..."मुझे अपनी तरफ इस तरह से देखता हुआ पाकर वो बोली"इतने ध्यान से तो तुमने मुझे उस वक़्त भी नही देखा था, जब मैं तुम्हारे साथ पहली बार हम बिस्तर हुई थी..."
मैने कुछ नही कहा और उसके पूरे नंगे गोरे जिस्म को आँखो से नापते हुए उसे टवल दे दिया, और बिस्तर पर आकर लेट गया...एक बात जो मैं अक्सर सोचता कि दुनिया भर की लड़कियाँ बाथरूम मे जाते वक़्त टवल बाहर क्यूँ भूल जाती है....
"ब्रा भी देना...."एक बार फिर बाथरूम से आवाज़ आई और बाथरूम का दरवाज़ा खुला,
"ये लो..."ब्रा और पैंटी दोनो उसके हाथ मे पकड़ाते हुए मैं बोला और मेरी नज़र सीधे उसके सीने पर जा अटकी.....
"साइज़ मालूम है, इनका..."वो दरवाजे को पकड़ कर मस्ती मे बोली और जब मैने कुछ नही कहा तो वो बाथरूम का दरवाज़ा बंद करने लगी....
"निशा...वेट..."
"बोलिए जनाब..."
"जल्दी से बाहर आओ, तुम्हारे बिना चैन नही है..."मैं अपनी इस हरकत पर खुद शरमा गया.....
कुछ देर के बाद निशा बाहर आई, और मेरे बगल मे लेट कर मेरी तरह वो भी छत को देखने लगी...
"तुम सच मे शादी करने वाली हो..."निशा का एक हाथ पकड़ कर मैं बोला...वो अभी अभी नहा के आई थी ,जिसकी वजह से उसके पूरे जिस्म मे ठंडक सवार थी....मेरे सवाल को सुनकर वो थोड़ा हैरान हुई और मेरी तरफ अपना चेहरा करके बोली
"ये तुम क्यूँ पुच्छ रहे हो, "
"बस ऐसे ही..."
"हां यार, सच मे शादी कर रही है और आज की रात हम दोनो की आख़िरी रात होगी..."
"आख़िरी रात..."मैं बुदबुदाया...
"आख़िर तुम्हारे मन मे है क्या..."वो हैरान थी कि मैं अब क्यूँ उससे उसकी शादी के बारे मे पुच्छ रहा हूँ, जबकि पहली बार ही उसे मैने मैने सॉफ मना कर दिया था, खैर हैरान तो मैं खुद भी था....
"यू आर आ स्ट्रेंज मॅन...लेकिन आज कुछ ज़्यादा ही अजीब हरकते कर रहे हो..."मैने उसका जो हाथ पकड़ रखा था वो उसे सहलाती हुई बोली, उसका चेहरा अब भी मेरी तरफ था....निशा को अक्सर ऐसा लगता कि दुनिया भर का सारा सस्पेंस मेरे अंदर ही भरा पड़ा है....
"नही ऐसी कोई बात नही है, मैं तो बस ऐसे ही पुछ रहा था..."कोई तो बात थी जो मेरे अंदर खटक रही थी, ये मैं जानता था....
"अब सारी रात ऐसे ही बोर करोगे या फिर कुछ और........"
वो आगे कुछ और कहती उसके पहले ही मैने उसकी चूत के उपर अपना हाथ रख दिया....
"डाइरेक्ट पॉइंट पे हा..."वो एक बार फिर मुस्कुराते हुए बोली...
"पॉइंट पे तो अब आया हूँ..."मैने उसके पैंटी के अंदर हाथ डाल कर उसकी चूत को सहलाते हुए बोला और अपनी एक उंगली चूत के अंदर डाल दिया...कुछ देर पहले के वाकये से अभी भी उसकी चूत गीली थी...
हम दोनो एक दूसरे को देख रहे थे , आज पहली बार वो मुझे बहुत ही खूबसूरत दिख रही थी, दिल कर रहा था कि उसे चूम लूँ, लेकिन निशा को किस पसंद नही था...
"तुम क्या सोच रहे हो..."वो काँपती हुई आवाज़ मे मेरी तरफ देखकर बोली...जवाब मे मैने अपने दूसरे हाथ की उंगलियो को अपने होंठो पर रखकर इशारा किया कि मैं होतो को अपने होंठो मे भरना चाहता हूँ....मेरे इशारे से निशा थोड़ी अनकंफर्टबल हुई और मुझे कुछ देर तक ना जाने क्या देखती रही.....
"रियली यू वान्ट तो डू इट...???"अपने होंठ पे पर अजीब सी हरकत लाते हुए उसने मुझसे पुछा, मेरी एक उंगली अब भी उसकी चूत के अंदर बाहर हो रही थी.....
"यस...आइ वान्ट टू किस यू..."
मैने बस इतना कहा और वो मेरे होंठो के करीब आई, हम दोनो एक दूसरे की साँसे महसूस कर रहे थे, जो कि हम दोनो को और भी गरम कर रही थी....आज पहली बार निशा के लिए मेरे दिल मे कुछ फीलिंग्स आई थी और वो फीलिंग्स इसलिए थी क्यूंकी निशा आज मुझसे दूर जा रही थी, आज की रात हमारी आख़िरी रात थी, शायद इसीलिए वो मान भी गयी.....
"तुम सच मे बहुत अजीब हो..."मेरे होंठो को अपने होंठो से टच करके वो बोली"बट आइ लाइक यू..."
और इसके बाद मैने समय ना गँवाते हुए उसके होंठो को भर लिया....और उसके उपर आ गया....इसी बीच मैने उसको एक बार छोड़ा वो मेरे किस लेने से हांप रही थी उसके सीने के उभार बहुत जल्दी उपर नीचे हो रहे थे....
"एक बात बताओ"मैं बोला"जब तुम्हे मालूम था कि मैं कुछ देर बाद तुम्हारी ब्रा और पैंटी को उतार दूँगा तो तुमने पहना ही क्यूँ...."
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