RE: Desi Sex Kahani दिल दोस्ती और दारू
"दीपिका मॅम ने रिक्वेस्ट आक्सेप्ट कर ली "सुबह सुबह साले ने जागते हुए मुझसे कहा....प्लान तो मेरा 4 बजे उठकर पढ़ने का था लेकिन रात को जो आँख बंद हुई वो सुबह 8 बजे खुली..
"गान्ड मार लूँगा ,सोने दे..."
"तू देखना अब लवडे...इसको तो हवेली मे लेजा कर चोदुन्गा.. दरअसल अरुण ने राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर सेक्सी हवेली का सच और मैने बंगलो नंबर-13 कहानी पढ़ी थी ."
"और मैं बंग्लॉ नंबर. 13 मे...अब बोल"
वो चुप हो गया और दीपिका मॅम को एक मेस्सेज टपका दिया,तभी रूम मे बनियान पहने हुए एक लड़का अपनी आँख मलते हुए आया और बोला कि मुझे सीडार बुला रहा है,...
"कहाँ है एमटीएल भाई..."
"बाहर हॉस्टिल वॉर्डन के साथ चाय पी रहे है..."
"चल आता हूँ..."
चादर समेटकर मैने एक किनारे किया और हॉस्टिल वॉर्डन के रूम मे जा पहुचा
"आपने बुलाया एमटीएल भाई..."
"बैठ..."मुझे बैठने का इशारा करते हुए वो बोले"ये एमटीएल क्या है...आते ही मेरा निक नेम रख दिया..."
"मल्टी टॅलेंटेड लड़का..."वैसे एमटीएल का फुल फ़ॉर्म तो मल्टी टॅलेंटेड लौंडा था, लेकिन सीडार के सामने उसी को लौंडा कहना मैने ठीक नही समझा....
"मल्टी टॅलेंटेड लड़का....ये कुछ जमा नही , ऐसा बोल मल्टी टॅलेंटेड लौंडा, ये ठीक रहेगा...."
तब तक मेरे लिए भी सीडार के इशारे पर एक कप चाय आ चुकी थी,चाय का प्याला अपने हाथ मे लेकर मैं चुस्किया लेने लगा....
"कल गौतम से लड़ाई हुई थी तेरी..."
मैं चाय पीते-पीते ही रुक गया और सीडार की तरफ देख कर बोला"हां छोटी सी कहा सुनी हुई थी उससे, और वो भी नही होती यदि उसने मेरे दोस्त पर हाथ नही उठाया होता तो..."
"थोड़ा कंट्रोल रख, ऐसे लफडे मे अभी से मत पड़....वो भी सोर्स वाला लौंडा है...."
"अरे भाई वो कितने लड़के लेकर आएगा, अधिक से अधिक 50 या 100 लेकिन उससे अधिक तो अपने दोनो हॉस्टिल मे रहते है और उपर से वो इतने लड़के लेकर आ भी नही पाएगा ,क्यूंकी यहाँ से कुछ दूरी पर ही एस.पी. का बंग्लॉ जो है...."
"फिर भी थोड़ा कंट्रोल मे रह..."
मुझे कंट्रोल मे रहने की सलाह देकर सीडार वहाँ से जाने लगा और मैं वही हॉस्टिल वॉर्डन के बगल मे बैठ कर चाय की चुस्किया लेने लगा....
"न्सुई का एलेक्षन लड़ेगा..."वहाँ से जाते-जाते पीछे पलट कर सीडार ने मुझसे पुछा और मैने तुरंत अपना सर मुस्कुराते हुए ना मे हिला दिया....
"क्यूँ...."
"स्टडी पर एफेक्ट पड़ता है इससे, मैने सुना है ऐसा..."
"ओके..."
सीडार वहाँ से चला गया, वहाँ से अपने रूम मे आने के बाद मुझे जो सबसे पहला काम करना था वो था अपने कपड़ो पर प्रेस करना...
"एक मेरी शर्ट पर भी कर दे..."एक शर्ट मेरी तरफ फेक कर अरुण बोला
"टाइम नही है...."
"बहुत टाइम है, अभी तो डाइरेक्ट 1 घंटा बाकी है..."
"तो एक काम कर..."मैं प्रेस करना बंद करके सीधा खड़ा हुआ"घंटा पकड़ के झूल जा,..."
"कर दे..."
"ना..."
"अबे कर दे ना..."
"ना बोला ना..."
"रात को सिगरेट पिलाउन्गा..."
"एक बार बोल दिया ना कि नही करूँगा...."
"वो भी फ्री मे..."
"ला अपनी शर्ट दे,..."
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कॉलेज मे रोल तो धमाकेदार बना हुआ था , आलम यहाँ तक था कि जब मैं अपने हॉस्टिल से निकल कर कॉलेज कॅंपस मे दाखिल होता तो बाहर खड़े ,या आते-जाते लोगो मे से सब तो नही लेकिन आधे मेरी तरफ ज़रूर देखते थे और वैसे भी जब आप 7 साल से फैल होने वाले गुंडे को मारोगे तो पब्लिक ऐसा ही रेस्पॉन्स देती है....
"नॉमिनेशन फॉर्म भर लिया क्या तूने ? "अभी कॉलेज के अंदर एक कदम ही रक्खा था की अरुण बोल पड़ा"यदि ना लिया हो तो ,ले आ और लगे हाथ मेरे लिए भी एक..."
भू ने भी हमारे साथ कॉलेज के अंदर एंट्री मारी थी और उसी ने शायद अरुण से कहा था कि वो मुझे फॉर्म लेने के लिए भेजे....
"कितने का आता है..."
"3 का..."भू ने झट से जवाब दिया...
"फिर तो एक भू के लिए भी ले आउन्गा, निकाल 10 "
अरुण ने तुरंत 10 रुपये. का नोट मुझे दे दिया और बोला"पैसे का मामला नही है कक्के....बात तो कुछ और ही है, जो आपको वही जाकर मालूम चलेगी अरमान सर..."
वहाँ से वो दोनो क्लास की तरफ बढ़े और मैं स्टूडेंट डिपार्टमेंट की तरफ बढ़ा, और जैसे ही स्टूडेंट डिपार्टमेंट के पास पहुचा वहाँ का नज़ारा देख कर दंग रह गया, स्टूडेंट डिपार्टमेंट के बाहर बहुत लंबी लाइन लगी हुई थी....कुछ स्टूडेंट्स वहाँ पास बैठे पीओन से जुगाड़ जमा रहे थे ताकि उनका काम जल्दी हो सके, लेकिन मैने ऐसा कुछ भी ना करते हुए सीधे लाइन मे लग गया,....
"एक्सक्यूस मी....."मेरे सामने वाली लड़की ने बहुत ज़ोर से कहा और पीछे पलटी, उसे देखते ही जहाँ मैं चुप हो गया वही मुझे देखकर वो भी चुप थी, आँखो से आँखे मिली, उसके दिल का तो पता नही पर मेरे सीने मे लेफ्ट साइड मे क़ैद लाल रंग की एक चीज़ जिसे लोग दिल कहते है वो धड़क उठा....धड़कन तो एसा को देखने से पहले भी चल रही थी, दिल तो पहले भी धड़क रहा था,लेकिन उस एक पल मे जब उसने मुझे देखा तो मुझे मेरी धड़कनो का अहसास हुआ, मैं चाहता था कि वो मुझे यूँ ही देखती रही , और फिर हम दोनो एक दूसरे के करीब आए और मैं उससे बोलू कि "आइ........."
"हेलो मिसटर,एक तो पहले धक्का देते हो और फिर उपर से लाइन मारते हो..."
वो मुझसे सवाल कर रही थी और मैं उस वक़्त उसे घूरे जा रहा था, पता नही साला ऐसा क्या था उस लड़की मे जो मैं उसके साथ लाइफ टाइम स्ट्रॉंग बॉन्ड बनाना चाहता था,....
"ओये आइ आम टॉकिंग टू यू..."मुझे ज़ोर से झड़कते हुए एश बोली.....
"क्या हुआ..."होश मे आते ही मैने सवाल किया...
"कुछ देर पहले तुमने मुझे धक्का दिया था...."
"तो..."
"तो..."
"तो क्या..."
"तुमने जान बुझ कर मुझे धक्का दिया..."
"देखो ऐसा कुछ भी नही है, इतनी लंबी लाइन लगी है तो थोड़ा बहुत तो धक्का मुक्की हो ही जाती है...रिलॅक्स"
"लेकिन तुमने मुझे जान बुझ कर धक्का दिया, सॉरी बोलो..."
"काहे का सॉरी बोलू यार, "
लाइव फाइट का मज़ा लेने वालो की कभी कमी नही रहती और जब ये लाइव फाइट लड़के और लड़की के बीच मे हो तो दर्शक और बढ़ जाते है, उस वक़्त भी ऐसा हुआ,सब लाइन मे तो लगे थे ,लेकिन मज़ा भी ले रहे थे....
"मैं बोल रही हू ना सॉरी बोलो..."
"जा नही बोलता..."
वो पहली गुस्साई और अपनी गुस्सैल भूरी आँखो से मुझे धमकी दी लेकिन मैने फिर भी सॉरी नही बोला तो वो पैर पटक कर आगे मूड गयी....
ना जाने क्यूँ, एश को परेशान देख कर अच्छा लग रहा था, वो जब भी तुनक कर पीछे मुड़ती तो मैं हंस देता और वो फिर तुनक कर आगे देखने लगती....
"ये भीड़ इतनी जल्दी क्यूँ ख़तम हो रही है...."
छोटी होती हुई लाइन को देख कर मैं खुद पर चिल्लाया, उस वक़्त मैं सबके उलट यही चाह रहा था कि ये लाइन आराम से दो तीन घंटे मे ख़तम हो जाए, क्यूंकी हर 5 मिनट. मे मैं कुछ ऐसा कर देता जिसकी वजह से एश पीछे मूड कर देखती और जब वो मुझे देखती तो एक लफ्ज़ हर बार ज़ुबान पर आता लेकिन मैं आख़िरी तक वो लफ्ज़ बोल नही पाया....मैं हर बार "आइ...."पर आकर अटक जाता था, उसके उलट एश वहाँ खड़े होकर जल्द से जल्द मुझसे और लंबी चौड़ी लाइन से छुटकारा पाना चाहती थी....वो जल्द से जल्द नॉमिनेशन फॉर्म भरकर वहाँ से जाना चाहती थी, अंजाने मे ही सही लेकिन यदि इस वाकई को टेक्निकल तौर पर देखे तो मैं उसके करीब आना चाहता था लेकिन वो मुझसे दूर जाना चाहती थी, और शायद यही हमारी....हमारी नही मेरी तक़दीर थी.....
"तुमने अभी मुझे क्या कहा..."हर बार की तरह वो एक बार फिर नाक मे गुस्सा लिए हुए पीछे पलटी...
"मैने तो कुछ नही कहा, मैं तो भूल भी गया था कि तुम भी यहाँ खड़ी हो..."
"मैने सुना, तुमने मुझे कहा, ये मेरी एंजल है..."
"इसने कैसे सुन लिया, ये तो मैने खुद से कहा था...."खुद से बाते करते हुए, मुझे जब कुछ नही सूझा तो मैं ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगा...
"वो तो मैं फोन पर बात कर रहा था...."
"झूठ मत बोलो...."
"हद है यार,...अब मैं किसी को कॉल भी ना करू क्यूंकी तुम यहाँ मेरे पास, मेरे करीब हो...."
"इट'स ओके..."वो फिर पलट गयी और दिल के एक बार फिर टुकड़े होकर जुड़ गये...
"हेलो गौतम..."अपना कॉल रिसीव करके उसने कहा....
"इस बीसी ने कॉल क्यूँ किया..."मैं बड़बड़ाया...
"स्टूडेंट डिपार्टमेंट के सामने.."एश ने कॉल डिसकनेक्ट कर दी और एक बार फिर से पीछे पलट कर मुझे देखने लगी...वो मुझे जलाना चाहती थी,लेकिन मैं शांत खड़ा दूसरी तरफ देखता रहा, और तब तक दूसरी तरफ देखता रहा,जब तक वो आगे नही पलट गयी....
"हाई...."गौतम ने एसा को देखकर दूर से अपना हाथ हिलाया और एश से पॉस्सिटिव रेस्पॉन्स पाकर वो उधर ही आने लगा, और मुझे वहाँ एश के पीछे देखकर उसका दिमाग़ खिसक गया और वो तेज़ी से मेरी तरफ आने लगा.....
"चल निकल..."
"व्हाई ? "उसकी आँख से आँख मिलाते हुए मैने कहा...
"बस बोल दिया ना निकल तो निकल..."
"गौतम रिलॅक्स....तुम्हे किसी से भी कैसे लड़ सकते हो ,कुछ तो स्टॅंडर्ड रक्खो अपना..."गौतम को शांत करते हुए एश बोली....
"तुमने सही कहा एश, किसी भी ऐसे कैसे के तो मूह भी नही लगना चाहिए और तुम ये बताओ कि व्हाट आर यू डूयिंग हियर..."
"नॉमिनेशन फॉर्म "
"ये सब इन जैसो के लिए है, तुम सीधे खुराना अंकल का नाम लेकर अंदर जा सकती थी...."
लड़ने के मूड मे तो मैं भी था लेकिन लाइन तेज़ी से आगे बढ़ रही थी इसलिए मुझे आगे जाना पड़ा और वैसे भी सीडार ने कंट्रोल मे रहने के लिए कहा था और जब फॉर्म लेकर बाहर निकला तो गौतम और एश वही किनारे पर खड़े बात कर रहे थे , कुछ पल के लिए मैं वही खड़ा उन दोनो को एक साथ देखकर अपना कलेजा जलाता रहा और जब सब सहन से अधिक हो गया तो मैने वहाँ से जाना ही बेहतर समझा.......
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"बाहर,बाहर बिल्कुल बाहर,..."दंमो रानी ने मेरे मे आइ कम कहने से पहले ही बाहर रहने के लिए कह दिया...
"मॅम, फॉर्म लेने गया था, आज लास्ट डेट था..."अपने हाथ मे रक्खे फॉर्म को दिखाते हुए मैं बोला
"तो मैं क्या करूँ...ऐसे करोगे तो कैसे चलेगा..."
"लास्ट टाइम मॅम, सॉरी..."
"कम इन..."
"थॅंक यू मॅम"
"नेक्स्ट वीक से तुम लोगो का फिस्ट क्लास टेस्ट है..."
मैं अभी अपनी सीट पर आकर ढंग से बैठ भी नही पाया था कि दंमो रानी ने कहा, और जिसे सुनकर मैं चौक गया....
"बाकी टीचर्स तो बताते भी नही,लेकिन मैं बता दे रही हूँ, मुझे मेरे सब्जेक्ट मे 20 आउट ऑफ 20 चाहिए..."
"यस मॅम..."सिर्फ़ दो लोगो को छोड़कर ,सबने ये कहा, एक तो यक़ीनन मैं था और दूसरा कोई और नही मेरा खास दोस्त था....
"क्या बोलता है, आ जाएँगे तेरे 20..."
"मुझे तो टॉपिक तक नही पता कि ये पढ़ा क्या रही है और टेस्ट मे क्या देगी..."
"साली गला काट के रख देगी और बोलेगी ऐसे करोगे तो कैसे चलेगा..."
"बीसी ,कुछ ही दिन तो हुए है कॉलेज आए हुए, और अभी से टेस्ट"बोर्ड पर जो टॉपिक लिखा हुआ था उसे अपनी कॉपी मे उतारते हुए मैने कहा....
"टेन्षन मत ले, सब एक रात मे निपटा लेंगे..."
"अब तो यही करना पड़ेगा...."
उस दिन जितने भी टीचर आए सबने यही कहा की नेक्स्ट वीक टेस्ट है और केवल मैं ही तुम लोग को ये बता रहा/रही हूँ, बाकी टीचर्स तो बताना ही नही चाहते....रिसेस मे भूख लगी तो मैं और अरुण कॅंटीन की तरफ बढ़ चले ये जानते हुए भी की वहाँ सिटी मे रहने वाले सीनियर्स की अच्छि ख़ासी भीड़ होगी,...
"यदि कुछ लफडा हुआ तो..."कॅंटीन मे घुसते ही मैने अरुण से कहा"हॉस्टिल वाले सीनियर का नंबर है ना तेरे पास..."
"हां है ना डर मत...."एक टेबल पर जाकर मैं और अरुण बैठ गये ,
"वो देख तेरे सपनो की रानी अपने सपनो के राजा के साथ उस टेबल पर बैठ कर फॅमिली प्लॅनिंग कर रही है..."
"कौन एश..."
"हां बे,..."
मैने पीछे मुड़कर देखा, सच मे एश वहाँ थी लेकिन उसके साथ मे गौतम भी था,...
"वो इधर ही आ रहा है..."जब मैं सामने मुड़कर अपना पेट भरने लगा ,तब अरुण ने कहा"चल भाग लेते है,वरना साला बहुत मारेगा..."
"अबे रुक, कहीं मत जा..."मैने अरुण का हाथ पकड़ लिया और तब तक गौतम भी जिस टेबल पर हम बैठे थे वहाँ आ गया....
गौतम हमारे पास आया और एक चेयर खींचकर उस पर बैठ गया, गौतम के बैठने के बाद मेरी नज़र सबसे पहले एश पर गयी, मैं देखना चाहता था कि एश का रियेक्शन क्या होता है और मैने देखा कि गौतम की इस हरकत से वो परेशान थी, वो अपने दांतो से होंठो को दबा रही थी, उसकी आँखो मे परेशानी का वही सबब था, जिसका मैं दीवाना था, अपने ख़यालात मे मैं अपनी जगह से उठा और एश के होंठो पर किस करके बोला कि"डॉन'ट वरी ,एवेरितिंग ईज़ ओके..."
"उधर क्या देख रहा है, इधर देख..."गौतम ने मेरा सर पकड़ कर अपनी तरफ किया"क्या नाम बताया था तूने अपना..."
"यही सवाल जाकर अपने गुरु वरुण से कर, वो अच्छे से मेरा नाम वित डिस्क्रिप्षन बताएगा...."
"तू कॉलेज के बाहर भले ही हॉस्टिल वालो को लेकर किसी को भी पिटवा सकता है, लेकिन ये कॉलेज है,..."कॅंटीन के बाकी स्टूडेंट्स की तरफ इशारा करते हुए गौतम मुझसे बोला"ये सब जो बैठे है ना, ये तुझे तब से घूर रहे है,जब से तू यहाँ आया है..."
"तुम लोग सिर्फ़ घूर सकते हो, जो करना है वो तो मैं ही करूँगा, यदि तुम मे से किसी ने हाथ भी लगाया तो एक-एक को लेजा कर उसी ग्राउंड मे मारूँगा,जहाँ वरुण और उसके दोस्तो को मारा था और फिर उनकी गर्लफ्रेंड को बुलाकर ए वॉक टू दा जंगल करूँगा फिर जंगल मे मंगल"
"तू ये कहना चाहता है कि तू पहले मुझे मारेगा और फिर एश के साथ जंगल मे मंगल..."
तब तक अरुण भी फॉर्म मे आ गया उसने गौतम की तरफ ताव से देखा और बोला"हमारे हॉस्टिल मे कुछ गे टाइप लौन्डे भी है,जो तेरे साथ भी जंगल मे मंगल करेंगे, समझा...."
"आ जाओ, मुर्गा फँस गया है...बस हलाल करने की देरी है..."गौतम ने वहाँ बैठे हुए सीनियर स्टूडेंट्स की तरफ इशारा करते हुए कहा और उसका इशारा पाकर ही 10-15 लौन्डो ने उस टेबल को घेर लिया जहाँ पर इस वक़्त हम तीनो बैठे थे....
"एश को यहाँ से भेज दे..."
"क्यूँ? लड़कियो के सामने मार खाने से डरता है..."गौतम चिल्ला कर बोला...
मैने देखा कि कॅंटीन का गेट गौतम के इशारे पर पहले ही बंद हो गया था, और कॉलेज की मेन बिल्डिंग से कॅंटीन अटॅच भी नही था,इसलिए कॉलेज स्टाफ वहाँ देर से ही आता, इतने सारे लड़को को अपने पास देखकर कोई भी घबरा उठे, मैं भी डर गया...लेकिन गौतम से मैं ऐसे बात कर रहा था जैसे मुझे कोई फरक ही ना पड़ रहा हो....
"गौतम,..ये सब बंद करो..."बात बढ़ती हुई देखकर एश वहाँ आई .
"एश, तुम कान मे हेडफोन लगाकर बैठ जाओ,..."
"पर गौतम..."
"एश, जाओ..."
एश के वहाँ से जाने के बाद गौतम ने टेबल पर अपने दोनो पैर पसारे और मुझसे बोला"कुछ दिन पहले का इन्सिडेंट बताता हूँ तुझे...एक तेरी तरह ही चोदु लौंडा था, सिटी बस मे मैने उसका बाल पकड़ कर चलती बस से नीचे फेक दिया, उसे तो मैने कोई मौका नही दिया,लेकिन तुझे एक मौका देता हूँ, मुझे सॉरी बोल और चुप चाप यहाँ से निकल जा....वरना..."
"वरना..."
"वरना उससे भी बुरा हाल करूँगा तेरा..."एकदम से सीधे बैठकर उसने कहा...
पहले सोचा कि सॉरी बोलकर बात को यही ख़तम कर दूं,लेकिन मैने वैसा कुछ भी नही किया और गौतम से बोला....
"जब मैं स्कूल मे 9थ क्लास मे था तो 11थ क्लास के एक लड़के ने मुझे बहुत मारा था, और वो पूरा साल मैने इसी जुगाड़ मे निकाल दिया कि उसे कैसे मारू और 10थ मे आकर जानता है मैने क्या किया उस लड़के को..."
"क्या..?"
"जान से मार दिया उसको, जिस चाकू को उसके पेट मे घुसाया था वो लड़ते वक़्त मेरे हाथ मे लग गया था,जिसका निशान अभी तक है..."मैने अपना शर्ट पीछे किया और साइकल से गिरने का जो निशान था उसे दिखाते हुए बोला"लगता है ऐसा एक और निशान जल्द ही मुझे लगने वाला है, और तुझे मालूम नही होगा पर मैने कॅंटीन मे घुसने से पहले ही सीडार को मेस्सेज कर दिया था कि मैं कॅंटीन मे हूँ, तो उस हिसाब से अगले 5 मिनट. मे पूरे हॉस्टिल वाले लड़के यहाँ आ जाएँगे,तुम लोग हम दोनो को सिर्फ़ 5 मिनट मार सकते हो, लेकिन उसके बाद मैं तुम सबको ग्राउंड पर लेजा कर बहुत ही बुरी तरह से मारूँगा...."
अबकी मैने अपना पैर टेबल पर पसारा और टेबल पर रक्खे समोसे की प्लेट से एक समोसा उठाकर खाने लगा,डर तो तब भी लग रहा था कि कही ये लोग मुझे मारना शुरू ना कर दे, क्यूंकी ना तो मैने सीडार को मेस्सेज किया था और ना ही 5 मिनट. बाद हॉस्टिल वाले आने वाले थे.....
"रिलॅक्स, फ्रेंड्स...वी नीड आ प्लान..."
"एक बहुत पुरानी कहावत है..."अरुण ने भी टेबल के उपर अपने दोनो पैर रक्खे और एक समोसा उठाकर बोला"प्लान वो बनाते है,जिन्हे खुद पर भरोशा नही होता..."
"बहुत जल्द ही तुम दोनो को भरोशा हो जाएगा..."वहाँ से उठकर एसा की तरफ जाते हुए गौतम ने कहा....
"नाइस प्लान बे..."अरुण समोसा खाते हुए बोला..."मेरी तो बुरी तरह फॅट गयी थी..."
"फटी तो मेरी भी थी,लेकिन "अरुण के हाथ मे जो समोसा था उसका आधा टुकड़ा तोड़कर खाते हुए मैने कहा"तुझे एक काम बोला था ,याद है..."
"कौन सा..."
"गौतम और एश की लव स्टोरी कब से और कैसे चल रही है, इन दोनो के बाप क्या करते है...ये सब"
"कितनी बार कहा है की एश पर ध्यान मत दे, साली ने गौतम के लिए सुसाइड तक कर लिया था तो सोच ही सकता है कि उनका लव लेफ्ट साइड वाला होगा..."
"लेफ्ट साइड मतलब..."
"दिल लेफ्ट साइड रहता है, इसलिए सच्चे प्यार को लेफ्ट साइड वाला लव कहते है..."
"और राइट साइड लव मतलब..."
"फ़र्ज़ी लव, जो इस समय तेरे और दीपिका के बीच चल रहा है..."
"फिर मेरा और एश का लव किस केटेगरी मे आता है..."
"किसी भी केटेगरी मे नही"अरुण ज़ोर से हँसता हुआ बोला"ये तो लव ही नही है"
अरुण से उस समय क्या कहूँ मुझे कुछ नही सूझा और आज भी मैं उसे कुछ नही समझा पाया,क्यूंकी मैं खुद आज तक नही समझ पाया कि एश और मेरा लव लेफ्ट साइड वाला था या फिर राइट साइड वाला या फिर कोई लव ही नही था, जो भी हो उस दिन वहाँ कॅंटीन मे हम ने पूरा समय बिताया ,उस दिन कुछ अलग सा हुआ, एश उस दिन कॅंटीन मे मुझे देख रही थी, और जब मेरी नज़र उससे मिलती तो वो तुरंत अपना रंग बदल कर गुस्से से देखने लगती और उसकी यही अदा हर बार मेरा दिल चीर के रख देती थी....रिसेस के बाद की क्लास मे कुछ भी खास नही हुआ, बाकी के सभी टीचर्स आए और टेस्ट का टॉपिक बता कर अड्वाइज़ देने लगे कि उनके सब्जेक्ट की तैयारी कैसे करनी है,कुल मिलाकर कहें तो रिसेस के बाद अच्छा ख़ासा बोरिंग दिन बीता,....
"अबे वो देख एश...."छुट्टी के समय मैं जब अरुण के साथ कॉलेज से बाहर निकल रहा था तब मैने एश को बाहर परेशान देखा....
"तो क्या, अब जाके चुम्मि लेगा क्या उसकी..."
"यदि वो एक चुम्मि दे दे तो कसम से इंजिनियरिंग छोड़ दूं..."
"ये तो मेरा डाइलॉग था..."
"लवडे उधर वो परेशान खड़ी है और तुझे डाइलॉगबाजी की पड़ी है, तू निकल मैं आता हूँ...."
अरुण को वहाँ से भेजने के बाद मैं एश की तरफ बढ़ा, मैं उस वक़्त यही सोचता रहा कि मैं एश से क्या कहूँगा, मुझे वहाँ उसके पास नही जाना चाहिए लेकिन मैं उसके पास गया और उससे उसकी परेशानी का कारण भी पुछा....
"ईव्निंग वॉक तो कर नही रही होगी, फिर इधर उधर क्यूँ टहल रही हो..."
"तुमसे मतलब..."एक करारा जवाब देकर वो फिर इधर से उधर और उधर से इधर चलाने लगी....
"इधर से गुज़र रहा था तो तुम्हे परेशान देख कर रुक गया, वैसे भी मुझे स्कूल मे सिखाया गया था कि इंसानियत भी कोई चीज़ होती है,..."
"तुम मुझे और परेशान मत करो और जाओ यहाँ से...."
"नही जाउन्गा..."
"तो खड़े रहो यही,मैं जाती हूँ यहाँ से...."अपना पैर पटक कर एश वहाँ से आगे बढ़ गयी....
"कमाल है यार, भलाई का तो ज़माना ही नही है...."एश को जाते हुए देखकर मैने कहा.....
वैसे तो एश का हर दिन गौतम के साथ कार मे आना-जाना होता था,लेकिन उस दिन गौतम नही आया, बल्कि गौतम का एक दोस्त अपनी बाइक पर बैठा कर एश को ले गया,एश को गौतम के दोस्त के साथ जाता देख मेरे लेफ्ट साइड मे हलचल मच गयी, मैं काई ख़यालात बुनने लगा जैसे कि "क्या एश का ब्रेक-अप हो गया गौतम से या फिर इन दोनो की जोरदार लड़ाई हुई है, या फिर वो लड़का जो की गौतम का दोस्त है वो एश के साथ कहीं........नही, ये कैसे हो सकता है , गौतम के दोस्तो के पास इतनी हिम्मत ही नही है और वैसे भी एश इस काम के लिए तैयार नही होगी, लेकिन फिर ऐश क्या हो गया कि आज गौतम के साथ ना जाकर एश उसके दोस्त के साथ गयी और ये बीसी गौतम कहाँ मर गया"
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