RE: Desi Sex Kahani दिल दोस्ती और दारू
मैने कभी सोचा तक नही था कि कॉलेज जाय्न करने के कुछ महीने के अंदर मेरी किस्मत इस तरह पलटी मारेगी , आज मुझसे मेरे कॉलेज की सबसे हॉट लड़की सेट थी,जिसे मैं किस तक कर चुका था...वही दूसरी तरफ मेरा दिल एक भूरी आँखो वालो लड़की पर आया था,जिसे मैं हर हाल अपने साथ देखना चाहता था...उसके लिए भले ही मुझे उसके बचपन के प्यार को ही क्यूँ ना तोड़ना पड़े, उस समय मैं ये सोचने लगा था कि एश के लिए मैं गौतम से बेटर हूँ, लेकिन दीपिका मॅम की तरफ बढ़ता हुआ मेरा हर एक कदम मुझे एश से दूर ले जा रहा था, और अंजाने मे मैं दीपिका की तरफ तेज़ी से बढ़ भी रहा था....कुछ दिन पहले तक, जब मैं खुद को एक सारीफ़ पढ़ने वाला लड़का समझता था तब मैने अपने लिए एक उसूल बनाया था कि मैं दूसरे आवारा लड़को की तरह लड़कियो के पीछे नही भागुंगा, और बिफोर मॅरेज सेक्स,हरगिज़ नही..लेकिन अब ऐसा नही था, मैं जब भी दीपिका मॅम के स्लिम बॉडी को देखता तो ऐसा लगता जैसे की वो ब्लॅक कलर की ब्रा और पैंटी मे मेरे सामने बैठी हुई मुझे बुला रही है...
"कौन सी मूवी पसंद है...."मैं जब कंप्यूटर लॅब का दरवाज़ा बंद करके वापस आया तो दीपिका मॅम ने मुझे अपने साइड वाली चेयर मे बैठाते हुए बोली....
"हॉलीवुड...मार-धड़ वाली मूवी..."
"यूँ इस तरह दरवाज़ा बंद करवा कर मैं तुमसे इस मूवी के बारे मे पुछुन्गि, नालयक...अकल के अंधे, आइ'म आस्किंग अबाउट पॉर्न मूवीस.."
अब साला मैने आज तक गिन के 4-5 बीएफ देखी थी,उनमे अब मैं उनकी टाइप क्या बताऊ, लेकिन जवाब तो देना था...वरना वो मुझे दूध पीता बच्चा कहती....
"टाइप्स बताओ, कौन कौन सी अवेलबल है आपके पास..."
"उम्म..."कंप्यूटर पर नज़र मारते हुए उसने काई तरह के नाम बताए, और मेरी जाँघ पर हाथ फिराते हुए बोली"कौन सी लगाऊ..."
"हम मूवी देखते नही, बनाते है..."
"रियली..."उसकी हालत ऐसी थी जैसे की अभी ही उसके मूह से लार टपक पड़ेगा....मेरे मन मे आया कि उसे वही दबोच कर नंगा करूँ और चोदु ,लेकिन मैं इस इंतेज़ार मे था कि शुरुआत वो करे......
उसके हाथ मेरी जाँघ से धीरे धीरे होते हुए मेरे लंड तक पहुच गये, पैंट तो पहले से तना हुआ था, वो मेरे लंड को पैंट के बाहर से पकड़ कर मुझे देखकर मुस्कुराइ, और चेयर से उठकर मेरे सामने बैठ गयी....
"ये क्या करने वाली है अब..."मैने सोचा"जो भी करेगी, अच्छा ही करेगी..."
वो बहुत देर तक मेरे लंड को पैंट के उपर से सहलाती रही ,इस बीच मैने अपने हाथ से उसके सर को पकड़ा और उसके बालो को खोल दिया.....
"रेडी फॉर ब्लोवजोब..."
"ये क्या है "
"अभी बताती हूँ,"बोलते हुए उसने मेरे पैंट की ज़िप खोली और अपना हाथ अंदर घुसा दिया,...
"कभी किसी को चूसाया है...."
"ना..."
"देन फील इट टुडे..."बोलते हुए शुरू मे उसने अपने दोनो हाथो से सामने आए अपने बालो को पीछे किया फिर उठकर मेरे होंठो को चूमा और वापस पहले की तरह बैठ गयी...अब वो मेरे लंड को पैंट से बाहर निकाल कर अपने हाथो से आगे पीछे कर रही थी,जबकि मैं चाहता था कि वो जल्दी से जल्दी अपने होंठो पर लगे लिपस्टिक की छाप मेरे लंड पर उतार दे....
"मॅम,जल्दी..."
"पहले इसे तैयार तो करने दो..."बोलते हुए दीपिका मॅम स्पीड से मेरे लंड को अपने हाथो मे भरकर आगे पीछे करने लगी,...हर एक पल मे उसके हाथो की स्पीड बढ़ती जा रही थी, और मैं आँखे बंद किए हुए चेयर पर लेटा हुआ था....
"मूह मे लो,वरना यहीं निकल जाएगा...."मैं लगभग चिल्लाते हुए बोला,
"डॉन'ट वरी, दोबारा खड़ा कर देंगे...."ज़ोर से आगे पीछे करते हुए वो बोली, और थोड़ी देर बाद मेरा काम तमाम हो गया, कुछ बूँद उसके चेहरे पर गिरी ,तो कुछ मेरे पैंट पर भी,
"टू हॉट डियर अरमान..."मेरे लंड के मुहाने को अपनी जीभ से स्पर्श करते हुए उसने कहा.....
"अब क्या फ़ायदा,..."गुस्से से मैं बोला"मेरा तो निकल गया...."
"मेरी सकिंग पवर इतनी स्ट्रॉंग है कि मैने कइयों के लगातार तीन -तीन भर खड़ा करके गिराया है....यदि तुम असली मर्द होगे तो तुम्हारा भी खड़ा होगा...."बोलते हुए उसने मेरा लवडा मूह मे भर लिया...
अब तो अजीब सिचुयेशन पैदा हो गयी थी, एक तरफ दीपिका मॅम मेरे लंड को मूह मे भरकर जीभ से सहलाती और अजीब अजीब आवाज़े निकालती, और दूसरी तरफ मेरे लंड मे एक दर्द पैदा हो गया था, जो शायद दोबारा एग्ज़ाइटेड होने की कोशिश कर रहा था....किसी पॉर्न मूवी की स्लट की तरह दीपिका मॅम मेरे लंड को अपने मूह मे लिए हुए चूस रही थी और मैं दर्द को सहते हुए बैठा उसके फेस के उस हिस्से को देख रहा था जहाँ ईजॅक्युलेशन की निशानी थी, उसने उन्हे अपने चेहरे से सॉफ नही किया था....उस वक़्त ये बताना मुश्किल था कि दीपिका मॅम ज़्यादा गोरी है या फिर मेरे लंड से निकला दो बूँद जो उसके होंठो के ठीक बगल मे चिपका हुआ था.....दीपिका मॅम लार टपकाते हुए मेरे लंड पे अपना सर अप डाउन करते हुए चूस रही थी....वो मेरा फर्स्ट टाइम था जब किसी लड़की ने अपने जीभ का स्पर्श वहाँ किया था.....अब दर्द दूर हो चुका था, मैं फिर से जोश मे आ गया और दीपिका मॅम की पीठ पर हाथ फिराते हुए उस दिन की तरह उसके सूट को कमर तक उठाया, उसकी नंगी गोरी पीठ मेरे आँखो के सामने थी...
"आइ वान्ट टू किस..."दोनो हाथो से उसकी नंगी पीठ को सहलाते हुए मैं बोल ही रहा था कि दीपिका मॅम उपर सर करके बोली"क्या किस करना चाहते हो,चूत..."
उसकी हालत एक बार देखकर तो मेरे होश ही उड़ गये, उसका मूह से लार टपक रहा था, और वो तेज़ी से हाँफ रही थी....
"अंडरवेर तक गीली कर दी..."नीचे देखते हुए मैने कहा,
"अभी तो टाइम नही है बच्चू,वरना ऐसा हाल करती कि दोबारा सेक्स करने के लायक नही रहते....जब झड़ने वाले हो तो बता देना"बोलते हुए उसने मेरे लंड पर लार टपकाया और फिर चूसने लगी....
"यहह...बस निकलने ही वाला हाईईइ..."मैं बोला...
मेरे ऐसा बोलते ही दीपिका मॅम ने मेरे लंड को चूसना बंद कर दिया और थोड़ा पीछे खड़े होकर मेरे लंड को पकड़ते हुए बोली"अब तुम मेरे मूह के अंदर बाहर करो...."
"हाऐईिईन्न्न...."
"समझो कि मेरा मूह, मूह नही एक गदराई चूत है,जिसमे से लार की जगह चूत का पानी रिस रहा है...."
मैं झड़ने वाला था ,इसलिए उस वक़्त मुझमे अपना लवडा चूसने की खुमारी बहुत ज़्यादा थी,मैने अपने दोनो हाथो से उसके सर को मज़बूती से पकड़ा और उसके मूह के अंदर अपना लंड दे मारा और थोड़ी देर के बाद ही मैं उसके अंदर ही झड गया....दीपिका मॅम तब तक मेरे लंड को अपने मूह के अंदर रक्खी रही,जब तक मेरा एक एक बूँद उसने नही गटक लिया,मैने अपना लंड उसके मूह से निकल कर पैंट के अंदर किया...अंडरवेर के साथ साथ पैंट भी काई जगहो पर गीला था....
"नाइस शॉट..."खड़े होकर उसने अपने पर्स से एक रुमाल निकाला और अपने फेस को सॉफ करने के बाद मुझे वो रुमाल पकड़ाते हुए बोली"वो ,डस्टबिन मे डाल आओ..."
"मैं..."
"नही तो क्या मैं..."घूरते हुए वो बोली"और अब जाओ यहाँ से...."
मैने दीपिका मॅम के हाथ से रुमाल लेकर उसे डस्टबिन मे डाला और वहाँ से निकलकर हॉस्टिल के लिए रवाना हुआ, क्यूंकी कुछ देर पहले की करामात से मेरी हालत कुछ ठीक नही थी और वैसे भी मेरा मन बिस्तर पर पसरने का कर रहा था, और ये मेरे लिए सही भी था क्यूंकी उसके बाद होड़ सर ने फर्स्ट एअर के उन लड़को को अपने रूम मे बुलाया था ,जिन्होने कल रात पार्टी मे हंगामा किया था,अंजाने मे ही सही लेकिन दीपिका मॅम की बदौलत मैं होड़ की तेज तर्रार डाँट से बच गया था...इसकी खबर मुझे तब लगी जब अरुण ने मेरा बॅग,जो मैं कॉलेज मे छोड़ आया था,मेरे उपर मारते हुए बोला"ले पकड़ अपना बॅग, साले आज लंच के बाद होड़ ने बुलाया था,कहाँ था तू..."
"होड़ ने...."मैं एकदम से उठकर बैठ गया , क्यूंकी मुझे अंदेशा हो गया था कि हो ना हो ,कल रात वाला ही लफडा है.....
"तुझे पुच्छ रहे थे..."
"तो तूने क्या बोला..."
"मैने बोला कि तेरी तबीयत बहुत ज़्यादा खराब है और तू अगले एक हफ्ते तक क्लास नही आ सकता...."अपना जूता उतारकर उसने मेरी तरफ फेका ,लेकिन मैं ऐन वक़्त पर हट गया जिससे अरुण का जूता दूसरी तरफ गिर गया,वो बोला"अब एक हफ्ते तक उसकी क्लास मे मत दिख जाइयो, वरना वो मेरी गान्ड मारेगा....."
"थॅंक्स यार..."
"और सुन सेकेंड टेस्ट की डेट आ गयी है ,साथ मे मैं एग्ज़ॅम की भी..."
"इतनी जल्दी...कब से है एग्ज़ॅम्स..."
"2 हफ्ते बाद टेस्ट और उसके एक हफ्ते बाद से एग्ज़ॅम शुरू...."
"ओके, देन आज से पढ़ाई शुरू....."मैं वहाँ से उठकर रूम से बाहर आया और किसी लेटेस्ट न्यूज़ की तालश मे (स्पेशली एश) भू के रूम मे घुसा...
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भूपेश के रूम मे जाने के बाद पता चला कि वो तो कॉलेज से आने के बाद से ही फरार है, उसके रूम पार्ट्नर ने ये भी बताया कि शायद भू गर्ल्स हॉस्टिल गया है....
"आज साला पेलाएगा ये..."भू को गाली बकते हुए मैं वहाँ लगभग 5 मिनट और रुका और फिर अपने रूम मे आया, दो बार एनर्जी निकल चुकी थी...इसलिए थोड़ा मन गिरा हुआ था, लेकिन जब भी उस पल को सोचता तो लंड एक बार फिर से खड़ा होने लगता रूम मे आकर देखा तो अरुण भी गायब था,...
"हेलो...."
"क्या है बे..."दूसरी तरफ से अरुण ने चिल्लाकर पुछा, वो मुझपर ऐसे चिल्लाया जैसे कि वो बहुत ज़रूरी काम कर रहा हो और मैने उसे कॉल करके डिस्टर्ब कर दिया हो....
"आना सेक्स करते है..."मैने कहा..
"अभी मैं भू के साथ गर्ल्स हॉस्टिल जा रहा हूँ,एक लड़की को आइ लव बोलने का है...अब कॉल मत करना..."
"ये साला मुझे कुछ बताता क्यूँ नही, अकेले अकेले गर्ल्स हॉस्टिल जाता है...."बेड पर पसर्कर मैने अपना मोबाइल उठाया और ना जाने क्या ख़याल आया कि मैने फ़ेसबुक खोलकर अपनी आइडी लोग इन की और विभा को एक मेस्सेज टपका दिया, ताकि वो जब ऑनलाइन आए तो रिप्लाइ करे...क्यूंकी अब समय आ गया था कि जल्द से जल्द उसका इस्तेमाल किया जाए....मैने अपनी फ्रेंड लिस्ट मे एक नज़र दौड़ाई ,गिन के 4 फ्रेंड्स थे, दीपिका मॅम, विभा ,अरुण और भू...
"एश...."टाइप करके मैने सर्च मारा, और हज़ार लड़कियो की आइडी सामने आ गयी, अब मेरे लिए मेरी वाली एश की पहचान करना मुश्किल था, क्यूंकी यदि मैं हर एक की आइडी मे घुसकर उनके डीटेल्स चेक करता तो शायद चार साल इसी काम मे बीत जाते....तभी ख़याल आया कि भू ने एश से फ़ेसबुक पर चॅट के दौरान बात की थी,जिसका नतीज़ा भू को एक थप्पड़ खाकर चुकाना पड़ा था, मैने भू को कॉल किया, ये जानते हुए भी कि वो इस वक़्त गर्ल्स हॉस्टिल मे होगा.....
"क्या है...."जैसा कि मेरा अंदाज़ा था ,वो दबी हुई आवाज़ मे भड़क कर बोला....
"एश की फ़ेसबुक आइडी दे..."मैं भी धीमी आवाज़ मे उससे बोला...
"लवडा मेरे को सबकी आइडी याद रहेगी क्या, मेरे फ्रेंड लिस्ट मे देख, एंजल एश के नाम से आइडी है उसकी...और अब यदि दोबारा कॉल किया तो गान्ड मार लूँगा आके..."
"अभी कहाँ है..."
"गर्ल्स हॉस्टिल के पीछे, अंदर जाने का रास्ता ढूँढ रहा हूँ..."
"चल भाई, ऑल दा बेस्ट...10-20 लड़कियो को चोद के ही आना..."
कॉल डिसकनेक्ट करने के बाद मैने फिर से फ़ेसबुक ओपन किया, और सीधा भूपेश की फ्रेंड लिस्ट मे अटॅक किया, साले की आइडी मे मुश्किल से 4-5 लड़के एड थे,बाकी सब की सब लड़किया थी...."ये रही एंजल एश.."एश की आइडी मे क्लिक करते हुए मैने कहा, और उसकी आइडी खोलकर उसकी प्रोफाइल पिक मे ही कुछ देर तक खो गया...
"वाकई मे एश माल है यार..."मेरे मूह से अपने आप ये निकल गया और मैं हड़बड़ा कर अपने आस पास इस तरह देखने लगा जैसे कि मैने अभी अभी कोई बहुत बड़ा पाप किया हो और आजू बाजू ये देख रहा था कि किसी ने सुना तो नही.....लेकिन तभी किसी का मेस्सेज आया, मैं एग्ज़ाइटेड हो गया क्यूंकी इस वक़्त केवल दो लोग ही फ़ेसबुक यूज़ कर सकते है ,एक तो दीपिका मॅम और दूसरी विभा डार्लिंग...क्यूंकी भू और अरुण तो इस समय गर्ल'स हॉस्टिल की दीवार से लटक रहे होंगे और मैं 101 % सही निकला, मेस्सेज विभा का था.....
"हाई..."उसके ही के जवाब मे मैने रिप्लाइ ठोका...
"हाउ आर यू..."
"फाइन"उसके बाद मैने तुरंत एक और मेस्सेज भेजा"वरुण से ब्रेक अप हो गया क्या ?"
"यस , तुम क्यूँ पुच्छ रहे हो"
"नही बस सोच रहा था कि अब शायद मेरा चान्स हो,..."
"व्हाट "
"ट्राइ करने मे क्या जाता है, .."
उसके बाद विभा ने कोई रिप्लाइ नही किया, अगले 5 मिनट. तक जब उसने रिप्लाइ नही किया तो मैने एक और तीर चलाया...
"थॅंक्स तो बोल देती..."
"थॅंक्स ? फॉर व्हाट ?...."इस बार उसका तुरंत रिप्लाइ आया ,वो भी एक नही दो दो"आंड प्लीज़ अरमान, डॉन'ट यूज़ चीप लॅंग्वेज..."
"जंगल मे मंगल...याद आया..."
"ओह हां...थॅंक्स..."
"उस दिन जब मैने तुम्हे ऐसे ही जाने दिया था तो बड़े प्यार से देख रही थी....कहीं मुझपर दिल तो नही आ गया,वैसे भी कॉलेज की सारी लड़कियो ने जीना मुश्किल कर दिया है..."
" हा हा हा..."
"एनीवे, आइ लव टू स्ट्रॉबेरी फ्लेवर "
"????"
कुछ देर मैं शांत रहा और सोचता रहा कि सीधे बोल दूं या घुमा फिरा कर, क्यूंकी विभा से मेरी ज़्यादा जान पहचान नही थी ,और डर ये भी था कि वो मुझे ब्लॉक ना मार दे, लेकिन फिर ख़याल आया कि मुझे पढ़ाई भी करनी है,क्यूंकी 3 हफ्ते बाद एग्ज़ॅम है इसलिए मैने सीधे रिप्लाइ किया...
"कॉंडम..."
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