Desi Sex Kahani दिल दोस्ती और दारू
08-18-2019, 02:01 PM,
#83
RE: Desi Sex Kahani दिल दोस्ती और दारू
मुझे कुच्छ समझ नही आया कि अरुण ने इस वक़्त जो कहा उसपर मैं कैसे रिएक्ट करूँ....ये अब तक की एक ऐसी घटना थी जिसे मैं सबसे बुरी घटना कह सकता था, मेरे दिल की धड़कने एक बार फिर से रेकॉर्ड तोड़ स्पीड के साथ चलने लगी थी....सीडार के मौत के बारे मे सुनते ही मुझे एक पल मे वो पल याद आने लगे ,जो मैने उसके साथ बिताए थे....उस एक पल मे जब मुझे उसके इस दुनिया मे ना होने की खबर मालूम हुई तो मुझे सच मे बहुत दुख हुआ, दिल और दिमाग़ दोनो से दुख हुआ....

सीडार से मेरी पहली मुलाक़ात तब हुई थी,जब मुझे उसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी, उस घटना को एक साल से अधिक बीत चुका था लेकिन मुझे अब भी याद है कि मेरी रॅगिंग लेकर कैसे वरुण और उसके दोस्तो ने मेरा बुरा हाल कर दिया था और तब मेरे उस बुरे वक़्त मे मेरा साथ देने के लिए एक अंजान शक्स आगे आ गया, जिससे मैं पहली बार मिला था....उसके बाद जो हुआ वो सब जानते है कि सीडार के दम पर मैने कैसे मेरी रॅगिंग लेने वालो को कुत्ते की तरह घसीट-घसीट कर मारा था...लेकिन अभी-अभी मुझे जो खबर मिली वो ये थी कि सीडार अब ज़िंदा नही है.....
.
मुझे अब भी याद है कि कैसे मैं फर्स्ट एअर मे शेर बना घूमा करता था, इस बुनियाद पर कि यदि कुच्छ लफडा हो जाएगा तो एमटीएल भाई मुझे बचाने के लिए अपनी पूरी ताक़त लगा देंगे, मुझे अब भी याद है कि कैसे मैं कॅंटीन मे भर पेट खाने के बाद बिल सीडार के अकाउंट मे डलवा देता था...लेकिन उन्होने मुझसे कभी एक लफ्ज़ भी इस बारे मे नही कहा और ना ही मुझसे पुछा....लेकिन अभी-अभी मुझे मेरे खास दोस्त ने बताया था कि सीडार अब मर चुका है....
.
मुझे अब भी अच्छे से याद है कि जब पोलीस स्टेशन मे मुझपर एफ.आइ.आर. होने की वजह से मेरे पसीने छूट रहे थे तो उस वक़्त अचानक सीडार बीच मे आया और मुझे बचा ले गया...उसके बाद उसी की मदद से मैने, मुझपर एफ.आइ.आर. करने वाले फर्स्ट एअर के दोनो लड़को को बहुत मारा था और बिना किसी परेशानी के उस पूरे झमेले से निकल गया था...लेकिन अब सच ये था कि मेरे कॅंटीन का बिल पे करने वाला,मुझे सारे झमेलो से बेदाग निकलने वाला सीडार अब ज़िंदा नही है....
.
मुझे दुख इस बात का नही था कि अब मुझसे एक स्ट्रॉंग सपोर्ट छूट गया है, बल्कि मुझे दुख इस बात का है कि मेरा एक सबसे अच्छा दोस्त...जो मुझे हर वक़्त कयि नसीहत दिया करता था,जिसे मैं अपने बड़े भाई के समान मानता था,उसे मैं अब कभी नही देख पाउन्गा....अब मेरी पूरी ज़िंदगी मे शायद ही सीडार जैसा कोई मिले ,जो बिना कुच्छ सोचे, बिना अपनी परवाह किए...मेरे हर अच्छे-बुरे काम मे कंधे से कंधा मिला कर चलेगा...अब शायद ही मुझे कभी कोई मिले,जिसकी नसीहत,जिसकी सीख को मैं मानूँगा, सच तो ये था कि मैने एक बड़े भाई के समान अपना एक दोस्त खो दिया था...


सीडार मे वो सभी खूबिया थी जो हमेशा से मैं विपिन भैया के अंदर देखना चाहता था...सीडार मेरी ग़लत हरकतों पर मुझे डाइरेक्ट फटकार नही लगाता था ,बल्कि सबसे पहले वो मुझे मेरी उस ग़लत हरकत की वजह से खड़ी हुई मुसीबत से निकालता और फिर जब सब कुच्छ सही हो जाता तो मुझे समझाता कि मुझे ऐसा नही करना चाहिए...लेकिन अब सच तो ये था कि अब मुझे सही तरीके से समझाने वाला कोई नही था.....
.
"कहीं सीडार की मौत मेरी वजह से तो नही हुई...यदि ऐसा हुआ तो मेरी ज़िंदगी हर दिन बाद से बदतर होता जाएगा...क्यूंकी ऐसा होने पर मैं भले ही उसकी मौत का ज़िम्मेदार ना ठहराया जाउ...लेकिन मेरा दिल और दिमाग़ मुझे जीने नही देगा कि सीडार की मौत का ज़िम्मेदार मैं हूँ...."

दिल की धड़कने इस वक़्त कम होने का नाम ही नही ले रही थी...बल्कि वो तो समय के साथ बढ़ते ही जा रही थी....
"ये सब कैसे हुआ..."घबराई हुई आवाज़ मे मैने अरुण से पुछा..

"एनटीपीसी मे कुच्छ हफ्ते पहले स्ट्राइक शुरू हुई थी पवर सप्लाइ को लेकर...जिससे एनटीपीसी को लगातार लॉस हो रहा था और जब ये बात सीडार को मालूम चली तो उसने स्ट्राइक शुरू कर दी ,जिसमे एनटीपीसी के कयि बड़े ऑफिसर्स उसके साथ थे...."

"फिर..."

"और फिर दो दिन पहले पूरे कॉलेज मे ये खबर फैल गयी कि स्ट्राइक करने वाले और पोलीस के बीच झड़प हो गयी है...उस झड़प मे कयि लोग मारे गये ,जिसमे से एक हमारा सीडार भी था...."
.
बोलकर अरुण चुप हो गया और मैं भी गुम्सुम सा बेड पर लेटा रहा....बहुत देर तक हम दोनो मे कोई कुच्छ नही बोला और फिर अरुण ने ही चुप्पी तोड़ी...

"सीडार भाई की बॉडी अब भी इसी हॉस्पिटल मे है...."

"व्हाट "चौुक्ते हुए मैने अरुण की तरफ देखा....लेकिन कुच्छ बोला नही ,मेरे इस तरह से चौकने का कारण मेरा खास दोस्त अरुण मेरी शकल देख कर ही जान गया ,वो आगे बोला...

"सीडार की मौत के बाद वॉर्डन के मुँह से एक बहुत बड़ा सच हमे मालूम हुआ अरमान,जिसने हम सबको झकझोर के रख दिया था.."

"क्या..."अपने सीने पर हाथ फिराते हुए मैने पुछा...मैने अपने सीने को इसलिए सहलाया क्यूंकी आगे जो सच अरुण बताने वाला था ,वो सच,सच मे बहुत कड़वा होगा...ऐसा मैने अंदाज़ा लगा लिया था....

"सीडार एक अनाथ था, उसे अनाथ बच्चो को पालने वाली असोसियेशन ने पल-पोश कर बड़ा किया था और इस काबिल बनाया कि वो अपने पैरो पर खड़ा हो सके....कॉलेज मे ये सच सिर्फ़ हमारे प्रिन्सिपल और हॉस्टिल वॉर्डन को मालूम था और सीडार की मौत के बाद ये सच सबके सामने आया तो सबका कलेजा अपने मुँह को आ गया....किसी को यकीन नही हो रहा था की सीडार एक अनाथ था..."
.
सीडार के अनाथ होने की खबर से जहाँ एक तरफ मेरे कलेजे का दुख दुगना हो गया वही दूसरी तरफ मुझे ,मेरे कयि छोटे सवालो का जवाब मिल गया था...मैं अक्सर एमटीएल भाई से पुछा करता था कि वो छुट्टियो मे घर क्यूँ नही जाते ?, क्या उन्हे हॉस्टिल मे अकेले वॉर्डन के साथ रहने मे ज़्यादा मज़ा आता है ? क्या आपके घर वाले आपको कुच्छ नही कहते ?
ऐसे ना जाने कितने सवाल मैं एमटीएल भाई से आए दिन पुछते रहता था और जवाब मे वो हर बार मेरे इन सवालो को मुस्कुरा कर टाल देते थे....और आज जब मुझे सच मालूम हुआ तो मुझे उनकी उस मुस्कुराहट के पीछे छिपे उस दर्द का अहसास हुआ,जिसे उन्होने कभी किसी के सामने ज़ाहिर नही किया था..... मैने ना जाने कितनी ही दफ़ा अंजाने मे ऐसे सवाल करके उनका दिल दुखाया था....मुझे अब भी याद है कि एक बार उन्होने मुझसे कहा था कि "अरमान यदि तू जनम से मेरा छोटा भाई होता तो मुझे बहुत खुशी होती....आइ लव यू यार..."
.
"तो क्या तुम लोगो ने अनाथ बच्चो को सहारा देने वाली उस असोसियेशन को सीडार के बारे मे खबर नही दी..."

"दो दिन पहले ही उनको ये न्यूज़ हमने दे दी थी कि सीडार की मौत हो चुकी है लेकिन वो सीडार की बॉडी को लेने अब तक नही आए है..."

"आइ वान्ट सी हिम...नाउ"

"क्या..."झटका खाते हुए अरुण बोला

"हां, आइ वान्ट टू सी एमटीएल भाई...."

सीडार शायद ये भूल गया था कि कॉलेज के अंदर की लीडरशिप और बाहर की लीडरशिप मे बहुत डिफरेन्स होता है...कॉलेज के अंदर आप कुच्छ भी कर सकते है लेकिन कॉलेज के बाहर आपको कोई कुच्छ भी कर सकता है...सीडार से यही चूक हो गयी,वो एनटीपीसी की स्ट्राइक को कॉलेज के अंदर होने वाली स्ट्राइक समझ बैठा था,लेकिन वो स्ट्राइक करते वक़्त ये भूल चुका था मामला सरकार. से था जिनके हाथ मे पोलीस की बागडोर होती है...ना जाने क्यूँ मुझे ऐसा लग रहा था कि सीडार की मौत कोई कोयिन्सिडेन्स ना होकर फुल प्लॅनिंग मर्डर था...मैं सिर्फ़ ऐसा सोच सकता था कुच्छ कर नही सकता था और इस समय मैं सीडार की डेत बॉडी के सामने खड़ा उसको निहार रहा था....ये सच है कि मौत ,मरने वालो को इस दुनिया से आज़ाद कर देती है लेकिन एक सच ये भी है कि वही मौत उस मरने वाले से कयियो को जोड़ भी देती है....पता नही ,पर मुझे सीडार की बॉडी देखकर ना जाने ऐसा क्यूँ लग रहा था कि जैसे मेरी ज़िंदगी की बहुत बड़ी खुशी सीडार के साथ चली गयी है.....


किसी महान हस्ती ने कहा है कि“डेत एंड्स आ लाइफ, नोट आ रिलेशन्षिप.” और ये सच भी है ,क्यूंकी ढाई अक्षरो का शब्द "मौत" मुझसे ,सीडार को लाख कोशिशो के बावजूद भी अलग नही कर सकता था...मैं सीडार के साथ उस समय भी नही था जब वो कॉलेज छोड़ रहा था और मैं उसके साथ तब भी नही था जब वो ये दुनिया छोड़ रहा था....सीडार की मौत के तीन दिन बाद अनाथ बच्चो को पालने वाली उस असोसियेशन से एक आदमी हॉस्पिटल मे आया और उसने सीडार के शरीर को उन्ही पाँच तत्वो मे विलीन कर दिया जिन पाँच तत्वो से मिलकर उसका शरीर बना हुआ था और ये मेरी बदक़िस्मती थी कि उस आख़िरी वक़्त मे मैं वहाँ मौजूद नही था...क्यूंकी हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने विपिन भैया से सॉफ कह दिया था मुझे वहाँ नही जाना चाहिए.....और उस घटना के एक महीने से अधिक बीत जाने पर मैं पूरी तरह से ठीक हुआ , मेरे दोनो हाथ,दोनो पैर अब बिल्कुल सही-सलामत थे और पहले की तरह मज़बूत भी...मेरी कमर और शोल्डर भी अब पहले की तरह स्ट्रॉंग हो चुके थे...लेकिन हॉस्पिटल के उन आख़िरी दिनो मे मैने डॉक्टर्स को ये जताया कि अभी पूरी तरह से ठीक होने मे मुझे कुच्छ दिन का समय और लगेगा...डॉक्टर्स ने मेरी एक्स-रे रिपोर्ट देखी और मुझे ,मेरी हथेलियो को ओपन-क्लोज़ करने के लिए कहा तो मैने जान बूझकर वैसा नही किया और कहा कि मुझे ऐसा करने पर दर्द होता है....मेरी एक्स-रे रिपोर्ट देखकर डॉक्टर्स को जब यकीन हो गया की मैं अब पूरी तरह से ठीक हूँ तो उन्होने मुझे बिना किसी सहारे के चलने के लिए कहा और मैं जानबूझकर थोड़ी दूर चलने के बाद ज़मीन पर गिरा...ताकि उन्हे वो यकीन हो जाए जो मैं उन्हे यकीन दिलाना चाहता था....

"एक्स-रे रिपोर्ट के मुताबिक़ तो सब कुच्छ सही है...फिर तुझे प्राब्लम कहाँ हो रही है..."विपिन भैया ,जो कि इस समय मेरे पास बैठे थे उन्होने एक्स-रे रिपोर्ट उठाकर कहा...
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani दिल दोस्ती और दारू - by sexstories - 08-18-2019, 02:01 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,299,905 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,298 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,151,185 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 871,962 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,542,255 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,986,966 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,796,863 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,515,845 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,825,726 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,188 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)