Desi Sex Kahani दिल दोस्ती और दारू
08-18-2019, 02:02 PM,
#89
RE: Desi Sex Kahani दिल दोस्ती और दारू
"ओये दीपिका सुन..."दीपिका मॅम के ठीक पीछे पहूचकर मैने उसे ज़ोर से आवाज़ दी ,जिसके कारण वो शुरू मे थोड़ा डर गयी और पीछे पलटी...पार्किंग मे इस वक़्त हम तीनो के सिवा और भी कुच्छ लोग थे,लेकिन वो हमसे दूर थे इसलिए उन्हे मेरी आवाज़ सुनाई नही दी....पहले-पहल तो दीपिका मॅम मुझे देखते ही कहीं खो गयी लेकिन बाद मे अपने होंठो पर स्माइल लाते हुए मेरी तरफ बढ़ी....

"तू,मुझे डाइरेक्ट नाम से बुला रहा है...डू यू थिंग कि मैं इसकी शिकायत होड़ और प्रिन्सिपल सर से नही करूँगी...हुह "

"पहली बात तो ये कि तू इसकी शिकायत चाहे होड़ से कर या फिर प्रिन्सिपल से...तू चाहे तो इसकी शिकायत अपने बाप से भी कर दे,मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता और दूसरी बात ये हुह,पुह ,मुँह मेरे सामने मत कर...वरना यही एक मुक्का तेरे दूध मे दे मारूँगा...साली रंडी.."

मैने कहा और जैसा कि प्लान था अरुण ने जोरदार ठहाका लगाया...मेरी इस हरकत पर दीपिका एक बार फिर कुच्छ देर के लिए कहीं खो गयी , वो शायद उस वक़्त ये सोच रही थी कि मुझे क्या जवाब दे,जिससे कि मैं चुप हो जाउ...जिससे कि मेरी बेज़्जती हो जाए...लेकिन हर कोई अरमान नही होता जो एक सेकेंड्स मे डाइलॉग सोच कर सामने वाले के उपर ज़ोर से फेक कर मार दे

"रहने दे, तुझसे नही होगा...तू बस डिफरेंट वेराइटी के लंड अपने मुँह मे ले सकती है...चल ये बता कि इस कार के बदले तूने गौतम के बाप का लवडा भी लिया है या फिर तूने मेरे साथ जो दोगलाई की उसी से तेरा काम हो गया..."

"शट अप ! गेट लॉस्ट फ्रॉम हियर..."अपने दाँत चबाते हुए दीपिका मॅम ने बड़ी धीमी आवाज़ मे कहा...ताकि वहाँ आस-पास वालो को ये मालूम ना चले कि मैं उसका एक्सटर्नल तरीके से रेप कर रहा हूँ....वैसे तो ये काम मेरा था कि जब मैं उसका एक्सटर्नल तरीके से रेप करूँ तो किसी को इसकी भनक ना लगे ,लेकिन अब जब वो मेरा काम खुद कर रही थी तो मुझे अब किसी भी बात की परवाह नही थी...

"पहली बात तो ये कि तेरे मुँह से स्पर्म की बदबू आ रही है ,पक्का तूने किसी का लवडा मुँह मे सुबह-सुबह लिया है और ब्रश नही किया....और दूसरी बात ये कि ये पार्किंग तेरे बाप की नही है जो मैं तेरे बोलने से चला जाउ...."

मैने कहा जिसके बाद हमारे प्लान के मुताबिक़ अरुण ने फिर से अपने दाँत दिखा दिए....

"दोबारा मार खाएगा तब सुधरेगा तू...रुक जा शाम तक..."बोलकर दीपिका पलटी और वहाँ से जाने लगी...

"एक मिनिट रुक जा जानेमन..."दौड़कर मैं दीपिका के सामने गया और बोला"पहली बात तो ये कि गौतम के बाप को कैसे हॅंडल करना है मुझे मालूम है...कल ही एस.पी. से बात हुई है मेरी और आज कॉलेज के बाद मैं उन्ही के घर मे शिफ्ट होने वाला हूँ...जहाँ गौतम का बाप मेरे लंड का एक बाल भी नही उखाड़ सकता और दूसरी बात ये कि तू मुझे शाम तक मे अपना जलवा दिखाएगी ना...तो तू दिखा,तुझे जो करना है तू कर..चाहे तो नंगी होकर नाच ले या फिर अपने गान्ड मे बम्बू घुसा ले क्यूंकी तुझसे अपना बदला लेने के लिए मैं आज शाम तक का इंतज़ार नही करूँगा,बल्कि अभी ही कुच्छ पीरियड्स के बाद मैं तुझे इस कदर कॉलेज मे नंगा करूँगा कि लोग तुझपर मुतेन्गे भी नही....आज तेरा इस कॉलेज मे आख़िरी दिन है...अरुण,प्लान याद है ना कि हमे क्या करना है..."

"अरे साला बिल्कुल याद है, मेरी उन लोगो से बात हो चुकी है..."अरुण ने भी मेरे हां मे हां मिलाया ,जिसके बाद दीपिका की और भी फॅट गयी .
.
"अरमान ,वैसे प्लान क्या है...मुझे तो कुच्छ भी नही बताया तूने..."पार्किंग मे दीपिका की गान्ड फाड़ने के बाद जब हम दोनो कॉलेज के अंदर दाखिल हुए तो अरुण ने पुछा...

"आक्च्युयली,कोई प्लान ही नही है,वो तो मैने दीपिका रंडी को ऐसे ही डराने के लिए कह दिया था... "

"बोसे ड्के, लवडा मैं तो पार्किंग मे तेरी बड़ी-बड़ी बाते सुनकर भारी खुश था...पर तू तो साला मुझे चोदु बना गया.."

"तुझे चोदु क्या बनाना ,वो तो तू ऑलरेडी है "अरुण की शकल देखकर मैने हँसते हुए कहा"देख, ये मुझे मालूम है कि मैं आज उसका कुच्छ नही करने वाला ,ये तुझे मालूम है कि मेरे पास अभी फिलहाल कोई प्लान नही है...लेकिन ये बात उस रंडी को नही मालूम..."

"इससे क्या होगा..."

"इससे ये होगा मेरे गे पार्ट्नर कि"अरुण के कंधे पर हाथ रखते हुए मैने कहा"उसकी आज पूरे दिन फटेगी कि अब कुच्छ होने वाला है...उसके दिल और दिमाग़ मे एक डर बैठा रहेगा ,जिसके बाद वो अपनी गान्ड सहलाती हुई बेचैन रहेगी..."

"ओह...अब समझा.."

"चल बोल पापा,इसी बात पे.

"तू रुक क्यूँ गया, आगे बता ना.."

"भूख लगी है, जाओ तुम दोनो वरुण और अरुण मेरे लिए खाना बनाकर लाओ..."पेट पकड़ कर लेटते हुए मैने कहा और वरुण को पुकारा..
"हां बोल.."
"यार वरुण ! अपुन सोच रेला है कि जब निशा मेरे साथ रहेगी तब वो क्या मस्त धाँसू खाना बनाएगी...तेरी तरह नही कि कभी खाना जल गया, कभी चावल गीला हो गया..."

"तू उसकी बढ़ाई कर रहा है या मेरी बुराई..."

"दोनो... "बोलते हुए मैने एक बार फिर अपना पेट सहलाया ,जो भूख से तड़प रहा था .

अरुण और वरुण खाना बनाने मे बिज़ी थे और मैं अरुण का मोबाइल उठाकर निशा का नंबर ट्राइ कर रहा था...मैं अभी तक तीन बार निशा को कॉल कर चुका था ,लेकिन निशा ने एक बार भी फोन नही उठाया....

"लगता है ससुर जी उसके आस-पास है..."मोबाइल को बिस्तर पर दूर फेक कर मैं बोला कि तभी मोबाइल बाज उठा....स्क्रीन पर नंबर देखा तो मेरा नाम लिखा हुआ था, यानी कि कॉल निशा की थी.

"बहुत जल्दी रिप्लाइ कर दिया..."

"वो..वो गेम खेल रही थी मोबाइल पे और जब तुमने कॉल किया तो सोचा कि ये वाला स्टेज पहले ख़त्म कर लूँ..फिर तुमसे बात करती हूँ"

"तो कर लिया स्टेज ख़त्म..."

"नो...गेम ओवर हो गया "

"लॉल..."हँसते हुए मैने कहा"एक बात बता, तू खाना बना लेती है ना..."

"उम्म्म...ना"

"क्या तुझे खाना बनाना नही आता..."जबर्जस्त तरीके से मैं चौका और एक दम से खड़ा हो गया..

"किसी ने कभी सिखाया ही नही..."

"तो सीख ले, वरना बहुत मारूँगा "

"तुम मज़ाक कर रहे हो ,राइट"

"रॉंग, मैं एक दम से सीरीयस हूँ...."
.
"ले बे ठूंस ले..."एक प्लेट मेरे हाथ मे पकड़ाते हुए वरुण बोला"जब तक मेरे साथ है खाना खा ले,बाद मे तो तुझे खुद से ही बना कर खाना पड़ेगा..."

"निशा, मैं बाद मे कॉल करता हूँ...तब तक तू गेम खेल "
.
निशा से बात करने के बाद मैने अपना पेट भरा और जब पेट भर गया तो मैं बोला...
"साले कितना बेकार खाना बनाते हो बे,शरम करो लवडो ,"

"देख बेटा, ऐसा है कि ज़्यादा बोलेगा तो रात का खाना तुझे ही बनाना पड़ेगा...."

"मैं तो मज़ाक कर रहा था... "जब रात के खाना बनाने की तलवार मुझ पर अटकी तो मैने तुरंत जवाब दिया .

अरुण और वरुण ,जब खाना खा चुके तो मैने अपनी याददाश्त को वही से प्ले किया जहाँ पर कुच्छ देर पहले फ्यूज किया था
.
.
उस दिन पार्किंग मे दीपिका मॅम को मैने जो धमकी दी थी ,उसका उसपर बहुत गहरा असर हुआ. मेरी धमकी इतनी असरदार थी कि उसी दिन शाम को जब हम लोग हॉस्टिल मे बैठकर कैरम खेल रहे थे तो विभा ने मुझे कॉल किया. विभा की कॉल देखकर सबसे पहले मेरे शरीर के मैं पॉइंट ने रिएक्ट किया और फिर बाद मे मेरे हाथ ने....
"लवडा गद्दारी कोई नही करेगा मैं अभी आया..."

मैने कैरम का गेम छोड़ा और रूम से बाहर आकर विभा की कॉल रिसीव किया....

"अरमान, मैं विभा..."

"विभा, मैं अरमान..."

"अरमान, तुम मेरा मज़ाक उड़ा रहे हो..."

"काम क्या है ये बोल, अभी अपुन भारी बिज़ी है..."

"वो मुझे कहना था कि तुम...मैं तुमसे कहना चाहती हूँ कि...आक्च्युयली मुझे बहुत इंपॉर्टेंट बात करनी है,आइ होप कि तुम बुरा नही मनोगे..."

"आइ होप कि मैं बुरा ना मानु..."

"वो मुझे दीपिका ने कॉल करने को कहा था, वो अपने किए पर बहुत शर्मिंदा है और उसने कहा है कि यदि तुम सब कुच्छ भूल जाओ तो तुम दोनो के बीच पहले वाला रीलेशन हो जाएगा "इतना बोलकर विभा चुप हो गयी और मैं उसके कुच्छ और कहने का इंतज़ार करने लगा "आंड ऐज आ टीचर , मैं तुम्हे सलाह देती हूँ कि तुम्हे दीपिका मॅम की बात मान लेनी चाहिए...क्यूंकी फालतू मे लड़ने का कोई फ़ायदा नही है..."

मैं कुच्छ देर के लिए चुप रहा और फिर बोला"ओके..."

"क्या.."

"ठीक है ,मुझे मंजूर है...लेकिन.."

"थॅंक्स..."विभा बीच मे बोली

"लेकिन मेरी एक शर्त है और वो शर्त ये है कि तुझे मेरे साथ सेक्स करना पड़ेगा और एलेक्ट्रिकल ब्रांच मे जो नयी मॅम आई है ,उसे भी मेरे साथ सेक्स करने के लिए उसे राज़ी करना पड़ेगा..."

"व्हाट...तुम्हारा दिमाग़ खराब हो गया है ,क्या..."

"दिमाग़ तो बहुत पहले से खराब है और उस दीपिका रंडी को बोल देना कि वो अपनी चूत का लालच देकर मुझसे बच नही सकती..उससे ये भी कहना कि मैं जब चाहू उसकी जैसी माल पटा सकता हूँ लेकिन वो मेरे जैसा लौंडा नही पटा सकती,ईवन उसका प्रेज़ेंट टाइम मे जो बाय्फ्रेंड है ,वो आकर मुझे सर...सर कहते रहता है...."

"माइंड युवर लॅंग्वेज..."

"माइंड युवर बिज़्नेस...चल फोन रख,वरना तेरी भी बेज़्जती कर दूँगा..."
.
उसके बाद विभा ने मुझे कभी कॉल नही किया.एग्ज़ॅम नज़दीक होने कारण कॉलेज मे प्रेपरेशन लीव लग गया...जिसके कारण अब हमारा सारा दिन हॉस्टिल मे बीत रहा था...ऐसे ही एक दिन ,सुबह-सुबह जब मैं गहरी नींद मे था तो किसी ने रूम का दरवाजा बहुत ज़ोर से पीटा...

"कौन है बे बीसी..."सौरभ ने गुस्से मे कहा और तकिये से अपना कान ढक लिया

"भाग जा वरना ,जहाँ छेद दिखेगा वही चोदुन्गा..."अरुण ने भी गुस्से मे कहा और तकिये से अपने कान को ढक लिया...

"भाग जा वरना एक बार लंड फेक कर मारूँगा तो सारा खानदान चुद जाएगा..."मैने भी तकिये से कान को ढकते हुए कहा...

"अरे मैं हूँ, राजश्री पांडे..."

"अरे ये तो भाई है ,अपना.." सौरभ बोला..

"अरे ये तो यार है अपना..."अरुण भी सुर मे सुर मिलाते हुए बोला

"अरे ये तो प्यार है अपना,.."दरवाजा खोलते हुए मैने कहा"क्यूँ बे लोडू, पहले नाम बता देता तो क्या होता...और तू साले इतनी सुबह कर क्या रहा है...."

"आपको वो टॉप मोस्ट ब्रेकिंग न्यूज़ पता चली या नही..."

"कौन सी ब्रेकिंग न्यूज़..."आँख मलते हुए और उबाई लेते हुए मैने पुछा...

"दीपिका मॅम को प्रिन्सिपल ने लाइफ टाइम के लिए कॉलेज से निकाल दिया और साथ ही उसे कॉलेज मे मिस्बेअहविन्ग का सर्टिफिकेट भी थमा दिया..."

"हो गया ,अब चल निकल यहाँ से..."

"क्या अरमान भाई..मैने सोचा था कि आप बहुत खुश होंगे..."

"दिल पे मत ले, अब चल जा यहाँ से..."
.
राजश्री पांडे को भगाने के बाद मैने दरवाजे को उपर से,नीचे से और बीच से बंद करके पीछे मुड़ा तो देखा कि अरुण और सौरभ अपने पूरे शरीर को चादर से लपेटे हुए मुझे देख रहे थे और साथ मे मुझे घूर भी रहे थे....

"सॉरी यार ! मैने तुम लोगो को मेरे इस प्लान के बारे मे नही बताया था...लेकिन प्लान सक्सेस्फुल हो गया,इसलिए आज पार्टी."

बरसो पहले एक महान व्यक्ति ने ये कहा था कि यदि सारी दुनिया बदले की आग मे आँख के बदले आँख लेने लगे तो एक दिन ऐसा आएगा जब पूरी दुनिया अंधी हो जाएगी...मुझे उस महान व्यक्ति का नाम तो नही मालूम(यहाँ तक कि ये भी नही मालूम की वो मेल थे या फीमेल ) ,लेकिन उनके द्वारा कही गयी वो चन्द पंक्तिया मुझे हमेशा के लिए याद हो गयी थी.फिर भी मैने दीपिका से अपना बदला लिया यानी कि आँख के बदले आँख और यदि अपने बॉलीवुड स्टाइल मे कहे तो खून के बदले खून :

मैं उस महान व्यक्ति का विरोध नही कर रहा लेकिन कभी - कभी हमारे सामने ऐसी सिचुयेशन आ जाती है ,जब हमे भगत सिंग बनना पड़ता है.
.
"ये तूने किया है क्या, मुझे माँ कसम यकीन नही हो रहा..."

"मुझे भी यकीन नही हो रहा..."

अरुण और सौरभ अभी तक अपने शरीर मे चादर लपेटे हुए बिस्तर पर बैठे थे .

"मैं धीरे-धीरे करके एक्सप्लेन करता हूँ..."उनकी तरफ बढ़ते हुए मैं बोला...

"वो तो तुझे करना ही पड़ेगा, लेकिन पहले ये फॅन बंद कर...साला ठंड के मारे गान्ड फटी जा रही है...."

मैने फॅन बंद किया और वापस उन दोनो की तरफ जाते हुए पुछा"तो कहाँ से शुरू करू..."

"कहाँ से शुरू करू का क्या मतलब बे...सारी बाते वही से शुरू कर जहाँ से तूने इसकी शुरुआत की थी...."

"एक मिनिट..."अपने दिमाग़ को प्रेज़ेंट से पास्ट मे ले जाते हुए मैने वापस प्रेज़ेंट मे लाया और पास मे रखी चेयर को खींच कर उसपर बैठते हुए बोलना शुरू किया"दीपिका मॅम को प्रिन्सिपल ने कॉलेज से इसलिए निकाला क्यूंकी आज सुबह-सुबह ही उसने दीपिका का सेक्स वीडियो कॉलेज के एक लड़के के साथ देखा है...इसकी शुरुआत तब हुई थी जब तू और सौरभ, भू से मिलने उसके कॉलेज गये थे.उस दिन, रात को नशे मे होने के कारण राजश्री पांडे और उसके दोस्तो की उनके वॉर्डन से लड़ाई हो गयी थी ,जिसके बाद वो सब भाग कर मेरे रूम मे रात बिताने आए थे..उनसे बातो ही बातो मे मुझे ये मालूम चला कि उनमे से एक वो लड़का भी है जो दीपिका मॅम का करेंट टाइम मे बाय्फ्रेंड है.बस तभी मेरे 1400 ग्राम के दिमाग़ मे एक सूनामी आई ,ऐसी सूनामी जो दीपिका मॅम को बहा कर ले जाने वाली थी...मैने उसी पल ये सोचा कि यदि इन दोनो की चुदाई का सीन किसी तरह प्रिन्सिपल की आँखो तक पहुचा दिया जाए,तो दीपिका मॅम की जबर्जस्त बेज़्जती भी होगी और साथ ही साथ उसे ज़िंदगी भर के लिए कॉलेज निकाला घोसित कर दिया जाएगा....जब पूरा प्लान तैयार हुआ तो मैने इसपर तुरंत काम चालू कर दिया और अगले ही दिन उस लड़के से मिला जिसे दीपिका ने फँसा रखा था. शुरू मे तो उसने मेरी बात मानने से इनकार कर दिया और तब मुझे उसे धमकाना पड़ा...जैसे कि मैं उसका वही हाल करूँगा..जो मैने वरुण और गौतम का किया था...मैने उस लड़के से कहा कि यदि वो मेरी बात नही मानेगा तो मैं उसके बाप को कॉल करके उसके और दीपिका मॅम के रीलेशन के बारे मे सब-कुच्छ बता दूँगा..मेरी धमकिया सुनकर वो साला एक पल मे रो पड़ा, पता नही दीपिका ने कैसे फट्टू को अपना बाय्फ्रेंड बनाया था उस दिन मैने उससे ये भी कहा कि यदि वो मेरा साथ देता है तो आज के बाद वो मेरा खास दोस्त कहलाएगा और मैं चुदाई के वीडियो मे उसका फेस नही दिखाउन्गा....मैने उसे और भी कयि धमकिया और लालच दिए ,आख़िरकार जब वो मान गया तो मैने उससे इन्फर्मेशन ली कि दीपिका मॅम उसके साथ कब और कहाँ सेक्स करती है, जवाब मे मुझे पता चला कि हर सॅटर्डे को जब कॉलेज की जल्दी छुट्टी होती है तो वो और दीपिका कंप्यूटर लॅब मे अपना प्रोग्राम शुरू करते है.
.
ये इन्फर्मेशन मेरे लिए बहुत फ़ायदेमंद साबित होने वाली थी ,क्यूंकी दीपिका अपने रूम मे चाहे बराक ओबामा से सेक्स करे, वो उसका पर्सनल मॅटर था,लेकिन कॉलेज के अंदर कॉलेज के ही स्टूडेंट से चुदाई करवाना ,ये एक तरह से इल्लीगल भी था और कॉलेज की रेप्युटेशन को गिराना भी इसमे शामिल था . मैने बहुत जगह हाथ-पैर मारकर...कहीं से एक छोटा सा कॅमरा का जुगाड़ किया और कंप्यूटर लॅब मे उसी लड़के के हाथो उस जगह सेट करवाया ,जहाँ से उन दोनो का खेल उस कॅमरा मे आसानी से रेकॉर्ड हो जाए....और फिर एक दिन मौका देखकर दीपिका ने फर्स्ट एअर के साथ मिलकर उधर कंप्यूटर लॅब मे चुदाई मचाई और इधर मेरा काम पूरा हो गया..."

"कब से था वो वीडियो तेरे पास..."सौरभ ने पुछा

"यही पिछले कुच्छ 10-12 दिन पहले वो वीडियो मेरे हाथ आ गया था..."

"तो क्या अभी तक शुभ महूरत का इंतज़ार कर रहा था..."

"अबे चूतियो, फर्स्ट एअर के उस लड़के के फेस की एडिटिंग करवानी थी ,इसलिए टाइम लग गया..."

"बोले तो एक दम सॉलिड प्लान था भाऊ, ला जल्दी से फ़ेसबुक मे अपलोड करके उस रंडी की *** चोदते है "एग्ज़ाइटेड होते हुए अरुण ने कहा...

"नही यार, पता नही क्यूँ लेकिन ऐसा करने के लिए मेरे लेफ्ट साइड ने मुझे रोक दिया...वरना मुझे यदि फ़ेसबुक मे ये वीडियो अपलोड करना होता तो मैं कब का कर चुका होता ,ईवन हज़ारो पॉर्न साइट्स मे अपलोड करके उसे बदनाम कर सकता था...लेकिन मेरा मक़सद ये नही था. "
.
"वो सब तो ठीक है कक्के,लेकिन तू ये बता कि तुझे हम दोनो पर भरोशा नही है क्या...जो कभी भी कोई बात हमे नही बताता, साले हम तेरे दोस्त है लेकिन तेरे कारनामे की खबर हमे सबसे आख़िरी मे मालूम चलती है और वो भी दूसरो के मुँह से..."बिस्तर से नीचे आते हुए अरुण ने सौरभ से कहा"सौरभ, वो हॉकी स्टिक निकाल तो,अभी साले को तीन महीने के लिए फिर से कोमा मे भेजता हूँ..."

"मुझे मालूम है अरुण, तू मज़ाक कर रहा है.तू मुझे मार नही सकता..."

"मुझे तो ऐसा नही लगता "कहते हुए अरुण ने एक जोरदार मुक्का मेरे पेट मे मारा....

"अबे,इतनी ज़ोर से मारेगा क्या..."

"यदि इतना ही दर्द हो रहा है तो ये बता कि तू हमे सारी बात पहले क्यूँ नही बताता...लवडे "इसी के साथ दूसरा मुक्का मेरी पीठ पर पड़ा...

"वो क्या है कि... किसी महान पुरुष ने कहा है कि ,जब आप खुद कोई राज़ की बात अपने अंदर नही रख पाए ,तो फिर आप दूसरो से कैसे एक्सपेक्ट कर सकते हो कि वो ये बात किसी और को ना बताए..."

"कोई फ़ायदा नही होने वाला बेटा,आज तो तू कोमा मे जाकर रहेगा..."

"एक और बात ऐसी है जो तुम लोग को मैं सबसे पहले बताने जा रहा हूँ...अब तो छोड़"

"अच्छा ,चल बता.."

"वो फर्स्ट एअर मे जिस सीनियर ने मेरी रॅगिंग ली थी ना, उसका भी खेल आज ख़त्म होने वाला है..."

"वो कैसे..."अरुण और सौरभ एक साथ बोल पड़े"जल्दी से बता..."

"आज दोपहर मे वो कुच्छ काम से सिटी जाएगा,जहाँ उसकी किसी से बहस होगी और फिर वो बहस लड़ाई मे तब्दील हो जाएगी...जिसके बाद उस सीनियर की जोरदार पेलाइ होगी . मेरे ख़याल से अब ये बताने की कोई ज़रूरत नही कि जो लोग उस म्सी को मारेंगे वो मेरे आदमी होंगे

"अरमान सर, आइ हॅव आ क्वेस्चन..."बीच मे ब्रेक लगाते हुए वरुण ने कहा"तूने वीडियो प्रिन्सिपल को कैसे दिखाया.क्यूंकी प्रिन्सिपल तेरा कोई दोस्त तो है नही जो तू उसके कंधे पर हाथ रखकर दीपिका मॅम की चुदाई का वीडियो प्ले कर देगा... "

"याद है मैने एक बार कहा था कि सरकारी कॉलेज के टीचर्स को सर भले ना कहो...लेकिन पीयान को सर कहना ही पड़ता है..."

"इसका मतलब तूने पीयान की मदद से वो वीडियो..."

"यस..."बीच मे ही वरुण को रोक कर मैने कहा"और तू ये बार-बार डिस्टरब मत किया कर बे,फ्लो बिगड़ जाता है..."

"ओकाययी...अब कुच्छ नही बोलूँगा."
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RE: Desi Sex Kahani दिल दोस्ती और दारू - by sexstories - 08-18-2019, 02:02 PM

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