RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
मोनिका अपनी माँ की आवाज सुनकर एकदम से खड़ी होती है और अपने कपड़े पहनती है, और दरवाजा खोलकर बाहर निकल जाती है,
बाहर जया गुस्से में खड़ी होती है,
जया--करमजली तुझे बेबी को जगाने भेजी थी, और लगता है तू भी जाकर उसके साथ हो सो गई।
मोनिका--- मा, मैं तो उठा ही रही थी सोनल को, उसने ही मुझे खिंच लिया और अपने से चिपका कर लिटा लिया तो मेरी भी आंख लग गयी।
जया--अच्छा अच्छा चल अब बेबी को उठा और उनको खाना दे।
मोनिका-- ठीक है माँ। अभी नहाकर आती हु।
सोनल और कविता भी नहाकर हाल में टेबल पर आ जाती है।
जया उनको पहले चाय देती है, फिर कुछ देर में खाना परोस देती है,
सोनल और कविता दोनो खाना खा कर कविता के घर चली जाती है,
शाम को आरती और रवि शोरूम से वापिश आते है, और जया से सोनल का पूछते है तो काकी उनको बताती है कि दोनों कविता के यहा गयी है,
दोनो रूम में चले जाते है, और खाने के वक़्त नीचे आते है, तब तक सोनल और कविता भी आ जाती है, और सीधे डाइनिग टेबल पर बैठ जाती है।
सोनल और कविता दोनो आरती और रवि को गुड़ eveing बोलती है।
रवि दोनो से पढ़ाई का पूछता है तो दोनो अछि का जवाब दिया।
आरती आज कुछ गुमशुम सी थी। तभी रामु भी आ जाता है और खाना परोसने लगता है,
नहीं आज नहीं आज रवि नहीं है वो आज अपने को कैसे रोके पुराने दिन खाते खाते उसे याद आने लगे थे कैसे रामु ने उसकी पहले मालिश किया था और फिर कैसे वो खुद रामु के पास गई थी और कैसे वो रात को रामु और लाखा के पास गई थी किचेन से लेकर हर बात उसे याद आने लगी थी खाते खाते आरती इतना उत्तेजित हो चुकी थी कि उसे खाते नहीं बना और पता नहीं क्यों यह खाना भी उसे अच्छा नहीं लग रहा था किसी तरह सब का मन रखने के लिए उनका साथ देती रही थी
किसी तरह खाना खतम होते ही आरती उठकर वाशबेसिन में हाथ धो कर जल्दी से अपने कमरे में पहुँच गई थी और चेंज करने लगी। फिर ड्रेस उतार कर वही एक छोटा सा कपड़ा जो की उसके बैग में था उसे कंधे में डालकर पहन लिया था जोकि घुटनों के ऊपर तक आता था वो कमर में एक मोटी सी गोलडेन कलर का रस्सी से कस्स कर बाँधना था उसे बाँध कर उसने अपने आपको मिर्रर में देखा था गजब जाँघो से लेकर टांगों तक का चमचमाता हुआ एक एक अंग साफ छलक रहा था चुचे बिना ब्रा के भी तने हुए थे आखें मदमस्त और गहरी थी होंठों पर लालिमा बिना लिपीसटिक के ही दिख रही थी बाल जुड़े की शेप में बँधे थे पर कही कही से लंबे से निकले हुए थे कंधा भी खाली था सिर्फ़ वो कपड़े से जितना ढका हुआ था बस उतना ही साइड से उसका शरीर कमर तक साफ-साफ दिख रहा था देखते देखते वो अपने शरीर की रचना में ही खो गई थी कितनी सुंदर और कामुक लग रही थी किसी अप्सरा के जैसी कोई भी सन्यासी और देव पुरुष तक उसके इस शरीर का दीवाना हो सकता था सच में किसी ने सच ही कहा है औरत के पास जो एक हथियार है वो है उसका शरीर आज तक इतिहास गवाह है की इस शरीर के लिए कितनी ही लड़ाइया हुई है और कितने ही कत्ल हुए है आज एक वैसा ही शरीर फिर से इस संसार पर राज्य करने के लिए तैयार हो रहा था
आरती सोचते सोचते अपने आप में इतना खो गई थी कि उसे टाइम का ध्यान ही नहीं रहा था फिर अचानक ही उसने घड़ी की ओर नजर उठाई तो देखा करीब एक घंटा हो चुका था, रवि पता नही कब का आकर उसके पास सो चुका था। पता नहीं रामु कहाँ होगा क्या करू देखूँ क्या उसके कमरे में नहीं नहीं वो सोनल को मालूम चला तो। रामु की भी तो इच्छा होगी कैसे देख रहा था नजर चुरा कर पर वो तो रुक नहीं पा रही है एक बार धीरे से आरती ने अपनी जाँघो को देखते हुए अपने आपको सहलाया था एक सिसकारी उसके मुख में दब कर रह गई थी नहीं वो नहीं रुक सकती उसे कोई मर्द तो चाहिए ही चाहे वो रामु ही हो।
दूसरी तरफ रामु सोनल के रूम की तरफ जा रहा था,
रामु ने सोनल के दरवाजे को धीरे से खटखटा दिया तो सोनल दरवाजा खोलने आई और जैसे ही वो ठीक रामु की आखों के सामने आई। रामु तो उसको देखकर बिल्कुल हैरान हो गया क्योंकि सोनल सीधा बाथरूम से नहाकर बाहर आई थी और उस समय उसका बदन सिर्फ़ एक टावल से ढका हुआ था जिसकी वजह से रामु को उसका एकदम गोरा, सेक्सी बदन दिख रहा था वो बहुत ही हॉट लग रही थी। कुछ देर देखने के बाद उसके कहने पर रामु अंदर चला गया और सोनल ने रामु से आने की वजह पूछने पर रामु ने उससे कहा कि मालकिन मैं तो पूछने आया था कि आपको कोई काम तो नही अभी मुझसे इसलिए मैं आपके रूम पर चला आया,
लेकिन रामु का पूरा पूरा ध्यान तो अब भी सोनल की बाहर से दिखती हुई उभरी हुई छाती और गोरी गोरी चिकनी जांघो पर ही था। रामु उसे लगातार घूर रहा था और इस बात को शायद सोनल भी बहुत अच्छी तरह से जानती थी। फिर सोनल मुड़कर कपड़े लेने के लिए अलमीरा की तरफ चली गई और रामु पीछे से उसकी मटकती हुई गांड को देख रहा था और बहुत मज़े लेने लगा।
सोनल वापस रामु के पास आई और उसने अपने कपड़े बेड पर रख दिये तो रामु ने तुरंत अपनी नज़रों को नीचे झुका दिया, लेकिन तभी सोनल ने जानबूझ कर ब्रा को नीचे गिरा दिए और फिर रामु ब्रा लेने के लिए थोड़ा नीचे झुक गया। रामु ने टावल के नीचे से अंदर की तरफ देखा तो उसने पेंटी पहन रखी थी रामु वो देखकर बहुत उदास हो गया, लेकिन शायद सोनल को पता चल गया था कि रामु नीचे की तरफ झुककर क्या देख रहा है। फिर जब रामु उठकर खड़ा हुआ तो सोनल ने रामु से पूछा कि नीचे बैठकर तुम ऐसा क्या देख रहे हो? उसके मुहं से यह बात सुनकर रामु एकदम से बहुत डर गया था।
रामु : कुछ नहीं मालकिन में तो वो नीचे गिरी हुई आपकी ब्रा उठा रहा था।
सोनल : तू मुझसे अब ज्यादा झूठ मत बोल, मुझे पता है क्या देख रहा था।
रामु ने उनकी बात सुनकर डरते हुए कहा कि मालकिन प्लीज मुझसे ग़लती हो गई है आप प्लीज मुझे माफ़ कर दो में कभी ऐसा नहीं करूंगा प्लीज।
फिर सोनल बोली कि चलो अब जाओ यहाँ से, कुछ देर बाद आना। और रामु जल्दी से उलटे पैर अपने कमरे पर आ गया।
रामु के दिल की धड़कने बहुत तेज हो चुकी थी और रामु ऊपर से लेकर नीचे तक पूरा पसीने से नहाया हुआ था।
अब रामु अपने कमरे में आकर उस घटना के बारे में सोचकर परेशान था कि सोनल का क्या मिजाज है कभी कुछ कभी कुछ। फिर उसके थोड़ी देर बाद सोनल उसके रूम पर आई और रामु से बोली कि कमरे पर आ जाओ। रामु को थोड़ा डर तो जरुर लगा, लेकिन फिर भी कुछ देर बाद रामु उसके कमरे पर चला गया और तब सोनल ने उससे बैठने को कहा। रामू सोफे पर अपनी नजर को नीचे झुकाए बैठ गया और तब सोनल रामु से बोली कि उस गलती की सजा के लिए तैयार हो।
रामू-- जी मालकिन
सोनल-- इधर आओ और जल्दी से मेरे पैर दबाओ और रामु ने उसके पैर दबाए।
फिर सोनल बोली कि इधर देखो तुम, मैंने तुम्हे किस लिए बुलाया है क्या तुम्हे पता है?
तो रामु ने कहा कि नहीं।
फिर सोनल ने कहा कि इधर बेड पर आओ और रामु चला गया और अब सोनल उसे अपने बेड पर बैठाकर वो खुद उसकी जांघो पर बैठकर उसे किस करने लगी। अब रामु ने पूछा कि यह सब क्या है मालिकन? आज आप खुद इस गुलाम पर मेहरबान तो सोनल तुरंत बोली कि तुम कल दिन में जो करके गए थे वो सब बहुत अच्छा था,
रामु कुछ नहीं बोला बिल्कुल चुपचाप उनकी बातें सुनता रहा।
अब सोनल उससे बोली कि जल्दी से करो,
रामु बोला कि मालिकण क्या करूँ।
तो सोनल बोली कि वही जो कल दिन में किया था।फिर दोनों किस करने लगे और सोनल अपनी जीभ रामु के मुहं में डालकर चूसने लगी। रामु कहने लगा कि मालकिन आप बहुत गंदी हो। एक गुलाम के साथ ये सब।
अब सोनल उससे बोली कि तुम्हारी बात किसी को ना बताने के लिए तुम्हे भी यह सब कुछ करना होगा और रामु भी अब उन्हें किस करने लगा। रामु ने भी अपनी जीभ को उसके मुहं में डाल दिया और दोनों एक दूसरे के मुहं को भी चूमने लगे, रामु को बहुत मज़ा आ रहा था, और दोनो करीब 15 मिनट तक लगातार किस करते रहे। फिर कुछ देर बाद सोनल ने रामू की शर्ट को खोल दिया और उसे चूमती रही और कुछ देर बाद में उसकी पेंट को भी उसने उतार दिया। रामु अब सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में था और अब तक रामु का लंड खड़ा हो चुका था, लेकिन अब तक सोनल ने अपने एक भी कपड़े नहीं उतारे थे।
फिर रामु ने थोड़ी हिम्मत करके उसकी ड्रेस के हुक को खोल दिया तो सोनल रामु से बोली कि मैंने अभी तक तुम्हे मेरे कपड़े उतारने की अनुमति नहीं दी है तो रामु चुपचाप लेटा रहा और उसने उसकी अंडरवियर को उतार दिया अब वो रामु के लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी और धीरे धीरे हिलाने लगी। अब रामु ने कहा कि मालकिन आप इसे अपने मुहं में डालो ना प्लीज,
तो सोनल बोली कि नहीं
रामु-- मालकिन मेरा लंड बहुत स्वादिष्ट है
और फिर सोनल बोली कि ठीक है।
फिर सोनल ने सबसे पहले उसके लंड पर थूक लगाया और उसके बाद धीरे धीरे मुहं में लेना शुरू किया।
थोड़ी देर बाद सोनल पूरी तरह से गरम हो चुकी थी
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