RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
लेकिन कुछ देर बाद सोनल ने रामु के लंड को पागलों की तरह चूसना शुरू कर दिया और करीब दस मिनट तक उसका लंड चूसा। उसके बाद वो रामु के ऊपर चड़ गई और उसे फिर से किस करने लगी, रामु ने उससे कहा कि अब तो मुझे आपके कपड़े उतारने की आज्ञा दे दो मालिकन, वो बोली कि ठीक है।
फिर रामु उसके ऊपर आकर किस करने लगा और उसके बाद रामु ने धीरे से सोनल की ड्रेस और पजामा उतार दिया। अब सोनल रामु के सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और रामु उसकी ब्रा को उतारकर बूब्स को चूसने लगा। सोनल उसके मुहं को अपने बूब्स पर दबाने लगी और कुछ देर बाद रामु ने सोनल की पेंटी को भी उतार दिया।
वाह क्या मस्त गुलाबी चूत है, रामु बोला और उसकी चूत को हाथ से सहलाने लगा।
सोनल बोली कि मेरी चूत को अपने मुहं में लो।
रामु के मुहं को सोनल ने अपने हाथों से अपनी चूत में दबा दिया,
सोनल-- तुम मेरी चूत को चाटो
करीब 15 मिनट तक रामु ने उसकी चूत को चाटा। सोनल उससे कहने लगी कि अब तुम मुझे चोदो। रामु धीरे धीरे धक्के लगाने लगा।सोनल पूरी तरह से गरम हो चुकी थी। सोनल के मुहं से अब आवाज़ आने लगी थी उहहह्ह्ह ओहह्ह्ह्ह चोदो मुझे आहह और ज़ोर से चोदो। फिर रामु अब बहुत तेज़ी से धक्के देकर चोदने लगा और उसे किस भी करने लगा। कुछ देर बाद सोनल डॉगी स्टाईल में हो गई और उसने रामु से बोला कि तुम मुझे पीछे से अपना लंड मेरी चूत में डालकर चोदो और अब रामु वैसे ही चोदने लगा, रामु ने महसूस किया कि सोनल की गांड बहुत मोटी थी, जिसको देखकर उसका मन उसकी तरफ ललचाने लगा, रामु ने कहा कि मालकिन मैं अब आपकी गांड भी मारना चाहता हूँ।
तो सोनल उससे बोली कि नहीं, रामु ने कहा कि प्लीज में एक बार उसको चोदकर मज़े लेना चाहता हूँ।
तभी सोनल बोली कि नहीं उसमे बहुत दर्द होता है।
फिर रामु ने कहा कि प्लीज एक बार उसके बाद दोबारा कभी नहीं कहूँगा।
अब सोनल बोली कि ठीक है, लेकिन थोड़ा रूको। सोनल फोन करने लगी। तभी कविता और मोनिका दोनो रूम में आ गयी। रामु उन्हें देखता ही रह गया। और अब वो दोनों बेडरूम में आ गई। रामु तो उसको देखकर बहुत हैरान हो गया और फिर सोनल ने उससे कहा कि तुम इसे चोदो मोनिका को। तभी मोनिका ने अपने सभी कपड़ों को जल्दी से उतार दिया और एकुदम से रामू के उप्पेर 69 पोज़िशन में आ गयी। उसने अपने बापू के लंड को बहुत देर तक चूसा और वो अब डॉगी स्टाइल में आ गई। रामु ने गचक के अपना लण्ड अपनी बेटी की चुत में गुसा दिया, और जोर जोर से चोदने लगा, कुछ देर में जब रामु का पानी छूटने को हुआ तो फिर रामू ने उसके मुहं में लण्ड गुसा दिया और मुह को चोदने लगा। रामु अब झड़ने वाला था तो मोनिका ने अपने मुहं में रामु का पूरा वीर्य ले लिया और चूसने लगी। रामु अब तक बहुत ज्यादा थक गया था इसलिए रामु तो मोनिका के ऊपर ही लेट गया। सोनल और कविता उनके पास में लेट गयी और पांच मिनट लेटने के बाद मोनीका उसे किस करने लगी और सोनल उसका लंड चूसने लगी। रामु का लंड कुछ देर चूसने हिलाने के बाद एक बाद फिर से खड़ा हो गया था।
रामु ने फिर सोनल से कहा कि मालकिन में आपकी गांड मारना चाहता हूँ। तो सोनल ने कविता को इशारा किया, लेकिन रामु वो इशारा समझ नहीं पाया। अब कविता ने अलमारी में से कुछ बाहर निकाला,
कविता के हाथ में एक कुत्ते का पट्टा था. कविता ने वो पट्टा रामु के गले में बाँध दिया और तीनों सोफे पे आराम से बैठ गईं. उन्होंने रामु से कहा- तुम्हें बहुत बुरा लग रहा होगा लेकिन अगर तुम हमारे साथ सहयोग करोगे तो हम तुम्हारी लाइफ बना देंगी.
रामु कुछ नहीं बोला.
फिर सोनल ने कहा- चल मादरचोद यहाँ हमारे पास आके हमारे तलवे चाट.
रामु ने सोनल के तलवे चाटना शुरू किए.कोई 5 मिनट तक चाटने के बाद एकदम से उसने रामु के मुँह पे लात मारी और रामु नीचे गिर गया. फिर सोनल और कविता ने रामु के मुँह पर थप्पड़ों की बारिश शुरू कर दी. रामु 10-12 तक तो गिन पाया, फिर भूल गया. रामु के गाल एकदम लाल हो गए थे. रामु की आँखों से आँसू निकल रहे थे और वो तीनों हंस रही थीं.
तभी कविता बोली- आज इसके लण्ड को छोटा कर देते हैं.साले का ज़्यादा ही बड़ा है.
यह सुन कर रामु की हालत खराब हो गई. तभी कविता बोली- नीचे लेट जा.
रामु फर्श पर लेट गया तो तीनों उसे घेर कर खड़ी हो गईं. फिर मोनिका तो उसके ऊपर अपना पूरा वजन रख कर खड़ी हो गई,कविता उसकी बाल्स को दबाने लगी और सोनल ने तो उसके मुँह पर अपनी गांड रख दी और चाटने को बोला.
रामु बिना कुछ कहे उसकी गांड चाटने लगा. तभी रामु की बॉल्स पे लगातार लातें पड़ रही थीं जिससे रामु दर्द से कांप रहा था.
ये सब लगभग आधा घंटा तक चला.
फिर कविता अपनी गांड रामु के मुँह पे रख कर बैठ गई और बोली- चाट मादरचोद..
रामु उसकी गांड चाटने लगा, उसे मजा आ रहा था. सोनल ने उसकी दोनों टांगें फैला दीं और रामु की गांड में उंगली डालने लगी. मोनिका उसका लंड चूसने लगी.
अब रामु की हालत एकदम खराब हो चुकी थी. दो मिनट में ही रामु का लंड छूट गया, जिसको देख कर एक बार फिर से उसके ऊपर लातों और थप्पड़ों की बरसात शुरू हो गई.
फिर उन तीनों ने रामु को बेडरूम में कुत्ते की तरह चलने को कहा. सोनल बोली- बेड पर लेट जाओ.
रामु ने वैसा ही किया, फिर कविता ने उसके दोनों हाथ बेड के साइड से रस्सी से बाँध दिए, रामु को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसके साथ अब क्या होने वाला है.
मोनिका उसके मुँह पर अपनी गांड रख कर बैठ गई और उसे चाटने को बोला. कविता उसके निप्पलों को काटने लगी और सोनल उसके लंड को पागलों की तरह चूसने लगी. बीच-बीच में वो उसे मारती और गालियाँ देती रहीं.
काफ़ी देर तक ऐसा होने के बाद उसके साथ जो हुआ, रामु कभी सोच भी नहीं सकता था. मोनिका उसके मुँह पर बैठी थी वो रामु के मुँह पर ही पूरी झड़ गई और उसे अपना चुत रस चाटने को बोला. रामु ने वैसा ही किया.
क्या मस्त टेस्ट था उसके चुत रस का. मजा आ गया.
फिर उन तीनों को पेशाब आई और उन्होंने रामु से कहा कि तुम काफ़ी प्यासे हो गए हो और हम सब तेरे मुँह में ही मूतना चाहेंगे.
ये सुन कर रामु डर गया.
और उन्होंने धमकी दी कि मादरचोद यदि हमारा बेड खराब हुआ हो तुम्हारी खैर नहीं.
रामु और भी डर गया.
फिर एक-एक करके तीनों ने उसके मुँह में मूता, रामु ने बड़ी सावधानी से एक-एक ड्रॉप पी लिया.
रामु ने अपनी लाइफ में दूसरी बार किसी का मूत पिया था. अजीब तो था लेकिन उसे बहुत मजा आ रहा था.
उसके बाद सोनल ने उसे बाथरूम में जाकर फ्रेश होने को बोला और कहा- अभी 15 मिनट का ब्रेक है..
सुबह के 4 बज चुके थे और ये सब थकने का नाम नहीं ले रही थीं. 15 मिनेट बाद सोनल ने सबको छत पर चलने को बोला, वहाँ काफ़ी जगह थी. सोनल ने रामु के पैर को हवा में करके सामने वाली विंडो में बाँध दिया और उसके हाथ बाल्कनी की साइड से बाँध दिए. अब रामु एक तरह से हवा में लटका हुआ था. जैसे लोगों के गाडर्न में रस्सी वाला झूला होता है. रामु बिल्कुल भी अनुमान नहीं लगा पा रहा था कि अब क्या होने वाला है.
तभी कविता ने उसकी गांड पर जोर-जोर से मारना शुरू किया और सोनल ने रामु के मुँह पर.रामु दर्द से चिल्ला रहा था. कोई 15-20 मिनट तक मारने के बाद रामु का बुरा हाल था. फिर उन्होंने उसे छोड़ा करीब 2 मिनट बाद रामु ने नोटिस किया कि उसकी गांड पर सोनल कोई जैल लगा रही है. रामु की हवा खराब हो गए कि अब पता नहीं ये क्या करने वाली हैं.
तब कविता मुस्कुराई और बोली- अबे गान्डू इतना मत सोच. अभी सब समझ आ जाएगा.
रामु डर गया.
कुछ देर तक जैल लगाने के बाद उसे आराम फील हो रहा था लेकिन वो आराम नहीं, उसके लिए हराम था. उसे वहीं छोड़ कर तीनो नीचे चली गईं. उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था. करीब 20 मिनट वो तीनों आईं. अब तक अब तक बाहर थोड़ी थोड़ी रोशनी हो गई थी तो कुछ लोग अपार्टमेन्ट में दिखने लगे थे. रामु की तो हालत खराब हो गई.ये शायद उन्हें भी सही नहीं लगा तो उन्होंने उसे वहाँ से नीचे अन्दर ले जाकर बेड पे लेटा दिया. और वैसे ही उसके हाथ बाँध दिए. फिर कविता और मोनिका उसके पैर के पास आईं और उसके पैर को काफ़ी फैला कर अपने हाथ से जोर से पकड़ लिया. सोनल वहाँ नहीं थी, उसकी कुछ समझ नहीं आ रहा था.
तभी सोनल वहाँ आई. उसने स्कर्ट पहना हुआ था, वो रामु के पास आई और अपनी पेंटी उतार कर उसके मुँह में अन्दर तक भर दी और बोली- सुन बे मादरचोद ज़रा भी आवाज़ की ना तो समझ जाना.
रामु ने हाँ में सिर हिला दिया. सोनल ने अपनी स्कर्ट उठायी तो देख कर रामु की तो हालत खराब हो गई. सोनल ने बहुत बड़े साइज़ का डिल्डो वाले लंड लगाया हुआ था.
अब रामु समझ गया की उसकी गांड मारने वाली हैं. ये सोच कर ही उसकी फट रही थी. फिर उसने अपना डिल्डो रूपी लंड रामु के मुँह में दे दिया और कहा- चूस इसे कुत्ते.
रामु नकली लंड चूसने लगा.
उसे काफ़ी देर चूसने के बाद कविता और मोनिका ने पहले के जैसे ही उसके पैरों को फैलाया और सोनल ने अपना डिल्डो में उसकी गांड में डालना शुरू किया. रामु की हवा खराब थी, रामु चिल्ला भी नहीं सकता था. पहले तो सोनल धीरे-धीरे अन्दर डालने की कोशिश कर रही थे. लेकिन एकदम से उसने बहुत तेज झटका मारा और पूरा लंड रामु की गांड में चला गया. रामु के मुँह से चीख निकल गई.
रामु की चीख आरती के कानों तक पहुची। आरती जल्दी से अपने कमरे से बाहर की ओर भागी और डोर खोलकर एक बार बाहर की ओर देखा कोई नहीं था सबकुछ शांत था धीरे से उसने नजर ऊपर की ओर जाती हुई सीढ़ियो पर ले गई थी वहां भी शांति थी
आरती बाहर निकलकर सीढ़िया चढ़ने लगी थी रामू काका के कमरे में वो पहले भी आई थी आरती ने कमरे में देखा पर रामु तो कमरे में नहीं है कहाँ है शायद नीचे होगा क्या करे वही वेट करे नहीं नहीं ऐसा नहीं वो जल्दी से अपने कमरे की ओर जाने लगी थी पर थोड़ी दूर जाकर वो रुक गई थी क्या कर रहा है रामु नीचे अभी तक। आरती से नहीं रहा गया और वो धीरे-धीरे नीचे की ओर चल दी किचेन में लाइट नही जल रही थी रामु कहा होगा। डाइनिंग स्पेस में आते ही उसे रामु की आवाज सोनल के कमरे में सुनाई दी। आरती तुरन्त सोनल के रूम की तरफ गयी। सोनल के रूम का डोर लॉक नही था, आरती ने रूम के अंदर झांका तो उसकी आंखें फटी रह गयी,
अंदर जिस इंसान ने अपनी चुदाई से उसे रण्डी बना दिया था उस इंसान की गांड में उसकी बेटी एक नकली लन्ड गुसा कर उसकी गांड को चोद रही थी, साथ मे रामु की खुद की बेटी और कविता भी मौजूद थी।
आरती ने देखा सोनल अब आगे पीछे होने लगी। रामु दरद से बिलबिलाने लगा।कुछ देर बाद में रामु को बहुत मज़ा आने लगा। मोनिका की चूत भी बहुत अच्छी थी, रामु उसकी चूत में अपनी जीभ को अंदर तक घुसाकर चूसने लगा। फिर करीब दस मिनट जीभ से चोदने के बाद मोनिका झड़ गई और रामु लगातार चूसता रहा। अब कुछ देर बाद सोनल रामु को किस करने लगी और अब कविता ने वो अपनी कमर पर बांध कर रामु की गांड में डाल दिया तो रामु को बहुत दर्द हुआ।
फिर क्या था. वो तीनों बारी-बारी से उसकी गांड मारती रहीं. कम से कम 1 घंटा से ज़्यादा उन्होंने उसकी गांड मारी होगी.
अब लगभग सुबह के 7 बज रहे थे, तीनों ने उसके मुँह में अपना चुत रस छोड़ा. और पूरा चाट जाने को कहा. रामु ने वैसा ही किया.
फिर रामु को वहाँ से भेज दिया, लड़खड़ाते हुए रामू अपनी घायल गांड को लेकर अपने कमरे में आ गया। वहा वो तीनों बिस्तर पर पसर गयी और सो गई।
आरती ने पुरी महाभरत अपनी आँखों से देखी और फिर रामु के आने से पहले अपने रूम में गयी।
रूम में पहुच कर आरती अपने बेड पर लेट गयी, रवि अभी भी सो रहा था, आरती ने जो देखा था उसे यकीन नही आ रहा था कि सोनल जैसे लड़की रामु जैसे आदमी की गांड मार साख्ति है, रामु जैसा मजबूत व्यक्ति ऐसा करवा सकता है, उष्को ये भी नही समझ आ रहा था कि जिस नकली लण्ड का उसने सुना भी नही था, उसकी बेटी उष्को अपने पास रखती है। क्यो रामु कुछ नही कर रहा था। क्यो वो उन लड़कियों के सामने बेबस था।
सोचते सोचते आरती की आंख लग गयी।
सुबह आरती की आंख लेट खुलती है, जब वो उठती है तो देखती है कि रवि कमरे में नही है, आरती फ्रेश होकर नीचे आती है, नीचे आज भी जया काकी ही किचन में थी,
जया-- उठ गई बहु रानी, वो रवि बाबू बोल कर गए है कि वो फैक्टरी जा रहे है,और अगर आप जब उठे तो बोल दु कि अगर आपका मन हो तो फैक्टरी आ जाना वर्ना रेस्ट कर सकती है।
आरती कुछ नही कहती और डाइनिग टेबल पर चली जाती है, जया काकी आरती को चाय देती है
आरती-- काकी आज फिर काका नही दिख रहे है,
जया-- हां बहु आज भी उनकी तबियत ठीक नही है।
आरती मन मे सोचती है, हा कहा से ठीक होगी रातभर गांड चुदाई करवाने पर।
आरती चाय पीकर अपने कमरे में चली जाती है, और बिस्तर पर लेट जाती है,
उसके माइंड में अब भी रात का नजारा ही था, कैसे रामु झुका हुआ अपनी गांड मरवा रहा था,
आरती झुंझलाते हुए उठती है ओर बाथरूम में गुस जाती है,
नीचे सोनल की आंख खुलती है तो देखती है कि कविता और मोनिका अभी तक सो रही है, सोनल उठकर बाथरूम में चली जाती है, और फ्रेश होकर बाहर आती है और कविता और मोनिका को उठाती है।
कविता और मोनिका उठती है और दोनो एक साथ बाथरूम में गुस जाती है, दोनो की हालत देखकर सोनल की हंसी छूट जाती है।
मोनिका बाथरूम से बाहर निकलती है और अपने कपड़े पहनकर बाहर चली जाती है।
जब मोनिका बाहर निकलती है तो किचन में जया काकी मिलती है, मोनिका उनको अनदेखा करके क्वाटर में चली जाती है। जया उष्को जाते हुए देखती रह जाती है।
कुछ देर में सोनल और कविता बिना खाना खाएं बाहर निकल जाती है,
आरती जब नीचे आती है तो जया उष्को बता देती है,
आरती का पूरा दिन ऐसे ही गुजर जाता है, रामु उष्को दिखाई नही देता, उसका मन बैचैन था उससे मिलने को,लेकिन वो पूछेगी क्या की क्यो वो लड़कियों से गण्ड मरवा रहा था,
आरती अपने मन मे , नही अभी कुछ नही पुछुगी रामु से। पहले निगाह रखती हूं कि चक्कर क्या है।
शाम को सोनल का फोन आता है कि वो कविता के घर पर रुकेगी। आरती की आंखों में चमक आ जाती है कि आज वो रामु से चुदगी बिना डर से।
लेकिन रामु तो आज किचन में आया ही नही,तो क्या हुआ मैं खुद चली जाऊँगी कमरे में, आरती मन मे सोचती है।
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