RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
रामु- कुछ देर बाद चला जाऊँगा बहू बस थोड़ी देर रहने दे कितनी कोमल और नाजुक है तू मन नहीं भरा अभी
आरती चुपचाप उसकी बाहों में बँधी हुई धीरे-धीरे गहरी नींद के आगोस में जाने लगी थी बालों से भरा हुआ वो आदमी उसे बड़ा अपना सा लग रहा था सेक्स का जुनून उतरने के बाद भी वो इंसान उसे कितने अच्छे से पूछ रहा था और कितनी मिन्नत कर रहा था उसे यहां रहने देने के लिए सबकुछ भूलकर आरती शांति से उसे सख्स की बाहों में सो गई थी
आरती जब उठी तो उसे नहीं मालूम था कि कितने बजे है या कहाँ है पर एक मजबूत हाथों की गिरफ़्त में ही उठी थी बड़ा ही अपना पन लिए हुए और बहुत ही प्यार से उसके शरीर के हर अंग को छूते हुए दो मर्दाना हाथ उसके शरीर पर घूम घूमकर उसे उत्तेजित करते हुए शायद उत्तेजना के चलते ही वो उठी थी उसका कोमल शरीर जाग गया था पर आखें अब भी बंद थी उन हाथों के साथ-साथ होंठों को भी अपने शरीर पर चूमते हुए और कही कही गीलाकरते हुए वो महसूस कर रही थी वो नहीं जानती थी कि रामु रात भर यही था या चला गया था पर हाँ इतना जानती थी कि यह रामू ही था
शायद कल रात को जो उसने इसके साथ किया था वो अब तक अधूरा था और रामु को और भी कुछ चाहिए था आरती जो की नींद में ही थी अपनी आखें खोलकर नहीं देखना चाहती थी बस उन हाथों और होंठों के मजे लेना चाहती थी और खूब लेना चाहती थी कल जो कुछ भी हुआ था उसने आरती के अंदर फिर से उस आग को हवा देदि थी जिसमें की वो पहले भी जल चुकी थी रामु जो की सुबह सुबह अपने आपको ना रोक पाया था वो अपने सपनो की रानी अपनी काम रति को अपने ढंग से और अपने तरीके से एक बार उसके जाने से पहले भोग लेना चाहता था इसलिए सुबह सुबह अपने कमरे में जाने से पहले वो आरती पर टूट पड़ा था
उसके अंदर एक ज्वाला थी जिसे वो शांत कर लेना चाहता था अपने आपको ना रोक पाकर वो आरती के शरीर से खेलने लगा था जो की आराम से बेड पर साइड की और होकर सोई हुई थी गोरी गोरी जाँघो के साथ पतली सी कमर और फिर कंधे से नीचे की ओर जाते हुए बालों का समूह और उसपर से थोड़ा सा हिस्सा उसके शानदार और उठे हुए सीने का दृश्य उसे ना रोक पाया था और वो आरती के शरीर को थोड़ा सा सीधा करते हुए अपने होंठों को और हाथों को जोड़ कर आरती के शरीर का जाएजा लेने लगता और उधर आरती अभी थोड़ा सा छेड़ छाड़ के बाद उठ चुकी थी पर आखें अब भी बंद किए एक परम सुख का एहसास को संजोने में लगी हुई थी आरती कोई ना नुकर नहीं कर रही थी बल्कि अपने हाथों से रामु की बाहों को पकड़कर और फिर धीरे से अपनी बाँहे उसके गले में पहना कर अपने तरीके से उसे एक मूक
आमंत्रण दे डाला था रामु जो की ना तो जल्दी में था और नहीं कोई चिंता थी उसे तो बस इस देवी के शरीर की भूख थी जो वो अपने तरीके से बुझाना चाहता था वो अब तक उसके अंदर सामने की कोशिश करता जा रहा था और आरती भी अपनी जाँघो को खोलकर हल्की हल्की सिसकारी भरती हुई अपने अंदर उसके लिए जगाह बनाने में लगी हुई थी थोड़ा सा अपने आपको उसे अड्जस्ट करना पड़ा था पर कोई बात नहीं उसे आपत्ति नहीं थी रामु भी जल्दी ही उसके अंदर तक समाता हुआ अपने काम में लगा हुआ था नहीं ही कोई प्रश्ना चिन्ह और नहीं ही कोई आपत्ति नहीं कोई बात और नहीं ही मनाही बस सेक्स पूरा सेक्स वो भी प्यार भरा ना कोई जल्दी ना कोई हार्षनेस ना कोई तकलीफ ना कोई अनिक्षा दोनों अपने आखें बंद किए हुए लगातार एक दूसरे को अपने अंदर समा लेने की कोशिश में लगे हुए थे चाल धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी सांसों का रेला अपने बाँध को लगने वाला था
पर कोई बात नहीं बस हमम्म्मम सस्स्स्स्शह के अलावा कमरे में कोई और आहट नहीं थी शायद सांसों की आवाज ने सबको शांत कर दिया था सेक्स का यह खेल देखने को शायद सबकुछ शांत बैठे थे कमरे की हर अपनी जगह पर था और आरती रामु के इस अंतरंग संबंध का गवाह बनती जा रही थी आरती की बाँहे धीरे-धीरे रामु के गले के चारो ओर कस्ति जा रही थी वो इस खेल में इतना डूब गई थी और रामु इस खेल का पूरा नियंत्रण अपने हाथों में लिए आरती की गिरफ़्त का हर संभव जवाब देता जा रहा था उसकी कमर जो की अब तक धीरे-धीरे चल रही थी अब तेज चलने लगी थी सूनामी का रेला उस कमरे में एक तुफ्फान के आने का संकेत कर चुका था और वो दोनों ही सुबह सुबह का यह खेल जल्दी से निपटा लेने के मूड में थे
आरती तो यह भी नहीं जानती थी कि कितने बजे है पर शायद रामु जानता था इसलिए अपने आपको जल्दी से खेल के समापन की ओर बढ़ा ले चला था आरती के अंदर का रक्त उसके चुत की ओर बढ़ने लगा था लगता था कि हर अंग का खून उसके चुत की ओर ही जा रहा था और वो दाँत भिंचे रामु को और जोर से जकड़ रखा था रामु भी पूरी रफ़्तार से आरती को भोगते हुए अपने अंतिम चरण की ओर भागते हुए उसके ऊपर छा गया था और जोर से सांसें फेकने लगा था आरती जो कि उसकी दोनों जाँघो ने अब तक रामु की कमर को चारो ओर से जकड़ रखा था धीरे-धीरे कस्ति हुई आख़िरी बार अपनी ओर से भी प्रयास करती हुई चढ़कर शांत हो गई थी। कुछ देर बाद रामू चुपचाप उठकर कपड़े पहनकर कमरे से निकल गया।
थोड़ी देर बाद आरती वापस अपने कमरे में आकर रवि के पास सो गई, उसे लगा वो सो रहा था पर?
जब रवि सुबह उठे तो आरती को कुछ अलग सा बरताव करते लगे, वैसे तो आरती रवि से जल्दी उठ जाती थी पर उस सुबह उसका पूरा बदन टूट रहा था, पूरी रात चुदाई करके आरती बुरी तरह थकी हुई थी मानो शरीर में जान ही न हो उठने की! हिम्मत बिल्कुल नहीं थी!
रवि उठा और शोरूम जाने के लिये तैयार होने लगा, जाते जाते रवि ने अपने लिए नाश्ता बनवाया जया काकी से और नास्ता करके चले गये!
रवि को आरती ने बता दिया था उसकी तबीयत ठीक नहीं है तो रवि ने जाते जाते उससे कहा नाश्ता करके, अलमारी में गोली रखी है, खा लेना, सारा दर्द चला जायेगा ऊपर से नीचे तक का!
यह सुन कर आरती को कुछ अजीब सा लगा!
रवि चला गया, आरती थोड़ी देर सोने के बाद जब उठी तो उसकी गांड में थोड़ा थोड़ा दर्द सा हो रहा था, आरती नहाने गई तो उसने देखा कि उसकी गांड सूज के फूली हुई थी और एकदम लाल हो रही थी!
आरती नहा कर निकली, नाशता किया, इतने में सोनल का फ़ोन आ गया. सोनल ने कहा कि अभी वो स्कूल जा रही है और शाम को भी आज वो कविता के घर ही रुकेगी।
फ़ोन कटने के बाद आरती ने देखा कि किचन में रामु काका अकेले हैं, आरती ने रामु से थोड़ा मजाक करने का सोचा।
आरती किचन में गयी और रामु को कहा- काका, रवि को सब पता चल गया है, सुबह उन्होंने तुम्है कमरे से निकलते देख लिया! अब मैं आपसे बात नहीं कर सकती, अब मेरे पास मत आना कभी!
रामु काका यह बात सुन कर घबराने लगा और बोलने लगा- मैं अब क्या करुगा बहु। मालिक मुझे घर से निकाल देंगे।
आरती-- अब मैं क्या करूँ काका,
रामु - ऐसा मत कहो, मैं तुमसे नहीं मिलूंगा पर घर से निकलने से रोक लो!
कुछ देर बाद रामु काका को आरती ने बता दिया- ऐसा कुछ नहीं हुआ है, मैं आपसे मजाक कर रही थी.
रामु काका से बात करने के बाद आरती पूरा दिन सोती रही, शाम को जब रवि घर आया तो पूछने लगा- तबीयत ठीक है?
तो आरती ने हाँ कह दिया.
फिर अचानक बोले- नीचे का दर्द ठीक है?
आरती सुनकर चौंक गई,
आरती पूछने लगी- क्या मतलब?
तो रवि बोला- तुमने ही तो कहा था सर से पैर तक सब दर्द कर रहा है!
आज आरती कुछ अलग सा महसूस कर रही थी, उसके पति के देखने का अंदाज, उनके बोलने का अंदाज, उनकी हरकतें सब कुछ जैसे अलग सा लग रहा था!
आरती के कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आज हो क्या गया.
आरती ने जब पूछा तो रवि बोला- आज बहुत मजा आने वाला है!
आरती ने सोचा कि आज लगता है चूत मारने के मूड में हैं तभी ज्यादा मस्ती में हो रहे हैं.
तो आरती ने पूछा तो रवि बोला-- आज तुम्हारी गांड चुदाई करेंगे.
यह सुन कर आरती डर गई कि मेरी गांड तो पहले से सूज रही है और दर्द हो रहा है, इन्होंने देख लिया तो क्या सोंचगे और मैं क्या बोलूँगी कि किस से चुदवाई है.
ये तो देखते ही समझ जायेंगे!
आरती ने मना कर दिया- आज नहीं, मेरा मूड नहीं है!
रवि कहने लगा- मूड तो बन जायेगा! आज इतने दिन के बाद तो मेरा मूड बना है, तुम मना कर रही हो?
आरती ने कहा- मेरी तबीयत ठीक नहीं है, फिर कभी कर लेना!
रवि तो मान ही नहीं रहा था वो तो कुछ अलग ही सोच कर आया था और आरती के दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी! आरती मन में सोच रही थी पहली बार गांड चुदाई की, वो भी आज पकड़ी जाऊँगी. मैं यही सोच रही थी कि क्यों किया मैंने ये सब… आज अगर पकड़ी गई तो मैं कहीं की नहीं रहूँगी, ये मुझे तलाक दे देंगे!
अब जो होना था हो गया पर आरती रवि को मना किये जा रही थी और वो उसे मनाने में लगा था!
थोड़ी देर बाद रवि ने अपने बैग से दारू की बोतल और एक बियर की बोतल निकली और आरती को साथ बैठने को कहा, बोला- आज तुम और मैं साथ पियेंगे!
यह सुनते ही आरती बोली- पागल हो गये हो क्या? रवि बोला- नहीं यार, दोस्तों के साथ तो बहुत पी है पर आज अपनी बीवी के साथ पीने का मूड है!
आरती ने कहा- तुम पीओ, मैं सामने बैठी हूँ.
रवि बोला- नहीं, तुम भी मेरे साथ पीओ!
आरती ने मना कर दिया पर रवि ज़िद किये जा रहा था- तुम दारू मत पीना, बियर पी लेना, बियर पीने से कुछ नहीं होगा!
आरती बोली- चाहे दारू हो या बियर… मैंने कुछ नहीं पीनी!
पर रवि ज़िद पर अड़ा था!
आरती मन ही मन सोच रही थी कि आज कुछ तो गड़बड़ है नहीं तो ये इतनी ज़िद कभी नहीं करते और आज मुझे बियर पिला रहे हैं.
खैर बात बात में रवि ने दो गिलास में पैग बना दिया एक में अपने लिये दूसरे में बियर आरती के लिए!
आरती के मना करने के बाद भी उसे पीने को बोले जा रहा था, आरती ने मना कर दिया तो रवि बोला- तुम्हारी सारी तबीयत ठीक हो जायेगी और तुम्हारा मूड भी बन जायेगा!
आरती का मूड क्या बनेगा… आरती की तो हालत खराब थी, पीने के बाद क्या होगा पता नहीं!
रवि फिर बोला- पी लो, फिर बैठ कर बात करते हैं.
आरती ने पूछा- किस बारे में?
रवि बोला- बस ऐसी ही… आज तुम कुछ ज्यादा सेक्सी लग रही हो!
तो आरती बोली- मेरी तबीयत ठीक नहीं है और मैं तुम्हें सेक्सी लग रही हूँ!
जैसे ही आरती ने बियर का एक घूंट पिया, उसे तो उल्टी सी होने लगी, इतनी कड़वी… पता नहीं लोग कैसे पीते हैं, आरती ने जिंदगी में एक दो बार से ज्यादा नहीं पी थी, आज पहली बार बियर का टेस्ट लिया था!
रवि बोला- पहली बार हर नई चीज बुरी लगती है, बाद में अच्छी लगने लगती है!
आरती एक सांस में पूरी पी गई फिर दोनों बात करने लगे!
बात करते करते रवि एक एक पैग बनाते गया और पीते गया, आरती भी धीरे धीरे बियर पीती गई.
थोड़ी देर बाद तो मानो जैसे आरती को कोई डर नहीं और कोई दर्द नहीं… सब ठीक हो चुका था.
बस फिर क्या था! आरती का भी चुदाई का मूड बन चुका था.
दोनो ने नशे में खाना खाया और बेड पर चले गए आरती तो एक बियर में ही होश खो बैठी थी! उसे कुछ पता ही नहीं चल रहा था कि वो क्या बोल रही है क्या कर रही है!
आरती ने अपने कपड़े उतार कर फेंक दिये और रवि के ऊपर गिर गई.
रवि उसे जोर जोर से किस कर रहा था.
रवि ने उससे पूछा- अब तबीयत ठीक हो गई?
आ
आरती ने रवि से कहा- बात बाद में… पहले जो कर रहे हो, वो करो!
रवि उसके मोम्मे चूसने लगा, आरती भी चुदाई के नशे में थी पर जो मजा कल आ रहाँ था, वैसा मजा नहीं आ रहा था आरती को. पर बियर के नशे में सब अच्छा लग रहा था!
तभी रवि ने उसकी गांड को हाथ लगाया. वो फूली हुई थी तो रवि बोला- तुम्हारी गांड आज कुछ अलग सी लग रही है? सूजी हुई सी।
तो आरती एकदम से डर गई कि अब क्या बोलूँ? तभी आरती ने कहा- चुदने के लिये तैयार है, तुम बस अपना लंड निकाल कर डाल दो!
रवि बोला- नहीं, पहले मैं चाट कर रस पिऊंगा फिर डालूँगा!
आरती अब कुछ बोल ही नहीं पाई कि क्या करें, बस जो होना है वो होगा.
तभी रवि नीचे हुऐ और नशे में आरती की गांड को चाटने लगे. उम्म्ह… अहह… हय… याह… जब रवि ने देखा कि उसकी गांड फूली हुई है तो बोले- आज तुम्हारी गांड कुछ ज्यादा ही मूड में लग रही है या फिर कल की चुदाई का नशा अभी तक चढ़ा हुआ है?
यह बात सुनते ही आरती के तो होश उड़ गये, उसकी पूरी दुनिया ही घूम गई, उसका सारा नशा एक पल में उतर गया, उसकी कल की चुदाई के बारे में इन्हें कैसे पता चला?
आरती ने रवि से डरते हुऐ पूछा- कल की चुदाई? कल हमने चुदाई कहाँ करी थी?
तो रवि बोला- हमने नहीं की, तुमने तो की थी!
‘मैंने चुदाई की? किसके साथ? तुम्हें नशा चढ़ गया है, तुम कुछ मत करो, सो जाओ!’ आरती ने थोड़ी हिम्मत करते हुए बोली।
रवि बोला- तुमने कल रात भर चुदाई का मजा लिया… मैंने देखा था, मुझे दारू नहीं चढ़ी है और मैं सब जानता हूँ!
दोनों उठ कर बैठ गए फिर एक दूसरे से बात करने लगे!
आरती ने पूछा- तुमने क्या देखा?
रवि-- जो तुमने पूरी रात किया!
आरती- तुम तो सो रहे थे?
रवि बोला- सो तो हमेशा जाता हूं लेकिन तुम्हारी कहानी मुझे शुरू से पता है इसीलिये मैंने आज तुम्हें पिलाई है कि तुम मेरे से खुल कर बात करो. तुम सुबह भी डरी हुई थी इसलिये मैं चुपचाप शोरूम चला गया!
आरती- तुम्हें जब सब पता था तो कुछ बोले क्यों नहीं और तुम्हें पता कैसे चला?
रवि बोला- जिस दिन हम बार मे पी कर आये थे, मैंने उसी रात देख लिया था तुम्हे बाहर जाते लेकिन नशे में पीछा नही कर पाया और उस दिन मुझे तुम्हारे ऊपर शक हुआ, फिर दूसरे दिन मैंने रात को कमरे को बाहर से बंद पाया, अब मैं तुम्हारी चुदाई होते हुए पकड़ना चाहता था, उस दिन का मैं इंतज़ार कर रहा था पर तुम बहुत चालक थी,तुम तो रोज जाती लेकिन मैं थकान की वजह से सो जाता था! मैं तुमारा रंडी पना देखना चाहता था कि कितना गिरती हो तुम चुदाई के लिए।
यह सब सुनकर तो आरती को विश्वास नहीं हो रहा था कि रवि उसे किसी और से चुदाई करते हुए पकड़ना चाहता था और वो ये सोच रही थी कि वो अपने पति को धोखा दे रही है पर यहाँ तो उसके पति को उसकी हर चुदाई का मालूम था। बस देखने के इंतजार में थे!
तब आरती ने उससे पूछा- तुम जानबूझ कर मुझे उकसा कर घर लाते थे?
रवि बोला- नहीं, शुरू में मेरी कोई मंशा नही थी! जब तक मेरे को इस बारे में कुछ नहीं पता था!
तब आरती ने रवि से पूछा- कल कैसे देखा?
तो रवि बोला- खाने के वक़्त ही मैं तब समझ गया कि तुम्हारा आज कुछ करने के मूड में है! मैं नींद में होने का नाटक कर रहा था और जब तुमने मुझे सोते को चेक किया तो मैं समझ गया था कि आज मुझे सब देखने को मिलेगा और मुझे तुम्हारी चुदाई दिखाने में तुम्हारा भी हाथ है!
यह सुन कर आरती थोड़ा हिल गई उसका हाथ उसे तो कुछ पता ही नहीं था!
तो रवि ने बताया कि जब तुम रामु के पास जा रही थी तब रामु को तुमने अंदर खीच लिया था और तुम दोनों ही इस कमरे का दरवाजा बंद करना भूल गए थे!
तब उसे याद आया कि है दरवाजा तो पूरी रात खुला हुआ था, ना रामु ने बंद किया न उसने… और सारे घर की लाइट बंद थी इसलिए उन्हें पता ही नहीं चला कि कोई उनको देख रहा है.
और फिर रवि ने बताया कि उसी दरवाजे की आड़ में खड़े होकर उनकी पूरी चुदाई का मजा लिया!
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