Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
08-27-2019, 01:40 PM,
#88
RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
मुझे मालूम है तुझ जैसी चुदासी लड़की को बड़े और मोटे लंड बहुत पसँद होते हैं...! हर शहरी आधुनिक लौंडिया को लंड अपनी चूत में लेके अपनी चूत का भोंसड़ा बनाना पसँद होता है.. तू उनसे कोई अलग नहीं है। तू भी सब मॉडर्न लड़कियों की तरह चुदासी है। साली अगर तुम लडकियो को मेरे जैसे देहातियों के तँदुरुस्त लंड मिल जावें तो तुम हमारी राँडें बन के रहो। तुझे तो अपने आप पे शर्म आनी चाहिये रंडी कि मेरे इस लंड के सैलाब में तेरी चूत जो झड़ गयी।

सोनल को खुद से घिन्न आने लगी और दिल ही दिल उसपे बहुत गुस्सा आया कि उसने उसकी चूत चोद के उसे झड़ने पे मजबूर कर दिया। उसने अपना लंड सोनल की चूत में से निकाल के उसकी गाँड पे रख दिया। सोनल तो जैसे नींद से जाग उठी और फिर काँप गयी जब सोनल की गाँड के छेद पे धक्क लगा।

यही तो सवाल था मेरी राँड... तुझे मेरा लंड अपनी चूत में पसँद है या फिर मैं उसका नमूना तेरी इस कसी हुई गाँड को भी दिखाऊँ... बोल कुत्तिया बोल!

नहींईंईंईंईंईं... प्लीईईईईज़ नहीं मेरी गाँड नहीं...!सोनल चिल्लायी।

क्यों साली। टाईट साड़ी और ऊँची हील की सैंडल पहन के बहुत गाँड मटका-मटका के चलती है... ले ना एक बार मेरा मूसल अपनी गाँड में... तेरी गाँड को भी पता चले कि ऐसा मस्त लंड क्या होता है! उसने गुर्रा के कहा।

सोनल उसके सामने काफी गिड़गिड़ायी। वो बेशर्मी से हँसते हुए सोनल के मम्मों को मसलता रहा। सोनल की चूंचियाँ जैसे हिमालय की चोटियों की तरह तन गयी थी। उसने चूचियाँ गरम कर के ऐसी कठोर बना दी थीं कि अगर ब्लाऊज़ पहना होता तो शायद उसके सारे हुक टूट गये होते।

प्लीईईई...ज़ज़ मेरी चूत में डालो अपना काला मोटा लंड प्लीज़ उसे फाड़ दो बना दो उसे भोंसड़ा प्लीज़... लेकिन मेरी गाँड मत मारो। मैं तुम्हारी राँड बनके रहुँगी। तुम कहोगे तो तुम्हारे दोस्तों से भी चुदवाऊँगी लेकिन मेरी गाँड को बख़्श दो... प्लीज़ मेरी चूत को चोदो। मुझे बहुत पसँद है की तुम्हारा लंड मेरी चूत में जाके उसका भोंसड़ा बना दे... प्लीज़ मुझे अपने लंड से चोदो... मेरी चूत को चोदो...! सोनल को पता नहीं एक औरत कैसे यह सब कह सकती है किसी अजनबी मर्द को कि वो अपने लंड से उसकी चूत का भोंसड़ा बन दे। पता नहीं उसके मुँह से ये अल्फाज़ कैसे निकल आये... क्या यह सोनल का डर था या फिर उसकी चूत ही थी जो अपील कर रही थी।

बढ़िया मेरी राँड। मैं यही सुनना चाहता था!और उसने एक ही झटके में अपने काले मोटे लंड को सोनल की फुदकती हुई चूत में घुसा दिया। उसके ज़ोरदार झटके ने सोनल की सारी हवा निकाल दी थी। ऐसा लगा कि उसका लंड सीधा सोनल के गर्भाशय को छू रहा हो। वो अब ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूत के अंदर-बाहर हो रहा था। उसके लंड ने सोनल की चूत को एकदम चौड़ा कर दिया था और सोनल की चूत उसके इर्द-गिर्द मियान के जैसे चिपक गयी। उसकी जोरदार चुदाई ने सोनल की चूत को फलक पे पहुँचा दिया था। पुच्च.. पुच.. पुच्च... जैसी आवाज़ें आ रही थीं जब उसका लंड सोनल की चूत से अंदर-बाहर हो रहा था।

आहहहह आहहहह आहहह सोनल मैं अब तेरी चूत को अपने लंड के गाढ़े रस से भरने वाला हूँ! वो गुर्राया।

प्लीईईईईईईज़ ऐसा मत करनाआआआआ मैं तुम्हारा सारा रस पी लूँगी प्लीज़ मेरी चूत में अपना रस मत डालना मैं प्रेगनेंट होना नहीं चाहती हूँ!

उसका लंड अब बिजली कि तरह सोनल की चुत के अंदर-बाहर हो रहा था और जोर-जोर से अवाज़े निकालता था। सोनल की चूत अपने चूत-रस से एक दम गीली हो गयी थी और क्लिट तो मानो सूज के लाल-लाल हो गयी थी। सोनल की चूत-रस चू कर उसकी जाँघों पे बह रहा था और बारिश के पानी में मिल रहा था। अब उसने सोनल को उसके बालों से खींच के कार के हुड से नीचे उतारा और अपने सामने खड़ा कर दिया। सोनल अपने आप ही उसके कुल्हों को अपनी और खींच रही थी और उसे झटके दे रही थी।

आहहहह... आहहह और तेज... और तेज सोनल... और तेज चोद मुझे... और तेज!

सोनल जैसा वो कह रहा था वैसा करने लगी और एक राँड की तरह झटके देने लगी। सोनल को खुद पे बेहद शर्म आने लगी थी। मैं एक राँड बन गयी थी... उसकी राँड, मैं क्यों नहीं रूकी,मैं रुकना नहीं चाहती थी। सोनल मन मे सोचती है।

मैं अब झड़ने वाला हूँउँउँ छिनाल मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ मेरे साथ तू भी झड़ जाआआआ...!

उसने कस के अपना एक हाथ सोनल की कमर में डाल के एक जोर का झटका दिया और उसका लंड जैसे कि सोनल के गर्भाशय तक पहुँच गया।

आआआहह... आआआहहह...!वो चिल्लाया और उसे थोड़ा सा पीछे ठेल के उसकी गाँड कार के बोनेट पे टिका दी।

जब उसने अपने रस की पहली धार सोनल की चूत की गहराई में छोड़ दी तो उसकी पहली धार के साथ ही सोनल भी झड़ गयी। आआआहहहह.... आआआघहह..ओहहह... नहींईंईंईं...! सोनल की चूत उसके लंड के आसपास एकदम सिकुड़ गयी। उसके लंड-रस की दूसरी धार भी सोनल को अपनी चूत के अंदर महसूस हुई।

जब उसका लंड अपने रस से सोनल की भूखी चूत को भर रहा था,तब वो जोर-जोर से दहाड़ रहा था और चिल्ला रहा था। वो लगातार अपना रस सोनल की चूत में डाल रहा था। सोनल की टाँगों में ज़रा भी ताकत नहीं बची थी और सोनल अब बोनेट पे टीकी हुई थी। सोनल की टाँगें और बाहें हवा में झूला खा रही थीं और उसका मोटा काला लंड सोनल की चूत में अपना रस भर रहा था। वो आखिरी बार दहाड़ा और सोनल के ऊपर हाँफते हुए गिर गया। वो वहाँ बोनेट पे सोनल के ऊपर उसी हालत में कुछ पल पड़ा रहा और उसका लंड धीरे-धीरे सोनल की चूत में से अपने आप बाहर आने लगा। उसका गरम-गरम लंड-रस उसकी चूत में से बह कर बाहर टपक रहा था।

मममम.... सच मुच साली तू सबसे चुदास निकली... तेरे जैसी कई लड़कियों को चोदा है लेकिन तेरे जितना मज़ा मुझे किसी ने नहीं दिया...! वो हँसते हुए कहता गया और अपनी पैंट पहन के सोनल को नंगी हालत में छोड़ के चल दिया।

सोनल ने तब अपने कपड़ों की खोज की। टीशर्ट और पैंटी के तो उसने पहनने लायक ही नहीं छोड़ा था, फट कर चिथड़े ही हो गये थे। सोनल ने अपनी बरसात में भीगी हुई जीन्स पहनी और फिर किसी तरह गीली ब्रा पहनी। चूत तो अंदर नंगी ही रह गयी थी पैंटी के बिना। फिर अपनी फटी टीशर्ट को सीने पे ले आयी। नीचे तो सिर्फ़ ब्रा थी। फिर कार मे बैठ के चल पड़ी। अच्छी बात यह थी कि उस दिन घर में कोई जग नहीं रहा था। इसी लिए किसी ने सोनल को उस हालत मे नहीं देखा और किसी को उसके रेप के बारे में कुछ पता भी ना चला।
सोनल जैसे तैसे अपने कमरे में घुसी और सीधे बाथरूम में चली गयी, और शावर से अपने को साफ किया और न्नगी ही आकर बिस्तर पर लेट गयी।
सोनल लेते लेटे अभी हुई घटना को सोचने लगी कोन था वो कहा से आया और अचानक उष्को चोद कर चला गया। सोनल सोच रही थी कि उसका रैप हुआ या वो खुद चुद कर आई है।

सोनल अगले दिन सुबह जब उठती है तो उसे उसका शरीर खिला खिला महसूस होता है, शरीर मे ये तब्दीली उसे अपनी पहली चुदाई के बाद भी महसूस नही हुई थी। रात का मंजर याद करते ही उसकी चुत में फिर से पानी चुने लगा था, उसका मन कर रहा था कि रात वाला शख्स उसे फिर से दबोच ले और उसकी चुदाई कर दे।
सोनल फ्रेश होती है और बाहर हाल आती है, रवि और आरती उसे डाइनिग टेबल पर बैठे मिलते है, वो दोनो को गुड़ मॉर्निंग विश करती है और टेबल पर बैठ जाती है।
आज सोनल का मूड काफी अच्छा था, वो बहुत ही अच्छे तरीके से आरती के साथ भी बात कर रही थी।आरती सोच रही थी कि शायद सोनल उस वाक्य के बाद अब उससे बात नही करेगी लेकिन अभी जैसे सोनल आरती के साथ बात की उझसे आरती को बहुत खुशी हुई।
घर का माहौल फिर से नार्मल हो रहा था, रवि भी खुश था। तीनो ने नास्ता किया और रवि और सोनल शोरूम और स्कूल के लिए निकल गए।
सोनल स्कूल खत्म होते ही शोरूम पहुचती है। सोनल शाम को जानभुझ कर लेट होती है, और देरी से शोरूम से निकलती है। आज भी उसे पार्किंग साइट सुनसान मिलत्ती है। सोनल धीरे धीरे चारो तरफ देखते हुए आगे बढ़ रही थी। सोनल को लग रहा था कि कल की तरह आज भी वो आदमी जरूर आएगा।
सोनल पार्किंग में उस कोने में पहुच जाती है जहाँ काल उसका रेप मतलब चुदाई हुई थी। आज भी सोनल ने वही कार पार्क की थी। सोनल वहा अपनी कार के पास वेट करती है, लेकिन उसे कोई नही दिखता। कुछ देर बाद सोनल वहा से मयूश होकर निकल जाती है।
सोनल घर पहुचती है, रवि और आरती डिनर करके अपने कमरे में जा चुके थे। जया काकी किचन में ही थी वो सोनल के लिए खाना लगती है, सोनल डिनर करके रूम में चली जाती है।
सोनल अपने रूम में कपड़े बदल कर सोने की तैयारी करती है। सोनल जैसे ही बिस्तर पर लेटती है तो उसे ऐसे लगता है कि उसका शरीर उझसे कुछ कह रहा है।
उसका शरीर चुदाई मांग रहा था,आजतक कभी भी सोनल को ये महसूस नही हुआ था लेकिन कल के बाद से रह रह कर उसमें शरिर में ये कसक उठ रही थी।
सोनल ऐसे ही पूरे बिस्तर पर करवट पलटते हुए सो जाती है।
कुछ दिन यूँ ही गुजरते रहे। रोज सोनल और आरती एक दूसरे से छेड़छाड़ हंसी मजाक करते।
एक दिन सोनल को शोरूम पर एक लिफाफा मिलता है जिसे कोई उसके लिए काउंटर पर छोड़ कर गया था, उसमे एक पेन ड्राइव और एक लेटर था जिसमे लिखा था कि pendirve की वीडियोस घर जाकर देख लेना और फिर मुझे इस नंबर 09255***** पे काल करना। अगर तुम चाहती हो कि मैं किसी को कुछ ना कहूँ तो जैसे मैं कहता हूँ वैसा ही करो। इसी में तुम्हारी भलाई है।

पहले तो सोनल को बात समझ में नहीं आई कि वो लेटर वाला क्या कह रहा है। लेकिन जब घर आकर वो वीडियोस देखी तो सोनल की आँखें और मुँह हैरत से खुल गए। क्योंकि उसमें उस रोज की चुदाई को रेकार्ड किया हुआ था। वो भी सिर्फ वो सीन थे जिसमें खुद से सोनल लण्ड चूस रही थी और खुद चुत चोदने को बोल रही थी, वीडियो कहि से भी रेप का नही लग रहा था। सोनल ने उस दिए हुये नंबर पे काल की।

सोनल- ह…ह हेल्लो क…क क कौन…

उधर से- कौन?

सोनल- म…मैं सोनल बोल रही हूँ।

उधर- अरे मेरी रंडी… कैसी है? सुना कैसी लगे क्लिप? मजा आया ना?

सोनल- “, प्लीज़्ज़… ऐसे मत कहो…”

उधर से- क्यों ना कहूँ रंडी? तेरी माँ की चूत मारूं साली क्या लण्ड चूस रही हो वीडियो में, इतनी ही आग है तो मुझसे भी भुजवा ले।

सोनल उसकी बात सुनकर कुछ ना बोल पाई। उसे बहुत शरम भी आ रही थी और गुस्सा भी।

अजनबी- अब बोलती क्यों नहीं है रे?

सोनल- जी …

अजनबी- अब सुन रे मेरी रंडी। जो मैं कहूँ तुम को वैसे ही करना होगा। ठीक है?

सोनल ने कुछ जवाब नही दिया।

अजनबी- बोल ना या अपनी रंडी मम्मी से भी पूछकर बता कि वो क्या कहती है?

तभी सोनल एकदम से - ठीक है जैसे आप कहोगे मैं वैसे ही करुगी।

अजनबी- तो फिर ठीक है। कल मै तुझको लेने आऊँगा और तू कल स्कूल से कोई बहाना बनाकर छुट्टी करेगी। ठीक।

सोनल- जी ठीक है।

अजनबी- कल तू सफेद सूट पहनेगी, बिना ब्रा और पैंटी के। और कोई काली चादर ले लेना। और खबरदार कोई चालाकी की तो तुम्हारी ये सारी वीडियोस पब्लिक में बाँट दूँगा।

सोनल- नहीं न…न्नाहीं जैसे आप कहोगे मैं वैसे ही करुगी।

अजनबी- तो फिर ठीक है कल मैं तुझे लेने शाम को 2:00 बजे आऊँगा। घर वालों से क्या कहना है मुझे नहीं पता। और तेरी वापसी कल रात 9:00 होगी। ठीक है?

सोनल- जी ठीक है।

अजनबी- और सुन रंडी। अपनी चूत के बाल अच्छे से साफ कर लेना। नहीं तो तेरे साथ बहुत बुरा करूँगा मैं।

सोनल- जी अच्छा।

अजनबी- अच्छा अब रखता हूँ। मुझे बहुत काम है।

और फोन बंद हो गया।
सोनल भीगी नजरों से अपने आप को आइने में देख रही थी। उसे नहीं पता था कि उसकी थोड़ी सी लापरवाही उसे इस मोड़ पे भी ला सकती है। अगर उस दिन कंपलेन कर दी होती पुलिस में तो आज ये नही होता।

रात को सोनल ने आरती को बता दिया कि मुझे असाइनमेंट मिली है और मुझे शाम को 2:00 बजे स्कूल जाना है और मैं 9:00 बजे तक आऊँगी।
आरती ने ओके कह दिया।

अगले दिन क्या होगा? ये सोच-सोच के सोनल का बुरा हाल था। अगले दिन सोनल ठीक शाम को 1:50 बजे तैयार हो गई। और बड़ी सी चादर ले ली कि आरती ना देख सकें कि उसने क्या पहना हुआ है? अजनबी के कहने के मुताबिक सोनल ने ब्रा-पैंटी नहीं पहनी थी। उसका सूट उसके जिश्म से चिपका हुआ था और उसमें से सोनल का पूरा जिश्म नजर आ रहा था। ठीक 2:00 बजे एक रिक्शेवाले ने आकर दरवाजा खटकाया। सोनल आरती को बाइ बोलकर निकल गई।

यहाँ से सोनल की बर्बादी शुरू हो गई। रिक्शे में बैठते ही रिक्शा वाले ने रिक्शा आगे बढ़ा दिया। सोनल के दिल की धड़कन इतनी तेज थी कि जैसे कोई ट्रेन हो।

थोड़ा आगे जाकर रिक्शावाले ने सोनल से कहा- क्यों रंडी किन सोचों में गुम है?

सोनल उस आआवज को पहचान गयी- “प्लीज़ अंकल, मुझे ऐसे मत बोलो। प्लीज़ मैं आपकी बेटी जैसी हूँ…”

अंकल गुस्से से- चुप कर रंडी… जो पूछा है उसका जवाब दे… जैसे मैंने कहा था वैसे कपड़े पहने हैं?

सोनल सहम कर- ज्ज्ज्ज्जीईईई…

अंकल- हमम्म्मम… अच्छी बात है। मेरी बात इसी तरह मानेगी तो बहुत मजा आएगा तुझे… अब चल अपनी चादर उतारकर एक तरफ रख दे। मैं भी तो देखूं तेरा जलवा?

सोनल ने चुपचाप चादर उतारकर एक तरफ रख दी। अब सोनल सिर्फ़ पतली सी शलवार कमीज में रिक्शा में बैठी हुई थी। रिक्शा वाला अंकल अंकल शहर की बजाए उसे कहीं और लेकर जा रहा था। सोनल का दिल कर रहा था कि शोर मचाये। लेकिन उससे कुछ नहीं होना था। उल्टा सोनल की अपनी बदनामी हो जाती।
करीब 20-25 मिनट बाद दोनो एक छोटे से घर के सामने पहुँच गए जिसके दरवाजे पर ताला लगा हुआ था। उसने जाकर दरवाजा खोला और सोनल को अंदर बुला लिया। ये एक 80 मीटर का छोटा सा घर था जिसमें दो कमरे और एक बाथरूम था। उसने सोनल को एक चारपाई पे बिठा दिया और पंखा चालू कर दिया। उसने सोनल को पानी पिलाया तो सोनल के अंदर जैसे एक सकून सा उतर गया। क्योंकि उसे सख़्त प्यास महसूस हो रही थी।

तभी रिक्शा वाला अंकल बोला- देख लड़की, मैं आज तुझे यहाँ चोदने के लिए लाया हूँ, और अगर तुम चुपचाप मेरा साथ दोगी और जैसे मैं कहूँगा वैसे करती रहोगी तो देखना तुम्हें बहुत मजा आएगा। वरना मैं तुम्हारा वो हाल करूँगा कि तुम्हें खुद पे भी रोना आएगा। अब फैसला तुम्हारे हाथ में है। चुपचाप मेरा साथ देना है या?

सोनल बुरी तरह से घबराते हुये- च…चाचा प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़ मुझे छोड़ दो… मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है। म…मैं आ…आपसे खुद नही कर रही थी उस दिन वो मेरे से जबरदस्ति करवा रहा था आइन्दा ऐसा कुछ नहीं होगा।

वो कहकहा लगाकर हँसने लगा “हाहाहाहाहाहा” काफी देर बाद उसकी हँसी रुकी तो वो घूरते हुये बोला- “देख रंडी, मैं तुझे चोदकर ही रहूंगा। मैंने आज तक तुम जैसी माल नहीं देखा है। मैंने अभी शादी भी नहीं की, क्योंकि मुझे तुम जैसी कोई लड़की मिली ही नहीं। तुम्हारे के लिए बेहतर होगा कि चुपचाप जैसे होता है होने दो…”

सोनल चुपचाप नीचे देखते हुये आँसू बहाने लगी। तभी उसने सोनल को बाजू से पकड़कर खड़ा कर दिया और दूसरे कमरे में ले गया। वहाँ जमीन पे एक पुराना सा गद्दा बिछा हुआ था। उसने अंदर जाते ही टांग मारकर दरवाजा बंद किया और सोनल को खींचकर अपने गले लगा लिया।

तभी उसने सोनल को चूमना शुरू कर दिया, उसके माथे पे, गालों पे, गर्दन पे किस करने लगा। सोनल ना चाहते हुये भी मदहोश होने लगी और उसकी चूचियों के निपल्स भी खड़े होने लगे। तभी उसने सोनल के होंठों पे अपने होंठ रख दिए, और उसके होंठों को वहशियाना तरीके से चूसने और चाटने लगा।

सोनल अपने आस-पास से बेखबर आसमान में उड़ रही थी। अचानक उसने उसकी कमीज को पकड़कर उतारना शुरू कर दिया। सोनल ने उसकी सहूलियत के लिए हाथ ऊपर उठा दिये। उसने उसकी कमीज निकालकर एक तरफ फेंक दी और शलवार भी उतारकर उसे गद्दे पे लिटा दिया।

सोनल इतनी मदहोश थी कि वो जैसे कर रहा था वो वैसे उसका साथ दे रही थी। उसने उसकी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया और आहिस्ता-आहिस्ता नीचे की तरफ सफर करने लगा। सोनल की छातियों पे पिंक निपल पूरी तरह से खड़े हुये थे। उसने उसकी चूचियों को चूमना शुरू कर दिया। सोनल की हालत और भी खराब होने लगी। उसके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं। वो उसकी चूचियों को मज़े से चूस और चाट रहा था।

सोनल की चूत में चींटियां सी रेंग रही थीं और अजीब सी बेचैनी हो रही थी। दिल कर रहा था कि कोई चीज जल्द से जल्द उसकी चूत में घुस जाए।

सोनल “चाचा… आआहह… उउफफफ्फ़…” कहकर उनसे लिपटी जा रही थी।

फिर उन्होंने सोनल की चूचियों से नीचे नाभि की तरफ जाना शुरू किया। और उसके पेट और नाभि को चाटने लगे। तभी सोनल की चूत ने पानी छोड़ दिया। बिना चूत को छुये उन्होंने उसे किस्सिंग करते हुये झाड़ दिया था। (यहाँ मैं एक बात कहना चाहूंगी कि चाहे कोई भी लड़की हो। जब कोई मर्द उसको शिद्दत से चूमता है और किस्सिंग और रब्बिंग करता है तो वो झड़ती जरूर है। आजमा कर देख लें।)

सोनल ने उनके सिर को पकड़कर ऊपर उठाया, और उनको बेखुदी में चूमने लगी। उनके चेहरे पर चुंबनों की झड़ी लगा दी। उसे अब कोई झिझक, कोई शरम महसूस नहीं हो रही थी। बलकि रिक्शावाले चाचा पे प्यार आ रहा था। सोनल ने उनको अपनी दोनों टांगों में कसकर दबोच लिया। अभी उन्होंने अपने कपड़े नहीं उतारे थे। 5 मिनट बाद वो सोनल से अलग हुये और अपने कपड़े उतारने लगे। उनका जिश्म पहलवानों की तरह था क्योंकि वो बहुत मेहनत करते होंगे।

पत्थर की तरह सख़्त जिश्म सोनल देखती रह गई। जैसे ही सोनल ने उनका लण्ड देखा तो उसे ऐसा लगा जैसे उसने कोई भूत देख लिया हो। उनका लण्ड तनकर खड़ा हो गया था और झटके खा रहा था, 10” इंच लंबा और 4” मोटा होगा। उन्होंने मुश्कुराकर सोनल की तरफ देखा।

रिक्शावाले चाचा बोले- क्यों मेरी रंडी… कैसा लगा मेरा हथियार?

सोनल- चाचा आ…आप्प का लौड़ा तो बहुत ब्ब…ब्बड़ा है।

रिक्शावाले चाचा- हाहाहाहाहा… बड़े लण्ड से ही तो मजा आता है मेरी जान। आज तेरी चूत को मैं इसी से खोलूंगा। उसके बाद रोज तू मेरे लण्ड के लिए मिन्नतें करेगी।
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RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस. - by sexstories - 08-27-2019, 01:40 PM

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