Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
08-27-2019, 01:41 PM,
#94
RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
रवि ने कमल को चेतावनी दी कि अगर दोबारा ऐसी हरकत की तो उसी समय घर से निकाल दिये जाओगे।
कमल को उसके कोर्स पूरे होने तक शांति कुंज में रहने की परमिशन मिल जाती है,
आरती भी खुश हो जाती है कि उसे कमल के साथ चुदाई का मौका मिल जाएगा। आरती सोनल और कमल को आगे सावधानी बरतने को कहती है, ताकि रवि फिर से कोई बखेड़ा न खड़ा करें।
‌एक दिन कमल के साथ उसके इंस्टिट्यूट पर पढ़ने वाला उसका एक फ़्रेंड अर्पित घर पर आया। उस समय आरती डाइनिग हाल में ही थी। अर्पित आरती को देखते ही उसपे लट्टू हो गया। उसने जब आरती को देखा तो साला पागल हो गया। अर्पित कमल का काफ़ी अच्छा दोस्त था तो इसलिये दोनो काफ़ी खुले हुये थे उसने कमल को बोला की यार कमल क्या जबरदस्त माल है बे तेरी चाची साली रांड़ को पटक पटक कर चोदने में बहुत मज़ा आयेगा.

अर्पित की बात सुनकर कमल का भी मन पलट गया और कमल भी आरती को अब अपनी आंटी की तरह नहीं बल्कि एक रांड़ की तरह देखने लगा।
कमल ने भी अर्पित से कहा-- हां, साली रंडी जब किचन में काम करती थी तो पसीने के कारण उसके ब्लाउज पर लाइन बन जाती साली छिनाल की गठीली जवानी देख कर मेरा लंड तन जाता है।
दोनो रूम में जाकर ऐसे ही आरती के बारे में सेक्सी बातें करते है, फिर अर्पित कमल को आरती से घूमने के लिए पूछने को कहता है। कमल आरती से पूछता है तो वो रेडी हो जाती है।
दोनो आरती के साथ घूमने भी जाने लगे। तीनो मूवी शॉपिंग और कई बार लंच पर जाते थे अब अर्पित भी आरती से काफ़ी खुल गया था मगर उसे समझ में नहीं आ रहा था की उसकी चूत तक कैसे पहुँचे।
अर्पित अक्सर अपनी इच्छा पूरी करने के लिये रंडियों के पास जाता था। कॉलेज के बाद कभी कभी कमल और अर्पित दोनो कोठे पर जाकर रंडी बजाते थे.
उनकी दोस्ती अनवर नाम के एक भडवे से थी।

एक दिन अर्पित बोला : यार कमल साले तू कब तक अपनी आंटी की चुत दिलवाएगा, अब तो कुछ करना कमल बोला : भाई अर्पित रण्डी तो है नही वो जो जाकर कह दु मेरे दोस्त को भी दे दे। अगर कोई पंगा हो गया अबकी बार तो अंकल मुझे घर से निकाल देंगे। फिर मैं भी जाऊँगा उसकी चुत से। तू ही कोई तरकीब लगा जिससे तू भी आंटी की चोद सके।
फिर अचानक से अर्पित ने बोला : क्यों ना हम अनवर से मदद माँगे वो साला लड़कियों को पटाने में माहिर है वो ज़रूर कोई रास्ता निकाल लेगा.

उसकी बात कमल को समझ में आ गयी बात सच ही थी ।
एक दिन कमल अर्पित और अनवर एक घंटे से बार मैं बैठ कर दारू पी रहे थे तभी अर्पित ने बोला : यार अनवर भाई आपसे थोड़ी सी मदद चाहिये बहुत ही सीक्रेट और जरुरी बात है।
अनवर : हाँ बोलो क्या हो गया तुमको साला इतना क्या जरुरी काम है।
अर्पित ने अनवर को आरती चाची के बारे में बताया और उसकी फोटो भी दिखाई देखते ही अनवर बोला, सालो तुम लोगों ने मेरे को इस रांड़ के बारे में पहले क्यों नहीं बताया यह तो साली मस्त छिनाल माल है मस्त पटाखा है
अनवर बोला : देखो लडको तुम्हारी चाची में दम है साली मस्त है मैं तुम लोगों की मदद कर सकता हूँ मगर एक शर्त है
मैं इस पटाखे को पहले में बुझाऊगां इसकी चूत बजाऊगां बाद में अर्पित तुम्हे भी पक्का मौका मिलेगा और कमल तुम बुरा मत मानना मैं इस रांड़ से धंधा भी करवाऊगां आज कल ऐसी घरेलू रखेलो की डिमाण्ड बहुत है मार्केट में बोलो डील मंजूर है।
अर्पित और कमल एक दूसरे को देखते रह गये और फिर दोनो ने कहा मंजूर है उसके बाद अनवर भी आरती को पटाने का प्लान बनाने लगा
अनवर ने उनको कहा की तुम लोग आरती को एक बार मूवी के लिये लेकर आओ।
मूवी के बाद अनवर उन लोगों से मिला उन्होंने उनका आरती से परिचय करवाया और कहाँ की यह हमारे अग्रेजी के टीचर है।

मूवी के बाद बात होते होते उन दोनो ने आरती से कहा की हमें आज बहुत ही जरुरी काम है, आंटी जी आप अनवर जी के साथ शॉपिंग कर लो फिर ये आपको घर छोड़ देंगे।
और फिर दोनो वहा से चले गये। आरती और अनवर शॉपिंग कर रहे थे। अनवर कोई 6 इंच 5 फुट के होंगे और उनकी तगड़ी बॉडी भी थी, देखने में एकदम पहलवान आरती जल्द ही उनसे घुल मिल गयी। शॉपिंग के बाद लंच करते हुये अनवर ने आरती के खाने में नींद की गोली डाल दी जैसे ही गोली असर करने लगी अनवर ने तुरंत आरती को गाड़ी में डाल के अपने कोठे पर लेकर आया। कमल और अर्पित भी उसके साथ आ गये। कोठे पर जाकर अनवर ने उनको एक केमरा दिया और वीडियो बनाने को कहा।
अनवर बिस्तर पर शेर की तरह कूदे और आरती की चुचियों को मसलने लगे। कमल के देखते हुए बोला, साली क्या मस्त माल है बे तेरी रखैल चाची इसकी तो मैं आज माँ चोद दूँगा बहुत दिन बाद ऐसा तगड़ा माल मिला है.

कमल बोला, चोद दो अनवर भाई चोद दो मेरी चाची को इसकी चूत में बहुत खुजली है मिटा दो आज इसकी आग साली के बदन ने हमारी भी जवानी को परेशान कर रखा है। अब आज तो इस रांड़ को अपनी रखैल बना दो।
अब अनवर ने जल्दी से दारू के दो पेक लगाते हुये आरती की चूचि को मसलने लगे उसने आरती की लाल रंग की साड़ी को उतार के साइड पर फेक दिया और आरती के उपर बैठ के उनके डीप क्लीवेज को चाटने लगा।
धीरे धीरे आरती को होश आने लगा था और वो भी गर्म गर्म सिसकियाँ भरने लगी थी। अनवर ने आरती के ब्लाउज और ब्रा को खोल के फेक दिया और आरती के बोबो पर अपना मुँह लगा कर पागल कुत्तों की तरह चूसने और चाटने लगे।
एक हाथ से एक बोबो को मसलते हुये वो दूसरे बोबे को चूस रहा था। आरती काम अग्नि में बहकते हुये तड़पने लगी और आहें भरने लगी। कमल और अर्पित तो वीडियो बनाने में लगे हुये थे।
कमल को अपने सपनो की रांड़ आरती को चूदते हुये देख कर बहुत मज़ा आ रहा था.


आरती के बोबो को लाल करने के बाद अनवर आरती के होंठो को अपने दातों से चबाते हुये उनकी जीभ को चूसने लगे। ऐसा स्मूच कमल ने कभी नहीं देखा था उसे डर लगने लगा की कहीं आरती की साँस ना रुक जाये और वो मर ना जाये।
अनवर को रोकना अब मुमकिन ना था वो चाह कर भी आरती को छुटवा नहीं सकते थे।
अनवर भाई अपनी हर रंडी को पहले खुद चखते थे बाद में अपने चमचो और कुत्तों को देते थे। आज तो वो आरती को अपने लंड की रानी बना कर ही रहने वाले थे अपने स्मूच करने के बाद अनवर भाई ने आरती के पेटिकोट को उपर करके उनकी टाँगों से खेलना शुरू कर दिया.

इतने में ही आरती को अचानक से पूरा होश आ गया था। कमल और अर्पित की तो फट ही गयी थी।
आरती ने अनवर को धक्का दिया और वो पीछे हट गये गुस्से में आकर अनवर ने आरती को दो कड़क थप्पड़ लगाये और बोला : अपनी औकात में रहा कर साली रंडी तेरे को मालूम नहीं है हरामी तू किसके कोठे पर है ज़्यादा चू चा की ना तो तेरी बॉडी भी नहीं मिलेगी। देख तेरा भतीजा तेरे को मेरे पास लाया है अब यह वीडियो बना रहा है शांति से यहाँ का माहौल गर्म कर नहीं तो पूरा देश तेरी जवानी से अपना बिस्तर गर्म करेगा बेच दूँगा में यह वीडियो समझी।
आरती डर गयी और कमल को बोली की कमल तुमने ऐसा क्यों किया मेरे साथ।
कमल बोला, चुप बे साली दो टके की छिनाल तेरे पति ने उस दिन मुझे कुते की तरह पीटा और तू कुछ नही बोली ,तू और तेरी बेटी दोनो मुझसे खुद चुदती थी और सजा सिर्फ मुझे मिली। अब तू भी रंडी बन कर चुद सबसे, उसके बाद तेरी बेटी को भी यही लाऊँगा।
अर्पित बोला : क्यों चाची जी बहुत गर्मी है ना आपकी जवानी में अब बेचो अपनी जवानी को इस कोठे पर यहाँ तो आपको रोज नये नये लंड मिलेंगे अपनी चूत की प्यास मिटाने को।
यह सब सुनके आरती रोने लगी.

तब अनवर ने आरती को अपनी बाहों में भर के बोला आरती डार्लिंग क्यों रो रही हो देखो हम सब के साथ मस्ती करो और इन्जॉय करो यहा रोने धोने से क्या होगा तेरा रेट भी में ही रखूँगा तू जैसे मर्द के साथ सोना चाहोगी वैसा ही लाउगां टेन्शन मत लो अब यहाँ से वापस जाने का कोई रास्ता नहीं है।
यह बोलते बोलते उसने आरती का पेटिकोट खोल दिया और लाल रंग की उनकी पेंटी के उपर से आरती की चूत पर उंगली घूमना शुरू कर दिया।
आरती ने सारे रास्ते बंद होते देख सोचने लगी कि अभी वो चुदाई का मजा ले क्योकि बिना चोदे ये लोग उसे जाने भी नही देंगे। बाकी इनका बंदोबस्त वो यहा से निकलने के बाद करेगी।
फिर आरती धीरे धीरे मस्त होने लगी और अनवर भाई के सीने से लिपटने लगी और उनकी छाती चूमने लगी अनवर ने बोला अब बनी ना तू अनवर की रांड़ आ जानेमन तेरे को अब जन्नत दिखाता हूँ।
यह कह के अनवर ने आरती का हाथ अपने पजामे पर रखा.

आरती ने बोला अनवर मियाँ यह क्या है।
अनवर ने बोला--जानेमन यह मेरा लंड है और तुम्हारा खिलोना खेलो इसके साथ।
आरती ने अनवर का पाजामा उतारा और उनकी चड्डी भी उतार दी और एक सस्ती रंडी की तरह अनवर का लंड हिलाने लगी और उससे खेलने लगी।
अनवर : और हिला मेरे लंड को रंडी और ज़ोर से हिला यह तेरे नामर्द भडवे पति का लंड नहीं है एक मर्द का लंड है चूस इसको साली हरामी छिनाल।
आरती चाची : अरे इतना भी मत जोश दिखाओ अनवर मियाँ। दिखाओ आज पहली बार एक असली मर्द मिला है दिखा दो अपनी सारी मर्दानगी।
यह कह के आरती अनवर का 7 इंच बड़ा मोटे लंड को कुत्तों की तरह चाटने लगी। अनवर की आहें निकल गयी.

अनवर : साली तेरे से भारी रंडी नहीं देखी है अब तक मैने क्या चूसती है अन्दर ले पूरा इसको मूँह में खा जा इसको आज तेरी चिकनी चूत को मेरा बड़ा लंड फाड़ देगा।
आरती : हाँ मेरे राजा।
आरती को पता नहीं क्या हो गया था अपनी सारी शर्म खोने के बाद उसमे और किसी भी और रंडी में अब कोई फर्क नहीं रह गया था.

अनवर : आआहह और चूस्स्स और ज़ोर से…. साली रंडी बड़ी कुत्ती चीज़ है तू आआहह
आरती : आ रहा है ना मज़ा….
अनवर: हाँ रानी हाँ….
अनवर आरती की चड्डी उतारने लगे और आरती को बिल्कुल नंगा कर दिया वो आरती की चूत में उंगली करने लगे.

आरती : आअहह धीरे से दर्द होता है.

अनवर : दर्द में ही तो मज़ा है जानेमन.

आरती: तेरी उंगली ने मेरा हाल यह कर दिया है तो तेरा लंड तो मुझे पागल ही कर देगा.

अनवर: आज तक तूने लंड का स्वाद चखा ही कहाँ है चूस इसको ज़ोर से.

अब अनवर ने आरती को बिस्तर पर लेटा दिया और 69 पोज़िशन में जा कर उनकी चूत को चाटने लगे और अपना लंड आरती के मूँह में डाल दिया। अपनी एक उंगली उन्होने आरती की गांड में डाल कर हिलाना शुरू कर दी। आरती की हालत ख़राब हो गयी थी।
आरती : आआहह…. हाय मेरी जवानी….साली बेकार ही हो जाती… अगर आज आपका यह लंड ना मिलता और ज़ोर से घुसाओ उंगली फाड़ डालो मेरी गांड को अनवर : हमारे और इस कोठे के होते हुये तेरी जवानी बेकार कैसे जाती रानी तेरी इस चूत को तो में चूस चूस के बेहाल कर दूँगा और रही तेरी गांड वो तो मैं मारूँगा ही साली छिनाल बड़ा ही मस्त आइटम है तू. साली कहाँ छुपी थी इतने दिनो से
आरती : आअहह मत रूको अब आअहह….आआआआहहाई यह क्या हो रहा है मुझे…. आआहह….
अनवर ने अपनी स्पीड और बड़ा दी और वो भी आरती की चूत को काटने लगे और अपनी जीभ को पूरी उनकी चूत में घुसा दिया अनवर की उंगलियाँ आरती की गांड के छेद को फाड़े जा रही थी और दूसरे हाथ से अनवर आरती की गांड पर थप्पड़ ही थप्पड़ लगाये जा रहे थे
अनवर: और ले रंडी… आज निकालता हूँ तेरी मस्ती साली एक नंबर की रांड़ है तू
आरती : आअहह धीरे से भगवान के लिये… बहुत दर्द हो रहा है.

अनवर : इतना ही अगर दर्द हो रहा है तो जाकर अपने पति जैसे किसी नामर्द से चुदवा रंडी यहा तेरी कोई नहीं सुनेगा…समझी… तेरा भगवान भी नहीं…

आरती : आआहह….हाई….. थोड़े से तो प्यार से करो ना राजा..मैं कहीं भाग थोड़ी ना रही हूँ…

अनवर : हाँ हाँ… साली भागेगी कहाँ तू तू अब अनवर भाई की रखैल है समझी और तेरी जैसी चिकनी रंडी को कैसे चोदना है यह मुझे बहुत अच्छे से आता है भूल जा अब सब कुछ आज से तू वही करेगी जो मैं बोलूँगा समझी… बोल… समझी या नहीं..

आरती : समझ गयी सब समझ गयी…आआहह… आअहह हाईई भगवान मेरी चूत…. आआहहहहहह और तेज और…..यह….. हाँ हाँ बस ऐसे ही…. हाइईइ आअहह….. आआहहहहा
आरती ज़ोर से चिल्लाते हुये ठंडी हो गयी अनवर का लंड अपने मुँह से निकाल के छोड़ दिया और अपने पहले मजे में ही पसीने पसीने हो गयी
अनवर : क्यों रंडी साली बस हो गयी तू ठंडी मेरे लंड को उकसाती है तू यह ले साली छिनाल
अनवर के थप्पड़ से चाची जी सहम गयी
अनवर भाई ने आरती को अपना गुलाम बना लिया था वो आरती को बिस्तर पर छोड़ के खड़े हो गये और बोले चल रंडी खड़ी हो अभी बहुत काम बाकी है तेरे को ठंडा करने नहीं आया हूँ मैं, तू आई है मेरे को ठंडा करने खड़ी हो कर चूस मेरे लंड को

आरती : थोड़ी देर रुक जाओ ना प्लीज़ मेरे से और नहीं होता
अनवर : तेरे लिये रुकुंगा मैं चल खड़ी हो नहीं तो वापस मारूंगा तेरे को रंडी।
आरती डरी हुई अनवर का लंड मुँह में ले कर चूसने लगी मगर अपना पहला मजा लेने के कारण उनमे अब दम ना था और जिस तरह से वो अनवर का लंड चूस रही थी उससे अनवर ने गुस्सा हो कर आरती को एक और थप्पड़ मारा और बोला तू समझी कल से तू मेरे से ही नहीं यहाँ के बाकी ग्राहको से भी चुदेगी ज़्यादा आवाज की तो मार दूँगा तेरे को समझी साली कुत्तिया तेरे जिस्म से बहुत पैसे कमाऊंगा में और तेरे वीडियो पर तो पूरी दुनिया मूठ मारेगी चल अब खड़ी हो

आरती रोते हुये अपने आप को संभाल के खड़ी हुई और अनवर से माफी माँगने लगी
आरती: मुझको माफ़ कर दो मैं भूल गयी थी की अब मैं एक रंडी हूँ सिर्फ़ एक रंडी जो आप बोलोगे वैसा ही होगा आज से यह जिस्म मैं आपके हवाले करती हूँ माफ़ कर दो मेरे को।
अनवर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे और अपना लंड हिलाते हुये बोले
अनवर : बहुत जल्दी समझ गयी तेरी चाची कमल साली कुत्तिया पहले समझ जाती तो इतनी मार नही खाती.

कमल : अनवर भाई थोड़ा रहम करो ना चाची जी पर आप इनको भले जब चाहो चोदो मगर आरती से धन्धा तो मत करवायो ना यह रंडी हमको दे दो हम संभाल लेंगे इसको
अनवर : (गुस्से में) साले भडवे औकात में रहा कर अपनी तेरा इस गली में आना बन्ध करवा दूँगा समझा मेरे को मत सिखा क्या करना है
कमल : सॉरी अनवर भाई माफ़ करना आप जैसा बोलोगे वैसा ही होगा
अनवर : आजा आरती रानी अब तेरे को आगे की सैर करवाता हूँ साला पूरा मूड खराब कर दिया तुम सबने आरती : हमारी नादानी को माफ़ कीजियेगा.

आरती अनवर का लंड पकड़ के उसको अब चूसने लगी अपने हाथों से अनवर के आंड और थैली को मसलते हुये वो उनका लंड का सूपड़ा अपने मूँह में डाल के चूसने लगी अनवर भी धक्के लगाने लगे और आरती के मूँह को चोदने लगे उनके मूँह से आहहह निकलने लगी आरती ने अनवर मियाँ को खुश करने के लिये अपनी एक उंगली उनकी गांड में घुसा दी अनवर तो जैसे पागल हो गये और आरती के बालों को पकड़ के खीचने लगे और ज़ोर से अपने लंड को धकेलने लगे आरती की साँस फूलने लगी थी
कमल और अर्पित शांति से डर के कारण वीडियो बनाते रहे।
अनवर : अब जा कर बनी ना तू रंडी और चूस साली छिनाल… हाआंन्न… और ज़ोर से…
अनवर पूरी मस्ती में आने के बाद आरती को उनकी कमर के बल पटक दिया और उनकी दोनो टाँगों को उपर करके उनकी चूत पर अपना मूँह वापस रख कर चाटने लगे आरती की चीख निकलने लगी थी वो जिस तरह से आरती की चूत चाट रहे थे और गांड में अपनी उंगली डाल रहे थे.

उससे आरती की हालत वापस खराब होने लगी थी अपने हाथ को आरती की गांड के छेद से निकाल के वो आरती के मूँह में डालने लगे आरती उनकी उंगलियों को चाटने लगी और आहे भरने लगी अब आरती से और नहीं रहा जा रहा था

आरती : अनवर मियाँ चोद दो मुझे अपने लंड से मार दो मेरी चूत को कर दो मेरी चूत को फाड़ दो अपने लंड से और मत तडपाओं मैं मर जाउंगी अब नहीं रहा जाता अल्लाह के लिये बुझा दो मेरी आग आज फाड़ दो मेरी चूत को
अनवर : देख कैसे तड़प रही है तू मेरे लंड के लिये हाह्हआआअ ऐसी ही रखैल अच्छी लगती है मेरे को जिसको अपनी ओकात मालूम हो चाहिये ना मेरा लंड तेरे को हाँ चाहिये ना बोल ना मेरे को बोल ना साली बोल…

आरती : हाँ चाहिये मेरे को आपका लंड चाहिये मैं आपकी रखैल हूँ दे दो मेरे को अपना लंड दे दो भगवान के लिये बुझा दो मेरी आग।
अनवर ने आरती की चूत को चाटना बंद किया और आरती के बाल पकड़ के खीच के उनको कुत्तिया बना दिया अपना लम्बे चोड़े लंड को अपने हाथ में पकड़ कर धीरे धीरे से वो आरती की चूत पर उसको रगड़ने लगे। आरती तड़पने लगी और कराहें भरने लगी लंड रगड़ते रगड़ते अनवर ने एक ही झटके में पूरे ज़ोर से अपना लंड आरती की चूत के अंदर डाल दिया। आरती ज़ोर से चिल्लाने लगी मगर अनवर ने बिना रुके एक के बाद एक जोरदार धक्के लगाने लगे.

इतना मोटा लम्बा लंड आरती की छोटी सी नरम चूत को फाड़ते हुये जैसे ही अंदर घूसा आरती की जान निकल गयी। उनकी चूत अब भी बहुत टाइट थी अनवर आरती के बाल को और ज़ोर से खीचते हुये अपना लंड अंदर बाहर करने लगे और दूसरे हाथ से कभी आरती की गांड को मारते और कभी उनकी चूचियों को को नोचते। आरती रो रही थी और दर्द के कारण चिल्ला रही थी उनकी चिकनी चूत से खून निकल रहा था अनवर : ले रंडी ले मेरा लंड बहुत आग थी ना तेरे जिस्म में देख मेरा लंड कैसे चोद रहा है तेरी चूत को
आरती : आआहह धीरे मेरी चूत फट जायेगी आआअहह…..

अनवर : साली छिनाल तेरी चूत फाड़कर ही यह मेरा लंड शांत होगा आज देख रंडी आज मैं तेरी चूत को बिना कन्डोम के चोद रहा हूँ यही औकात है तेरी और तेरी चूत की मेरे लंड का माल जब तेरी चूत में जायेगा तो तू मेरे नाजायज़ भड़वे की रांड़ माँ बनेगी शायद मेरे बच्चे के कारण ही तेरे खानदान मैं कोई मर्द पैदा होगा

आरती : आआहह बहुत दर्द हो रहा है…. हाइईइ ऐसा ना करो अनवर मैं एक शादीशुदा औरत हूँ मेरे बारें में कुछ तो सोचो
अनवर ज़ोर ज़ोर के झटके लगाते हुये बोले : साली तू मेरी रखैल है तू पालेगी मेरे बच्चे को अपने पति का बच्चा बना के समझी अब तेरा घर यह कोठा है और तू मेंरी रखैल है भूल जा अपने पति को।
अनवर ने आरती जी की कमर को पकड़ा और उनको गोदी में उठा के खड़े हो गये उन्होने आरती को पलट दिया और अपने लंड पर बिठा दिया.

अब वो खड़े खड़े उनको चोद रहें थे अपने होठ आरती के होंठो पर रख कर वो आरती की चूत में खड़े खड़े अपना लंड डालने लगे उन दोनो के बदन की गर्मी से पूरा कमरा गर्म हो गया था उन दोनो का बदन पसीने से भीग गया था और वो आरती को चूमते और पेलते जा रहें थे। आरती की चूत भी अब मस्त हो गयी थी। एक मस्त लंड को अपनी चूत में पाकर वो अब मस्त हो गयी थी वो भी अनवर के बालों को पकड़ के आहें भरने लगी थी
आरती : हाइईइ…. क्या लंड है आपका अनवर …. मत रूको डालते जाओ अपना लंड मेरी चूत के अंदर बहुत मज़ा आ रहा है मत रूको मेरे राजा… हाइईइ… आहहहहहह…. आआहहाः
अनवर : साली मज़ा तो मुझे भी बहुत आ रहा है तेरे नरम बदन से खेलने में और तेरी टाइट चूत मारने में क्या ग़ज़ब माल है तू आआहहहः यह ले साली रंडी यह ले
आरती : हाईईईईईई मारी जाऊं में तेरे लंड पर आज तक जिंदगी में ऐसा मज़ा कभी नहीं आया था हाईईइ… मस्त कर दिया है मेरे को तेरे लंड ने क्या फौलाद है…. आआहहह हाइईईई.
मैं आज से सिर्फ़ और सिर्फ़ तेरी रंडी हूँ तेरे लंड की गुलाम आआहह….और ज़ोर से…. आअहह….

अनवर ने अपनी रफ़्तार बडाते हुये और ज़ोर से पेलना शुरू कर दिया था आरती की बाते सुनकर उनका जोश और बड़ गया और वो और बेरहमी से आरती को चोदने लगे आरती को बिस्तर पर लेटा कर अब वो उनके उपर चड गये और आरती के मूँह को चूमते चाटते वो उनके पूरे चेहरे को चूमने लगे एक हाथ से चूचियाँ मसलते हुये वो अपने लंड को आगे पीछे कर रहे थे आरती का बदन सिकुड़ने लगा और आरती ने अपनी चूत को टाइट करते हुये अनवर भाई का लंड जकड़ लिया।
आरती अनवर भाई के मजबूत बाहों में पिघलने लगी और दूसरी बार अपना पानी छोड़ के अधमरी हो गयी मगर अनवर तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था अपनी स्टाइल बदलते हुये अब उसने आरती को उपर कर दिया और खुद लेट गये.

आरती उसके फौलादी लंड के उपर बैठ के उपर नीचे होने लगी अनवर अब सीधा उनके क्लाइटॉरिस और बच्चे दानी को चोद रहा था कुछ ही देर में आरती वापस मस्त हो गई और ज़ोर ज़ोर से कूदने लगी और साथ में अनवर भी चाची जी की चूचियो को कस के निचोड़ते हुये तेज़ी से अपना लंड पेलने लगे दोनो ही अपने जिस्म की आग और प्यास को बुझाने के लिये पागल हो रहे थे जैसे जैसे अनवर अपना सारा माल छोड़ने के करीब आने लगे वो उतनी ही तेज़ी से पेलने लगे आरती भी मस्त होकर आखें बंद करके और बस मस्त हो कर अपनी काम ज्वाला शान्त करने में लगी थी अनवर : हाँ रानी….आअहह बहुत मजा आ रहा है आअहह साली मस्त कर दिया है आज तूने मुझको
आरती : आअहह अनवर भाई आअहह.

अब अनवर अचानक से लंड पेलते पेलते आरती से लिपट गये। आरती भी पागलों की तरह उनको अपनी बाहों में भरने लगी दोनो ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगे और अनवर ने एक आखरी ज़ोर के झटके के साथ अपना सारा माल उनकी चूत में गिरा दिया। आरती ने भी अपना पानी छोड़ दिया और अनवर के उपर गिर गयी और उनको चुमने लगी अनवर धीरे धीरे अपना लंड पेले जा रहे थे और फिर उनकी चूत से अपना लंड निकाल लिया आरती की चूत फ़ुल गयी थी सूजन के कारण आरती के झाटों पर अनवर का माल गिरा हुआ था उनकी पूरी चूत माल से भर गयी थी वो दोनो पूरी तरह संतुष्ट हो कर बिस्तर पर लेटे हुये थे आरती अनवर के लंड को हाथों से पकड़ के सहला रही थी और अनवर उनके बोबो को सहला रहें थे.

अनवर : मज़ा आया या नहीं तेरे को मेरी रानी.
आरती : हाइईइ बहुत मज़ा आया आज अब जाकर में पूरी औरत बनी हूँ आपके लंड का पानी पाकर मेरी चूत की आग शांत हुई है
अनवर : साली तेरे जैसी कातिल रंडी पाकर मेरा लंड भी बहुत दिनो बाद शांत हुआ है तेरी कातिल जवानी ने मेरे लंड को पागल कर दिया है
यह कह कर अनवर आरती को चूमने लगे और अपनी बाहों में भरने लगे थोड़ी देर बाद वो उठे और दारू के पेक बना के आरती को पिलाने लगे वो दोनो दारू पी के नशे मे एक दूसरे के शरीर से खेल रहे थे कभी आरती उनके लंड को सहलाती कभी चूमती अनवर आरती की चूत में उंगली करते और बोबो को दबाते हुये चूम रहे थे
तभी अनवर बोला : सुन भडवे कमल.
कमल बोला : बोलीये अनवर भाई
अनवर भाई : बड़ा मस्त माल लाया है आज तू अब मेरा काम कर अपने अंकल को फोन करके बोल की तेरी चाची आज अपनी सहेली का यहाँ गयी है और वहीं रुकेगी और तुम दोनो कोई काम में बिज़ी हो जाओ साला मेरे को कोई परेशानी नहीं माँगता है.

कमल : जैसा आप बोलो अनवर भाई लकिन अंकल नही इनकी बेटी को फ़ोन करता हु वो सब सम्भाल लेगी।
अनवर : आज रात तेरी चाची मेरा बिस्तर गर्म करेगी और तू और तेरा दोस्त जाकर किसी और रांड़ को बजाओं समझे.
कमल: ठीक है अनवर भाई जैसा आप बोलो
आरती अनवर भाई की बाहों में लेटी हुई उनको चूम रही थी और वो दोनो अनवर के कमरे से निकल के बाहर जा रहे थे
उन्होंने अनवर के कहने पर केमरे को चालू ही रख दिया था मगर अंदर का नज़ारा वो मिस नहीं करना चाह रहे थे और अनवर भाई की रंडियों में उन्हें आज पहली बार कोई इन्टरेस्ट नहीं था वो दोनो गेट के बाहर खड़े हो कर अंदर का नज़ारा देख रहे थे

आरती : क्यों नहीं जाने दिया मुझे, अब क्या इरादा है आपका

अनवर : हा हाहह… आज तो तू रात भर मेरे बिस्तर को गर्म करेगी रानी कहीं नहीं जाने दूँगा तेरे को सुन आज से तू आरती होगी अपने घर पर इस कोठे पर तेरा नाम होगा रेशमा, अनवर की रखैल रेशमा रानी।
आरती : और तुम होगे मेरे चुदक्कड भडवे अनवर मियाँ मेरे मालिक मेरे लंड दाता
अनवर : साली छिनाल बहुत जल्दी ही रंडियों जैसी बात करना सीख गयी है तू बहुत जल्दी बहुत आगे जायेगी तू ऐसे ही मस्त बातें करते और एक दूसरे की बॉडी से खेलते हुये अनवर का लंड वापस तैयार हो रहा था वो लंड खड़ा हो रहा था और अनवर अपनी प्यारी रांड़ रेशमा रानी को चूमते जा रहे थे.

आरती भी गर्म होने लगी थी अनवर ने अचानक आरती की गांड में उंगली डाल दी और आरती ने एक सेक्सी सी आवाज निकाली… आअहह उसके बाद तो जो हुआ वो देख कर तो कमल भी पागल ही हो गया था अनवर ने आरती को दूसरी तरफ मोड़ दिया और उनकी गांड में अपनी नाक को घुसा दिया और सूंघने लगे थोड़ी देर बाद उन्होने अपनी जीभ से आरती की गांड को चाटना शुरू कर दिया आरती मस्त हो गयी थी वो अनवर के लंड को अपनी पकड़ में कसने लगी अनवर उठे और आरती की गांड को फैला दिया और अपना लंड उनकी गांड के छेद पर पोज़िशन करने लगे.
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RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस. - by sexstories - 08-27-2019, 01:41 PM

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