RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
कमल कपड़े उतारकर नंगा हो गया और लंड हाथ में लेकर धीरे धीरे हिलाने लगा. आरती ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसके लंड को ललचाई निगाहों से देखने लगी.
"कमल तरस गई हूं तेरे लंड के लिए. चूत मेरी बड़ी प्यासी है. आज की प्यास बुझा जा".
"जरूर चाची. आप गद्दे पर लेट जाइए और बंदा आप की खिदमत में हाजिर है".
चाची गद्दे पर लेट गई. और कमल अपना मुंह आरती की चूत के पास ले गया. कमल ने गहरी सांस अंदर ली तो उसकी मादक खुशबू से उसका लंड पूरे शबाब पर आ गया. कमल ने अपनी जीभ निकाली और प्यार से आरती की चूत चाटने लगा. बहुत ही गर्म थी उन
सकी चूत. और जल्द ही चूत से पानी बहने लगा. कमल सारा पानी चट कर गया. आरती की कामुक आवाजें निकाल रही थी और अपनी चूचियां सहला रही थी. कमल अपना काम करता रहा. फिर कमल ने अपनी उंगली ली और उनका दाना रगड़ने लगा. आरती तो मानो पागल ही हो गई. उनकी सांसे तेज हो गई.
"हां कमल बस मुझे चाटता रह. प्लीज रुकना मत. मुझे छूटने मैं मेरी मदद कर.... आह.... आह.... आह... हां मेरे राजा. काश तू मेरा पति होता. चाट मुझे. चाट मुझे"
कमल एक हाथ से उनका दाना रगड़ रहा था और दूसरे हाथ से उनकी चूचियां मसल रहा था. तभी आरती के अंदर से एक आवाज आई "आह" की और आरती छूटने लगी. आरती खूब देर छूटी और फिर शांत हो गई. कमल ऊपर आ गया और आरति को चूमने लगा. आरती भी उसे चूमने लगी. कमल ने देखा आरती की आंखों से आंसू बह रहे थे. कमल ने प्यार से उनकी आंखें चूम ली और आंसू पी गया.
"कमल मैं 10 दिन की प्यासी हूं. मेरे अंदर आग लगी हुई थी. आग बुझाने के लिए शुक्रिया. अरे यह क्या, तेरा छोटा शेर तो बड़ा उछल रहा है."
आरती उसे उठने को बोली. खुद भी उठ गयी. कमल का लंड मुंह में लिया और प्यार से चूसने लगी. कभी-कभी उसके लंड के छेद को वह अपनी जीभ से छेड़ती तो कमल को आनंद आ जाता. कमल भी 10 दिन से कुछ नहीं किया था. उसके अंडे में बहुत माल था.
"चाची प्लीज अब चोदने दो ना. आप चुस्ती रही तो मैं आपके मुंह में ही झड़ जाऊंगा"
आरती ने उसका लंड अपने मुंह से निकाला और गद्दे पर लेट गई. कमल उनके ऊपर चढ़ गया, अपना लंड उनकी चूत के मुंह पर रखा और एक ठोकर मारी जिस से उसका पूरा लंड एक ही बार में नंगी चूत में जा धसा.
आरती के मुंह से कामुक आवाजें आने लगी. कमल ने धीरे धीरे अपना लंड आगे पीछे करना चालू किया. चुदाई शुरू हो चुकी थी. कमल ने आरती को चूम लिया और फिर उनकी एक चूचुक मुंह में लेकर चूसने लगा.
"हां. चोद मेरे राजा. चोद मेरे राजा. बना दे मेरी चूत का भोसड़ा".
कमल कस के आरती को चोदने लगा. आरती खूब मज़े लेने लगी और गंदी गंदी गालियां देने लगी.
"आह मादड़चोद.... ओ बहनचोद.... चोद रे साले मादरजात.... खुद को मेरी चूत के लायक साबित कर".
"कुत्तिया. रंडी. छिनाल. पति से चुदवाती है और अब अपने बेटे समान भतीजे से चुदवा रही है. मेरी रांड"
आरती ने उसे कस के पकड़ लिया, अपने पैर कमल के चूतड़ों पर रख दिए उसे कस के चोदने को कहने लगी. कमल ने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी. अब आरती की चूत से फच फच फच फच की आवाज आने लगी. तभी अचानक आरती छूटने लगी. कमल ने अपनी रफ्तार थोड़ी और बढ़ाई और आरती को छूटने में मदद की. कमल ने आरती को चूम लिया. कमल के अंडे आरती के चूतड़ों पर तबला बजा रहे थे. बहुत ही कामुक माहौल था. आरती पसीने से तर थे. फिर भी कमल को और चोदने को कहती रही. तभी कमल को लगा कि वो भी छूटने वाला है. उसने आरती को कस के पकड़ लिया.
"चाची मैं छूटने वाला हूं. अपना माल कहां निकाल दूं?"
"जहां भी तेरा मन करें निकाल दे. तूने खुद को मेरे जिस्म के काबिल साबित कर दिया है".
कमल ने आरती को चूम लिया और फिर उनकी चूत में छूटने लगा. 10 दिन का माल इतना ज्यादा था कि उनकी चूत से उसका माल बहने लगा और जमीन पर इकट्ठा होने लगा. कमल 20 सेकंड तक छूटता रहा और आरती प्यार से उसके अंडे सहला रही थी.
वो दोनों बहुत थक गए थे और एक दूसरे की बाहों में ही आराम करने लगे. कमल का लंड अभी भी आरती की चूत मे ही था और माल छोड़ रहा था.
"चाची, इतना माल कितनी औरतों को पेट से कर सकता है?"
कमल ने मुस्कुराते हुए पूछा.
"कम से कम 25-30 औरतों के लिए तो इतना माल काफी होगा".
"चाची, थैंक यू. आपके बिना तो यह लंड पागल ही हो गया था. मुझे लगता है आपकी चूत ही इसका असली घर है".
"अच्छा बेटा जी. और अपना यह माल जो छोड़ रहा है उसका घर कहां है?"
कमल मुस्कुराया और आरती के पेट को चूम लिया.
"यही है मेरे माल की असली जगह. आपके पेट में. 9 महीने अपना घर बनाएगा उसको"
"हट बदमाश. मुझे मां बनाएगा तू? और बाप कौन होगा. तू या तेरा चाचा?"
"आप जैसा बोलो चाची. मैं तो आपसे शादी भी कर लूंगा. आई लव यू आरती".
"आई लव यू टू कमल. तुझे एक खुशखबरी सुनाऊं?"
"क्या हुआ चाची? क्या सच में आप पेट से हो?"
"अरे नहीं रे पगले. तेरे चाचा अगले हफ्ते 2 महीने के लिए मुंबई जा रहे हैं और सोनल भी 1 महीने के लिए फिर से अपने चाचा के घर जा रही हैं।".
"मतलब?"
"मतलब तू और मैं 1 महीने के लिए इस घर में अकेले होंगे".
"सच में चाची?" कमल की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उसने आरती को चूम लिया.
"मैं इंतजार नहीं कर सकता, चाची आपके साथ अकेले वक्त बिताने का".
"अच्छा ऐसा क्या करेगा तुम मेरे साथ?"
"बस चाची. इतना चोदूंगा की एक साथ आप आधे दर्जन बच्चों की मां बन जाओगी".
आरती हंसने लगी और उसे चूम लिया. कमल का मन था कि आज आरती से चिपक कर ही सो जाये.
"उठ जा कमल कपड़े पहन ले और अपने कमरे में जाकर सो जा".
"चाची प्लीज सोने दो ना आज अपने साथ. बड़े दिन हो गए हैं".
"कमल हफ्ता भर सब्र कर. खूब मस्ती करेंगे हम दिन में. रात में चिपक कर सोएंगे एक साथ".
कमल ने आरति के होठों को चूम लिया और उठ गया. कमल अपने कपड़े पहनने लग गया तो देखा आरती की चूत काफी खुल गई थी.
"देखो चाची असली मर्द से चोदने का असर. आपकी चूत भी बंद होने का नाम नहीं ले रही".
आरती हंसने लगी और कमल अपने कमरे में चला गया और आरती के ख्यालों में खोया खोया ही सो गया.
आरती ने कमल को कुछ दिन अपने पर संयम बरतने को कहा, आरती ने कमल को तड़पाने का प्लान बनाया जिससे उसमे हवस की आग भड़क जाए और कमल जब मौका मिले तो रगड़ कर चुदाई करे उसकी।
आरती ने कमल को समझा दिया कि जब भी मौका मिले तो ऐसे रियेक्ट करे कि पहली बार सेक्स कर रहे हो , आरती ने इस एक महीने में अपनी सारी फैंटसी पूरी करने का प्लान बनाया। कमल ने भी सोच लिया कि अबसे वो आरती के अनुसार ही सब काम करेगा, उसका मतलब आरति और सोनल को फिर काबू करने का था, उसका मकसद अब इस घर पर राज करने का था, उसके लिए पहले आरती को खुश कर कर सोनल को पाना था,
कुछ दिन के बाद कि बात है, कमल का लंड रात को अचानक खड़ा हो गया और उसकी इच्छा हुई की वो आरती चाची के बाथरूम में जा कर उनकी पैंटी और ब्रा सूँघ कर मुठ मारे। कमल चुप-चाप बाथरूम की ओर जाने लगा तो उसे आरती के कमरे से हल्की सी लाइट और कुछ आवाज़ सुनाई दी। कमल भी धड़कते दिल से आरती के दरवाजे से कान लगा कर सुनने लगा। अंदर आरती चुदाई में मस्त हो कर रवि को बहनचोद और मादरचोद की गालियाँ दे रही थी।
कमल से रहा नहीं गया। उसने सोचा यह मौका है जब वो आरती को चुदते हुए देख सकेगा और मजा ले पायेगा और कमल सीधा बालकोनी की ओर गया क्योंकि उसे मालूम था वहाँ की खिड़की पर पर्दा नहीं है और वहाँ से उसे सब दिखाई देगा। कमल चुपचाप दबे पैरों से बालकोनी में गया और अंदर का सीन देख कर तो उसे जैसे मन की इच्छा मिल गयी। आरती अपनी दोनों टांगों को फैला कर लेटी हुई थी और रवि उनकी चूत में भीड़ा हुआ था।
आरती नशे में थी और कह रही थी,
मादरचोद कभी तो मेरी चूत को ठंडा करा कर, बस भोंसड़ी वाले अपना लंड डाल कर अपने आप को ठंडा कर लेता है। आज मादरचोद अगर तूने मेरी चूत को ठंडा नहीं किया तो मैं बज़ार में रंडी बन कर चुदवाऊँगी।
रवि भी अपनी और से पूरी ताकत लगा रहा था और कह रहा था कि साली रंडी कितना चोदता हूँ तुझे, पर तेरी चूत की प्यास ही खत्म नहीं होती और तेरा बदन इतना मस्त है की चार पाँच शॉट में ही मेरा लंड झड़ जाता है और इतना बोलते-बोलते ही रवि अपना लंड आरती की चूत में झाड़ कर लुड़क गया।
आरती बोलती रहीं कि पता नहीं कब मेरी चूत की प्यास ठंडी होगी, ये गाँडू तो मुझे ठंडा ही नहीं कर पाता है।
आरती और रवि को इस तरह गंदी भाषा में गालियाँ देते हुए बातें करते सुनकर कमल का लंड तन कर खड़ा हो गया था। उसकी बड़ी इच्छा करी कि मैं अंदर जाऊँ और आरती को पकड़ कर खूब चोदूँ।
कमल अपना लंड हाथ में पकड़ कर वापस अपने कमरे की और चल दिया। रास्ते में सोनल का कमरा पड़ता था। आरती की चुदाई देखने के बाद कमल का लंड फड़फड़ा रहा था। पता नहीं कमल किस ख्याल में सोनल के कमरे में घुस गया। उसे जब ध्यान आया तो उसने अपने आप को सोनल के बिस्तर के पास खड़ा पाया। सोनल इस समय अपनी नाईटी में आराम से सो रही थी जो उसके चुतड़ों को सिर्फ़ आधा ढके हुई थी। कमल के सामने अभी भी आरती की चुदाई का सीन चल रहा था और इसी गर्मी में उसने देखा कि सोनल की मस्त चिकनी-चिकनी टाँगें और फुले हुए चूतड़ जो उसने पैंटी में छुपाये हुए थे। उस से रहा नहीं गया और वो बिस्तर के साइड में हो कर उसकी चिकनी टाँगों को अपने होठों से चूमने लगा, और धीरे-धीरे उसकी गाँड की दरार में अपने होंठ और नाक रख दी और अपने होंठों से किस करने लगा। इतने में सोनल कुछ कुनमुनाई और कमल डर के मारे चुप चाप कमरे से निकल गया।
उसके बाद कमल बाथरूम गया और आरति की पैंटी और ब्रा अपने रूम में ला कर सूँघते और चाटते हुए खूब मुठ मारी, मुठ मारते-मारते कमल आरति की ब्रा अपने होंठों से लगा कर सो गया।
अगली सुबह में आरती ने उसे झकझोड़ के जगाया और बोली,कमल आज कालेज क्यों नहीं गया? देख सुबह के दस बज रहे हैं, तेरे चाचा को तो आज सुबह महीने भर के लिये मुंबई जाना था, वो तो कभी के चले भी गये और सोनल भी अपने चाचा के घर चली गई है, मैं भी थक रही हूँ, तू नहा धो के नाश्ता कर ले तो मैं भी थोड़ा लेटूँगी।
कमल ने जल्दी से उठ कर सबसे पहले आरती की पैंटी और ब्रा ढूँढी पर उसे कहीं नहीं मिली। उसकी तो डर के मारे सिट्टी पिट्टी गुम हो गई, और वो सोचने लगा की अगर आरती को पता पड़ गया तो आरती नाराज होकर उसकी खूब पिटाई करेंगी।
कमल चुपचाप अपने सारे काम पूरे करके टीवी देखने बैठ गया और उधर आरती नाश्ता देकर अंदर जा कर लेट गयीं। थोड़ी देर बाद आवाज दे कर कमल को अपने कमरे में बुलाया, और बोली कमल मेरा जरा बदन दबा दे।
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