RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
पहले तो आरती बड़े प्यार से अपना मुँह उपर नीचे सरका-सरका कर उसे लंड चुसाई का मज़ा देने लगी। कमल का पूरा लंड आरती के मुँह में समा नहीं पा रहा था पर वो बहुत तबियत से कमल की आँखों में आँखें डाल कर चूस रही थी। कमल का तो मस्ती के मारे बुरा हाल था। उसने आरती का सिर कस कर अपने हाथों में पकड़ लिया और हाथ से उनका सिर उपर नीचे करने लगा और नीचे से अपने चूतड़ उछाल- उछाल कर आरती के मुँह में ही शाट देने लगा और जब कमल झड़ा तो उसने कस कर आरती का सिर पकड़ कर नीचे से एक शाट लगाया जिस से उसका लंड सीधा
आरती के गले में जा कर फँस गया और उस समय उसका पूरा साढ़े आठ इंच और ढाई इंच मोटा लौड़ा जड़ तक आरती के मुँह में घुसा हुआ था और उसकी झाँट के बाल आरती की नाक में घुस रहे थे। जब कमल शाट लगा कर आरती के गले में अपना लंड फँसाकर झड़ रहा था उस समय आरती बूरी तरह छटपटा रही थी और कमल से दूर जाने की कोशीश कर रही थी पर उसने भी कस कर उन का सिर पकड़ा हुआ था और जब तक उसके पानी की आखिरी बूँद नहीं निकली, उसने आरती का सिर नहीं छोड़ा।
आरती वाकय में बहुत चूदास औरत थी। इतनी तक्लीफ होने के बाद भी उसने कमल के लंड का सारा पानी चाट-चाट कर पी गयी और एक भी बूँद बाहर नहीं गिरने दी। आरती ने उसका झड़ा हुआ लंड अपने मुँह से बाहर करा तो कमल बोला, चाची आई एम सारी! मैं अपने आप को कंट्रोल नही कर पाया!
आरती ने उसके होंठ चूमते हुए कहा,
डार्लिंग तू सिर्फ़ मुझे आरती बोल और मादरचोद मैं इसी तरह तो अपन बदन रगड़वाना चाहती हूँ, कसम से आज पहली बार लंड चूसने का असली मज़ा मिला है। ऐसा प्यारा और तगड़ा लंड हो तो मैं ज़िंदगी भर चूसती रहूँ!
लंड चुसवाने के बाद कमल भी थोड़ा सा मस्त हो चूका था। मैंने कहा, क्यों आरती चा...
मेरा मतलब सिर्फ़ आरती... तुम्हारा इतना चुदास बदन है, तुमने शादी से पहले किसी से
चुदवाया या नहीं?
आरती बड़े दुख से बोली ,अरे नहीं रे,
मेरे पास अपनी चूत फड़वाने के और नए-नए लंड लेने के मोके तो बहुत थे पर मैंने सोचा हुआ था के मैं अपनी चूत सुहाग रात वाले दिन ही अपने हसबैंड को दूँगी। पर मुझे क्या पता था की मेरी किस्मत में ऐसा गांडू लिखा हुआ है। अगर मुझे पता होता तो मैं शादी से पहले जम
कर अपनी चूत का मज़ा उठाती। तेरे चाचा का सिर्फ़ पाँच इंच लम्बा और एक इंच मोटा
है और बस पाँच-छ: धक्के में ही झड़ जाता है और गांडू की तरह मेरी चूचियों पर उल्टा लेट कर सो जाता है!
तेरे चाचा को छोड़ अब से मैं अपना नंगा बदन तुझसे चुदवाऊँगी, बस तू मेरा साथ मत अलग
करना!
आरती कहते-कहते बहुत भावुक हो गयी थीं। कमक ने आरती को अपनी बाहों में भर लिया और एक दम फ़िल्मी डाय़लोग मारते हुए बोला, आरती
डार्लिंग आज से मैं तुम्हारे जिस्म की भूख को शाँत करूँगा और जब तुम कहोगी उसी समय अपना लंड तुम्हारी सेवा में हाज़िर कर दूँगा! आज से तुम्हारे दुख के दिन बीत गये। आज से तुम सिर्फ़ इस असली लंड का मज़ा लो और इतना कह कर आरती को दबा दबा कर उसके रसीले होंठ चूसने लगा।
आरती की चूचियों का दबाव पाकर और उनकी मस्त मोटी-मोटी जवानी सीने से लगा कर कमल का लंड फिर से पूरा तन गया था। आरती बोली, भोसड़ी के! तेरा लंड है की मस्त गन्ना, देख तो सही कैसे खड़ा हो कर लहरा रहा है!
कमल ने कहा, आरती यह तो फिर से तुम्हारे होंठों को ढूँढ रहा है चुसाने के लिये।
आरती बोली, कमल! गन्ना तो मैं अबकी बार अपनी चूत में ही चूसूँगी, पहले तो मुझे अपनी सिगरेट और ड्रिंक आराम से पीने दे और तू अपनी ड्रिंक मेरी चूत से निकाल कर पी, आ जा कमल आज तुझे औरतों की चूत पीना सिखा दूँ!
इतना कह कर आरती अपने चूतड़ आराम से बिस्तर पर टिका कर बैठ गयी और अपनी दोनों टाँगें खोल कर पैंटी में कसी हुई चूत की मछलियों को दिखाने लगी।
इतने में आरती बोलीं, चल मादरचोद! मेरी टाँगें और जाँघें चूमते हुए मेरी पैंटी उतार और मेरी चूत में अपना मुँह लगा कर ऐसे चूस जैसे आइसक्रीम चूसता है और फिर अपनी जीभ को मेरी दरार के अंदर डाल और खूब घुमा-घुमा कर मेरी चूत को अंदर तक चाट,
याद रहे चूसाई और चटाई तब तक चलती रहे जब तक मैं तुझे मना नहीं करूँ और इस दौरान अगर मेरी चूत से मेरी मस्ती निकले तो उसे अपनी ड्रिंक समझ कर चाट कर पी जाना!
बड़ा ही सैक्सी सीन था। आरती बिल्कूल नंगी, सिर्फ़ पैंटी और सैक्सी सैंडल
पहने, एक हाथ में ड्रिंक और एक हाथ में सिगरेट लेकर स्मोक कर रही थीं। उनके मस्त मम्मों पर उनके भूरे-भूरे निप्पल ऐसे दिख रहे थे कि जैसे कह रहे हों कि आजा आज जी भर के मज़ा ले ले,बहुत मुठ मार ली तू ने और फिर आरती ने अपनी चिकनी मस्त टाँगों को फैला दिया। कमल ने भी झुकते हुए आरती की मस्त जाँघों को बारी-बारी चूमते हुए खूब चाटा, और फिर मस्ती में आरती की पैंटी के उपर से ही उनकी चूत की दरार को चाटने लगा। उसके होंठ आरती की चूत पर लगते ही
आरती मस्ती में आ गयी और बोली,
कमल अब जल्दी से मेरी पैंटी उतार के
मेरी मस्त जवानी चूस ले, मदरचोद इतना मज़ा दूँगी कि किसी औरत ने आज तक किसी मर्द को नहीं दिया होगा!
कमल बड़े प्यार से आरती की पैंटी धीरे-धीरे उनकी चूत से सरकाते हुए उतारने लगा। आरती ने अपने चूतड़ हवा में उठा दिये थे ताकि कमल जल्दी से उनकी पैंटी उतार कर चूसना चालू करे। आरती शायद यह नहीं जानती थी कि यह कमल के लिए किसी सुहाग रात से कम नहीं थी, और अपनी
प्यारी दुल्हन का मुखड़ा, जिसके कारण ना जाने उसने कितनी बार अपने हाथ से अपने लंड का पानी गिराया था, आराम से पैंटी उतार कर इत्मीनान से देखना चहता था।
आरती बोली, देख ले कमल! जी भर के देख मेरी चिकनी चूत को, पता है मैं
अपनी चूत शेव नहीं करती क्योंकि उस से चूत थोड़ी सी खुरदरी हो जाती है बल्कि
हेयर रिमुवर से बाल साफ़ करती हूँ ताकि मेरी चूत हमेशा मुलायम और चिकनी रहे।
कमल देर तक आरती की चूत को देखता रहा और अपनी हथेली फेरता रहा। कुछ देर
बाद आरती बोली, देख कमल इतना नहीं तरसाते, मेरे भोसड़े में आग लग रही है। जल्दी से चूसके ठंडी कर दे।
कमल ने भी अब ज्यादा रुकना मुनासिब नहीं समझा और अपने होंठ आरती की चूत के गुलाबी होंठों पर रख दिये। आरती ने एक गहरी सितकारी लेते हुए उसके सर को अपनी चूत पे दबा लिया। कमल का मुँह दबने से उसकी नाक में आरती की चूत की खुशबू उतरती चली गयी और उस पर ना जाने क्या
नशा चढ़ा उसने अपने होंठों से उनकी चूत दबाकर चूसनी चालू कर दी और अपनी जीभ अंदर-बाहर करते हुए आरती की चूत के अंदर करने लगा। इस समय आरती ने उसका सर अपनी पूरी ताकत से अपनी चूत पर दबाया हुआ था और अपनी मस्त चिकनी जाँघों से उसका सर जकड़ा हुआ था, जिसके कारण आरती की सितकारियाँ और गालियाँ उसके कानों तक नहीं पहूँच पा रही थीं। आरती के मस्त चूतड़ अब उछलने चालू हो गये थे, और उन्होंने उसके हाथ अपनी चूचियों पर से हटा कर अपने दोनों चूतड़ों के नीचे कर दिये थे।
कमल भी इशारा पा कर उन मस्त चूतड़ों को दबा-दबा कर मसलते हुए आरती की चूत चूसता रहा। अचानक आरती ने अपने चूतड़ों का एक जोरदार झटका मारा और उसका सर दबा कर उसके मुँह में अपनी चूत का पानी निकालने लगी। कमल को पानी इतना टेस्टी लगा कि कमल
दोबारा उनकी चूत में जीभ घुसेड़ कर उनकी चूत की दीवारों पर लगा हुआ उनकी चूत का पानी चाटने लगा। आरती शायद इस दोबारा चुसाई के लिये तैयार नहीं थीं और अचानक चालू हुई दोबारा चुसाई ने आरती को पागल बना दिया और उसने
अपनी जाँघें जोर से कस कर झड़ना चालू किया। उसने अपनी जाँघें इतनी जोर से
दबा ली थी कि अगर कमल अपने दोनों हाथों से उन्हें अलग नहीं करता तो शायद उसका सर चकनाचूर हो जाता। कमल ने जब मुँह उठा कर देखा तो आरती के चेहरे पर भरपूर ठंडक दिखायी पड़ रही थी।
आरती ने कमल की आँखों में आँखें डालते हुए कहा,पता है कमल, मैंने आज तक सिर्फ़ किताबों में पढ़ा था या ब्लू-फिल्मों में देखा था कि औरतों को अपनी चूत मर्दों से चुसवाने से चूत को वो सुख मिलता है जो उसको लंड से चुदवाकर भी नहीं मिलता। वाकय में कमल आज तूने मेरी चूत चूसकर वो सुख दिया है जो मुझे आज तक नसीब नहीं हुआ था, थैंक यू!
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