RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
“भाभी, क्यो तड़पा रही हैं ! जम कर चुदाई करो न ! और जोर से पेलो ! हां हां ! ऐसे ही … वाह क्या लंड पाई है भाभी आप ने ! इतना बड़ा ! बड़ा मजा आ रहा है ! करो करो ! और जोर से करो न ।” सोनल निचे से गांड उछालते हुए बडबडाने लगी ।
रश्मी भी अब पूरी रफ़्तार से लंड पेले जा रही थी । सोनल निचे से रश्मि की चुचियोँ को मुंह मेँ भर कर चुसने लगी और दोनोँ हाथोँ से भाभी की भारी चुतड को अपनी चुत पर दबाने लगी । इससे रश्मी की मुंह से सिसकारीयां निकलने लगी और व जोर से चिल्लाए जा रही थी । तभी अचानक सोनल का बदन काम्पने लगा और व झड़ गई ।
रश्मि वैसे ही अपना लंड चुत मेँ पेलती रही, चोदती रही … फ़िर उसने अपना लंड सोनल की चुत से बाहर निकाल लिया । रश्मी का लंड अब भी वैसे ही तन कर खड़ा था । पुरे 8 इंच का तगडा लंड था रश्मी का, सोनल की चुत रस से लपलपा गया था ।
“सोनल, चल अपना गांड इधर कर, बहुत मस्त गांड है तेरी ! चाट खा जाने को मन करता है ।” रष्मि सोनल की उभरी हुई मस्त चुतडोँ को सहलाते हुए बोली ।
“मैँने कभी मना किया है आपको भाभी? पर पहले तेल लगा लेना अच्छी तरीके से और धीरे धीरे घुसाना ! आपका बहुत बड़ा मूसल जैसे लंड है ।”
“तु बस देखती जा !” कह कर रश्मी ने सोनल को बांई और लेट जाने को कहा और व भी उसिके पिछे उसी पोजिसन पे लेट कर अपने लंड को सोनल की गांड के दरार मेँ रगडने लगी । तभी रश्मि ने अपने दांए हाथ के एक उंगली को सोनल के मुंह मेँ घुसा दिया, सोनल ने उंगली को चाट चाट कर गिला कर दिया । अब रश्मि ने गिली उंगली को मुंह से सिधे सोनल की गांड के छेद मेँ अंदर पेल कर घुमाने लगी।
फिर रश्मी अपनी दोनों उंगली एक साथ उसकी गांड में अंदर-बाहर करने लगी । थोड़ी देर तक अंदर-बाहर करने के बाद रश्मी ने उसी अवस्था में पर्स से एक कंडोम निकाल कर अपने लंड पे चढा लिया और थोडा ऑलिव-ऑयल लंड पर डाल दिया । फिर रश्मि अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर टिका दिया और सोनल के होँठ को एक बार फिर चुमते हुए हल्के से धक्का दिया । रश्मी के लंड का सुपाडा सोनल की गांड में अंदर चला गया । सोनल ने अपने होंठ भींच लिये, उसे थोड़ा दर्द हो रहा था । रश्मी ने फिर से एक हल्का सा धक्का दिया तो उसका पुरा लंड अब सोनल की गांड मेँ चला गया । रश्मि वैसे ही अपने लंड को सोनल की गांड में घुसाए रखा । और धिरे से लंड को पुरा बाहर निकाल कर फिर से जड तक पेल दिया । अब रश्मि कोई दस-ग्यारह बार इस प्रकार लंड को अंदर-बाहर करने लगी । फिर उसने हाथ बढ़ाकर सोनल की चूचियों को मसलना शुरु कर दिया । थोड़ी देर तक यही सब चलता रहा, फिर रश्मी ने अपने लंड को हौले-हौले अन्दर-बाहर करने लगी । अब रश्मी ने सोनल की गाण्ड मारनी शुरु की और धीरे धीरे रफ़्तार पकड़ती चली गयी । अब सोनल भी मजा लेने लगी थी, उसकी गांड की कसावट से रश्मि को भी मजा आने लगा था। रश्मी अब अपनी पूरी रफ़्तार में आ चुकि थी और वो सोनल की गांड जोरदार तरीके से चोद रही थी । थोड़ी देर तक चुदाई करने के बाद रश्मी का शरीऱ अकड़ने लगा और वो सोनल के गांड में तेज धक्के लगाती हुई झड़ गई । सोनल ने अब अपनी आंखें खोली और देखा कि रश्मी बुरी तरह से हांफ रही है । रश्मि ने अपना लंड उसकी गांड से बाहर निकाला । कंडोम में रश्मि के लंड से निकले ढेर सारे सफेद वीर्य दिख रहे थे । फिर रश्मि और सोनल एक-दुसरे को बाहोँ मेँ भर कर चुमती रहीँ । थोड़ी देर वैसे ही चुम्मा-चाटी के बाद सोनल ने रश्मि के लंड से कंडोम निकाल दिया और अपने जीभ से उसकी लंड को अच्छी तरह से चाट कर साफ किया । फिर रश्मि ने भी एक भिगे हुए तौलिए से सोनल की गांड की सफाई की । रश्मि अब उठने लगी और वहीं पड़े गाउन को पहन लिया फिर पास खड़ी सोनल के सर पर हाथ फेरते हुए वहां से अपने कमरे की ओर चली गई । सोनल सीधे बाथरूम में घुस गई और भीतर से अपने आपको अच्छी तरह साफ करके कपड़े पहनकर बाहर आ गयी थी । रश्मि जब बाहर निकली तो उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक थी,
लेकिन मन उदास था क्योंकि अब उसे सोनल को बस स्टैंड छोड़कर आना था, रश्मी और सोनल ने एक दूसरे को उदासी भरी नजरों से देखा और एक दूसरे से लिपट गयी, रश्मी ने सोनल को किसी तरह अपने से दूर किया और उसका एक बैग उठा कर गाड़ी की तरफ चल पड़ी, सोनल ने भी दूसरा बेग उठाया और रश्मी के पीछे पीछे गाड़ी तक आ गयी और पीछे बेग रख कर आगे रश्मि के पास बैठ गयी।
भारी मन से रश्मी ने सोनल को बस स्टंड ड्राप किया और घर वापिश आ गयी।
सोनल के वापस आने के एक दिन पहले आरती को अपने भाई के घर जाना पड़ा।
जाने से पहले कमल को समझा के गयीं कि देख कल सुबह सोनल आ जायेगी और मैं परसों से पहले नहीं आ पाऊँगी। अपने मस्ताने पर काबू रखना और यह मत सोचना कि मैंने सोनल को चोदने कि इजाज़त दे दी है तो तू उसे अकेले में पा कर चोद लेगा। मैं बड़े तरीके से उसे समझा कर तेरे साथ चुदवाऊँगी। डार्लिंग मज़ा चुदाई में तब आता है जब मर्द और औरत मिल के संभोग करें!
इतना समझा कर आरती चली गयीं। अगले दिन सुबह ही सोनल को आना था। कमल ड्राइवर के साथ कार में उसे कॉलेज से चार बजे जाकर ले आया। अबकी बार सोनल को देखने का कमल का नज़रिया ही कुछ और था। कमल रास्ते भर उसे अपनी आँखों से नंगा करता रहा, और सोनल उसे भाव नही दे रही थी। उसे क्या मालूम था कि उसकी मम्मी और कमल में फिर से क्या संबंध बन चूके थे जिस के कारण कमल को उसके बदन की नशीली शराब पीने को मिलने वाली थी।
घर आ कर सोनल बोली, कमल मैं तो नहा धो कर एक कोक पीयूँगी और सोऊँगी। मैं इतने नहा कर आती हूँ, तुम मेरे लिये एक गिलास में कोक और बर्फ निकाल दो!
कमल ने कहा, कोई बात नहीं सोनल आराम से नहा लो!
कमल के दिमाग में तो सिर्फ़ सोनल को चोदने का नज़ारा घूम रहा था। एका एक उसे एक आइडिया सुझा जो उसने एक किताब में पढ़ा था। सोचा क्यों ना ट्राई मार के देखे।
यही सोच के कमल चुप-चाप आरती के कमरे में गया और नींद की चार-पाँच टेबलेट ला कर सोनल की कोक में मिला दी। कमल को आरती ने कल ही बताया था कि जब कईं बार वो रात को चुदाई के लिये बहुत परेशान हो जाती थीं और सो नहीं पाती थीं तो वो नींद की गोली लेकर सो जाती थीं।
इतने में सोनल भी नहा-धो कर बाहर आ गयी थी। कमल को आज तक पता नहीं चल पाया है कि लड़कियाँ और औरतें,
बहन की लौड़ियाँ इतने सैक्सी कपड़े क्यों पहनती हैं कि जिससे मर्द बे-काबू हो जाये। क्या हर औरत मन ही मन यह चाहती है कि कोई उसे चोदे?
सोनल ने भी ऐसी नाइटी पहनी हुई थी जो फ़्रंट ओपेन थी और जिस से सिर्फ उसके चूत्तड़ और आधी जाँघें छिप रही थी और स्लीवलेस होने के कारण उसकी साफ चिकनी बगलें दिख रही थीं।
नाइटी का कपड़ा इतना मोटा नहीं था,
जिसके कारण उसकी छाती पर उठ रही नोकों से मालूम पड़ रहा था कि उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी, और जब वोह चौंकड़ी मार कर कमल के सामने पलंग पर बैठी तो उसका तो बुरा हाल हो गया। उसकी चिकनी जाँघें और पैंटी में कसे हुए उसके चूत्तड़ और चूत की मछलियों को देख कर उसका लंड तन गया। कमल ने बड़ी मुश्किल से अपने ऊपर चद्दर डाल कर खुद को शरमिन्दा होने से बचाया। कोक पीते समय सोनल ने बताया कि अबकी बार उसे चाचा के घर में बहुत मज़ा आया और उसने अपनी भाभी के साथ खूब मस्ती करी।
थोड़ी देर में वो बोली, कमल मुझे बहुत जोर से नींद आ रही है, मैं तो अपने कमरे में सोने जा रही हूँ!
कमल ने करीब आधा घंटा वेट करा और अपने कमरे में बिस्तर पर लेट कर अपने लंड को आरती के हाई हील के सैंडल से सहलाता रहा। उसके बाद कमल उठा और सोनल के कमरे कि तरफ गया। सोनल ए.सी. चला के आराम से दरवाज़ा बंद करके सो रही थी। कमल ने चुप-चाप दरवाज़ा खोला और कमरे में घुस गया। सोनल बड़े आराम से बिस्तर पे पीठ के बल सो रही थी और उसकी नाइटी जो पहले से ही छोटी थी, और उठ कर उसकी नाभी तक चढ़ गयी थी, जिससे कमर के नीचे का सब कुछ दिख रहा था। उसकी पैंटी में छुपी हुई चूत के उभार साफ-साफ दिखाई दे रहे थे। उसका मादरचोद लंड साला हरामी ये देख कर ही खड़ा हो गया।
कमल सोनल के पास जा कर उसके कँधे पकड़ कर थोड़ा जोर से हिलाया और बोला,
सोनल देखो आपकी सहेली का फोन आया है!
सोनल को कुछ फरक नहीं पड़ा। वो तो बस बे-खबर हो कर सोती रही। कमल ने फिर भी अपने को पक्का करने के लिये फिर से उसे जोर से आवाज़ दी और हिलाया पर उसको नींद की गोली के कारण कोई असर नहीं हुआ। कमल ने सबसे पहले अपने कपड़े उतारे और पूरा नंगा हो कर सोनल की नाइटी के आगे के बटन खोलने लगा और एक-एक करके सारे बटन खोल दिये। उस समय उसके हाथ काँप रहे थे क्योंकि आज कमल इतनी हिम्मत करके सोनल का सावला बदन फिर से देखने जा रहा था जिसकी पैंटी और ब्रा सूंघ-सूंघ कर खूब याद करके मुठ मारा करता था। सोनल एक दम मस्त बदन की मालकिन थी और आज से पहले कमल बहुत तड़पा था उसका नंगा बदन देखने के लिये।
नाइटी के सारे बटन खुलते ही उसके मस्त खिलौने नंगे हो गये और कमल ने देखा कि सोनल के निप्पल पिंक नहीं बल्कि भूरे से थे। सोनल अब सिर्फ उसके सामने एक पैंटी में लेट कर बे-खबर सो रही थी। कमल ने झुक के अपने होंठ खोल के सोनल के भूरे निप्पल अपने होंठों में दबा लिये और उसकी जवान, मस्त बत्तीस साईज़ की चूँची अपने हाथ में भर ली। आरती की बड़ी-बड़ी गदरायी हुई चूचियों को दबाने के बाद जब उसने सोनल की चूचियाँ दबाईं,
तब मालूम पड़ा कि साली लौंडिया कि चूँची क्या चीज़ होती है। ऐसा लग रहा था जैसे किसी सख्त अनार को पकड़ लिया हो। दूसरा हाथ कमल ने सोनल की पैंटी में डाल दिया और उसकी चुत को अपने हाथों से फील करने लगा। सोनल की चूत पर मेरा हाथ टच होते ही मैं तो ऐसा गनगनाया कि उसने सोनल के मस्त अनार छोड़ कर दोनों हाथों से उसकी पैंटी उतारने लगा।
क्या साली सावली चूत थी उसकी आँखों के सामने। कमल की
इच्छा तो यह करी कि उसकी टाँगें खोल के अपना लौड़ा सरका दे उसकी कसी चूत में,
पर आरती की इन्सट्रक्शन याद आ गयी। सोनल की चूत ज्यादा चुदी न होने के कारण उसकी चुत के लिप्स अभी तक ज्यादा खुले नहीं थे, बल्कि बड़े कायदे से एक लाईन में थे और उसने भी आरती की तरह अपनी चूत से झाँटें साफ कर रखी थीं। कमल का तो लौड़ा बुरी तरह से अकड़ गया था। कमल भी बिना समय गँवाये मौके का पूरा लाभ उठाना चाहता था और कमल पूरा नंगा सोनल के ऊपर चढ़ गया। उसका लंड एकदम सोनल की चिकनी मखमली चूत पर लग गया था। कमल ने मारे मस्ती के सोनल के पूरे नंगे बदन को अपनी बाहों में कस कर भर लिया और उसके नरम रस भरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये और तबियत से उन्हें चूसने लगा। सोनल की चूचियाँ इतनी सख्त थीं कि उसकी छाती में उसके निप्पल चुभ रहे थे और वो कसे हुए अनार जो उसके सीने से लग कर थोड़े से दब गये थे, बहुत ही प्यारा सुख दे रहे थे। कमल का बदन तो मारे मस्ती के काँप रहा था, और कमल ने अपने आप को थोड़ा सम्भालने के लिये एक सिगरेट जलाई और उसके ऊपर अपना लंड घिसने लगा।
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