RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
मैं ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था,काजल बाथरूम में थी,तभी उसका मोबाइल बजा..
“देव देखो तो किसका काल आया है”
वो बाथरूम से ही चिल्लाई ,,,
उसका मोबाइल उसके पर्स में रखा था मैंने उसे खोला मोबाइल निकाल कर उसे दे दिया ,वो बाथरूम में ही बात करने लगी ,...तभी मेरी नजर उसके पर्श पर पड़ी,एक काले रंग का कपड़ा उसके अंदर था जो की मोबाइल के साथ थोड़ा बाहर आ गया था,मैं जाकर उसे बाहर निकाला ,वो पेंटी थी…
काजल की पेटी जिसपर किसी के वीर्य को पोछा गया था,जिसके कारण वो कड़ा हो गया था,जैसे शबनम ने मेरे वीर्य को पोछा था…
काजल बात करके मुझे मोबाइल देने को हाथ बाहर निकाली और उसकी नजर मेरे ऊपर गई जो की उस पेंटी को ध्यान से देख रहा था,
“उसे भी दे दो ,धो लेती हु “
उसका स्वर ठंडा था,मैंने उसके हाथो से मोबाइल लिया और पेंटी उसके हाथो में थमा दिया ……..
एक बार हम दोनो की आंखे मिली ,
“अब छुपाने को हमारे बीच रहा क्या है देव……..”
काजल की बात का जवाब दिए बिना मैं पीछे मुड़ा ही था,
“लेकिन तुम मुझसे छिपाने लगे हो “मैं आश्चर्य से भरा हुआ फिर से मुड़ा ...इस बार काजल की आंखे पानी से भरी हुई थी ,
“अपना प्यार ...तुम मुझसे अपना प्यार छुपाने लगे हो देव”
उसका गाला रुंधा हुआ था,मेरे पास उसके सवाल का कोई जवाब भी तो नही था,मैं तुरंत ही वँहा से निकल गया……..
होटल में घुसते ही मुझे रिसेप्शन में ही रवि दिखाई दिया (मेहता एंड सन्स होटल का मालिक) वो शबनम के साथ खड़ा हुआ था साथ ही ,एक अधेड़ आदमी और एक बहुत ही सुंदर सी लड़की भी खड़ी हुई थी…
“गुड मॉर्निंग सर “मैं रवि से मिलते हुए कहा ..
“गुड मॉर्निंग मिस्टर देव ..यार तुमने तो हमे कंगाल ही कर दिया,हमारी सबसे अच्छी बंदी को तुम अपने पास ले आये”
उसने शबनम की तरफ इशारा किया और शबनम मुस्कुराने लगी..
“सर नथिंग पर्सनल इट जस्ट बिजनेस “
“वो सब तो ठिक है देव जी लेकिन एक बात तो है रश्मि इस होटल को बहुत आगे लेके जाएगी,जंहा तुम जैसा मैनेजर हो और शबनम जैसी HR उसे कौन रोक सकता है..”
“थैंक यु सर “
मैंने सोचा नही था की रवि मुझसे इतने प्यार से बात करेगा ..
“हम्म और इनसे मिलो ये है डॉ चुतिया ,और ये आई इनकी सेकेट्री मिस मेरी मारलो “
उन्होंने उस अधेड़ और उस खूबसूरत लड़की की ओर इशारा करते हुए बोले ..मैं उनकी बात से चौक ही गया,किसी का नाम चुतिया कैसे हो सकता है..और मेरी मारलो ...
“हैल्लो सर “
“हैल्लो ,यार मुझे तुम्हारे होटल में एक कमरा चाहिए ..एक डबल बेडरूम,मेरे और नंबर हो 123 …”
मैं कभी रवि को देखता तो कभी उस शख्स को रवि अपने होटल में ना लेजाकर उसे मेरे होटल में क्यो ले आया था..
“ओक्के सर पर ये 123 में कोई खास बात है क्या ..मतलब कोई दूसरा रूम मिले तो ,”
साला ठरकी था,एक ही बेडरूम चाहिए था उसे अपने और अपनी सेकेट्री के लिए
“हा मेरा लक्की नंबर है इसलिए...रवि के होटल में वो नंबर खाली नही था तो मैं यंहा चला आया “
रवि ने खुद इसे यंहा तक छोड़ा था तो ये कोई आम आदमी तो होगा नही ,मेरे दिमाग में कई बाते एक साथ चल गई
“ओके सर ओके ..मैं अभी देखता हु “
मैं तुरंत ही काउंटर में जाकर 123 को बुक करने कहा और साथ ही उनका सभी समान उनके कमरे में पहुँचवा दिया,आश्चर्य था की समान के नाम पर उनके पास कुछ भी नही था,केवल एक बेग …
दोपहर में जब मैं होटल के राउंड पर था मुझे फिर से डॉ चुतिया दिखाई दिए ,वो रेस्टारेंट में अपनी सेकेट्री के साथ बैठे हुए थे ,साथ ही एक और लड़की भी थी जिसे मैं पीछे से पहचान नही पाया था,मैं जाकर उनका कुशल छेम पूछना चाहता था क्योकि यही तो मेरा काम था...मैं उनके पास पहुचा ..
“हैल्लो सर ,रूम में कोई प्रॉब्लम तो नही हुई ,कैसा लगा आपको हमारा ये होटल “
मैं बड़े ही नम्रता से सर झुकाए हुए उनसे बात कर रहा था,
“हम्म बहुत अच्छा ,और हा इनसे मिलो ये खान साहब के होटल की मैनेजर मिस काजल,आई थिंक तुम इसे जानते होंगे “
काजल ,मैंने तुरंत ही उनके साथ बैठी हुई लड़की को देखा,काजल मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी,ये यंहा क्या कर रही थी….,वो मेरे बोलने से पहले ही बोल पड़ी ..
“जी सर हम दोनो ही एक दूसरे को जानते है,हाय देव कैसे हो ..”
“अच्छा तुम कैसी हो ..”
“बहुत अच्छी …”
“हम्म अच्छी तो होगी ही,बहुत तरक्की जो कर रही होई खान साहब के होटल में “मैं थोड़ी दबी हुई आवाज में बोला जिसका मतलब काजल को साफ साफ समझ में आ गया था…
“लगता है तुम दोनो कुछ पर्सनल बात कर रहे हो ,बहुत ही कोड में..”डॉ हँसने लगा
“नही सर कुछ नही ...अच्छा सर मैं चलती हु,मेरे प्रस्ताव पर ध्यान दीजिएगा “काजल बोलकर उठ गई ,और उन्हें नमस्ते करते हुए वँहा से निकल गई ,
“बहुत ही सुंदर लड़की है क्यो देव …”
डॉ ने फिर से मुझसे कहा
“जी जी सर .एस्क्युस मि सर “
मैं भी जल्दी से वँहा से निकला,काजल गेट पर ही मुझे मिली,वो मुझे देखकर पार्किंग वाले जगह में जाने लगी और अपनी गाड़ी के पास जाकर रुक गई ,उसे पता था की मैं उसके पीछे ही आ रहा हु
“क्या हुआ तुम मेरे पीछे क्यो आ रहे हो “
“ये चल क्या रहा है ….रवि इसे हमारे होटल में छोड़कर जाता है और तुम इससे मिलने आती हो बात क्या है “
मैंने एक ही सांस में बोला,जिससे काजल के चहरे में एक मुस्कान उभर गई ,
“तुम और तुम्हारी मेडम रश्मि दोनो ही होटल बिजिनेस के खेल में कच्चे हो “
वो इतना ही बोलकर कार का दरवाजा खोलने लगी ,मैं तुरंत ही दरवाजा बंद कर दिया और उसका रास्ता रोक कर खड़ा हो गया..
“मतलब “
मैंने उसे घूर कर देखा ,
“मतलब की ये डॉ चुतिया उर्फ डॉ चुन्नीलाल तिवारी यरवदा वाले है ,और अभी ये यंहा इंस्पेक्टर की हैसियत से आये है ,होटल के निरक्षण के लिए और उसे रेटिंग देने के लिए ,मुझे हैरानी है की तुम्हारी मेडम को भी ये बात नही पता ना ही तुम्हे...हम तो इन्हें खुस करने के लिए कुछ भी करने को तैयार बैठे है ,लेकिन इन्हें तुम्हारे होटल से ना जाने क्या दिलचस्पी है ...जो की ये यंहा आकर ठहर गए …”
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