RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
करीब 15 मिनट और बिल्कुल किसी बिना हरकत के अंकित लेटा रहा मुझे भी नींद आने लगी थी, मैं सोची शायद अंकित सो गया, अचानक पीछे तरफ से अंकित ने अपना हाथ मेरे सीने में रख दिया और वैसे ही हालत में तीन चार मिनट रखे रहा तो मुझे लगा कि नींद में आ गया होगा.परन्तु पांच मिनट बाद मेरे पिछवाड़े में कुछ लम्बी सख्त चीज चुभने लगी और तुंरत जो पांच अंगुल का फासला मेरे और अंकित के बीच था वह खत्म हो गया और अंकित मेरी तरफ थोड़ा खिसक के आया और मेरी पीठ तरफ चिपक गया, मैं नीचे स्कर्ट पहने हुई थी और ऊपर टाप, टाप ढीली थी टाप के नीचे समीज पहनी थी, दिन में मेरी 2 पैंटी खराब हो चुकी थी इस लिए धोकर सुखाने डाल दी थी, मेरे पास अब पैंटी नहीं बची थी इसलिए सिर्फ स्कर्ट पहनी थी, स्कर्ट के नीचे पैंटी नहीं थी.
जैसे अंकित मेरी पीठ से चिपका, उसका जो मेरे पीछे चुभ रहा था, मैं समझ गई कि अंकित का लन्ड है और अंकित सो नहीं रहा क्योंकि उसका लन्ड खड़ा हुआ था. अब मेरे मन के अंदर कौतूहल शुरू हो गया. तभी अंकित मेरे बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा वो भी टॉप के ऊपर से ही, अंदर ही अंदर मेरे अजीब सी हरकत शुरू हो गई, पर मुझे डर भी लगा कि कहीं कोई जग ना जाए पर मैं पता नहीं क्यों अंकित को मना नहीं कर पायी और उसे यह भी नहीं लगने दिया कि मैं जग रही हूं, मैं सोई ही बनी रही.
वो थोड़ी देर टॉप के ऊपर से धीरे-धीरे से मेरे बूब्स दबाता रहा, अचानक उसने मेरे पीछे जो मेरी गांड में उसका लन्ड टच हो रहा था, उसे स्कर्ट के ऊपर से ही दबाना रगड़ना शुरू कर दिया, उसकी इन हरकतों से मुझे अजीब सा लगने लगा और वही सुबह बाली फीलिंग मेरे अंदर बढ़ने लगी.
मेरे चुप रहने से अंकित की हिम्मत बढ़ने लगी और अब वो मेरे बूब्ज़ जोर से दबाने लगा. जैसे ही मेरे बूब्स दबे, मुझे कुछ-कुछ होने लगा और मेरे को आप बहुत समय नहीं लगा और मैं भूलने लगी कि मैं कहाँ लेटी हूं और सच कहूं तो भूल ही गई की यहाँ 15-20 लोग इस हाल में लेटे हैं.
अचानक अंकित अपना एक हाथ नीचे ले गया और मेरी स्कर्ट उठाने लगा. जैसे ही स्कर्ट के अंदर हाथ डाला, सीधे उसकी हथेली मेरी पिछवाड़े गांड में टच हो गई और पूरी नंगी मेरे गांड में अपनी हथेली चलाने लगा. उसकी इस हरकत से मेरी हालत और तेजी से खराब होने लगी.
तभी वो अपनी दो उंगलियां मेरी पीछे तरफ मेरी जांघों को थोड़ा फैला कर जहाँ सुराख था, उसमें डालने लगा तो मुझे गुदगुदी सी हुई. और वो मेरी स्कर्ट उतारने लगा और धीरे-धीरे खिसका कर उतार भी दी. फिर मेरे कान में बोला- संध्या तू जाग रही है क्या?मैं कुछ नहीं बोली और सोई ही बनी रही. मेरे नीचे कुछ भी नहीं बचा, मैं पूरी नंगी हो गई क्योंकि स्कर्ट के अलावा और कुछ भी नहीं पहनी थी नीचे … ऊपर टॉप और समीज पहनी हुई थी. मैं सोने का नाटक करती ही रही.
इतने में अंकित ने अपना हाथ मेरी समीज के अंदर घुसा दिया और मेरे पेट मेरी नाभि को हाथ से रगड़ने लगा, मेरी नाभि में उंगली भी डाल कर घुमाने लगा, मुझे अजीब सा कुछ होना शुरू हो गया.इसके बाद सीधे अंकित अपना लोवर और अंडरवियर उतारने लगा. जैसे ही उसका लोवर और अंडरवियर उतरा, उसने अपना नंगा सख्त लन्ड मेरी गांड में टच करा दिया और उसे धीरे-धीरे मेरे कूल्हों में घुमाने लगा.
उसकी इस हरकत से मेरे अंदर बिल्कुल आग सी लग गई. इसके बाद उसने मेरे टाप और समीज को ऊपर करना शुरू कर दिया, दोनों को ऊपर सीने के ऊपर गर्दन के पास कर दिया. अब मेरे बूब्स बिल्कुल खुले नंगे हो गए तो गर्दन के नीचे से पूरा का पूरा मेरा जिस्म बिना कपड़ों के हो गया, मतलब पूरी नंगी हो चुकी थी.
अंकित अपने हथेली से मेरे बूब्स को दबाने लगा सहलाने लगा, थोड़ी देर बाद अब अंकित मेरे बूब्स जोर जोर से दबाने लगा और मेरी गांड के छेद के पास अपना लन्ड रगड़ने लगा. मेरी हालत बहुत नाजुक स्थिति में पहुंच गई, मैं अब बर्दाश्त कर पाने की स्थिति में नहीं बची थी.
तभी वह एक हाथ नीचे लाकर मेरी नाभि से कमल पर हाथ चलाता हुआ नीचे की तरफ लाया और अपनी हथेली मेरी चूत में रख दी और अपनी हथेली से हल्के हल्के चूत के बालों को सहलाने लगा. थोड़ी देर तक उसकी यह हरकत चलती रही और फिर अचानक मेरी चूत में अपनी उंगली डाल दी.
जैसे ही उंगली मेरी चूत में गई, मैं बिल्कुल तड़प उठी, मुझे कुछ समझ नहीं आया कि मैं क्या करूं. मुझे पहले लगा कि मैं घूम के लिपट जाऊं अंकित से और उसको गले लगा कर उससे जमके चोदन करवा लूं. पर मैंने पता नहीं क्यों इतना धैर्य दिखाया और अभी भी सोने का नाटक ही करती रही.
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