RE: Hindi Adult Kahani कामाग्नि
उधर समीर की धड़कन अभी भी बढ़ी हुई थी, उसका मन अब प्रोजेक्ट में नहीं लग रहा था, बेचैनी में वो इधर उधर टहल रहा था, उसका लंड खड़ा तो नहीं था लेकिन उसमें एक अजीब सी गुदगुदी सी हो रही थी जैसे नींद खुलने पर अंगड़ाई लेने का मन करता है, वैसे ही उसका भी अपने लंड को मसलने का मन कर रहा था।वह अपनी बहन का दीवाना था वह उसको पाने के लिये कुछ भी कर सकता था
आखिर ऐसे ही टहलते टहलते जब वो बाथरूम के पास से गुज़रा तो उसे अन्दर नहाने की आवाज़ सुनाई दी। उसे पता था कि अन्दर उसकी माँ नहा रही होंगी क्योंकि उस वक़्त घर में वो दोनों ही थे।
शीतल वैसे तो दो बड़े बच्चों की माँ थी लेकिन हमेशा अपने काम में क्रियाशील रहने और व्यस्तता के कारण उनका शरीर सुडौल और त्वचा सुन्दर थी।
वैसे तो समीर ने कभी शीतल को इस नज़र से नहीं देखा था लेकिन आज उसकी बेचैनी ने उसे मजबूर कर दिया था। उसने सोचा न समझा और अपनी आँख उस छेद से लगा दी जिससे वो अपनी बहन सोनिया को देखा करता था। उसकी आँखों ने जो देखा उसकी खबर शायद उसके दिमाग से भी पहले उसके लंड को लग गई थी, वो लंड जो अब तक बेचैन पड़ा करवटें बदल रहा था, वही अब अंगड़ाई ले कर उठ खड़ा हुआ था।
समीर ने अपना लंड अपनी मुट्ठी में लेकर हिलाना शुरू कर दिया। उसने पहली बार अपनी मम्मी के हुस्न को इस तरह नंगा देखा था। 36-30-35 का सुडौल बदन, डी कप साइज के बड़े बड़े उरोज जो ज़्यादा लटके नहीं थे और वो मस्त गोल भरे हुए नितम्ब… समीर का लंड थोड़ी ही देर में झड़ गया, वो इतना ज्यादा झड़ा जितना पहले कभी नहीं झड़ा था।
वैसे तो 42 साल की शीतल अपनी बेटी सोनिया से कुछ काम सुन्दर नहीं थी लेकिन आज समीर के इस कदर झड़ने का करण इससे कहीं ज़्यादा था। उसकी एक गर्लफ्रेंड है पर उसने दिदी को नही बताया और वह उसको कई बार चोद चुका था और भी तीन चार लड़कियों को चोद चुका था पर दिदी उसका पहला प्यार था उसको पाने के लिये वह उसकी नंनद को पटाने का नाटक भी कर सकता था कभी कभी भोला बनकर भी बहोत काम बनते है फिर अभी अभी सोनिया ने पुरानी यादें ताज़ा कर दी थीं और इन सब पर तुर्रा ये कि उसने अपनी माँ को नंगी देखा था।
सनी लियोनी को नंगी देख कर किसी को इतना झटका नहीं लगेगा जितना किसी पड़ोस की लड़की को नंगी देख कर लगेगा क्योंकि जिस बात की आप अपेक्षा नहीं करते, जब वो होती है तो उत्तेजना ज़्यादा होती है। और अगर वो औरत आपकी माँ हो तो फिर तो बात नियंत्रण से बाहर हो जाती है।
समीर भी इतनी उत्तेजना सहन नहीं कर पाया और जल्दी से लंड और हाथ धोकर अपने कमरे में जा कर सो गया।फिर तो समीर रोज ही अपनी माँ को नहाते हुये देखने लगा।
एक दिन तो शीतल पूरी नंगी नहा रही थीं.. उस दिन तो वो पैन्टी भी नहीं पहने हुए थीं। वो अपनी बुर में भी साबुन लगाकर साफ़ कर रही थीं। ये देखकर समीर का लण्ड तन गया था और सम्भल ही नहीं पा रहा था। समीर सोच रहा था कि मैं कैसे अपनी माँ के बदन से लिपटूं..
समीरने पहले एक बार माँ को डैड के साथ सेक्स करते हुए भी देखा था।
उस दिन अचानक समीर बैलेंस नहीं रख पाया और दरवाजे से टकरा गया।
दरवाजे पर आवाज़ होने से शीतल ने पूछा- कौन?
समीरने कहा- मैं हूँ.. मुझे कॉलेज के लिए देर हो रही है.. जल्दी करो..
वो बोलीं- तुम अन्दर आ जाओ.. मैं दरवाजा खोलती हूँ।
दरवाजा खुला और समीर अन्दर चला गया।
शीतल ने दरवाज़ा बंद कर लिया, समीर जल्दी से लेट्रीन में घुस गया।
समीर के लेट्रिन जाते ही शीतल बदन से तौलिया हटाकर नहाने लगीं। समीर लेट्रीन के डोर के होल से देखने लगा.. शीतल पूरी नंगी होकर नहा रही थीं, उन्होंने अपने पूरे बदन पर साबुन लगाया और अपने चूचे मसल-मसल कर नहाने लगीं।
उनका पीठ पर हाथ नहीं पहुँच पा रहा था..
इस वक्त उनका भीगा गोरा बदन और भी सेक्सी लग रहा था। फिर उन्होंने अपनी बुर के ऊपर साबुन लगाया और मसल-मसल कर साफ़ करने लगीं। बुर के ऊपर काले-काले घने बाल बहुत सेक्सी लग रहे थे.. वो उनको धो रही थीं।
समीरने इसी समय लेट्रीन से बाहर आने की सोची.. किंतु फ्लश और दरवाजा की आवाज़ सुन कर उन्होंने बदन को तुरंत सामने से तौलिया से कवर किया और हड़बड़ी में समीर को देखकर पीठ देते हुए घूम गईं.. जबकि पीछे तौलिया नहीं था और उनके पूरे नंगे बदन को देखकर समीर के पूरे बदन में सनसनी दौड़ गई।
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