RE: Hindi Adult Kahani कामाग्नि
अब तक आपने पढ़ा कि योजना के अनुसार सबसे पहले नेहा समीर से चुदवाने वाली थी। सोनिया और समीर फ़ोन पर इशारों इशारों में काफी सेक्सी बातें करने लगे थे और सोनिया को समझ आ गया था कि समीर अपनी मम्मी को नंगे नहाते हुए देख रहा था। इसी बात से प्रेरित होकर राजन, सोनिया और नेहा ने एक रोल प्ले किया था। समीर के आने तक ऐसे ही दिन काटते रहे।
अब आगे…
अगले दिन समीर आने वाला था और कम से कम कुछ दिनों के लिए घर का माहौल बदलने वाला था। अब न तो कोई सारा समय नंगे रह पाएगा और न ही जब मनचाहे ढंग से चुदाई हो पाएगी। राजन, नेहा और सोनिया ने आपस में सलाह करके पूरी योजना तैयार कर ली और फिर सारी रात जम के चुदाई की ताकि अगले आने वाले कुछ दिनों में खुद पर नियंत्रण रखना आसान हो जाए
खास तौर पर राजन ने सबसे ज़्यादा नेहा को चोदा क्योंकि सोनिया तो फिर भी मिल सकती थी लेकिन समीर के रहते नेहा की चूत मिलना थोड़ा मुश्किल होता।
देर रात तक तरह तरह से चोदने के बाद आखिर सब थक गए।
राजन- अब नहीं होगा मुझसे, बहुत थक गया हूँ।
सोनिया- तीन बार अपनी बहन चोद चुके हो और दो बार मुझे। आदमी हो कोई खरगोश नहीं कि बस चुदाई ही करते रहो।
नेहा- हाँ, और ऐसा भी नहीं कि अब मैं कभी मिलने वाली नहीं हूँ। भाभी को तो रात में चोद ही सकते हो और मैं भी 4-6 दिन में मिल ही जाऊँगी। तब तो भाभी सारा टाइम अपने भाई से ही चुदवाने वाली हैं तो आपको मेरी ही चूत नसीब होगी।
सोनिया- तेरे मुँह में घी-शक्कर!
और इतना कह कर सोनिया ने ने नेहा को चूम लिया। इस बात पर सब हंसने लगे और फिर सब सो गए।
अगला दिन एक नया सवेरा ले कर आने वाला था।
सुबह उठने के बाद सबने फ्रेश होकर नाश्ता किया और फिर तीनों ने गोला बना कर एक साथ एक दूसरे को गले लगाया (जैसा फुटबॉल के खिलाड़ी अक्सर करते हैं)। उन्होंने वादा किया कि वो पूरी कोशिश करेंगे कि अगली बार जब वो इस तरह गले मिलें तो समीर भी उनके साथ हो।
उसके बाद राजन तैयार होकर क्लीनिक चला गया। नेहा ने आज कॉलेज से बंक मार दी क्योंकि वो अपनी भाभी के साथ समीर को लेने स्टेशन जाने वाली थी।
दोनों ने मिल कर घर सजाया, जो कुशन और गद्दे, सेक्स की सहूलियत के लिए इधर उधर बिखरे पड़े थे उनको अपनी जगह पर रखा गया। सहूलियत के लिए जो 1-2 कंडोम के डब्बे हर कमरे में पड़े हुए थे, उनको वापस छिपा कर रख दिया गया। टीवी के पास जो चुदाई के वीडियो की सीडी/डीवीडी का ढेर था, उसे भी छिपा कर उसकी जगह बॉलीवुड के सेक्सी गीतों और फिल्मों की डीवीडी रख दी गईं।
तब तक ट्रेन के आने का समय भी होने लगा था तो दोनों ननद-भौजाई जल्दी से तैयार होकर रेलवे स्टेशन की तरफ चल दीं। कार सोनिया चला रही थी और नेहा उसके मज़े ले रही थी।
नेहा- क्या भाभी, बड़ी जल्दी हो रही है अपने भाई से मिलने की। आपको देख कर तो ऐसा लग रहा है कि आपसे सब्र नहीं होना। मुझे तो लगता है वहीं स्टेशन पर ही कोई रूम बुक करवाना पड़ेगा आप दोनों के लिए।
सोनिया- रहने दे… रहने दे। खुद के मन में लड्डू फूट रहे हैं, मुझे बोल रही है।
नेहा- मेरे मन में क्यों लड्डू फूटेंगे?
सोनिया- पहले तो तू ही चुदवाने वाली है न उस से। नए लंड के बारे में सोच सोच के चूत में गुदगुदी हो रही होगी इसलिए मेरा नाम ले ले कर ये सब बोल रही है।
नेहा- भाभी आप भी न… बड़ी वो हो।
इतने में स्टेशन आ गया और गाड़ी पार्क कर के दोनों गेट की तरफ बढ़ गईं।
थोड़ी ही देर में समीर आता हुआ दिखाई दिया। उसने अपना हाथ लहरा के इशारा किया इधर सोनिया ने भी अपना हाथ हवा में हिला कर हेलो वाला इशारा किया। नेहा ने पहली बार उसे इस नज़र से देखा था, वो मंत्रमुग्ध सी देखती ही रह गई।
शादी में तो वो इतना व्यस्त था कि खुद कैसा दिख रहा है उसका होश ही नहीं था। बहन की शादी में भाई के पास कहाँ समय होता है सजने धजने का।
जैसे ही वो पास आया, सोनिया ने उसे गले से लगा लिया, शादी के पहले उसने कभी ऐसा नहीं किया था। एक तो शादी के पहले लड़कियां होती ही हैं थोड़ी रिज़र्व टाइप की और ऊपर से इनके बीच जिस तरह का आकर्षण था, उसके चलते सोनिया को लगता था कि अगर वो समीर के ज़्यादा पास गई तो कहीं कुछ कर न बैठे। लेकिन आज न उसे कोई झिझक थी न कोई डर, इसलिए वो दिल खोल कर अपने भाई से गले मिल रही थी।
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